Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/40/2013

VINIT KUMAR SINGH - Complainant(s)

Versus

UBI - Opp.Party(s)

VINDHYAVASINI PRASAD SINGH

28 Feb 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 40 सन् 2013

प्रस्तुति दिनांक 23.03.2013

                                                                                                निर्णय दिनांक 28.02.2022

विनीत कुमार सिंह पुत्र चन्द्रभूषण सिंह उम्र तखo 50 साल साकिन भुजही, थाना- जहानागंज, जिला- आजमगढ़।      

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. सतीश कुमार शाखा प्रबन्धक यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा हीरापट्टी, आजमगढ़।
  2. क्षेत्रीय प्रबन्धक कार्यालय यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया सिविल लाइन आजमगढ़।
  3. महाप्रबन्धक यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, प्रधान कार्यालय, यूनियन बैंक भवन,239 विधान भवन मार्ग, नरीमन प्वाइन्ट मुम्बई 400021      
  4. विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह रोडवेज आजमगढ़ में कार्यरत था। विपक्षी संख्या 01 यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा हीरापट्टी आजमगढ़ में शाखा प्रबन्धक है तथा विपक्षी संख्या 02 पूरे जिले के यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया की शाखाओं का मुख्य प्रबन्धक है व विपक्षी संख्या 01 का सीनियर ऑफिसर है। परिवादी ने एक जमीन 43 कड़ी अपनी पत्नी बीना के नाम से घोरठ सदर जिला आजमगढ़ में लिया था, जिस पर मकान बनाने के लिए होमलोन मुo 7,00,000/- रुपए का यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा हीरापट्टी से पास करवाया। जिसमें सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद तात्कालिक शाखा प्रबन्धक ने दिनांक 25.05.2011 को 2,50,000/- रुपए की प्रथम किस्त का भुगतान किया। जिससे मकान का निर्माण प्रारम्भ हुआ तथा उस बैंक लोन के किस्तों का भी भुगतान नियमित रूप से किया गया। इसके बाद शाखा प्रबन्धक महोदय का ट्रान्सफर हो गया और नए शाखा प्रबन्धक महोदय सतीश कुमार आए और परिवादी को बुलाकर कहे कि दूसरी किस्त परिवादी को नहीं दी जाएगी जब तक हम लोगों का हिस्सा नहीं दे देते। बैंक मैनेजर सतीश कुमार जी ने कुछ नाजायज रुपया लेकर डेढ़ लाख रूपया की दूसरी किस्त दिनांक 20.09.2011 को दिया। इस पैसे से भवन का निर्माण किया गया उसके बाद की तीसरी किस्त शाखा प्रबन्धक द्वारा नहीं दिया गया। इसके सन्दर्भ में परिवादी अपनी पत्नी के साथ कई बार विपक्षी से मिला और किस्त के भुगतान के लिए कहा तो विपक्षी कहने लगे कि 15,000/- रुपए जबतक नहीं दोगे तबतक बैंक से कोई पैसा नहीं पाओगे। परिवादी के ऊपर लगभग 3,00,000/- रुपया भवन के निर्माण में लगे सामान का बाजार में कर्ज था, जो इसी लोन के सहारे था। परिवादी विपक्षी के यहाँ बार-बार दौड़ता रहा, लेकिन विपक्षी ने बाकी 3,00,000/- रुपए लोन नहीं दिए। अतः परिवादी को विपक्षीगण से बकाया मुo 3,00,000/- रुपए, 80-85 हजार रुपए अतिरिक्त ब्याज देना पड़ा इसकी क्षतिपूर्ति में 1,00,000/- रुपए की मानसिक, आर्थिक व सामाजिक क्षति पूर्ति दिलाया जाए।      

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/3 यूनियन बैंक में भिन्न भिन्न तिथि में रुपयों की जमा पर्ची की छायाप्रति, कागज संख्या 5/4 परिवादी द्वारा मैनेजर यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया हीरापट्टी को भेज अहस्ताक्षरित पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 5/5 परिवादी द्वारा महाप्रबन्धक यू.बी.आई. प्रधान कार्यालय यूनियन बैंक भवन, 239 विधान भवन मार्ग नरीमन प्वाइन्ट मुम्बई को भेजे गए अहस्ताक्षरित पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 5/6ता5/8 लीगल नोटिस की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।    

कागज संख्या 10क² विपक्षीगण द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी को परिवाद पत्र प्रस्तुत करने का अधिकार हासिल नहीं है। तथ्य इस प्रकार हैं कि यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया एक निगम निकाय है जिसकी स्थापना बैंकिंग कम्पनीज 1970 के अधीन हुई है तथा इसका पंजीकृत प्रधान कार्यालय 239, विधान भवन मार्ग, नरीमन प्वाइन्ट मुम्बई में स्थित है एवं भारत वर्ष में अनेक शाखाओं के साथ ही साथ एक शाखा हीरापट्टी जिला आजमगढ़ में भी स्थित है। श्री प्रेम रंजन कुमार यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा हीरापट्टी जिला आजमगढ़ के शाखा प्रबन्धक, मुख्य अधिकारी एवं पॉवर ऑफ एटॉर्नीहोल्डर विपक्षी बैंक हैं, जिन्होंने विपक्षीगण यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया के जानिब से इस जवाबदेही को हस्ताक्षरित किया है। परिवादी व उसकी पत्नी विपक्षी की शाखा पर गए और विपक्षी को अवगत कराए कि श्रीमती बीमा सिंह ग्राम घोरठ परगना निजामाबाद तहसील सदर जिला आजमगढ़ स्थित भूखण्ड गाटा संख्या 22 रकबा 043 कड़ी की मालिक व अध्यासीन है जो उसकी स्व-अर्जित अचल सम्पत्ति है। परिवादी ने यह भी अवगत कराया कि वह उoप्रo राज्य सड़क परिवहन निगम में कण्डक्टर के पद पर कार्यरत है तथा उसे एवं उसकी पत्नी को गृह निर्माण कराने हेतु मुo 7,00,000/- रुपए के ऋण की आवश्यकता है, जिसपर यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा हीरापट्टी जिला आजमगढ़ द्वारा परिवादी एवं उसकी पत्नी को वांछित ऋण-सुविधा की समस्त औपचारिकताओं से अवगत कराया गया और विपक्षी द्वारा परिवादी को यह भी अवगत कराया गया कि उसे उसके प्रस्तावित भवन के निर्माण हेतु सरकारी नियमों के अनुसार स्वीकृत मानचित्र, भूमि, जिस पर भवन निर्माण कराया जाना है, के अकृषिक होने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा, उपरोक्त ऋण सुविधा की जमानत हेतु बैंक के पक्ष में अपनी अचल सम्पत्ति का बन्धकनामा तहरीर व तकमील करना होगा तथा कम से कम एक जमानतदार से जमानतपत्र आदि भी प्रस्तुत करना होगा, जिसे परिवादी एवं उसकी पत्नी श्रीमती बीमा सिंह ने स्वीकार किया। जिसके उपरान्त उसे दिनांक 25.05.2011 को 7,00,000/- रुपए की ऋण सुविधा प्रदान की गयी। उसकी शर्तों के अनुसार परिवादी व उसकी पत्नी को बैंक की सारी शर्तों से अवगत करा दिया गया था। परिवादी एवं उसकी पत्नी श्रीमती बीना सिंह द्वारा उपरोक्त कुल ऋण व ब्याज आदि की अदायगी 156 समान मासिक किश्तों में जमा करना सुनिश्चित हुआ तथा प्रत्येक किश्त की रकम मुo 8,348/- व ब्याज प्रतिमाह थी। इसी ऋण सुविधा पर परिवादी मकान निर्माण कर रहा है। वह यू.पी. अर्बन प्लानिंग एण्ड डेवलपमेन्ट ऐक्ट 1973 के अधीन आजमगढ़ विकास प्राधिकरण की सीमा में आता है। चूंकि परिवादी तथा उसकी पत्नी ने नक्शा पास नहीं करवाया था जिससे उसे पूरी किश्त नहीं दी गयी। परिवाद बेबुनियाद है। अतः खारिज किया जाए।     

विपक्षीगण द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षीगण द्वारा कागज संख्या 14/1व2 लोन अप्लीकेशन की छायाप्रति, कागज संख्या 14/3व4 लोन के स्वीकृत पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 14/5ता14/10 अनुबन्ध की छायाप्रति, कागज संख्या 14/11ता14/14 लेटर ऑफ गारण्टी की छायाप्रति, जब परिवादी से यह कहा गया कि वह भवन का नक्शा पास कराकर व विकास प्राधिकरण से मन्जूर कराकर दे देगा तो उसे शेष ऋण प्रदान कर दिया जाएगा। इस प्रकार परिवादी ने कागज संख्या 14/15 आश्वासन पत्र इस आशय का दिया कि वह दोनों पेपर 10 दिन के अन्दर शाखा में उपलब्ध करा देगा, लेकिन उसने आजतक ऐसा नहीं किया।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। लोन विपक्षी से परिवादी तथा उसकी पत्नी बीना सिंह ने लिया था। अतः यह दावा दोनों की तरफ से दाखिल किया जाना चाहिए था, लेकिन यह परिवाद केवल विनीत कुमार सिंह द्वारा ही दाखिल किया गया है जो कि विधिसम्मत नहीं है। ऐसी स्थिति में उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। 

 

आदेश

                                                               परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

   

 

 

 

 

                                                                           गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                         (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

            दिनांक 28.02.2022

                                              यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                                  गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                     (सदस्य)                            (अध्यक्ष)

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.