1
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 159 सन् 2017
प्रस्तुति दिनांक 04.10.2017
निर्णय दिनांक 10.07.2019
Tejpal Gangwar aged about 31 years, adult S/o Virendra Pal Singh R/o Village Dungarpur, Post- Shahi, Tehsil- Meerganj Disst. Bareilly
.................................................................................Complainant
Versus
Union Bank of India Branch Office Sagari, P.O. Jianpur Tehsil Sagari Distt. Azamgarh through its Manager.
........................................................................... Opposite party.
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि परिवादी विपक्षी का सेवक था। इम्बेजलमेन्ट ऑफ गवर्नमेन्ट फण्ड उसके सेवा काल में उसे ससपेन्ड कर दिया गया और अन्ततः उसे सेवा से निष्कासित कर दिया गया। परिवादी के विरुद्ध डिसमिसल के अलावा कोई अन्य आदेश पारित नहीं किया गया था। परिवादी ने अपने सेवा के दौरान विपक्षी के यहाँ एक खाता खोला था जो कि उसके डिसमिसल के पश्चात् भी कायम रहा और उसके खाते में 4,09,114.70 दिनांक 26.02.2015 को तथा 4,09,073.70 दिनांक 05.02.2017 को उसके सेविंग बैंक अकाउन्ट में था, जिसका उसने उसे कभी निकाला नहीं। परिवादी ने एक चेक नम्बर 10004481 दिनांक 17.03.2017 को 25,000/- रुपये नन्दलाल के माध्यम से जमा किया और उसे ओरिएन्टल बैंक ऑफ कॉमर्श ब्रान्च मिलाक जिला- रामपुर के लिए कलेक्शन के लिए भेजा गया तो यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया ब्रान्च मिलाक जिला रामपुर उसका ऑनर नहीं किया और उसे वापस कर दिया। परिवादी के खाते में 4,09,073.70 जमा है। उसके पश्चात् परिवादी ने 14.09.2017 को 22,000/- रुपये का दूसरा किश्त का इस्तेमाल जमा करने के लिए दिया। जिसे भी डिसऑनर कर दिया गया। अतः परिवादी को विपक्षी से अकाउन्ट नम्बर 432102010022815. में जमा धनराशि 4,14,140.70 जो कि 02.04.2017 को जमा थी का भुगतान करने के लिए आदेश किया जाए और परिवादी को मानसिक क्षति के लिए P.T.O.
2
1,00,000/- रुपये दिलवाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 8/1 व 8/2 यूनियन बैंक के आदेश की प्रतिलिपि, कागज संख्या 8/3 यूनियन बैंक के आदेश की प्रतिलिपि, कागज संख्या 8/5 25,000/- रुपये का चेक की प्रतिलिपि, कागज संख्या 8/6 यूनियन बैंक द्वारा पारित आदेश की प्रतिलिपि, कागज संख्या 8/7 चेक की प्रतिलिपि प्रस्तुत किया गया है।
परिवाद दिनांक 09.01.2019 को विपक्षी के विरूद्ध एक पक्षीय अग्रसारित किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र तथा प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह अन्दर तीस दिन परिवादी को 4,13,140.70 रुपये (चार लाख तेरह हजार एक सौ चालीस रुपये सत्तर पैसे) अदा करे। उपरोक्त धनराशि पर परिवाद दाखिल करने की तिथि से परिवादी 09% वार्षिक ब्याज पाने के लिए हकदार होगा। परिवादी को विपक्षी 10,000/- रुपये (दस हजार रुपये) शारीरिक व मानसिक कष्ट के लिए भी अदा करें।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 10.07.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)