Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/73/2013

SHAH ALAM - Complainant(s)

Versus

UBI - Opp.Party(s)

ALLAUDDIN

25 Feb 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 73 सन् 2013

प्रस्तुति दिनांक 22.05.2013

                                                                                               निर्णय दिनांक 25.02.2022

शाह आलम उम्र तखo 30 साल पुत्र मोoसादिक निवासी ग्राम व पोस्ट- जमीन रसूलपुर, जिला- आजमगढ़।       

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

    शाखा प्रबन्धक यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा भीमबर आजमगढ़।    

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह दिनांक 21.06.2002 को मुo 30,000/- रुपया विपक्षी के बैंक शाखा में फिक्स किया था। जिसकी परिपक्वता तारीख 21.12.2010 थी और परिपक्वता पर उसे 60,058/- रुपया मिलना था। परिपक्वता अवधि पूरी हो जाने के बाद परिवादी जबानी व लिखित दर्खास्त 23.12.2010 व 31.12.2010 को कानूनी नोटिस दिनांक 22.02.2013 को विपक्षी को दिया और विपक्षी ने कहा कि वह उसका रुपया लौटा दे, लेकिन विपक्षी ने ऐसा नहीं किया। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को 60,058/- रुपया मय 12% वार्षिक ब्याज की दर से व हर्जा 50,000/- रुपया वापस करे।  

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 फिक्स डिपॉजिट के रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2व3 प्रार्थना पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/4 नोटिस की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।  

कागज संख्या 9क² विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी को यह परिवाद प्रस्तुत करने का कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ। यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना दि बैंकिंग कम्पनीज ऐक्ट, 1970 के अधीन हुई है जिसका प्रधान कार्यालय 239, विधान भवन मार्ग, मुम्बई में स्थित है तथा अन्य के साथ ही साथ एक शाखा ग्राम व पोस्ट भीमबर जिला आजमगढ़ में भी स्थित है। श्री समीर रंजन मिश्रा यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा भीमबर जिला आजमगढ़ के मुख्य अधिकारी व शाखा प्रबन्धक हैं, जिन्होंने इस जवाबदेही पर हस्ताक्षर किए हैं। जो कथन परिवाद पत्र में परिवादी ने किया है उस पर विपक्षी द्वारा अपने अभिलेखों में उक्त जमाराशि पुनर्निवेश प्रमाण पत्र की खोज-बीन की गयी परन्तु कोई अभिलेख उसकी शाखा में उपलब्ध नहीं हो सका। पहले उसकी शाखा में जमाराशि पुनर्निवेश प्रमाण पत्र आदि का लेखा लेजर पर दर्ज किया जाता था, उसके उपरान्त फिनैकल व ए.एल.पी.एम. सिस्टम में खातों का रख रखाव किया जाता था तथा पिछले लगभग छः साल से शाखा में सी.बी.एस. सिस्टम चालू होने के बाद से खातों का रख-रखाव सी.बी.एस. सिस्टम पर किया जाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि शाखा के खातों को लेजर से समय समय पर विभिन्न कम्प्यूटर सिस्टम पर दर्ज करते समय किसी मानवीय भूल या यांत्रिक त्रुटि के कारण परिवादी का खाता कम्प्यूटर में दर्ज होने से छूट गया तथा काफी पुराना मामला होने के कारण उस समय के लेजर व वाउचर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। विपक्षी उसकी तलाश करने में लगा हुआ है। विपक्षी द्वारा किसी भी प्रकार की सेवा में कमी नहीं की गयी है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।   

विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा उभय पक्षकारों के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना-अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने जो धनराशि विपक्षी के बैंक में जमा किया था उसके रसीद की छायाप्रति उसके द्वारा प्रस्तुत किया गया है, उस रसीद पर विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा में कोई भी उल्लेख नहीं किया गया है बल्कि विपक्षी ने यह कहा है कि अब बैंक का काम सी.बी.एस. सिस्टम से किया जाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि शाखा के खातों को लेजर से समय समय पर विभिन्न कम्प्यूटर सिस्टम पर दर्ज करते समय किसी मानवीय भूल या यांत्रिक त्रुटि के कारण परिवादी का खाता कम्प्यूटर में दर्ज होने से छूट गया है मामला पुराना होने के कारण उस समय के लेजर व वाउचर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं और विपक्षी उसकी तलाश कर रहा है।

इस प्रकार विपक्षी ने एक तरफ से यह स्वीकार किया है कि परिवादी ने उसके बैंक में मुo 30,000/- रुपया फिक्स किया था, जो कि किसी प्रकार मानवीय भूल की वजह से इस समय उसके सिस्टम में दर्ज नहीं हो पाया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य पाया जाता है। 

 

आदेश

                                                       परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि

वह अन्दर 30 दिन परिवादी द्वारा जमा फिक्स डिपॉजिट की परिपक्व धनराशि मुo 60,058/- रुपए (रु.साठ हजार अट्ठावन मात्र) परिवादी को अदा करे, जिस पर परिवाद दाखिला की तिथि से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज भी देय होगा।

 

 

 

 

 

                                                                         गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                       (सदस्य)                           (अध्यक्ष)

 

          दिनांक 25.02.2022

                                         यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                              गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

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