RAJ KARAN filed a consumer case on 11 Oct 2021 against UBI in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/137R/2010 and the judgment uploaded on 16 Nov 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 137 सन् 2010
प्रस्तुति दिनांक 10.06.2010
निर्णय दिनांक 11.10.2021
राजकरन पुत्र मन्ताराम निवासी ग्राम खानपुर फतेह, पोस्ट- अतरौलिया, तहसील- बूढ़नपुर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसका बचत खाता संख्या 20115 यू.बी.आई. शाखा अतरौलिया जनपद आजमगढ़ विपक्षी संख्या 01 के यहाँ है। उक्त खाते का विपक्षी संख्या 01 द्वारा ए.टी.एम. कार्ड परिवादी को जारी किया गया है। परिवादी विपक्षी संख्या 01 द्वारा जारी ए.टी.एम. कार्ड का उपयोग शर्तों के तहत बराबर करता रहा है। उक्त ए.टी.एम. कार्ड से अपेक्षित धनराशि प्राप्त करने हेतु विपक्षीगण द्वारा दी गयी सेवा शर्तों के अनुरूप दिनांक 08.11.2008 को परिवादी व्यावसायिक कार्य हेतु जिला कानपुर गया हुआ था। परिवादी को अपने उक्त खाते से मुo 25,000/- रुपया निकालने की आवश्यकता हुई तो परिवादी दिनांक 08.11.2008 को यू.बी.आई. शाखा बिरहना रोड कानपुर के द्वारा स्थापित ए.टी.एम. से उक्त ए.टी.एम. कार्ड द्वारा 25,000/- रुपया निकालने का प्रयास किया परन्तु तकनीकी या किसी अन्य कार्ण से परिवादी को उक्त ए.टी.एम. से उक्त धनराशि प्राप्त नहीं हुई। जिसके कारण व्यावसायिक बाधा उत्पन्न होने के कारण परिवादी को मानसिक परेशानी झेलनी पड़ी। मौके पर ही वहां पर तैनात गार्ड से परिवादी ने पैसा न निकलने की बात कही तो गार्ड द्वारा बताया गया कि इस ए.टी.एम. में इस वक्त पैसा नहीं है। परिवादी ऐसी दशा में उसी दिन तत्काल रेलवे स्टेशन कानपुर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के ए.टी.एम. मशीन में बैलेन्स चेक किया तो परिवादी को पता चला कि परिवादी के उक्त खाते से मुo 25,000/- रुपया निकल चुका है। इस बात से परिवादी आश्चर्यचकित व हैरान हो गया। परिवादी दूसरे दिन रविवार पड़ जाने के कारण दिनांक 10.11.2008 को विपक्षी संख्या 02 की शाखा जाकर इस बात की शिकायत किया तो तत्कालीन शाखा प्रबन्धक द्वारा आश्वासन दिया गया कि पहले अपनी शाखा से सम्पर्क करके उसके एक हफ्ते बाद सायं 05 बजे के बाद आवे तो आपको उक्ति धनराशि का भुगतान प्राप्त हो जाएगा। परिवादी विपक्षी संख्या 02 के इस आश्वासन पर दिनांक 11.11.2008 को विपक्षी संख्या 01 को इस सम्बन्ध में शिकायती प्रार्थना पत्र दिया तो विपक्षी संख्या 01 द्वारा कहा गया कि आपका रूपया 15 दिन के अन्दर आपके खाते में क्रेडिट कर दिया जाएगा। लेकिन उसका पैसा क्रेडिट नहीं हुआ। विपक्षी संख्या 02 द्वारा दिए गए आश्वासन पर विश्वास करके परिवादी पुनः इस सम्बन्ध में व्यक्तिगत रूप से मिला तो तत्कालीन शाखा प्रबन्धक द्वारा परिवादी से कहा गया कि यदि आपने इसके सम्बन्ध में कोई शिकायत प्रार्थना पत्र नहीं प्रेषित किया है तो आपको धन दिया जाएगा अन्यथा नहीं। परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 02 को स्पष्ट रूप से बता दिया गया कि इस सम्बन्ध में परिवादी द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्र सम्बन्धित शाखा व अन्य अधिकारियों को दी गयी है। इस सूचना पर विपक्षी संख्या 02 द्वारा कहा गया कि आप जाईये अब शिकायती प्रार्थना पत्र पर ही अपना धन प्राप्त करिए। हम आपका कोई सहयोग नहीं करेंगे। परिवादी को धन प्राप्त न होने की दशा में विपक्षी द्वारा उक्त धन परिवादी के खाते में क्रेडिट न किए जाने के कारण परिवादी को मानसिक व आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ा। अतः विपक्षीगण को इस आशय का आदेश दिया जाए कि वे परिवादी को 25.000/- रुपया मय ब्याज भुगतान करें अथवा उसके खाते में उक्त धनराशि क्रेडिट करें तथा शारीरिक, मानसिक व आर्थिक कष्ट हेतु 25,000/- रुपया व वाद व्यय के मद में 25,000/- रुपया भी अदा करें।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 6/1 शाखा प्रबन्धक नारीमन प्वाइंट मुम्बई को दिए गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 लोक सूचनाधिकारी को दिए गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 केन्द्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी कार्यालय यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया को दिए गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/4 क्षेत्रीय कार्यालय पाण्डु नगर कानपुर द्वारा परिवादी को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/5 जनसूचनाधिकारी को दिए गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/6 व 6/7 केन्द्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी कार्यालय दिए गए सूचना पत्र की छायाप्रति, कागजसंख्या 6/8 शाखा प्रबन्धक अतरौलिया को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/9ता6/10 बैंक पासबुक की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/12 स्टेटमेन्ट ऑफ अकाउन्ट प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 9/1ता9/3 विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने गलत आधार पर परिवाद दाखिल किया है। विपक्षी संख्या 02 को यह स्वीकार है कि मुo 3,000/- रुपया 21.21पी.एम., 200/- रुपया 20.42 पी.एम. पर दिनांक 08.11.2008 को परिवादी को भुगतान किया गया था। परिवादी व बैंक के मध्य कोई संव्यवहार नहीं हुआ। केवल 21.43 पी.एम. पर ए.टी.एम. द्वारा कोई पेमेन्ट नहीं किया गया। उस दिन ए.टी.एम. सही हाल में काम कर रहा था। दिनांक 04.12.2008 को परिवादी ने यह कहा था कि 25,000/- रुपया उसने तीन बार में 10,000/-, 10,000/- तथा 5.000/- रुपया निकालने का प्रयास किया, लेकिन वह वह एमाउन्ट निकालने में असफल रहा। जबकि ए.टी.एम. रोल रिवील से स्पष्ट है कि 25,000/- रुपया तत्काल 21.21 पी.एम. दिनांक 08.11.2008 को निकाला गया था और उसने तीन बार में यह धनराशि निकाला था। अतः परिवाद फर्जी है खारिज किया जाए।
कागज संख्या 11क विपक्षी संख्या 01 द्वारा प्रस्तुत जवाबदावा है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने झूठा दावा दाखिल किया है। विपक्षी संख्या 01 ने परिवादी के शिकायत पर ब्रांच मैनेजर कानपुर को शिकायत से सम्बन्धित ए.टी.एम. खाते के दिनांक 08.11.2008 के विड्रॉल 25,000/- के सम्बन्ध में पत्र लिख दिया है। परिवाद से सम्बन्धित वाद कारण कानपुर में उत्पन्न हुआ है अतः परिवादी को परिवाद दाखिल करने का क्षेत्राधिकार कानपुर में है। विवादित खाते के स्टेटमेन्ट से स्पष्ट है कि रुपए 25,000/- की धनराशि परिवादी ने उस दिन निकाला था। उसके बावजूद परिवादी गलत बयान कर रहा है। अतः खारिज किया जाए।
विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी संख्या 01 द्वारा कागज संख्या 14/1 व 14/2 यूनियन बैंक शाखा अतरौलिया द्वारा ब्रांच मैनेजर कानपुर को लिखे गए पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 14/3 ता 14/5 स्टेटमेन्ट ऑफ अकाउन्ट प्रस्तुत किया गया है।
दौरान बहस परिवादी अनुपस्थित तथा विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी द्वारा प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्य से यह स्पष्ट हो रहा है कि परिवादी ने कथित तिथि को ए.टी.एम. से पैसा निकाला था और उसके द्वारा संव्यवहार सफल रहा। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 11.10.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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