OM PRAKASH filed a consumer case on 22 Jun 2021 against UBI in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/38/2018 and the judgment uploaded on 08 Jul 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 38 सन् 2018
प्रस्तुति दिनांक 09.02.2018
निर्णय दिनांक 22.06.2021
ओमप्रकाश पुत्र स्वo दयाराम प्रजापति ग्राम- सुखीपुर, पोस्ट- बॉसेपुर डंडवा, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा शाखा प्रबन्धक यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया- अतरौलिया, आजमगढ़ (उoप्रo)।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि वह विपक्षी के यहाँ से दिनांक 24.03.2014 को 54,000/- रुपए का के.सी.सी. द्वारा ऋण लिया था। विपक्षी के फील्ड अफसर द्वारा 31 मार्च, 2017 को ऋण माफ करवाने के लिए प्रार्थना पत्र लिखवाया गया। इसके बाद सरकार द्वारा ऋण मोचन योजना लागू की गयी। जिसमें एक लाख रूपए तक का ऋण माफ था। परिवादी जब ऋण मोचन योजना के तहत ऋण माफ हो जाने के सन्दर्भ में विपक्षी के यहाँ से जानकारी चाही तो पता चला कि विपक्षी बैंक द्वारा परिवादी के के.सी.सी. ऋण की सीमा बढ़ाकर रुपया 70,000/- कर ली गयी तथा परिवादी के ऋण का समयोजन कर लिया गया, जिससे परिवादी ऋण मोचन योजना का लाभ नहीं पा सका। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह परिवादी के ऋण मोचन योजना का लाभ देते हुए उसके वर्तमान के.सी.सी. ऋण को माफ करें तथा विपक्षी को यह भी आदेशित किया जाए कि वह परिवादी को मानसिक कष्ट व वाद व्यय हेतु 20,000/- रुपए भी अदा करे।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 उपजिलाधिकारी बूढ़नपुर आजमगढ़ को लिखे पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/2 बैंक पासबुक स्टेट मेंट की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने गलत मुकदमा दाखिल किया है। परिवादी को ऋण माफी का कोई आश्वासन
नहीं दिया गया था। परिवाद गलत है। अतः निरस्त किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
उभय पक्षों को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवादी राज्य सरकार का उपभोक्ता नहीं है। अतः उसे ऋण मोचना योजना द्वारा ऋण माफी के लिए आदेशित नहीं किया जा सकता है। उपरोक्त विवेचना से हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद- पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 22.06.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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