Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/117/2013

MANJU DEVI - Complainant(s)

Versus

UBI - Opp.Party(s)

PARAS NATH TIWARI

12 Jul 2021

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 117 सन् 2013

प्रस्तुति दिनांक 23.08.2013

                                                                                               निर्णय दिनांक 12.07.2021  

मंजू देवी पत्नी श्री सुबाष राम, ग्राम- मैनुद्दीनपुर, पोस्ट- शेरपुर, थाना- जहानागंज, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo)

     ......................................................................................परिवादिनी।

बनाम

    यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा शाखा प्रबन्धक यू.बी.आई. भुजही   आजमगढ़ (उoप्रo)   

  •  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसका विपक्षी की शाखा भुजही आजमगढ़ में एकाउन्ट नम्बर 493002010611361 है। परिवादिनी द्वारा वर्ष 2012 में डेयरी उद्योग (भैंस पालन) हेतु लोन पास कराया था। लोन की धनराशि 70,000/- रुपए स्वीकृत की गयी जिसका ऋण खाता नं. 493006050110252 में ट्रान्सफर करने की बात कही गयी। उक्त ऋण की धनराशि आजतक ट्रान्सफर नहीं गयी। बैंक द्वारा कथन किया गया कि पैसा आपको भैंस की सप्लाई करने वाले व्यापारी को पेमेन्ट किया गया है आपको भैंस की सप्लाई व्यापारी द्वारा की जाएगी। परिवादिनी द्वारा इस सन्दर्भ में विपक्षी बैंक से दिनांक 08.07.2013 के आवेदन के माध्यम से एकाउन्ट संख्या 493006050110252 के माध्यम से किन-किन तिथियों में कितना पैसा निकाला गया था तथा डेयरी उद्योग हेतु आवश्यक सामानों तथा पशु की व्यवस्था हेतु भुगतान किनको तथा कितना किया गया, परिवादिनी ने बैंक से कई बार इसकी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया, लेकिन उसे कोई जानकारी नहीं दी गयी। अतः विपक्षी को आदेशित किया जाए कि वह स्वीकृत ऋण को परिवादिनी के ऋण खाता संख्या 493006050110252 में मुo 70,000/- रुपए अन्तरित करे तथा परिवादिनी को मुo 2,00,000/- रुपए मानसिक क्षति, आर्थिक क्षति तथा वादखर्च हेतु अदा करे।    

परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी द्वारा 6/1 यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा भुजही द्वारा लोन पारित होने के सन्दर्भ में दी गयी सूचना की छायाप्रति तथा कागज संख्या 6/2 कुछ सूचना प्राप्त करने हेतु दिए गए प्रार्थना पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।  

विपक्षी द्वारा कागज संख्या 17क जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने यह कहा है कि परिवादिनी का परिवाद गलत तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया है। विपक्षी द्वारा परिवादिनी के अनुरोध पर रुपया 70,000/- का ऋण भैंस पालन हेतु स्वीकार किया गया था तथा दिनांक 21.10.2011 को मंजू देवी के अनुरोध पर रुपया 40,000/- का डिमान्ड ड्राफ्ट संतोष कुमार गौतम के पक्ष में जारी किया गया। जिसे मंजू देवी ने प्राप्त किया। पुनः दिनांक 25.05.2012 को मंजू देवी के अनुरोध पर रुपया 40,000/- का डिमान्ड ड्राफ्ट राजकुमार के पक्ष में जारी किया गया, जिसे मंजू देवी ने प्राप्त किया। उक्त दोनों ड्राफ्ट पांच-पांच हजार रुपए मार्जिंग मनी का था। जिसे मंजू देवी की सहमति से मंजू देवी के खाता में जमा कर दिया और उसके ऊपर 81,189/- रुपए बकाया हो गया। अतः उससे बचने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया है। 

विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी द्वारा कागज संख्या 20/1 चेक का प्रार्थना पत्र, कागज संख्या 20/2 राजकुमार को 40,000/- रुपए देने का सहमत पत्र जिसमें परिवादिनी के अंगूठे का निसान भी है, कागज संख्या 20/3 पशु क्रय-विक्रय प्रमाण पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 20/4 पशु क्रय अनुरोध पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 20/5ता20/10 हाइपोथिकेशन एग्रीमेन्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 20/11 ट्रान्जेक्शन इन्क्वायरी की छायाप्रति, कागज संख्या 20/12 संतोष कुमार गौतम को 40,000/- रुपए देने की सहमति जिसमें मंजू देवी ने अपना अंगूठा निशान लगाया है तथा कागज संख्या 20/13व20/14 चेक की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।

सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी द्वारा प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्य के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि विक्रय कर्ता को जो धनराशि अदा की गयी वह परिवादिनी के सहमति से ही अदा की गयी थी और उस पर परिवादिनी का अंगूठा निशान है। परिवादिनी द्वारा इस अंगूठे के निशान से आजतक इन्कार नहीं किया गया है। अतः ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद निरस्त होने योग्य है। 

 

                       

आदेश

                                                               परिवाद पत्र निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

                                                                            गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                          (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

      दिनांक 12.07.2021

 

                                         यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                              गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण कुमार सिंह

                                                                (सदस्य)                               (अध्यक्ष)

 

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