AMIT SINGH filed a consumer case on 04 Sep 2019 against UBI in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/68/2015 and the judgment uploaded on 04 Sep 2019.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 68 सन् 2015
प्रस्तुति दिनांक 07.04.2015
निर्णय दिनांक 04.09.2019
अमित सिंह पुत्र स्वo महेन्द्र प्रताप सिंह साकिन मौजा- कम्हरिया, पोस्ट- कम्हरिया परगना- बेलहाबांस, तहसील- मेंहनगर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि उसने खरिहानी स्थित यूनियन बैंक का बचत खाताधारक है। याची ने ए.टी.एम. भी ले रखा है। याची ने दिनांक 28.05.2014 को आई.सी.आई.सी.आई. के ए.टी.एम. से अपने आवश्यकतानुसार 10,000/- रुपया निकालने के लिए ए.टी.एम. कार्ड के जरिये पैसा निकालने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी किया, किन्तु पैसा निकल नहीं पाया। वहां उपस्थित गार्ड से पूछा तो उसके द्वारा बताया गया कि मशीन खराब है। स्टेटमेन्ट निकलवाए जाने के बाद पता चला कि उसका पैसा वापस नहीं आया है तो उसने यूनियन बैंक शाखा खरिहानी में शिकायत किया। बाद में शिकायत संबंधित बैंक द्वारा निरस्त कर दी गयी तो उसने कोतवाली में शिकायत किया। अतः परिवादी ने विपक्षीगण से 10,000/- रुपये मय ब्याज दिलाए जाने हेतु परिवाद प्रस्तुत किया है।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 6/1 प्रार्थना पत्र, कागज संख्या 6/2 आई.सी.आई.सी.आई. का ए.टी.एम., कागज संख्या 6/3 यू.बी.आई. प्रलेख, कागज संख्या 6/4 व 6/5 प्रार्थना पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/6 यू.बी.आई. का कागज, उसके बाद रसीद रजिस्ट्री प्रस्तुत की गयी है।
विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि उस बैंक का ए.टी.एम. नहीं था। अतः परिवाद निरस्त किया जाए। उसके समर्थन में विपक्षी द्वारा शपथ पत्र दाखिल किया गया है।
विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों P.T.O.
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से इन्कार किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी को परिवाद पत्र प्रस्तुत करने का कोई अधिकार नहीं है। परिवादी यू.बी.आई. का खाताधारक है। अतः परिवाद निरस्त किया जाए।
विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
परिवादी के अनुपस्थिति में विपक्षीगण को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में शाखा प्रबन्धक यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया शाखा खरिहानी तथा शाखा प्रबन्धक आई.सी.आई.सी.आई. बैंक सिविल लाईन आजमगढ़ को पक्षकार बनाया है। परिवादी यूनियन बैंक का उपभोक्ता है, लेकिन उसने आई.सी.आई.सी.आई. बैंक से मुo 10,000/- रुपये आहरित किया था। जबकि परिवादी ने आई.सी.आई.सी.आई. बैंक को भी पक्षकार मुकदमा बनाया है। इस सन्दर्भ में यदि हम न्याय निर्णय “चेनाराम बनाम ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्श एण्ड अदर द्वारा ब्रान्च मैनेजर ब्रान्च ऑफिस एस.पी. देगना डिस्ट्रिक- नागपुर” रिवीजन संख्या 307/2016” में पारित न्याय निर्णय का अवलोकन करें तो इसमें यह अवधारित किया गया है कि कोई भी परिवाद उस बैंक के खिलाफ दाखिल नहीं किया जा सकता है, जिसका कि वह उपभोक्ता नहीं है। परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 के विरूद्ध भी कोई संतोषजनक साक्ष्य आदि प्रस्तुत नहीं किया है। अतः उपरोक्त न्याय निर्णय के आलोक में तथा गुणदोष के आधार पर परिवाद निरस्त होने योग्य है।
आदेश
परिवाद निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 04.09.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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