GULAB filed a consumer case on 08 Jan 2021 against U.P.STATE ELEC. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/63/2009 and the judgment uploaded on 12 Jan 2021.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 63 सन् 2009
प्रस्तुति दिनांक 09.03.2009
निर्णय दिनांक 08.01.2021
गुलाबचन्द जायसवाल उम्र तखo 80 साल पुत्र स्वo शीतल प्रसाद साकिन मौजा डिलिया पोस्ट मुबारकपुर, तहसील- सदर, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उoप्रo विद्युत पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड बजरिए अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड प्रथम आजमगढ़।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने सिंचाई हेतु तीन हॉर्स पॉवर का कनेक्शन लेने हेतु आवेदन पत्र दिया था जो कि विपक्षीगण द्वारा स्वीकार किया गया। परिवादी ने अपने चक में बोरिंग कराकर ट्यूबवेल लगाया और कनेक्शन का लगातार बिल भरता रहा। उस कनेक्शन के अलावां परिवादी ने दूसरा कनेक्शन नहीं लिया। परिवादी को तथाकथित फर्जी बिल विभागीय कर्मचारियों द्वारा नाजायज धन उगाही के लिए ए.एम.ओ.सं. 1501 कनेक्शन संख्या 036105 का चार्ज भेजा गया जिस पर याची ने दिनांक 12.04.2008 को अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड प्रथम आजमगढ़ के यहाँ आवेदन पत्र दिया और उनसे तथाकथित बिल को दुरूस्त करने का आवेदन किया। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि वह ए.एम.ओ.सं. 1501 कनेक्शन संख्या 036105 जो तथाकथित फर्जी बिल व आर.सी. याची के विरुद्ध जारी किया है, को वापस लें तथा याची से मनमाने तरीके से वसूली न करें।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/2ता6/5 प्रस्तुत किया है, यह बिल परिवादी द्वारा कथित दूसरे कनेक्शन से सम्बन्धित है। परिवादी ने कागज संख्या 6/7ता6/11 प्रस्तुत किया है जो निजी नलकूप पंपिंग सेट से सम्बन्धित है और यह उसी कनेक्शन के बाबत है जिसे परिवादी ने लेना कथित कियाहै। कागज संख्या 6/12ता6/14 विद्युत रसीद, कागज संख्या 6/15
P.T.O.
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पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा जारी रसीद, कागज संख्या 6/16 पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा जारी रसीद की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है और आगे उसने अपने जवाबदावा में यह कहा है कि याची द्वारा वगैर अनुबन्ध के अपने ट्यूबवेल से आटा चक्की चला रहा है। जाँच किए जाने पर आटा चक्की चलाते हुए पाया गया तो असेसमेन्ट याची के पास भेजा गया। याची ने इस तथ्य को छिपाया है और वह चोरी का आरोपी है। विपक्षी द्वारा सेवा में कोई कमी नहीं की गयी। अतः परिवाद पत्र खारिज किया जाए।
विपक्षी द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी द्वारा कोई प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है।
बहस के समय कोई उपस्थित नहीं था। अतः पत्रावली का परिशीलन किया। प्रथम कनेक्शन जो परिवादी ने विद्युत विभाग से लिया है उसकगा विवरण दिया है। विपक्षी यह सिद्ध करने में असफल रहे हैं कि उन्होंने जो दूसरा विद्युत कनेक्शन के सन्दर्भ में बिल भेजा है वह सही है। विपक्षी की ओर से कोई भी प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में परिवादी द्वारा प्रलेखीय साक्ष्य पर ही विश्वास किया जाना आवश्यक है। इसलिए हमारे विचार से परिवाद पत्र स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद-पत्र स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे कनेक्शन संख्या 1501/036105 का विद्युत बिल परिवादी के यहाँ न भेजें और वे मनमाने ढंग से परिवादी से कोई धन वसूली न करें।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 08.01.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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