दायरा तिथि- 18-06-2015
निर्णय तिथि- 27-08-2016
समक्ष- जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, फोरम हमीरपुर (उ0प्र0)
उपस्थिति- श्री राम कुमार अध्यक्ष
श्रीमती हुमैरा फात्मा सदस्या
परिवाद सं0- 56/2015 अंतर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
कमतू वर्मा पुत्र श्री मंगी साकिन ग्राम गौरी परगना सुमेरपुर तहसील व , जिला हमीरपुर।
.....परिवादी।
बनाम
1-अधिशाषी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड हमीरपुर, जिला हमीरपुर।
2-उपखण्ड अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड हमीरपुर।
3-प्रबंध निदेशक उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 शक्ति भवन लखनऊ।
........विपक्षीगण।
निर्णय
द्वारा- श्री, राम कुमार, पीठासीन अध्यक्ष,
परिवादी ने यह परिवाद बिल मु0 4110/- निरस्त कराने तथा वाद व्यय दिलाये जाने हेतु विपक्षीगण के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत किया है।
परिवाद पत्र में परिवादी का कथन संक्षेप में यह है कि परिवादी ग्राम गौरी परगना सुमेरपुर तहसील व जिला हमीरपुर का निवासी है। उसके गॉव में राजीव गांधी योजना के अन्तर्गत विद्युत कनेक्शन हेतु 250/- रू0 प्रति कनेक्शन की दर से सन् 2008 से लेकर सन् 2010 तक के लिए कनेक्शन फीस जमा कराया था, जिसकी शर्त थी कि उक्त ग्राम से कम से कम 20 लोगों का कनेक्शन फीस जमा होगी तभी ट्रांसफार्मर ऱखकर विद्युत आपूर्ति दिया जायेगा। इस समयावधि में परिवादी द्वारा कोई विद्युत प्रयोग नहीं किया गया। इसलिए विद्युत बिल का भुगतान करने के लिए वह जिम्मेदार नहीं है। परिवादी के ग्राम के कुल 25 लोगों ने कनेक्शन फीस जमा कर दिया था। विपक्षीगण द्वारा विद्युत पोल लगाकर लाइन खींच दी गयी थी लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं लगाया गया था। जिससे परिवादी विद्युत का उपयोग नहीं कर सका है। परिवादी का कनेक्शन नं0 38/21351078199 है। परिवादी ने इसकी सूचना जरिये प्रार्थना पत्र अधिशाषी अभियन्ता विद्युत को दि0 06-02-15 को दिया गया था। परन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई तथा दि0 29-12-14 को मु0 4110/- रू0 का बिल परिवादी के पास भेज दिया गया जो सर्वथा गलत है। इस कारण
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विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी की गयी है, जिससे मजबूर होकर परिवादी को यह वाद फोरम में दायर करना पड़ा।
विपक्षीगण ने परिवाद पत्र के विरूद्ध अपना जवाबदावा पेश करके विद्युत कनेक्शन हेतु मु0 250/- रू0 सन् 2008 से 2010 तक के लिए फीस जमा करना, परिवादी को संयोजन सं0 38/21351078199 का धारक होना तथा मु0 4110/- रू0 का बिल भेजना स्वीकार किया है। विपक्षीगण ने परिवादी का दावा कालबाधित होना कहा है तथा सन् 2008 से विद्युत मिलने के उपरान्त कोई आपत्ति नहीं की। वादी द्वारा मु0 250/- रू0 जमा करने का अभिकथन किया है तथा परिवादी द्वारा उसकी जमा रसीद भी दाखिल नहीं की गई है। जबकि मु0 4110/- रू0 से साबित है कि वादी से मु0 300/-रू0 जमानत राशि जमा नहीं किया है। परिवादी द्वारा सर्विस लाइन चार्ज भी जमा नहीं किया गया है। इस कारण वाद पोषणीय नहीं है। परिवादी की समस्या का उपचार विभागीय नियमानुसार उपलब्ध था जिसे परिवादी ने स्वीकार नहीं किया और फोरम में दावा दायर कर दिया। विभाग द्वारा दि0 01-08-15 को परिवादी के ग्राम का मुआइना उपखण्ड अधिकारी हमीरपुर द्वारा करने पर उनकी आख्या दि0 01/08/15 के अनुसार सभी उपभोक्ता विद्युत का उपभोग कर रहे है तथा अधिकतर उपभोक्ता जांच के दौरान छिप गए थे और उनके संयोजन विच्छेदित भी कर दिये थे। यदि उपभोक्ता संयोजन कायम नहीं रखना चाहते है तो उन्हें विच्छेदन शुल्क जमा करके अपना संयोजन विच्छेदित करा सकते है। परिवादी ने साजिशन वाद दायर किया है जो निरस्त किये जाने योग्य है।
परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्य में सूची कागज सं0 3 से 01 अभिलेख, सूची कागज सं0 10 से 01 अभिलेख दाखिल किया है।
विपक्षी ने अभिलेखीय साक्ष्य में सुनील चन्द श्रीवास्तव अधिशाषी अभियन्ता का शपथपत्र कागज सं- 8 दाखिल किया है।
परिवादी तथा विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्तागण की बहस को विस्तार से सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखीय साक्ष्य का भलीभॉति परिशीलन किया।
उपरोक्त के विवेचन से स्पष्ट है कि राजीव गांधी योजना के अंतर्गत विपक्षीगण द्वारा परिवादी के गांव गौरी में विद्यतीकरण किया जा रहा था। उक्त योजना के अंतर्गत परिवादी ने भी अन्य ग्रामवासियों के साथ घरेलू विद्युत संयोजन हेतु 250/- रू0 जमा किया था। उक्त योजना के अंतर्गत कम से कम 20 लोगो द्वारा 250- 250 की धनराशि विद्युत संयोजन हेतु जमा किया जाना अनिवार्य था। गांव के 20 से अधिक लोगों द्वारा विद्युत
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संयोजन हेतु विभिन्न तारीखों पर विपक्षी सं0 1 के कार्यालय में धनराशि जमा की गयी। विपक्षी सं0 1 ने 250/- रू0 प्राप्त करके रसीद भी जारी की। विपक्षी सं0 1 ने ग्रामवासियों
द्वारा विद्युत संयोजन हेतु धनराशि जमा करने के उपरान्त विजली के खम्भे गड़वा दिये तथा उन खम्भो में तार भी लगवा दिये गए। लेकिन ट्रांसफार्मर नहीं लगवाया और बिना विधिवत विद्युत कनेक्शन किए परिवादी तथा अन्य ग्रामवासियों को फर्जी विद्युत कनेक्शन संख्या अंकित करते हुए विद्युत बिल भेज दिया। जो विधि विरूद्ध है। विपक्षी इस आशय का साक्ष्य पेश करने में असफल रहे कि वास्तव में परिवादी के ग्राम में विद्युत संयोजन के लिए किस तारीख को ट्रांसफार्मर लगाया गया।
विपक्षी सं0 1 ने अपने पत्रांक 4167/वि0वि0ख0ह0/ कोर्ट केस दि0 05-08-16 के साथ उपखण्ड अधिकारी विद्युत वितरण उपखण्ड हमीरपुर द्वारा की गई प्रवर्तक दल चेकिंग रिपोर्ट दि0 01/08/15 की फोटो प्रतिलिपि पेश की गई है कि दि0 01/08/15 को गांव में स्थित प्राथमिक विद्य़ालय के शिक्षक की शिकायत पर प्रवर्तक दल ने गांव का निरीक्षण किया तो गांव के रामरतन पुत्र दनकू, रमेश चन्द्र पुत्र रामरतन, रामप्रसाद पुत्र रोहदास, जयकरण पुत्र भूषण, विजय सिंह पुत्र रंगदेव, रामप्रसाद प्रकाश पुत्र रामभरोसे, छिदुआ पुत्र रोहदास, कमतू पुत्र मनगी, महेश तिवारी पुत्र रामखिलावन तिवारी तथा ब्रजकिशोर पुत्र शिवगोपाल प्राथमिक विद्यालय गौरी में लगे 10 के0वी0 ए0 के ट्रासफार्मर से अनाधिकृत ढ़ग से विद्युत का उपभोग करते पाये गए।
वास्तव में यदि प्रवर्तक दल की रिपोर्ट दि0 01/08/15 सही थी और उपरोक्त ग्रामवासी विद्युत की चोरी कर रहे थे तो प्रवर्तक दल द्वारा उन ग्रामवासियों के विरूद्ध थाना सम्बन्धित में विद्युत अधिनियम में दिए गए प्राविधानो के अनुसार चोरी की रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई गई। विभागीय स्तर पर क्या कार्यवाही की गई उसका कोई साक्ष्य विपक्षी सं0 1 ने पत्रावली पर दाखिल नहीं किया है तथाकथित जांच रिपोर्ट के समर्थन में श्री कुमार सौरभ उपखण्ड अधिकारी का शपथपत्र भी पेश नहीं किया गया है न ही प्राथमिक विद्यालय का कोई शिकायती पत्र अथवा शपथपत्र ही पेश किया गया है। इस तरह से प्रश्नगत रिपोर्ट का कोई साक्ष्यिक महत्व नहीं है।
अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड हमीरपुर को वस्तु स्थिति की सही जानकारी होने पर उन्होने अपने पत्र सं0 4157/वि0वि0ख0ह0/ कोर्ट केस दि0 04/08/16 को फोरम में इस कथन के साथ पेश किया है कि “ वाद सं0 42/15 ब्रजकिशोर पुत्र शिवगोपाल, 43/15 महेश चन्द्र पुत्र रामखिलावन, 44/15 अरूण कुमार पुत्र सूर्य कुमार, 45/15 छेदा पुत्र सहदास, 46/15 रघुन्नदन पुत्र रामगोपाल, 47/15 नरेन्द्र कुमार पुत्र गिरधारी, 48/15 ब्रजराज सिंह पुत्र रधुनाथ, 49/15 राकेश पुत्र सूबेदार, 50/15 सूरजपाल पुत्र निर्भय सिंह, 51/15 श्रीकान्त पुत्र द्वारिका प्रसाद, 52/15 रामअवतार वर्मा पुत्र मुसवा, 53/15 मुकेश पुत्र सिद्धगोपाल, 54/15 दृगविजय पुत्र रामगोपाल, 55/15 जगभान पुत्र रामगोपाल, 56/15 कमतू वर्मा पुत्र मंगी, 57/15 मेड़वा पुत्र फगुनी, 58/15 रामपाल पुत्र प्रताप सिंह, 59/15 जयकरन पुत्र भूषण, 60/15
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चन्द्रभान पुत्र शिवगोपाल सिंह, 61/15 रामप्रकाश पुत्र रामभरोसे निवासी ग्राम गौरकला परगना सुमेरपुर तहसील व जिला हमीरपुर के द्वारा घरेलू संयोजन प्राप्त करने हेतु उनके द्वारा वर्ष
2008 से लेकर 2010 तक रू0 250/- प्रति व्यक्ति रसीद कटवाई गई थी। उपरोक्त वाद दायर कर्ताओं के संयोजन आज तक ऊर्जीकृत नहीं किये गये हैं। उपरोक्त वादियों के विद्युत बिल
निरस्त करते हुए प्रवर्तक लगाकर संयोजन ऊर्जीकृत करने के दिनांक से पूर्व में भेजे गए बिलों को निरस्त करते हुए संयोजन ऊर्जीकृत करने के दिनांक से वादियों द्वारा विद्युत बिल देय होगा। माननीय न्यायालय से प्रार्थना है कि उपरोक्त वादों को समाप्त किया जाये जिससे विभागीय हित प्रभावी न हो।
उपरोक्त पत्र में वर्णित विषय वस्तु से स्पष्ट है कि अधिशाषी अभियंता ने परिवादी तथा अन्य मुकदमों के याचीगण के इस कथन को स्वीकार कर लिया है कि उपरोक्त ग्रामवासियों के घर पर विद्युत संयोजन नहीं किया गया है और बिना विद्युत संयोजन किये प्रश्नगत विद्युत कनेक्शन के विरूद्ध यह विद्युत बिल भेजा गया है जो निरस्त किए जाने योग्य है। विपक्षीगण द्वारा की गई मनमानी कार्यवाही के विरूद्ध परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद फोरम में पेश किया गया, जिससे उसे मानसिक व आर्थिक क्षति हुई है। उसके लिए विपक्षी सं0 1 पर हर्जा लगाया जाना न्याय संगत होगा।
आदेश
परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0 1 द्वारा बिना विद्युत संयोजन के विद्युत संयोजन सं0 38/21351078199 के विरूद्ध भेजा गया बिल रू0 4110/- निरस्त किया जाता है। विपक्षी सं0 1 को आदेशित किया जाता है कि वह वाद व्यय के मद में मु0 2000/- रू0 तथा मानसिक क्लेश के मद में 3000/- रू0 परिवादी को अदा करेंगे। आदेश का अनुपालन अंदर 30 दिवस हो अन्यथा क्षतिपूर्ति की धनराशि पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज विपक्षी सं0 1 अदा करेंगे अन्यथा परिवादी को यह अधिकार हासिल है वह विपक्षी सं0 1 से विधि अनुसार उक्त धनराशि की वसूली कर ले। विपक्षी अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड हमीरपुर यदि चाहे तो क्षतिपूर्ति एवं वाद की धनराशि 5000/- रू0 दोषी सम्बन्धित अधिकारी एवं कर्मचारी के वेतन से वसूल कर सकते हैं।
(हुमैरा फात्मा) (रामकुमार)
सदस्या अध्यक्ष
यह निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित व दिनांकित करके उद्घोषित किया गया।
(हुमैरा फात्मा) (रामकुमार)
सदस्या अध्यक्ष