Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/718/2020

JAGDEESH - Complainant(s)

Versus

UPPCL - Opp.Party(s)

26 Aug 2023

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/718/2020
( Date of Filing : 09 Sep 2020 )
 
1. JAGDEESH
.
...........Complainant(s)
Versus
1. U.P.P.C.L
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MRS. sonia Singh MEMBER
 HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Aug 2023
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:- 718/2020                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                    श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।

          श्री कुमार राघवेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।             

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-09.09.2020

परिवाद के निर्णय की तारीख:-26.08.2023

जगदीश उम्र लगभग 61 वर्ष पुत्र श्री जय राम निवासी-प्‍लाट नम्‍बर-57 खसरा नम्‍बर 57 चक मल्‍हौरी, चिनहट, जनपद-लखनऊ, उत्‍तर प्रदेश।

                                                     .............परिवादी।

                     बनाम

1.   अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्‍ड गोमती नगर, विस्‍तार लखनऊ मध्‍यांचल विद्युत वितरण निगम (उत्‍तर प्रदेश) लखनऊडिवीजन- DIV 362626 ।

2.   उपखंड अधिकारी विद्युत वितरण कमता-चिनहट लखनऊ, एस0डी0ओ0-3626261 ।

3.   अवर अभियन्‍ता विद्युत वितरण खंड चकमल्‍होरी-चिनहट लखनऊ-सर्किल-सीआईआर-362626 ।                                    ............विपक्षी।

                                                     

परिवादिनी के अधिवक्‍ता का नाम:-परिवादी स्‍वयं।

विपक्षीगण के अधिवक्‍ता का नाम:-श्री संजय श्रीवास्‍तव।

आदेश द्वारा-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                               निर्णय

1.   परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता संरक्ष्‍ण अधिनियम 2019 की धारा-35 के अन्‍तर्गत विपक्षीगण से 6,00,000.00 रूपया मानसिक एवं शारीरिक प्रताड़ना हेतु, विद्युत बिल संख्‍या-048850790824 की धनराशि सहित बिल को निरस्‍त किये जाने हेतु एवं वाद व्‍यय विपक्षीगण से दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया गया है।

2.   संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी विद्युत कनेक्‍शन

संख्‍या 0488515681 पॉंच किलोवाट का उपभोक्‍ता है। परिवादी समय-समय पर नियमित विद्युत बिल जमा करता रहा है। विद्युत विभाग द्वारा नियमित रीडिंग न लेने के कारण परिवादी के बिल में सही धनराशि का विवरण नहीं मिल पाता था। इस संबंध में परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 02 से शिकायत की एवं विद्युत बिल ठीक करने का निवेदन किया, जिसमें परिवादी को आश्‍वासन दिया गया कि परिवादी का बिल संशोधित कर ठीक कर दिया जायेगा।

3.   दिनॉंक 31.08.2020 का बिल परिवादी को 21,727.00 रूपये का भेजा गया जिसकी अंतिम देय तिथि 30 अगस्‍त दिखायी गयी थी, जिसमें वर्तमान रीडिंग 10756 दर्शायी गयी। संशोधित बिल परिवादी को प्राप्‍त हुआ जिसमें परिवादी द्वारा बिना किसी विलम्‍ब के दिनॉंक 31.08.2020 को चेक संख्‍या 021572 द्वारा भुगतान कर दिया गया एवं उक्‍त धनराशि विभाग के खाते में हस्‍तांतरित हो चुकी है। परिवादी के उपरोक्‍त संशोधित बिल जमा करने के पश्‍चात परिवादी के मोबाइल पर एक एस0एम0एस0 5:37 बजे शाम को दिनॉंक 31.08.2020 को आया जिसमें संशोधित विद्युत बिल धनराशि 67707.23 रूपये दर्शित की गयी जबकि दिनॉंक 31.08.2020 को ही परिवादी द्वारा पूर्व में संशोधित बिल का भुगतान कर दिया गया था।

4.   इसके पहले परिवादी इस संबंध में कोई जानकारी करता कि एक अन्‍य एस0एम0एस0 पुन: संशोधित बिल के आधार पर 18167.83 रूपये का शाम 4:18 बजे दिनॉंक 01.09.2020 पर प्राप्‍त हुआ।  परिवादी को मानसिक सदमा तब लगा जब उसे एक अन्‍य एस0एम0एस0 दिनॉंक 01.09.2020 को ही 2,18,295.23 रूपये का प्राप्‍त हुआ। उसी दिन एक और एस0एम0एस0 संशोधित धनराशि 43527.23 रूपये का प्राप्‍त हुआ। दिनॉंक 01.09.2020 को ही एक और एस0एम0एस0 संशोधित बिल की धनराशि 37198.35 रूपये का परिवादी को पुन: प्राप्‍त हुआ।

5.   एक ही दिन में पॉंच संशोधित विद्युत बिल की धनराशि परिवादी को एस0एम0एस0 द्वारा भेजी गयी एवं एक अन्‍य एस0एम0एसव0 उसी दिन 43639.16 रूपये का पुन: प्राप्‍त हुआ। परिवादी आवश्‍यक कार्य से बाहर चला गया एवं जब परिवादी अति आवश्‍यक कार्य में व्‍यस्‍त था तभी परिवादी के घर से परिवादी के पास दिनॉंक 03.09.2020 को फोन आया कि विद्युत विच्‍छेदन हेतु टीम आयी है जब कि परिवादी के उपरोक्‍त संशोधित बिलों को जमा करने की तारीख 07.09.2020 दर्शायी गयी थी एवं दिनॉंक 31.08.2020 को परिवादी सम्‍पूर्ण संशोधित विद्युत बिल की धनराशि 21,727.00 रूपये का भुगतान कर चुका था और परिवादी के विद्युत बिल का विच्‍छेदन का कोई औचित्‍य नहीं था।

6.   परिवादी ने पुन: विपक्षी संख्‍या 01 से दिनॉंक 04.09.2020 को कार्यालय में संपर्क किया एवं अपना पक्ष रखा जिस पर परिवादी को एक अन्‍य संशोधित बिल संख्‍या-048850790824 प्राप्‍त कराया गया जिसमें संशोधित धनराशि 43639.00 रूपये दर्शायी गयी है जिसमें देय तिथि 07.09.2020 एवं विद्युत विच्‍छेदन तिथि 14.09.2020 दिखायी गयी है। जबकि परिवादी अपने द्वारा दिनॉंक 31.08.2020 तक उपभोग की गयी समस्‍त धनराशि का भुगतान कर चुका है।

7.   विद्युत उपयोग आवश्‍यक श्रेणी की सेवा है किन्‍तु दिनॉंक 03.09.2020 को बिना किसी सूचना के परिवादी का विद्युत विच्‍छेदन होने जा रहा था एवं विद्युत विभाग किसी भी समय परिवादी का विद्युत विच्‍छेदन कर सकते हैं।

8.   परिवादी ने अपने साक्ष्‍य के कथानक में शपथ पत्र एवं दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में बिल, एस0एम0एस0 की छायाप्रतियॉं दाखिल की गयी हैं।

9.   मैंने परिवादी के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।

10.  परिवादी द्वारा परिवाद पत्र इस आशय से संस्थित किया गया है कि विद्युत बिल संख्‍या-048850790824 को निरस्‍त किया जाए, एवं शारीरिक, मानसिक क्षतिपूर्ति दिलायी जाए।

11.  परिवादी का संक्षेप में कथानक यह है कि परिवादी विद्युत कनेक्‍शन संख्‍या 0488515681 पॉंच किलोवाट का उपभोक्‍ता है। परिवादी समय-समय पर नियमित विद्युत बिल जमा करता रहा है। विद्युत विभाग द्वारा नियमित रीडिंग न लेने के कारण परिवादी के बिल में सही धनराशि का विवरण नहीं मिल पाता था। इस संबंध में परिवादी ने विपक्षी संख्‍या 02 से शिकायत की एवं विद्युत बिल ठीक करने का निवेदन किया, जिसमें परिवादी को आश्‍वासन दिया गया कि परिवादी का बिल संशोधित कर ठीक कर दिया जायेगा।

12.  दिनॉंक 31.08.2020 का बिल परिवादी को 21,727.00 रूपये का जिसकी अंतिम देय तारीख 30 अगस्‍त दिखायी गयी जिसमें वर्तमान रीडिंग 10756 दर्शायी गयी। संशोधित बिल परिवादी को प्राप्‍त हुआ जिसमें परिवादी बिना किसी विलम्‍ब के दिनॉंक 31.08.2020 को चेक संख्‍या 021572 द्वारा भुगतान कर दिया गया एवं उक्‍त धनराशि विभाग के खाते में हस्‍तांतरित हो चुकी है। परिवादी के उपरोक्‍त संशोधित बिल जमा करने के पश्‍चात परिवादी के मोबाइल पर एक एस0एम0एस0 5:37 बजे शाम को दिनॉंक 31.08.2020 को आया जिसमें संशोधित विद्युत बिल धनराशि 67707.23 रूपये दर्शित की गयी जबकि दिनॉंक 31.08.2020 को ही परिवादी द्वारा पूर्व में संशोधित बिल का भुगतान कर दिया गया था।

13.  परिवादी द्वारा अनुतोष में दो बिलों को निरस्‍त किये जाने की याचना की गयी है। बिलों को देखने से परिलक्षित होता है कि विद्युत विभाग द्वारा मनमाने ढंग से एस0एम0एस0 परिवादी को भेजा गया है, जो कि उचित नहीं है। 21,57.00 रूपये दिनॉंक 30 अगस्‍त 2020 को जमा किये गये हैं तो 07 सितम्‍बर 2020 को आये हुए बिल में 81472.76 रूपये का बिल दर्शाया जाना उचित नहीं है और इस बिल को नियमानुसार दुरूस्‍त किया जाना न्‍यायसगत प्रतीत होता है और इस बिल में भिन्‍न–भिन्‍न धनराशि के एस0एम0एस0 आये हुए हैं जो आपस में ही विरोधाभाषी हैं, जिससे विद्युत विभाग स्‍वयं ही संतुष्‍ट नहीं है। इस प्रकार स्‍पष्‍ट है कि परिवादी के साथ विद्युत विभाग द्वारा अनुचित व्‍यापार प्रक्रिया अपनायी गयी है तथा सेवा में भी अत्‍यंत कमी की गयी है। अत: परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है। यह तथ्‍य सही है कि विद्युत बिल जमा करने के बाद एक सप्‍ताह के अन्‍दर भिन्‍न-भिन्‍न बिल एस0एम0एस0 द्वारा भेजे गये हैं, जिससे परिवादी को मानसिक, आघात पहुँचा होगा जैसा कि परिवादी द्वारा यह भी कहा गया कि पैसा लेकर इलाज भी कराना पड़ा, मानसिक, शारीरिक आघात के लिये परिवादी को मुबलिग 30,000.00 (तीस हजार रूपया मात्र) दिलाया जाना उचित प्रतीत होता है। अत: परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                            आदेश

     परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है। परिवादी द्वारा मुबलिग 21,727.00 रूपये दिनॉंक 31.08.2020 का मीटर रीडिंग 10756 तक   बिल का भुगतान कर दिया गया था। अब विद्युत बिल संख्‍या-048850790824 संलग्‍नक-08 में मुबलिग 21,727.00 (इक्‍कीस हजार सात सौ सत्‍ताइस रूपया मात्र) समायोजित करके और इस बीच में दिये गये एस0एम0एस0 को ध्‍यान में रखते हुए फ्रेश बिल अगर कोई धनराशि बचती है तो बनाकर दें। परिवादी को हुए मानसिक, शारीरिक कष्‍ट के लिये मुबलिग 30,000.00 (तीस हजार रूपया मात्र) एवं वाद व्‍यय के लिये मुबलिग-10,000.00 (दस हजार रूपया मात्र) भी विपक्षी परिवादी को अदा करेंगे।

पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रार्थना पत्र निस्‍तारित किये जाते हैं।

     निर्णय/आदेश की प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

 

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)       (सोनिया सिंह)           (नीलकंठ सहाय)

    सदस्‍य                   सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

                                                                                  जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,

                                                  लखनऊ।    

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया गया।

                       

(कुमार राघवेन्‍द्र सिंह)       (सोनिया सिंह)           (नीलकंठ सहाय)

    सदस्‍य                   सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

                                                                जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम,

                                                  लखनऊ।        

 दिनॉंक:-26.08.2023                              

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Kumar Raghvendra Singh]
MEMBER
 

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