Uttar Pradesh

StateCommission

RP/29/2023

Deep Public School - Complainant(s)

Versus

UPPCL. - Opp.Party(s)

Vineet Kumar

19 Apr 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/29/2023
( Date of Filing : 13 Apr 2023 )
(Arisen out of Order Dated 20/03/2023 in Case No. EX./2004/61 of District Meerut)
 
1. Deep Public School
Shiv Shakti Nagar, Indra Nagar Meerut
...........Appellant(s)
Versus
1. U.P.P.C.L.
Through Ex. Eng. Electricity Urban Distribution Division-1 Meerut
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Apr 2023
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

पुनरीक्षण संख्‍या-29/2023

(मौखिक)

दीप पब्लिक स्‍कूल

बनाम

यू0पी0 पावर कारपोरेशन लि0

समक्ष:-

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित : श्री विनीत कुमार, 

                               विद्वान अधिवक्‍ता।

विपक्षी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

दिनांक: 19.04.2023

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

     प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका इस न्‍यायालय के सम्‍मुख जिला उपभोक्‍ता आयोग, मेरठ द्वारा इजराय वाद संख्‍या-61/2004 दीप पब्लिक स्‍कूल बनाम उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 में पारित निम्‍न आदेश दिनांक 20.03.2023 के विरूद्ध योजित की गयी है:-

     ''पत्रावली पेश हुई। पुकार करायी गई। विद्वान अधिवक्‍तागण उभयपक्ष को सुना गया। डिक्रीदार की ओर से यह कहा गया है कि परिवाद सं.-600/1999 में पारित निर्णयादेश दिनांकित 09.01.2004 को पालन विपक्षी द्वारा नहीं किया गया है। अतएव उक्‍त आदेश का अनुपालन विपक्षी से कराया जाये।

पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवाद सं.-600/1999 दीप पब्लिक स्‍कूल बनाम उ0प्र0 पावर कारपोरेशन में इस जिला फोरम/आयोग द्वारा दिनांक 09.01.2004 को निर्णय पारित करते हुए विपक्षी को आदेशित किया गया था कि उक्‍त शासनादेश के आलोक में परिवादी का विद्युत कनेक्‍शन एलएमवी-20 से एलएमवी-10 में परिवर्तित करते हुए उसे वर्ष 1994 से संशाधित बिल जारी करे और इस अवधि के दौरान परिवादी द्वारा जो अधिक राशि जमा की गई है, उसको सूचित करते हुए उसके अगले बिलों में समायोजित करे और एक हजार रूपये परिवाद व्‍यय भी परिवादी को अदा करे। उक्‍त आदेश के विरूद्ध विपक्षी द्वारा की गई अपील सं.-333/2004 उ0प्र0 पावर कारपोरेशन बनाम दीप पब्लिक स्‍कूल

 

 

 

-2-

मा0 राज्‍य आयोग, लखनऊ ने दिनांक 17.03.2016 को निरस्‍त कर दी और मा0 राज्‍य आयोग ने जिला आयोग के निर्णय दिनांकित 09.01.2004 को विध सम्‍मत मानते हुए उसमें कोई हस्‍तक्षेप नहीं किया।

विपक्षी ने जिला आयोग के निर्णय दिनांकित 09.01.2004 के अंशत: अनुपालन में दिनांक 01.09.2017 को परिवाद व्‍यय की धनराशि अंकन-1000/-रूपये डीडी के माध्‍यम से जिला फोरम में जमा की। परिवादी की ओर से कहा गया कि अपील निरस्‍त होने के बावजूद भी विपक्षी ने निर्णयादेश दिनांकित 09.01.2004 का पूर्ण रूप से अनुपालन नहीं किया है। विपक्षी की ओर से यह कहा गया है कि जिला फोरम के निर्णय के पश्‍चात दिनांक 24.11.2004 को उ0प्र0 पावर कारपोरशन लि0, शक्ति भवन, लखनऊ द्वारा विद्युत अधिनियम-2003 के अन्‍तर्गत जारी किये गये नोटिफिकेशन के अनुसार परिवादी डिक्रीदार की विद्युत दर परिवर्तित हो गई है, जिसमें एलएमवी-4 की दर से बिल जारी करने का निर्देश है। परिवादी की ओर से यह कहा गया है कि निष्‍पादन न्‍यायालय डिक्री से बाहर नहीं जा सकता है और अपने कथन के समर्थन में डिक्रीदार की ओर से प्रस्‍तुत विधि व्‍यवस्‍था (2014)2 सुप्रीम कोर्ट केसेस 465, शिवशंकर गुरगर बनाम दिलीप के अनुसार निष्‍पादन न्‍यायालय निष्‍पादन करते समय डिक्री से बाहर नहीं जा सकता है। इस मामले में जिला फोरम द्वारा दिनांक 09.01.1994 को वर्ष 1994 से शासनादेश के अनुसार एलएमवी-10 के अन्‍तर्गत संशोधित बिल जारी करने का आदेश दिया गया है। उक्‍त निर्णयानुसार वर्ष 1994 से शासनादेश दिनांकित 24.11.2004 तक एलएमवी-10 की दर से बिल बनाया जाना अपेक्षित है। इसके बाद शासनादेश दिनांकित 24.11.2004 के अनुसार संशोधित बिल जारी किये जाने के संबंध में लागू नहीं है। यह शासनादेश निर्णय के बाद दिनांक 24.11.2004 को जारी किया गया है। जिला आयोग के निर्णय को पुष्‍ट करते हुए अपील मा0 राज्‍य आयोग द्वारा खारिज की गई है। उपरोक्‍त विधि व्‍यवस्‍था के अनुसार निष्‍पादन न्‍यायालय निष्‍पादन करते समय डिक्री से बाहर नहीं जा सकता है। जिला आयोग द्वारा परिवाद सं.-600/1999 में दिनांक 09.01.2004 को जो निर्णय पारित किया गया है, उसके अनुसार वर्ष 1994 से एलएमवी-20  से

 

 

 

-3-

एलएमवी-10 में परिवर्तित करते हुए संशोधित बिल जारी करने का आदेश पारित किया गया है और अंकन-1000/-रूपये परिवाद व्‍यय परिवादी को दिये जाने का आदेश पारित किया गया है। विपक्षी द्वारा उक्‍त अंकन-1000/-रूपये जमा किये जा चुके हैं। अतएव विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह निर्णयादेश दिनांकित 09.01.2004 के अनुसार परिवादी द्वारा दिनांक 09.01.2004 तक जमा धनराशि को समायोजित करते हुए दिनांक 09.01.2004 तक एलएमवी-10 के अनुसार संशोधित बिल परिवादी को जारी करे। पत्रावली वास्‍ते अग्रिम आदेश दिनांक 24.04.2023 को पेश हो।''

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता                श्री विनीत कुमार को सुना।

जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश में मेरे द्वारा किसी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं पायी गयी, न ही विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा ही इंगित की जा सकी। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित आदेश पूर्ण रूप से विधि अनुसार है, जिसमें किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है। तदनुसार पुनरीक्षणकर्ता/परिवादी अपेक्षित कार्यवाही विधि अनुसार सुनिश्चित करे एवं जिला उपभोक्‍ता आयोग के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करे।

तदनुसार प्रस्‍तुत पुनरीक्षण याचिका निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपि‍क से अपेक्षा की जाती है कि‍ वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

     (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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