Uttar Pradesh

Hamirpur

CC/109/2015

DHARMRAJ - Complainant(s)

Versus

UPPCL. HAMIRPUR - Opp.Party(s)

HIMANSHU NIGAM

23 Sep 2016

ORDER

FINAL ORDER
DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM
HAMIRPUR
UP
COURT 1
 
Complaint Case No. CC/109/2015
 
1. DHARMRAJ
VILL- NEW KUMHROADA MAUDAHA
HAMIRPUR
UTTAR PRADESH
...........Complainant(s)
Versus
1. U.P.P.C.L. HAMIRPUR
HAMIRPUR
HAMIRPUR
UTTAR PRADESH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SHRI RAM KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MRS. HUMERA FATMA MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 23 Sep 2016
Final Order / Judgement

                                        दायरा तिथि- 06-11-2015

                                              निर्णय तिथि- 23-09-2016

    समक्ष- जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, फोरम हमीरपुर (उ0प्र0)

     उपस्थिति-  श्री राम कुमार                   अध्यक्ष

               श्रीमती हुमैरा फात्मा              सदस्या               

  परिवाद सं0-109/2015 अंतर्गत धारा-12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

धर्मराज पुत्र श्री बिन्दाप्रसाद निवासी नया कुम्हरौडा मौदहा तहसील मौदहा जिला हमीरपुर।                                                      .....परिवादी।

                        बनाम

अधिशाषी अभियन्ता  दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 हमीरपुर, जिला हमीरपुर। उ0प्र                                                       ........विपक्षी ।

                        निर्णय

द्वारा- श्री, राम कुमार ,पीठासीन अध्यक्ष,

       परिवादी ने यह परिवाद मीटर सं0 3299949NKG1310 के बिल निरस्त कराने, कनेक्शन सं0 073174 मीटर सं0 HPT554  के बिल रीडिंग के अनुसार बनाने तथा उस पर सरचार्ज न लगाने व क्षतिपूर्ति के मद में 10000/- और वाद व्यय के मद में 5000/- रू0 दिलाने हेतु विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत प्रस्तुत किया है।

       परिवाद पत्र में परिवादी का संक्षेप में कथन यह है कि वह घरेलू संयोजन सं0 301/2151/073174 का धारक है, जिसमें दि0 27-09-13 से मीटर सं0 HPT554 लगा हुआ है। विपक्षी द्वारा रीडिंग के अनुसार जारी बिलों को परिवादी निरन्तर जमा करता रहा। दि0 17-09-15 को मु0 4947/- का बिल परिवादी को प्राप्त हुआ जिसमें 800 यूनिट अंकित था और मीटर सं0-3299949NKG1310 दर्शाया गया था। उक्त बिल को परिवादी ने ठीक कराने हेतु विपक्षी से सम्पर्क किया तो उन्होंने केवल आश्वासन दिया लेकिन बिल को ठीक नहीं किया। दि0 13-10-15 को मु0 14700/- का गलत बिल मीटर सं0-3299949NKG1310 का परिवादी को पुनः प्राप्त हुआ। जिस पर परिवादी ने विपक्षी से शिकायत किया तो उससे 1000/- रू0 की अवैधानिक मांग की गई। मांग पूरी न करने पर परिवादी का बिल ठीक नहीं किया गया। इस कारण परिवादी को यह वाद फोरम में दायर करना पड़ा।

        विपक्षी ने अपना जवाबदावा पेश करके परिवादी को संयोजन सं0 301/2151/073174 का धारक होना, परिवादी के घर मीटर सं0 HPT554 स्थापित होना, मु0 4947/- रू का बिल मीटर सं0-3299949NKG1310 दर्शाकर भेजना स्वीकार किया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि परिवादी ने बिल ठीक कराने के लिए विपक्षी से कभी सम्पर्क नहीं किया। परिवादी को संशोधित बिल माह 8/15 से 8/16 का मीटर रीडिंग आधार पर मु0 1772/- रू का भेजा गया था जिसे परिवादी ने जमा नहीं किया। इस कारण उसका परिवादी खारिज किये जाने योग्य है।

      परिवादी ने अभिलेखीय साक्ष्य में सूची न0 4 से 6 अभिलेख तथा स्वयं का शपथपत्र कागज सं0 13 दाखिल किया है।

      विपक्षी ने अभिलेखीय साक्ष्य में संशोधित बिल कागज सं0 17 दाखिल किया है।

      परिवादी तथा विपक्षी के विद्वान अधिवक्तागण की बहस को विस्तार से सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त अभिलेखीय साक्ष्य का भलीभॉति परिशीलन किया।

      उपरोक्त के विवेचन से स्पष्ट है कि परिवादी के घर पर विद्युत कनेक्शन सं0 301/2151/073174 एक किलोवाट भार का दि0 27-09-13 से लगा है। उक्त कनेक्शन  में विद्युत मीटर न0 HPT554 के विरूद्ध प्राप्त होने वाले बिलों का परिवादी बराबर भुगतान करता चला आ रहा है। दि0 19-08-15 द्वारा विपक्षी ने 151/- का विद्युत बिल निर्गत किया जिसे परिवादी ने दि0 20-08-15 को जमा कर दिया। विवाद उस समय उत्पन्न हो गय़ा जब परिवादी के उपरोक्त विद्युत कनेक्शन पर मीटर HPT554 के स्थान पर मीटर न0 3299949NKG1310 अंकित करते हुए दि 17-09-15 को रू0 4947/- का 800 यूनिट का विद्युत बिल निर्गत किया गया तथा दि0 13-10-15 को पुनः उपरोक्त मीटर नम्बर बिल में अंकित करते हुए रू0 14700/- का बिल निर्गत किया गया। परिवादी उक्त बिलों को संशोधित कराने के लिए विपक्षी के कार्यालय के चक्कर लगाता रहा लेकिन विपक्षी के कर्मचारियो द्वारा 1000/- रू0 की अवैधानिक मांग की गई। जिसे पूरा न करने पर परिवादी के बिलों को संशोधित नहीं किया गया। तब परिवादी ने विवश होकर दि0 02-11-15 को अधिवक्ता के माध्यम से वांछित अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद फोरम में पेश किया।

      विपक्षी के विरूद्ध फोरम द्वारा नोटिस जारी की गई। नोटिस मिलते ही विपक्षी ने दि0 24-08-16 को जवाबदावा लगाते हुए संशोधित बिल मु0 1772/- रू0 का न्यायालय में पेश किया, जिसे परिवादी ने दि0 27-08-16 को भुगतान कर दिया। अब वर्तमान में कोई विवाद शेष नहीं है। तदनुसार परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।

                              -आदेश-

      उपरोक्त आधारों पर परिवाद खारिज किया जाता है। उभयपक्ष खर्चा मुकदमा अपना-अपना वहन करेंगे।

 

         (हुमैरा फात्मा)                               (रामकुमार)                         

            सदस्या                                    अध्यक्ष 

       यह निर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित व दिनांकित करके उद्घोषित किया 

 
 
[HON'BLE MR. SHRI RAM KUMAR]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. HUMERA FATMA]
MEMBER

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