Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/165/2014

CHANMATI - Complainant(s)

Versus

U.P.GOVT. - Opp.Party(s)

RAHUL SRIVASTAVA

09 May 2019

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 165 सन् 2014

      प्रस्तुति दिनांक 27.08.2014

                                      निर्णय दिनांक 09-05-2019

चानमती पत्नी स्वo रामचन्दर, साo- पुरुषोत्तमपुर, थाना- जीयनपुर, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।

.........................................................................................परिवादिनी।

 

बनाम

  1. उoप्रo सरकार द्वारा जिलाधिकारी, आजमगढ़।
  2. दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, द्वारा शाखा प्रबन्धक, दि ओरिएण्टल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, शाखा कार्यालय, पाण्डेय बाजार, आजमगढ़।

.........................................................................................विपक्षीगण।

उपस्थितिः- अध्यक्ष- कृष्ण कुमार सिंह, सदस्य- राम चन्द्र यादव

 

  •  

अध्यक्ष- “कृष्ण कुमार सिंह”-

परिवादिनी ने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसके पति स्वo रामचन्दर एक किसान थे, जिनकी हत्या दिनांक 05.11.2010 को कर दी गयी। परिवादिनी के पति के किसान होने के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश के खातेदार/सहखातेदार कृषकों के लिए संचालित जनता व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के तहत बीमा किया गया था। जिसको परिवादिनी के पति के मृत्यु के पश्चात् सम्पूर्ण बीमा धनराशि का भुगतान विपक्षीगण द्वारा किया जाना था। उक्त प्रक्रम में बीमा के सम्बन्ध में समस्त औपचारिकताएं पूरी करने के उपरान्त परिवादिनी के बीमा के दावे के भुगतान के सम्बन्ध में प्रशासनिक कर्मियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि परिवादिनी को उक्त बीमा की धनराशि मात्र कुछ ही दिनों में प्राप्त हो जाएगी, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी आजमगढ़ द्वारा पत्रांक 2827/सात-भूलेख दिनांकित 03.02.2012 तथा पत्रांक 367/सात-भूलेख दिनांकित 06.09.2012 के माध्यम से बीमा कम्पनी को बीमा के सम्बन्ध में निस्तारण करने हेतु निर्देशित किया गया था, किन्तु                                                      P.T.O.

2

उसका कोई निस्तारण नहीं हुआ। अतः परिवादिनी को विपक्षीगण से 5,00,000/- रुपया मय 12% वार्षिक ब्याज की दर से परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से बीमा की धनराशि के भुगतान का आदेश किया जाए।

परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी ने कागज संख्या 6/1 ता 6/2 जिलाधिकारी द्वारा लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/3 व्यक्तिगत दुर्घटना योजना से सम्बन्धित दिनांकित 13.10.2010 से दिनांक 18.11.2010 तक प्रेषित दावों में लम्बित दावों का विवरण प्रस्तुत किया गया है, कागज संख्या 6/4 उद्वरण खतौनी प्रस्तुत किया गया है तथा कागज संख्या 8/1 रसीद रजिस्ट्री प्रस्तुत की गयी है।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र में किए गए कथनों को अस्वीकार किया गया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवाद पत्र में वर्णित दुर्घटना तिथि के पूर्व बीमा कम्पनी एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य इस आशय की संविदा की गयी थी कि यदि किसी कृषक की 12 से 70 वर्ष की आयु के मध्य आकस्मिक मृत्यु होती है व और उक्त कृषक का नाम भू-राजस्व अभिलेख में खातेदार के रूप में कम्प्यूटरीकृत खतौनी में दर्ज होने पर उक्त कृषक के आश्रिततों को बीमा पॉलिसी के प्रावधानों एवं अनुबन्ध के तहत 1,00,000/- रुपया बीमा देय होगा। किन्तु यह संविदा दिनांक 12.10.2010 को ही समाप्त हो गयी, जबकि परिवाद में कथित आकस्मिक मृत्यु दिनांक 05.11.2010 लिखा गया है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में बीमा कम्पनी द्वारा कागज संख्या 15ग पॉलिसी सेड्यूल प्रस्तुत किया है जो दिनांक 19.07.2010 से मध्य रात्रि दिनांक 12.10.2010 तक प्रभावी था, लेकिन परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र के पैरा 02 में मृत्यु दिनांक 05.11.2010 दर्शित किया है जबकि यह संविदा समाप्त हो चुकी थी। अतः ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद खारिज किए जाने योग्य है।

            P.T.O. 

3

आदेश

                                                परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                       (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

                         दिनांक 09-05-2019

यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                    (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.