RAJ BAHADUR filed a consumer case on 06 Aug 2019 against U.P. POWER CORPORATION in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/162/2018 and the judgment uploaded on 30 Aug 2019.
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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 162 सन् 2018
प्रस्तुति दिनांक 03.12.2018
निर्णय दिनांक 06.08.2019
राजबहादुर यादव उम्र तखo 62 साल पुत्र बनारसी साo कुरीहर थाना- देवगांव, परगना- देवगांव, तहसील- लालगंज, जिला- आजमगढ़।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन विद्युत वितरण खण्ड- तृतीय लालगंज, जरिया अधिशासी अभियन्ता लालगंज आजमगढ़।
...........................................................................................विपक्षी।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि वह एक सामान्य कृषक है। उसके यहाँ खेती-बाड़ी हेतु पांच हॉर्स पॉवर का विद्युत कनेक्शन अपने नाम से लिया है। उससे पांच हार्स पॉवर का विद्युत मोटर चलाता है और वह उससे कृषि कार्य करता है और हर माह विद्युत बिल जमा करता है। प्रार्थी ने दिनांक 29.12.2016 को 4,550/- रुपये विपक्षी को अदा किया और कृषि कार्य कर रहा है, लेकिन बिजली विभाग वाले उससे धन की मांग कर रहे हैं और नाजायज रूप से 4,53,246/- रुपये उसके ऊपर बकाया बता रहा है। परिवादी विपक्षी व उनके वरिष्ठ अधिकारियों के यहां दौड़ता रहा, लेकिन उन्होंने दिनांक 08.09.2018 को अन्तिम रूप से इन्कार कर दिया। अनुतोष में परिवादी ने यह कहा है कि उसके विद्युत बिल को दुरुस्त किया जाए। जिस हेतु विद्युत कनेक्शन लिया गया है उसी तौर पर बिल चार्ज करें। विभाग द्वारा व सरकार द्वारा अनुदान जो मिलता है उसको भी विपक्षी से दिलाया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 8/1 रुपये 4,550/- का विद्युत बिल, कागज संख्या 8/2 राजबहादुर यादव को विद्युत विभाग द्वारा लिखा गया पत्र जिसमें यह कहा गया है कि यदि उसे कोई आपत्ति है तो वह 15 दिन के अन्दर प्रस्तुत करें।
विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर यह कहा गया है कि परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी ने अपने परिवाद की धारा-2 में यह कहा है कि परिवादी अपने पिता बाबूलाल यादव के नाम से खेती-बाड़ी करने के लिए पांच हार्स पॉवर का विद्युत P.T.O.
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कनेक्शन नलकूप हेतु लिया है और उसी से कृषि कार्य करता है। ऐसी दशा में परिवादी उपभोक्ता नहीं है, बल्कि परिवादी के पिता बाबूलाल यादव उपभोक्ता हैं। परिवादी द्वारा अपने पिता के नाम से विद्युत कनेक्शन नलकूप के बिल से सम्बन्धित अनुतोष की मांग किया है और बिल दुरुस्त करने हेतु अनुतोष चाहा है। जबकि उसके पिता को किसी प्रकार की शिकायत नहीं है। जब विद्युत चेकिंग के अन्तर्गत परिवादी के परिसर को चेक किया गया तब यह पाया गया कि परिवादी पांच हार्स पॉवर का मोटर लगाकर अवैध रूप से आटा चक्की का उपभोग कर रहा है, जो एक विद्युत चोरी की श्रेणी में आता है। परिवादी के परिसर की चेकिंग दिनांक 09.07.2018 को की गयी थी। ऐसा करने पर जुर्माना के रूप में 4,53,246/- रुपया व शमन शुल्क 1,00,000/- रुपया जमा करने हेतु कार्यालय के पत्र संख्या 783 दिनांक 11.07.2018 को बिल बनाकर भेजा गया, लेकिन उसके द्वारा उक्त धनराशि जमा न करने के उपरान्त कार्यालय के पत्र संख्या 1049 दिनांक 05.11.2018 को धारा-3 भेजी गयी तथा अन्तिम नोटिस के रूप में कार्यालय के पत्र संख्या 40 दिनांक 15.05.2019 को पंजीकृत डॉक से भेजा गया, लेकिन जमा न करने पर मजबूरन वसूली प्रमाणपत्र भेजा गया। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी द्वारा 13ग विद्युत चोरी के विरुद्ध किए गए निर्धारण/शमन शुल्क की अंतिम नोटिस की छायाप्रति, कागज संख्या 13/2 बकाया धनराशि का विवरण इसके पश्चात् कनेक्शन के धाराओं के नाम का विवरण, कागज संख्या 13/4 चेकिंग के सन्दर्भ में भेजा गया प्रस्ताव, कागज संख्या 13/6 बकाया रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 13/7 चेकिंग रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। यह परिवाद राजबहादुर यादव द्वारा प्रस्तुत किया गया है और जो रसीद कागज संख्या 8/1 दाखिल किया गया है उसमें राजबहादुर यादव का नाम उपभोक्ता के रूप में अंकित किया गया है। परिवादी के यहाँ दिनांक 09.07.2018 को चेकिंग की गयी थी जिसमें विद्युत चोरी का मामला पाया गया। चूंकि विद्युत चोरी के मामले का क्षेत्राधिकार इस मंच को नहीं है। अतः दावा अस्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद अस्वीकार किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 06.08.2019
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
राम चन्द्र यादव कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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