Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/16/2021

CHANDRABHAN PRATAP SHUKLA - Complainant(s)

Versus

U.P. POWER CORP. LTD. - Opp.Party(s)

SANJAY KUMAR PANDEY

01 Jun 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 16 सन् 2021

प्रस्तुति दिनांक 13.01.2021

                                                                                                निर्णय दिनांक 01.06.2022

चन्द्रभान प्रताप शुक्ल पुत्र स्वo भगवती प्रसाद शुक्ल उम्र लगभग 76 वर्ष, निवासी ग्राम- मड़छा हरिबल्लभ, पोस्ट- हूसेपुर रामजियावन, तहसील- बूढ़नपुर, जिला- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

    उoप्रo पॉवर कॉरपोरेशन लिo द्वारा अधिशासी अभियन्ता (नियत   प्राधिकारी) विद्युत वितरण खण्ड- षष्ठम, आजमगढ़, कार्यालय- तेरही,     कप्तानगंज, जिला- आजमगढ़- 276141    

  1. विपक्षी।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसके गांव में उसका एक ही पैत्रिक मकान है, जिसमें बत्ती व पंखा चलाने हेतु उसने विपक्षी से घरेलू विद्युत कनेक्शन संख्या AG10851675042 A/C No. 741820203933 लिया है और उसपर आने वाली बिलों का परिवादी नियमित भुगतान करता रहा है। परिवादी उपरोक्त कनेक्शन के अलावां और कोई दूसरा कनेक्शन नहीं लिया है। परिवादी के पास माह अक्टूबर सन् 2020 के प्रथम सप्ताह में एक राजस्व अमीन आया और बताया कि परिवादी के नाम विद्युत विभाग से मुo 1,15,365/- रुपए की आर.सी. भेजी गयी है, उसे जमा करिए। यह सुनकर परिवादी हतप्रभ रह गया। आर.सी. प्रपत्र का अवलोकन किए जाने पर उसमें परिवादी का नाम व वल्दियत थी, किन्तु गांव सुरजीपुर, पोस्ट- हूंसेपुर लिखा हुआ था जो परिवादी के गांव से भिन्न था। इसलिए अमीन महोदय स्वयं आर.सी. को गलत कहते हुए और गलत जगह पर अपने को आया हुआ मानकर वापस चले गए। नवम्बर 2020 में परिवादी के यहाँ बेटी की शादी की तैयारी चल रही थी, उसी दौरान उपरोक्त अमीन महोदय फिर आए और आर.सी. की धनराशि जमा करने हेतु परिवादी पर दबाव बनाने लगे। आर.सी. प्रपत्र का पुनः अवलोकन किए जाने पर उसमें ग्राम सुरजीपुर, पोस्ट- हूंसेपुर काटकर उसके ऊपर पेन से ग्राम मड़छा और पोस्ट- हूंसेपुर लिखा गया था। परिवादी ने कनेक्शन संख्या 0832002340 तथा उस पर जारी आर.सी. का सम्बन्ध परिवादी से होने और उसपर दर्शायी गयी धनराशि को अदा करने से इंकार कर दिया तो अमीन महोदय यह कहते हुए वापस चले गए कि आर.सी. की वसूली परिवादी से फोर्स के साथ जबरन की जाएगी और उसे जेल भेजा जाएगा, तब से परिवादी भयाक्रान्त है। तथाकथित विद्युत कनेक्शन संख्या 0832002340 से परिवादी का कोई भी सम्बन्ध नहीं है। परिवादी उक्त तथाकथित कनेक्शन के लिए न तो कभी भी आवेदन किया और न ही कोई उपभोग ही किया। इसके अतिरिक्त तथाकथित कनेक्शन के सम्बन्ध में परिवादी को न कभी कोई विद्युत बिल भेजी गयी न कोई नोटिस भेजी गयी, अचानक आर.सी. भेजकर परिवादी को अकारण विपक्षी हैरान व परेशान कर रहे हैं। विपक्षी का यह कार्य परिवादी के प्रति सेवा में भारी त्रुटि को दर्शाता है और विपक्षी की ओर से अमीन महोदय परिवादी के यहाँ आकर गलत तथाकथित कनेक्शन पर जारी आर.सी. में दर्ज धनराशि का भुगतान करने हेतु परिवादी पर दबाव बनाने व जेल भेजे जाने की धमकी दे रहे हैं। अतः विद्युत कनेक्शन संख्या 00832002340 एवं उसके आधार पर जारी आर.सी. को निरस्त किया जाए और विपक्षी को आदेश दिया जाए कि वह उक्त कनेक्शन व आर.सी. के आधार पर परिवादी से कोई वसूली न करें और परिवादी के प्रति किसी भी प्रकार की उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न करें। साथ ही विपक्षी से मुo 50,000/- रुपया शारीरिक, मानसिक व आर्थिक क्षति हेतु परिवादी को दिलाया जाए।    

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 9/1 परिवादी द्वारा अपने उक्त विद्युत कनेक्शन सम्बन्धी बिल भुगतान की प्रति तथा कागज संख्या 9/2 परिवादी के कनेक्शन सम्बन्धी विद्युत बिल की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।  

चूंकि विपक्षी द्वारा कोई भी जवाबदावा आदि प्रस्तुत नहीं किया गया है। इसलिए परिवाद दिनांक 30.03.2022 को विपक्षी के विरुद्ध एक पक्षीय अग्रसारित किया गया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। चूंकि परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य का कोई खण्डन नहीं किया गया है। इसलिए परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र तथा उसके समर्थन में प्रस्तुत शपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य अखण्डित हैं। अतः परिवाद विपक्षी के

विरुद्ध स्वीकार होने योग्य है।

 

आदेश

    परिवाद स्वीकार किया जाता है। विपक्षी को उसके द्वारा जारी आर.सी.मुo 1,15,365/- रुपए की वसूली से मना किया जाता है।

    पक्षकार खर्चा मुकदमा अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।    

 

 

 

                                                                          गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह 

                                                        (सदस्य)                     (अध्यक्ष)

 

       दिनांक 01.06.2022

                                    यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                                गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                                   (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

 

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