Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/25/2015

Shri Ram Prakash Gupta - Complainant(s)

Versus

U.P Avas Vikas Parishad - Opp.Party(s)

06 Jun 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/25/2015
 
1. Shri Ram Prakash Gupta
R/O Moh. Kajal Vsaan Ganj H.No.-33/9 A Near Pipalwala Mandir Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. U.P Avas Vikas Parishad
Office Avas Vikas Parishad Moradabad
Moradabad
Uttar Pradesh
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. P.K Jain PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Azra Khan MEMBER
 HON'BLE MRS. Manju Srivastava MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि  विपक्षीगण को आदेशित किया जाय कि वे वर्ष 1990 की कीमत के अनुसार परिवादी को भवन अथवा भू-खण्‍ड उपलब्‍ध करायें। मानसिक एवं आर्थिक क्षति की मद में 5,00,000/- रूपये और परिवाद व्‍यय की मद में 10,000/-  रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि आवास एवं विकास परिषद, मुरादाबाद की योजना में भवन/भू-खण्‍ड उपलब्‍ध कराने के लिए परिवादी ने  दिनांक 31/7/1974 को चालान सं0-1831 द्वारा परिषद के खाते में 50/- रूपया पंजीकरण राशि जमा की थी। वर्ष 1990 में परिवादी ने भवन  की श्रेणी मध्‍यम आय वर्ग में बदलने के लिए आवेदन किया और  अपेक्षानुसार दिनांक 03/12/1990 को 3 पे आर्डरों द्वारा क्रमश: 300/- रूपया, 1500/- रूपया एवं 9950/-रूपया की धनराशि परिषद के खाते में  जमा की। विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया गया। परिवादी के अनुसार अनेकों बार उसने परिषद कार्यालय में जाकर भवन/भू-खण्‍ड आवंटन के सम्‍बन्‍ध में जानकारी प्राप्‍त करने का प्रयास किया, किन्‍तु उसे कोई जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई गई। यहॉं तक कि  परिवादी को कोई पत्र भी आज तक परिषद की ओर से नहीं भेजा गया।  दिनांक 11/8/2014 को  परिवादी ने विपक्षीगण के उप आवास आयुक्‍त,  लखनऊ को पंजीकृत डाक से पत्र प्रेषित किया जिसकी प्रति विपक्षी सं0-2  एवं  आवास आयुक्‍त,लखनऊ को भी प्रेषित की गई। इसके बावजूद  विपक्षीगण ने परिवादी को भवन/भू-खण्‍ड उपलब्‍ध कराने के लिए कोई  कार्यवाही नहीं की और ऐसा करके उन्‍होंने सेवा में कमी की है। परिवादी ने  उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की  प्रार्थना की।
  3.   परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/4 लगायत 3/5 दाखिल किया जिसके साथ उसने दिनांक 31/7/1974 को भवन/ भू-खण्‍ड उपलब्‍ध कराने हेतु विपक्षी सं0-1 के खाते में जमा  किऐ गऐ 50/- रूपये की रसीद, परिषद द्वारा परिवादी को दिऐ गऐ पंजीकरण प्रमाण पत्र, दिनांक 31/12/1990 को भवन/ भू-खण्‍ड की श्रेणी मध्‍यम आय वर्ग में बदलने हेतु दिऐ गऐ प्रार्थना पत्र एवं इस हेतु जमा  किऐ गऐ क्रमश: 300/- रूपया, 1500/- रूपया और 9950/- रूपया जमा  करने की रसीदों की नकलों, भवन/भू-खण्‍ड उपलब्‍ध कराने हेतु उप आवास आयुक्‍त, लखनऊ को परिवादी द्वारा  भेजे गऐ  पत्र दिनांकित  11/8/2014, इस पत्र पर नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही हेतु परिषद के विशेष कार्याधिकारी द्वारा विपक्षी सं0-2 के सहायक आवास आयुक्‍त,लखनऊ को भेजे गऐ पत्र दिनांक 08/9/2014 और आवास आयुक्‍त, लखनऊ को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 15/9/2014 की नकलों को दाखिल किया गया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/6 लगायत 3/15 हैं।
  4.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/2  दाखिल हुआ जिसमें परिवादी द्वारा दिनांक 31/7/1974 को भवन/ भू-खण्‍ड  हेतु पंजीकरण राशि 50/- रूपया परिषद के कार्यालय में जमा कराने, भवन  की श्रेणी मध्‍यम आय वर्ग में बदलने हेतु परिवादी द्वारा अन्‍तर की  धनराशि जमा किऐ जाने और दिनांक 19/6/1992 को परिवादी को  पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किऐ जाने के कथनों को तो विपक्षीगण ने  स्‍वीकार किया, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया है।  विपक्षीगण की ओर से कहा गया कि दुर्भाग्‍यवश परिवादी को लाटरी ड्रा में  कोई सम्‍पत्ति नहीं मिल सकी थी इसके लिए विपक्षीगण बाध्‍य नहीं हैं। परिवादी का यह कथन गलत है कि उसे अवगत नहीं कराया गया था  बल्कि सही बात यह है कि परिवादी को अवगत कर दिया गया था। विशेष कथनों में कहा  गया कि परिवाद कालबाधित है। वर्ष 1974 तथा 1990 में पंजीकरण राशि जमा करने के बाद भवन/ भू-खण्‍ड आवंटन हेतु परिवादी ने वर्ष 2014 तक  कोई प्रयास अथवा पत्राचार नहीं किया। विपक्षीगण की ओर से अग्रेत्‍तर  कहा गया कि परिवादी को वर्ष 1992 में जारी उस प्रमाण पत्र के आधार पर कोई सम्‍पत्ति विपक्षीगण के पास नहीं है। परिषद के विनियम की धारा-15 के अनुसार पंजीकृत व्‍यक्ति को भू-खण्‍ड अथवा भवन देने के लिए परिषद बाध्‍य नहीं है यदि किसी आवेदक को वांछित सम्‍पत्ति नहीं मिल पाती तो उसके लिए वह परिषद से किसी प्रकार का हर्जाना प्राप्‍त  करने का अधिकारी नहीं होगा। विपक्षीगण के अनुसार विनियम की इस  धारा के अनुसार परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। विपक्षीगण ने सेवा में कोई कमी नहीं की और परिवादी को कोई वाद हेतु उत्‍पन्‍न नहीं हुआ। उन्‍होंने उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद सव्‍यय  खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।   
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-8/1 लगायत 8/3  दाखिल किया जिसके साथ उसने परिवाद में दाखिल प्रपत्र कागज सं0-3/6  लगायत 3/15 को पुन: दाखिल किया। इनके अतिरिक्‍त विपक्षी सं0-1 एवं  विपक्षी सं0-2 पर नोटिस तामीला विषयक डाकखाने के रिकार्ड की नकल  भी परिवादी ने दाखिल की, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-8/4 लगायत 8/14 हैं।
  6.   विपक्षीगण की ओर से उनके सम्‍पत्ति प्रबन्‍ध अधिकारी श्री ए0के0  माथुर का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/2 दाखिल किया गया जिसके साथ परिवाद पत्र के पैरा सं0-13 में उल्लिखित विनियम सं0-15 की नकल बतौर संलग्‍नक दाखिल की गई।
  7.  प्रत्‍युत्‍तर में परिवादी ने अपना रिज्‍वाइंडर शपथ पत्र कागज सं0-13/1  लगायत 13/5 दाखिल किया।
  8.   दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
  9.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  10.   भवन/ भू-खण्‍ड हेतु वर्ष 1974 में परिवादी द्वारा पंजीकरण राशि जमा किऐ जाने एवं वर्ष 1990 में भवन की श्रेणी मध्‍यम  आय वर्ग में बदलने हेतु आवेदन किऐ जाने और उसे वर्ष 1992 में पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किऐ जाने से विपक्षीगण को इन्‍कार नहीं है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि पंजीकरण राशि जमा करने और पंजीकरण हो जाने के बावजूद परिवादी को कोई भवन अथवा भू-खण्‍ड विपक्षीगण द्वारा उपलब्‍ध नहीं कराया जाना सेवा में कमी की श्रेणी में आता है। परिवादी का यह भी कथन है कि वर्ष 1992 में पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने के बाद कभी भी विपक्षीगण ने परिवादी को किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी कहना है कि परिवादी का नाम भवन/ भू-खण्‍ड प्रदेशन हेतु लाटरी ड्रा में  शामिल ही नहीं किया गया था । उसके विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी  कथन है कि लाटरी ड्रा के लिए किसी प्रकार की कोई सूचना स्‍थानीय अथवा अन्‍य किसी समाचार पत्र में विपक्षीगण ने प्रकाशित नहीं कराई। परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने का अनुरोध उसके विद्वान अधिवक्‍ता ने किया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह भी  कहा कि परिवाद कालबाधित नहीं है।
  11.   विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने परिवाद को कालबाधित बताया। आधार यह लिया गया कि वर्ष 1974 एवं वर्ष 1990 में पंजीकरण राशि  जमा करने के बाद वर्ष 2014 तक परिवादी ने भवन/ भू-खण्‍ड  के सिलसिले में किसी प्रकार का कोई पत्राचार अथवा प्रयास नहीं किया ऐसी दशा में  परिवाद कालबाधित हो चुका है। परिवादी द्वारा दाखिल पत्र दिनांक  11/8/2014 (पत्रावली का कागज सं0-3/13 लगायत 3/14) को इंगित करते  हुऐ विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता ने यह भी कहा कि पत्राचार करने  मात्र से परिवाद कालावधि में नहीं माना जा सकता। अपने इस तर्क के  समर्थन में उन्‍होंने मा0 उड़ीसा राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, कटक द्वारा 2011(2) सीपीआर पृष्‍ठ-38, सेवन हिल्‍स एस्‍टेट लिमिटेड बनाम पुर्णिमा पटनायक की निर्णयज विधि का अवलम्‍ब लिया।
  12.   विपक्षीगण की ओर से निर्णयज विधि वर्तमान मामले में उनके लिए सहायक नहीं है क्‍योंकि विपक्षीगण यह दर्शाने में सफल नहीं हुऐ हैं कि लाटरी ड्रा में परिवादी का भवन/भू-खण्‍ड का प्रदेशन न होने की सूचना परिवादी को उन्‍होंने कब और किस रीति से अथवा किस संचार माध्‍यम यथा अख़बार इत्‍यादि से दी थी ऐसी दशा में परिवादी का यह कथन स्‍वीकार होने योग्‍य है कि उसे कभी भी ड्रा के परिणाम से सूचित अथवा अवगत नहीं कराया गया। जब यह प्रमाणित नहीं है कि भवन/ भू-खण्‍ड आवंटन न होने की सूचना विपक्षीगण द्वारा परिवादी को दी गई थी अथवा परिवादी को किसी सार्वजनिक सूचना के माध्‍यम के द्वारा अवगत करा दिया गया था तब   परिवाद कालबाधित नहीं माना जा सकता। हम इस मत के हैं कि परिवाद कालबाधित नहीं है।
  13.   प्रतिवाद पत्र में विपक्षीगण ने स्‍पष्‍ट रूप से यह कथन किया है कि  परिवादी को लाटरी ड्रा में भवन/ भू-खण्‍ड का आवंटन नहीं हुआ था। यधपि परिवादी ने अपने रिज्‍वांडर शपथ पत्र में यह कथन किया है कि उसका नाम लाटरी ड्रा में शामिल नहीं किया था, किन्‍तु हम परिवादी के इस  कथन को स्‍वीकार करने में असमर्थ हैं क्‍योंकि परिवादी ऐसा कोई कारण इंगित नहीं कर पाया जिसकी वजह से उसका नाम लाटरी ड्रा में कथित रूप से शामिल नहीं किया गया होगा जैसा कि परिवादी कहता है। कदाचित यह बात कि परिवादी का  नाम लाटरी ड्रा में शामिल नहीं किया गया था, परिवादी की स्‍वयं की  परिकल्‍पना हो सकती है, किन्‍तु परिवादी का यह आरोप किसी भी दृष्टि  से प्रमाणित नहीं है। 
  14.   उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद द्वारा आवासीय भू-खण्‍डों एवं  भवनों के पंजीकरण एवं प्रदेशन सम्‍बन्‍धी विनियम का नियम सं0-15  निम्‍नवत् है:-

   ‘’ परिषद में पंजीकृत प्रत्‍येक व्‍यक्ति को भू-खण्‍ड या भवन  देने के लिये परिषद बाध्‍य नहीं है। यदि किसी आवेदक को वांछित सम्‍पत्ति नहीं मिल पाती है तो उसके लिये वह परिषद से किसी प्रकार का कोई हर्जाना प्राप्‍त करने का हकदार नहीं होगा। ‘’ 

  1.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि पंजीकरण धनराशि परिवादी ने वर्ष 1974 में जमा की थी ऐसी दशा में 1979 के उक्‍त  विनियम परिवादी के मामले में लागू नहीं होते। हम परिवादी पक्ष के इस तर्क से सहमत नहीं हैं। इस विनियम में ऐसा कोई उल्‍लेख नहीं है कि उ0प्र0 गजट में  प्रकाशित होने की तिथि से पूर्व के मामलों में यह विनियम लागू नहीं होगें अत: परिवादी पक्ष का यह कहना कि यह विनियम परिवादी के मामले में  लागू नहीं है, निरर्थक है।
  2.   परिषद के उपरोक्‍त  विनियम सं0-15  की व्‍यवस्‍थानुसार भवन/भू-खण्‍ड हेतु परिवादी का इच्‍छुक क्रेता के रूप में पंजीकरण हो जाने मात्र से परिवादी को भवन/ भू-खण्‍ड  देने के लिए विपक्षीगण बाध्‍य नहीं थे। भवन/ भू-खण्‍ड आवंटित न होने के आधार पर विपक्षीगण परिवादी को किसी प्रकार का कोई हर्जाना देने के लिए भी उत्‍तरदायी नहीं हैं। परिवादी यह प्रमाणित करने में असफल रहा है कि उसे भवन/ भू-खण्‍ड आवंटित न होना विपक्षीगण द्वारा की जाने वाली सेवा में कमी है। परिवादी कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

(श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

  सामान्‍य सदस्‍य            सदस्‍य               अध्‍यक्ष

  •  0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

   06.06.2016          06.06.2016         06.06.2016

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 06.06.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

(श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

   सामान्‍य सदस्‍य         सदस्‍य             अध्‍यक्ष

  • 0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

   06.06.2016        06.06.2016       06.06.2016

 

 
 
[HON'BLE MR. P.K Jain]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Azra Khan]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Manju Srivastava]
MEMBER

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