Rajasthan

Ajmer

CC/474/2013

VED PRAKESH SHARMA - Complainant(s)

Versus

U.I.T - Opp.Party(s)

ADV VIBHAUR GAUR

07 May 2015

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/474/2013
 
1. VED PRAKESH SHARMA
AJMER
...........Complainant(s)
Versus
1. U.I.T
AJMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
  Gautam prakesh sharma PRESIDENT
  Jyoti Dosi MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

जिला    मंच,      उपभोक्ता     संरक्षण         अजमेर


वेद प्रकाष पुत्र श्री खेमचन्द, निवासी- 285/28, गली नं. 17, तानाजी नगर, अजमेर । 
                                                             प्रार्थी

                            बनाम

1.    नगर सुधार न्यास, अजमेर, ाकार्यालय- टोडरमल मार्ग, राजस्व मण्डल के सामने, अजमेर जरिए सचिव
2. नगर निगम कार्यालय , पृथ्वीराज मार्ग, अजमेर जरिए आयुक्त/मुख्य कार्यकारी अधिकारी । 
                                                           अप्रार्थी 
                    परिवाद संख्या 474/2014

                            समक्ष
                   1.  गौतम प्रकाष षर्मा    अध्यक्ष
           2. श्रीमती ज्योति डोसी   सदस्या

                           उपस्थिति
                  1.श्री विभौर गौड,अधिवक्ता, प्रार्थी
                  2.श्री अनिल तोलानी,अधिवक्ता अप्रार्थी सं.1

                              
मंच द्वारा           :ः- आदेष:ः-      दिनांकः- 07.05.2015

1.          परिवाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि  प्रार्थी के निवासित भूखण्ड व आवास का नियमन अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा नियमन राषि प्राप्त कर पट्टा विलेख दिनांक 26.10.2012 को प्रार्थी के पक्ष में पंजीकृत किया गया ।  प्रार्थी की उपरोक्त सम्पति जो खसरा नं. 7671 थोक मालियान में आती है पर निर्माण हेतु  नक्षा स्वीकृत कराने के लिए उसने दिनांक 01.8.2012 को  अप्रार्थी संख्या 1 के यहां आवेदन किया  जिस पर अप्रार्थी संख्या 1 ने दिनांक 12.1.2.2012 को  पूर्व स्थित निर्माण बाबत कम्पाउण्डिग ष्षुल्क राषि रू. 18301/- जरिए चालान प्राप्त किए । किन्तु अप्रार्थी संख्या 1 ने  राषि प्राप्त करने के बावजूद भी उसे  नक्षा स्वीकृत नहीं किया और  फरवरी, 2013 के प्रथम सप्ताह में अप्रार्थी संख्या 1 ने मौखिक रूप से  निर्माण अनुमति यथा नक्षा स्वीकृति  के संबंध में अप्रार्थी संख्या 2  से  सम्पर्क करने को कहा क्योंकि पत्रावली अप्रार्थी संख्या 2 के वहां स्थानान्तरित हो गई थी । जिस पर उसने अप्रार्थी संख्या 2 से सम्पर्क कर निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने का निवेदन किया  जिस पर अप्रार्थी संख्या 2 ने प्रार्थी से  पुनः आवेदन प्राप्त कर षुल्क राषि रू. 2301/- एवं जांच षुल्क के रू. 100/- पुनः प्राप्त किए इसके बाद भी उसे  निर्माण की अनुमति प्रदान नही ंकी गई  और मौखिक रूप से उसे कम्पाउण्डिग राषि जमा कराने को कहा गया  जबकि वह उक्त राषि अप्रार्थी संख्या 1 को दिनांक 12.12.2012 को ही जमा करा चुका है । उसने उक्त राषि अप्रार्थी संख्या 1 से हस्तान्तरित कर मंगवाने हेतु अप्रार्थी संख्या 2 को निवेदन किया  किन्तु अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा प्रार्थी के स्तर पर ही कार्यवाही किए जाने की कहे जाने पर उसने दिनांक 14.6.2013 को अप्रार्थी संख्या 1 को उसके द्वारा जमा कराई गई कम्पाउण्डिग राषि  रू. 18301/- रिफण्ड किए जाने का निवेदन किया  किन्तु अप्रार्थी संख्या 1 ने उक्त राषि रिफण्ड नहीं की तो उसने अधिवक्ता के माध्यम से दिनांक 27.8.2013 को नोटिस दिया किन्तु अप्रार्थीगण ने कोई कार्यवाही नहीं की ।  प्रार्थी ने परिवाद प्रस्तुत कर  परिवाद में वर्णित अनुतोष दिलाए जाने की प्रार्थना की है । 
2.    अप्रार्थी संख्या 1 ने परिवाद का जवाब प्रस्तुत कर  प्रार्थी से नक्षा स्वीकृति हेतु कम्पाउण्डिग राषि रू. 18301/- प्राप्त किए जाने के तथ्य को स्वीकार करते हुए दर्षाया है कि  प्रार्थी की संबंधित पत्रावली  जो कि खसरा नं. 7671 में आती है और उक्त खसरा नगर निगम के क्षेत्र में आने के कारण  नगर निगम को हस्तान्तरित कर दी गई है  और नक्ष नगर निगम को ही स्वीकृत करना है ।  
    अप्रार्थी का कथन है कि प्रार्थी  द्वारा जमा कराई गई राषि  जरिए चैक संख्या 840546 दिनंाक 24.1.2014 के लौटाई जा चुकी है  जो प्रार्थी ने प्राप्त कर ली है ।  परिवाद खारिज होना दर्षाया । 
3.    अप्रार्थी संख्या 2 बावजूद  नोटिस के उपस्थित नहीं होने पर उसके विरूद्व एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई । 
4.    हमने पक्षकारान को सुना एवं पत्रावली का अनुषीलन किया ।   
5.                 प्रार्थी के  आवास निर्माण की अनुमति हेतु आवेदन की कार्यवाही अप्रार्थी संख्या 1 के वहां चल रही थी  तथा इस संबंध में कम्पाउण्डिग राषि रू. 18,301/- अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा मांगे जाने पर प्रार्थी द्वारा उक्त राषि जमा करवा दी गई  तत्पष्चात्  संबंधित  स्कीम  अप्रार्थी संख्या 2 नगर निगम को अन्तरित  हो जाने से प्रार्थी की आवास निर्माण अनुमति की यह कार्यवाही भी अप्रार्थी संख्या 2 को अन्तरित हो गई , तथ्य एक तरह से स्वीकृतषुदा है । कम्पाउण्डिग राषि रू. 18301/- अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा संबंधित स्कीम को अप्रार्थी संख्या 2 को अन्तरित हो जाने से जरिए चैक राषि प्रार्थी को भेजी, यह तथ्य भी स्वीकृतषुदा है लेकिन इस संबंध में प्रार्थी का कथन है कि चूंकि उसके द्वारा यह परिवाद प्रस्तुत कर दिया गया था अतः उक्त चैक को उसके द्वारा दिनांक 26.2.2012 को पुनः अप्रार्थी संख्या 1 को लौटा दिया । अप्रार्थी संख्या 1  का जवाब दिनांक 30.6.2014 को पेष हुआ है लेकिन उन्होने इस संबंध में कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की है । अतः हम पाते है कि  प्रार्थी ने अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा भेजी गई चैक की राषि प्राप्त नहीं की एवं उक्त चैक  दिनंाक 26.2.2014 को ही पुनः अप्रार्थी संख्या 1 को पुनः भिजवा दिया जाना पाया गया । 
6.        प्रार्थी ने यह अनुतोष चाहा है कि अप्रार्थी संख्या 1 कम्पाउण्डिग षुल्क राषि अप्रार्थी संख्या 2 को भेजे तथा अप्रार्थी संख्या 2 निर्माण स्वीकृति हेतु नक्षा पास करें । 
7.        प्रार्थी का यह कथन कि उसने कम्पाउण्डिग राषि का चैक पुनः अप्रार्थी संख्या 1 को भेज दिया था, का कोई खण्डन अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा नहीं किया गया है एवं यह राषि अप्रार्थी संख्या 1 के खाते से डेबिट होकर प्रार्थी को प्राप्त हो चुकी हो, ऐसी कोई साक्ष्य पत्रावली पर नहीं है । निर्विवाद रूप से यह स्कीम अप्रार्थी संख्या 2 को स्थानान्तरित कर दी गई है अतः प्रार्थी की ओर से जमा कम्पाउण्डिग राषि रू. 18301/- अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा अप्रार्थी संख्या 2 को प्रेषित किया  जाना उचित एवं आवष्यक था। अतः प्रार्थी यह अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी है । यह राषि अप्रार्थी संख्या 2 को प्राप्त हो जाने पर अप्रार्थी संख्या 2 निर्माण स्वीकृति हेतु नक्षा स्वीकृत करें इस संबंध में  हमारी विवेचना है कि प्रार्थी यह राषि अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा अप्रार्थी संख्या 2 को प्राप्त हो जाने के उपरान्त अप्रार्थी संख्या 2 द्वारा  प्रार्थी की ओर से निर्माण स्वीकृति हेतु  पेष आवेदन पर विधि अनुसार निर्णय लेवे इस हेतु भी आदेष किया जाना हम उचित समझते है । अतः प्रार्थी के इस परिवाद को निम्नतरह से निस्तारित किया जाता है एवं आदेष है कि 
                       :ः- आदेष:ः-
8.    (1)    अप्रार्थी संख्या 1 प्रार्थी द्वारा आवास निर्माण की स्वीकृति हेतु जमा कराई गई कम्पाउण्डिग राषि  रू. 18301/-  अप्रार्थी संख्या 2 को  इस निर्णय की तिथि से एक माह के भीतर अन्तरित करें /अप्रार्थी संख्या 2 के वहां जमा करावें । 
        (2)    अप्रार्थी संख्या 2 को आदेषित किया जाता है कि  क्रम संख्या 1 में वर्णित प्रार्थी की जमा कम्पाउण्डिग राषि अप्रार्थी संख्या 1 द्वारा उन्हें भेज दिए जाने के बाद भीतर अवधि 1 माह में  प्रार्थी के आवास निर्माण स्वीकृति बाबत् आवेदन  पर विधि अनुसार निर्णय करें । 
        (3)    प्रार्थी  अप्रार्थी संख्या 1 व 2  प्रत्येक से रू. 1000/-, 1000/-  की राषि मानसिक संताप व वाद व्यय के  रूप में प्राप्त करने का अधिकारी होगा । 
        (4)    क्रम संख्या 3 में वर्णित राषि अप्रार्थी संख्या 1 व 2  इस आदेष से एक माह की अवधि में प्रार्थी को अदा करें अथवा आदेषित राषि डिमाण्ड ड््राफट से प्रार्थी के पते पर रजिस्टर्ड डाक से भिजवावें ।  
         
                
(श्रीमती ज्योति डोसी)                              (गौतम प्रकाष षर्मा)
           सदस्या                                           अध्यक्ष    
9.        आदेष दिनांक 07.05.2015 को  लिखाया जाकर सुनाया गया ।

           सदस्या                                           अध्यक्ष

       


    

 
 
[ Gautam prakesh sharma]
PRESIDENT
 
[ Jyoti Dosi]
MEMBER

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