Rajasthan

Jhunjhunun

CC/245/2018

Suresh Kumar - Complainant(s)

Versus

U.I.I.Company Ltd. - Opp.Party(s)

Sajjad Husain

18 Jun 2019

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/245/2018
( Date of Filing : 13 Nov 2018 )
 
1. Suresh Kumar
Narnod,Chirawa
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. U.I.I.Company Ltd.
Station Road,jhunjhunu
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Mahendra Sharma PRESIDENT
 HON'BLE MR. Shiv Kumar Sharma MEMBER
 
For the Complainant:Sajjad Husain, Advocate
For the Opp. Party: Harish Joshi, Advocate
Dated : 18 Jun 2019
Final Order / Judgement
                 जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, झुन्झुनू (राज0)
              परिवाद संख्या - 245/18
अध्यक्ष        -       महेन्द्र शर्मा
सदस्य        -       शिवकुमार शर्मा 
सुरेश कुमार उम्र 44 वर्ष पुत्र श्री हरदेवाराम जाति जाट निवासी नारनौद तहसील चिडावा जिला झुंझुंनू(राज.)                         - प्रार्थी/परिवादी। 
            बनाम
1. शाखा प्रबंधक युनाईटेड इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लि0 शाखा कार्यालय पीरूसिंह सर्किल स्टेशन रोड, झुंझंुनू तहसील व जिला झुन्झुनू (राज0)
2. वरिष्ठ मण्डलीय प्रबंधक, शाखा प्रबंधक युनाईटेड इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लि0 मण्डलीय कार्यालय देवीपुरा जयपुर रोड, सीकर तहसील व जिला सीकर (राज0)
3. मण्डल प्रबंधक अधिकारी, शाखा प्रबंधक युनाईटेड इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लि0 सहारा चेम्बर्स टोंक रोड, जयपुर तहसील व जिला जयपुर (राज0)
  - अप्रार्थी/विपक्षीगण।
 
परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986 
 
उपस्थित:-
1. श्री सज्जाद हुसैन, एडवोकेट- प्रार्थी/परिवादी की ओर से।
2. श्री हरिशचन्द्र जोशी, एडवोकेट - अप्रार्थी/विपक्षीगण की ओर से। 
 
 
                - निर्णय -        दिनांक 18.06.2019
 प्रार्थी/परिवादी की ओर से दिनांक 06.11.2018 को प्रस्तुत परिवाद अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, (जिसे इस निर्णय में आगे अधिनियम कहा जावेगा) इस आशय का प्रस्तुत किया गया कि उसने अपने जीविकोपार्जन के लिये परिवाद के चरण संख्या 1 में वर्णित ट्रक क्रय कर उसका बीमा विपक्षी संख्या 1 से दिनांक 10.09.2016 से 09.09.2017 की अवधि के लिये कराया था। दिनांक 08.09.2017 को करीब 1.30 ए.एम. पर परिवादी अपने वाहन चालक सुनिल कुमार के साथ आदर्श नगर पेट्रोल पम्प बगड से ग्वार गम लाने के लिये सिवानी हिसार के लिये रवाना हुआ कि भूरासर का बास झुंझुंनू से करीब एक डेढ किलोमीटर की दूरी पर सुबह के समय 3.00 ए.एम. से 3.30 ए.एम. के बीच परिवादी के वाहन के इंजिन में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई, जिसे बुझाने का प्रयास किया गया परन्तु आग नहीं बुझने पर परिवादी के चालक द्वारा 100 नम्बर पर पुलिस को फोन किया, पुलिस सुबह करीब 5.00 बजे मौके पर आई, उसके बाद फायर ब्रिगेड ने वाहन में लगी आग को बुझाया तब तक परिवादी के वाहन का इंजिन एवं वाहन पूर्ण रूप से जल गया। परिवादी ने दिनांक 08.09.2017 को ही संबंधित आरक्षी केन्द्र पर रिपोर्ट प्रस्तुत की  व इसकी सूचना विपक्षी संख्या 1 को तुरंत भेजी गई। विपक्षीगण ने सर्वेयर नियुक्त किया और परिवादी से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त किये। परिवादी द्वारा प्रस्तुत क्लेम पत्रावली की विपक्षीगण द्वारा जांच की गई । परिवादी ने 10,26,000/-रूपये क्षति पूर्ति की मांग की थी। विपक्षीगण ने परिवादी के खुद का मामला समझौता समिति में भेजने से 6,50,000/-रूपये की क्षति पूर्ति हेतु सहमति देने को कहा जबकि सर्वेयर ने अपनी रिपोर्ट में 7,24,500/-रूपये की क्षतिपूर्ति का वर्णन किया है। समझौता समिति में परिवादी का क्लेम तृतीय व्यक्ति की राय के लिये भेज दिया, जिसने मनगढंत राय देकर परिवादी का क्लेम दिनांक 30.05.2018 को निरस्त कर दिया। इन तथ्यों के परिपेक्ष में परिवादी ने बीमित वाहन की क्षति पूर्ति स्वरूप 10,26,000/-रूपये, उक्त राशि पर ब्याज व अन्य समुचित अनुतोष विपक्षीगण से दिलाये जाने की प्रार्थना की  है। 
विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत जवाब में इस आशय की प्रारंभिक आपति ली गई है कि परिवादी ने बीमा पालिसी में अपना नाम जुडवाने के लिये दिनांक    31.08.2017 को आवेदन पेश किया, दिनांक 30.08.2017 को वाहन का परमिट अपने नाम कराया जबकि उपरोक्त बीमा की तिथि से चार वर्ष पहले उक्त वाहन क्रय कर लिया था, फिर भी बीमा पालिसी अपने नाम नहीं कराई। दिनांक      25.08.2017 तक वाहन काफी समय से खडा था और दिनांक 27.08.2017 को उक्त वाहन बगड झुंझुनू से 10-12 किलोमीटर दूर पेट्रोल पम्प पर खडा था, इसके बाद बीमाधारी व वाहन चालक द्वारा दिनांक 08.09.2017 को यह वाहन रात्रि में 2.00 बजे बगड से झुंझुनू होते हुये भूरासर बास के गावं से आगे ले गये, जहां कोई आबादी नहीं है तथा अन्य वाहन आने जाने वालों द्वारा नहीं देखा गया। रात्रि में तीन बजे वाहन में शार्ट सर्किट से आग लगना बताया है, जो अपने आप में हास्यास्पद है। वाहन के टायर इतने घीसे हुये व क्षतिग्रस्त हालत में थे जो माल भार ढोने योग्य नहीं थे तथा वाहन 2010 माॅडल था । केवल मात्र क्लेम प्राप्त करने के लिये वाहन में शार्ट सर्किट से आग लगना बताया है। बीमाधारी ने अनुसंधान में वाहन के जलने के अलग-अलग कारण बताये हैं। परिवादी ने बीमित वाहन बगड से हिसार माल लेने हेतु ले जाना बताया है तथा बगड से हिसार की दूरी 250 किलोमीटर के लगभग है। वाहन के टायर बिलकुल घीसे हुये थे व वाहन माल ढोने योग्य नहीं था। परिवादी व उसके वाहन चालक ने फायर बिग्रेड रजिस्टर में अलग-अलग विरोधाभाषी बयान दर्ज कराये हैं तथा सर्वेयर ने भी बीमित वाहन का निरीक्षण कर वाहन के टायर माल ढोने में योग्य नहीं पाया है। चरणवार जवाब में इन्हीं तथ्यों को दोहराते हुये परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने की प्रार्थना की गई है। 
बहस के दौरान उभयपक्षकारान की ओर से क्रमशः परिवाद व जवाब में वर्णित तथ्यों की पुनरावृति की गई है।
पक्षकारान के अभिवचनों व उनकी ओर से प्रस्तुत प्रलेखों के समग्र परिशीलन से यह स्पष्ट है कि घटना के करीब चार वर्ष पूर्व परिवादी द्वारा पूर्व पंजीकृत वाहन स्वामी से वाहन खरीदा गया है लेकिन वाहन के बीमा प्रमाण पत्र में अपना नाम दिनांक 31.08.2017 को जोडने के लिये विपक्षी के कार्यालय में आवेदन पेश किया है व इससे पूर्व दिनांक 30.08.2017 को वाहन का नेशनल परमिट अपने नाम कराया है। विपक्षीगण द्वारा अनुसंधान के दौरान परिवादी से वाहन के मुवमेंट का प्रमाण पत्र मांगा गया था जो परिवादी ने उपलब्ध नहीं कराया है। फायर ब्रिगेड के रजिस्टर में दिनांक 08.09.2017 को 10.30 पर आने व 10.35 पर मौके से जाने के तथ्य अंकित किये है जबकि परिवादी ने अपने परिवाद में 5.00 ए.एम. पर पुलिस का आना व उसके बाद फायर ब्रिगेड द्वारा मौके पर आकर आग बुझाने का तथ्य अंकित किया है। परिवादी की ओर से पुलिस में जो रिपोर्ट दी गई है उसमें इंजिन में धुंआ उठने का तथ्य वर्णित है जबकि इन्वेस्टीगेटर सुरेन्द्र सिंह को दिये गये बयान में केबिन के स्विच बोक्स में धुंआ उठना बताया है। इसके अतिरिक्त दिनांक 25.02.2018 को इन्वेस्टीगेटर को परिवादी द्वारा फोन पर यह सूचना दी गई कि वह डीजल टेंकर में आग लगने का तथ्य अंकित करदे जबकि पूर्व में दिये गये बयान में यह तथ्य अंकित नहीं है। इन्वेस्टीगेटर द्वारा यह स्पष्ट रूप से पाया गया है कि वाहन के टायर भार उठाने में सक्षम नहीं थे। ऐसी स्थिति में बिना किसी उदेश्य के सुनसान व निर्जन स्थान पर वाहन में तथाकथित रूप से आग लगने का तथ्य अपने आप में परिवादी के क्लेम की सत्यता बाबत संदेह उत्पन्न करता है। इन तथ्यों के परिपेक्ष में हमारे सुविचारित मत में विपक्षीगण ने परिवादी का क्लेम खारिज करने में कोई तथ्यात्मक एवं विधिक त्रुटि नहीं की है और परिवादी का यह परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। 
   आदेश   
. अतः प्रार्थी/परिवादी की ओर से प्रस्तुत यह परिवाद विरूद्ध अप्रार्थी/विपक्षीगण खारिज किया जाता है। 
        निर्णय  आज दिनांक 18 जून, 2019 को लिखाया जाकर सुनाया गया।
 
            शिवकुमार शर्मा     महेन्द्र शर्मा
 
 
[HON'BLE MR. Mahendra Sharma]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. Shiv Kumar Sharma]
MEMBER

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