B.L.KHATIC filed a consumer case on 04 Feb 2015 against U.I.I.CO.LTD in the Barmer Consumer Court. The case no is CC/222/13 and the judgment uploaded on 31 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, बाड़मेर (राजस्थान)
अध्यक्ष: श्री मिथिलेश कुमार शर्मा
सदस्या: श्रीमती ममता मंगल
सदस्य : श्री अशोक कुमार सिंधी
परिवाद संख्या 222/2013
परिवादी:
बी.एल. खटीक सहनिदेशक
खादी और ग्रामोद्योग आयोग
क्षैत्रीय सीमा विकास कार्यालय, माणिक्यलाल वर्मा भवन,
आदर्श स्टेडियम के पास, नेहरू नगर बाड़मेर।
बनाम
विप्रार्थी:
प्रबंधक, युनाईटेड इण्डिया इंश्योरेन्स कम्पनी लि.
मण्डलीय प्रबंधक, स्टेशन रोड़, बाड़मेर।
उपस्थित:-
1. परिवादी की ओर से श्री सारंगराम मेघवाल एडवोकेट।
2. विप्रार्थी की ओर से श्री श्यामलाल सिंघल एडवोकेट।
ःःनिर्णय:ः दिनांक: 04.02.2015
1. परिवादी ने यह परिवाद इन तथ्यों का पेश किया है कि परिवादी का स्थानीय कार्यालय बाड़मेर शहर में नेहरू नगर बाड़मेर स्थित है। परिवादी ने अपने कार्यालय में कम्प्युटर की आवश्यकता होने पर एक कम्प्युटर श्री बालाजी कम्प्युटर से दिनांक 18.12.2011 को रूपये 33430/- रूपये में जरिये बिल के खरीद किया गया तथा कम्प्युटर खरीद करने के बाद परिवादी द्वारा अपने कार्यालय के भवन सहित समस्त सामान का बीमा विप्रार्थी बीमा कम्पनी से नियमानुसार प्रीमियम राशि अदा कर करवाया गया, जिसके बीमा पाॅलिसी संख्या 141100/48/12/34/00000174 है जिसकी बीमा अवधि दिनांक 19.07.2012 से 18.07.2013 तक नियत थी तथा बीमा पाॅलिसी की शर्तो के अनुसार बीमित अवधि में परिवादी के कार्यालय के भवन व अन्य सामान के जलने या चोरी होने पर उसकी क्षतिपूर्ति अदा करने का दायित्व बीमा कम्पनी का होता है। इस प्रकार परिवादी विप्रार्थी का एक सदभाविक उपभोक्ता की श्रेणी में आता है। कम्प्युटर खरीद कर बिल व बीमा पाॅलिसी की प्रतियां साथ पेश है।
2. परिवादी के कार्यालय में रखे कम्प्युटर को दिनांक 04 व 05.08.2012 को अज्ञात चोरो ने परिवादी के कार्यालय में घुसकर परिवादी के कम्प्यूटर सी. पी. यू. सहित चोरी कर लिया, जिसकी जानकारी परिवादी को होने पर परिवादी ने दिनांक 07.08.2012 को पुलिस थाना कोतवाली बाड़मेर प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 341/2012 दर्ज करवाई, जिस पर पुलिस ने बाद अनुसंधान नतीजा एफ आर एपी माल मुलजिम नम्बर 141 सक्षम न्यायालय में पेश की गई।
3. परिवादी का कम्प्युटर चोरी होने के बाद परिवादी ने बीमित कम्प्युटर का क्लेम प्राप्त करने हेतु क्लेम आवेदन विप्रार्थी बीमा कम्पनी को प्रेषित किया गया, जिस पर बीमा कम्पनी द्वारा बीमा क्लेम आवेदन संख्या 48/12/34/0174/2011 पर दर्ज किया गया तथा बाद जांच परिवादी को क्लेम राशि देने का पूर्ण आश्वासन दिया गया परन्तु परिवादी द्वारा बार बार विप्रार्थी बीमा कम्पनी से पत्राचार करने के बाद भी मात्र झूठे आश्वासन दिये गये तथा अन्त में दिनांक 29.03.2013 को पत्र संख्या 458/13 के जरिये परिवादी को सूचित किया गया कि उक्त दावे के संबंध में प्रस्तुत बीमा पाॅलिसी के अन्तर्गत उक्त सम्पति आवरित नहीं है अतः सर्वे रिपोर्ट मुताबित उक्त दावा भुगतान योग्य नहीं है के आधार पर परिवादी का क्लेम आवेदन खारिज कर दिया गया। विप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी की बीमा पाॅलिसी नवीनीकरण हेतु दिनांक 13.07.2011 को जारी विकास अधिकारी के पत्र में यह स्पष्ट रूप से कम्प्युटर का उल्लेख किया गया है, जिस कारण उक्त कम्प्युटर विप्रार्थी बीमा कम्पनी के यहां पूर्ण रूप से बीमित होने के कारण परिवादी चोरी हुऐ कम्प्युटर की राशि 33430/- रूपये विप्रार्थी बीमा कम्पनी से प्राप्त करने का अधिकारी है परन्तु विप्रार्थी जानबुझ कर परिवादी को क्लेम की राशि न देने की बदनियत से झूठे आरोप परिवादी का क्लेम आवेदन खारिज किया गया है तथा विप्रार्थी द्वारा परिवादी को दी जाने वाली सेवा में भारी त्रुटि व कमी कारित की है। जिस पर परिवादी को यह परिवाद श्रीमानजी के समक्ष पेश करना पड़ रहा है ।
4. परिवादी को विप्रार्थी बीमा कम्पनी से चोरी हुऐ बीमित कम्प्युटर की कीमत रूपये 33430/- रूपयें दिलाये जावें, साथ ही विप्रार्थी द्वारा परिवादी को दी जाने वाली सेवा में त्रुटि व लापरवाही कारित करने के परिवादी को हुई मानसिक क्षतिपूर्ति पेटे रूपये 10000/- प्राप्त करने का अधिकारी है जिस हेतु यह परिवाद श्रीमानजी के समक्ष पेश है।
5. इस मंच को क्षैत्राधिकार होने का तथ्य वर्णित करते हुए परिवाद में वर्णित अनुतोष चाहा है।
6. विप्रार्थी की ओर से उक्त परिवाद के तथ्यों का जवाब पेश किया गया है जिसमें यह वर्णित है कि परिवादी सहायक निदेशक खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, क्षेत्रीय सीमा विकास कार्यालय नेहरू नगर बाड़मेर द्वारा कार्यालय भवन सहित समस्त सामान का बीमा ( जिसका उल्लेख बीमा पाॅलिसी संख्या 141100/48/12/34/00000174 में किया हुआ है ) दिनांक 19.07.2012 से 18.07.2013 तक के लिए किया गया था। वह बीमा पाॅलिसी में लिखी शर्तो के मुताबित ही किया गया था।
7. परिवादी के कार्यालय में रखे कम्प्यूटर चोरी होने के बाबत परिवादी द्वारा संबंधित पुलिस थाना में रिपोर्ट अवश्य की गई थी जिसमें पुलिस ने एफ.आर. ( नतीजा ) अदम पता माल एवं मुलजिम दी गई और वह एफ.आर. संबंधित न्यायालय में पेश की गई थी।
8. परिवादी संस्था की ओर से विप्रार्थी बीमा कम्पनी में कम्प्यूटर चोरी होने बाबत क्लेम अवश्य पेश किया गया था परन्तु विप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्राप्त की गई सर्वे रिपोर्ट के मुताबित परिवादी का दावा भुगतान योग्य नहीं होने के कारण खारिज कर दिया गया जिसकी सूचना भी परिवादी को यथा समय दे दी गई थी।
9. परिवादी को दिनांक 19.07.2012 से 18.07.2013 तक के लिए जो बीमा पाॅलिसी जारी की गई, उसके संबंध में विप्रार्थी बीमा कम्पनी की ओर से विकास अधिकारी द्वारा पत्र अवश्य लिखा गया था परन्तु बीमा पाॅलिसी जो जारी की गई उसमें एवं बीमा पाॅलिसी के नवीनीकरण हेतु जो पत्र जारी किया गया था उसमे स्पष्ट रूप से कम्प्यूटर शब्द नहीं लिखा हुआ है। इसलिए सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर परिवादी द्वारा प्रस्तुत किया गया, कम्प्युटर चोरी होने का क्लेम रूपये 33,430/- का सही खारिज किया गया।
10. विप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी संस्था को दी जाने वाली सेवाओं में कोई त्रुटि नहीं की गई है, सेवाओं की कमी का यह मामला नहीं बनता है। और साथ ही प्रार्थना की है की परिवादी का परिवाद खारिज किया जावे।
11. उपरोक्त तथ्यों पर दोनों पक्षों को सुना गया। पत्रावली का अवलोकन किया।
12. विद्वान अभिभाषक परिवादी ने परिवाद में वर्णित तथ्यों का समर्थन दस्तावेजात व शपथ पत्र से होने का हवाला देकर परिवाद स्वीकार करने की दलील दी।
13. विद्वान अभिभाषक विप्रार्थी ने जवाब के तथ्यों का समर्थन शपथ पत्र व दस्तावेजात से होने की दलील देते हुए परिवाद खारिज करने की दलील दी।
14. उपरोक्त दलीलों के संदर्भ में हमने पत्रावली का अध्ययन किया तो पत्रावली के अवलोकन से प्रकट होता है कि विप्रार्थी ने अपने जवाब के चरण 1 में बीमा करने के तथ्य को स्वीकार किया है तथा चोरी बाबत् प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाना भी माना है। मुख्य आधार पाॅलिसी के नवीनीकरण हेतु जो पत्र भेजा गया था उसमें कम्प्युटर शब्द नहीं होने के कारण दावा अस्वीकार करने का तथ्य वर्णित किया है। इसी संदर्भ में हमने मूल पाॅलिसी का अध्ययन किया तो पाया कि पाॅलिसी नवीनीकरण हेतु पत्र दिनांक 13.07.2011 के बिन्दू एक (ए) में कम्प्युटर, कूलर शब्द वर्णित है। प्रथम सूचना रिपोर्ट नम्बर 341/2012 में वर्णित तथ्यों व परिवाद के तथ्यों के अनुसार पाॅलिसी की शर्ताें के अन्तर्गत परिवादी का क्लेम स्वीकार किये जाने योग्य है।
ःःआदेष:ः
अतः परिवादी का परिवाद स्वीकार किया जाकर विप्रार्थी को आदेशित किया जाता है कि कम्प्युटरों के चोरी हो जाने के संबंध में रूपये 33,430/- (अक्षरे तेतीस हजार चार सौ तीस रूपये मात्र) का परिवादी संस्था को भुगतान करे। उक्त राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 11.03.2013 से 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी देय होगा।
मानसिक संताप की राशि दिलाया जाना उचित नहीं है क्योंकि परिवादी एक अद्र्व राजकीय संस्था है जिसके रख-रखाव की जिम्मेदारी कर्मचारियों की बनती है। परिवाद व्यय के रूपये 1500/- (अक्षरे एक हजार पांच सौ रूपये) विप्रार्थी परिवादी को अदा करे।
(श्रीमति ममता मंगल) (श्री अशोककुमार सिंधी) (श्री मिथिलेशकुमार शर्मा)
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
निर्णय व आदेश आज दिनांक 04.02.2015 को खुले मंच पर लिखवाया जाकर सुनाया गया।
(श्रीमति ममता मंगल) (श्री अशोककुमार सिंधी) (श्री मिथिलेशकुमार शर्मा)
सदस्या सदस्य अध्यक्ष
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