Rajasthan

Jaisalmer

CC/28/15

SUMAR KHAN - Complainant(s)

Versus

U.I.I.CO.LTD. - Opp.Party(s)

ARVIND DAIYA

12 Jan 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/28/15
 
1. SUMAR KHAN
SAM JAISALMER
...........Complainant(s)
Versus
1. U.I.I.CO.LTD.
JAISALMER
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES SH. RAMCHARAN MEENA PRESIDENT
  SANTOSH VYAS MEMBER
  MANOHAR SINGH NARAWAT MEMBER
 
For the Complainant:ARVIND DAIYA, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,जैसलमेर(राज0)

1. अध्यक्ष    ः श्री रामचरन मीना ।
2. सदस्या   : श्रीमती संतोष व्यास।
3. सदस्य    ः श्री मनोहर सिंह नरावत।        
    
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथी - 01.07.2015
मूल परिवाद संख्या:- 28/2015


श्री सुमार खाॅ पुत्र श्री महेन्द्र खाॅ,  जाति- मुसलमान,
निवासी- मतुओं की बस्ती सम तह. व जिला जैसलमेर    
                        ............परिवादी।

बनाम

शाखा प्रंबधक, युनाईटेड इण्डिया इंष्योरेस कम्पनी लिमिटेड षिव रोड़ जैसलमेर
                        
.............अप्रार्थी।


प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 12, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986

उपस्थित/-
1.    श्री अरविन्द्र दैया, अधिवक्ता परिवादी की ओर से।
2.    श्री उम्मेदसिंह नरावत अप्रार्थी की ओर से ।

ः- निर्णय -ः            दिनांकः 12.01..2016


1.    परिवादी का सक्षिप्त मे परिवाद इस प्रकार है कि परिवादी ने वर्ष 2015 मे आयोजित मरू मैला मे ऊॅट दौड मे भाग लेने के लिए सम कैम्प एण्ड रिसोर्ट वैलफेयर सोसायटी जैसलमेर मे अपने ऊॅट को शामिल किया तथा उक्त सोसायटी द्वारा कुल शामिल 20 ऊॅट का अप्रार्थी के यहा एक दिन दिनांक 03.02.2015 के लिए बीमा किया गया तथा अप्रार्थी द्वारा एक दिन की प्रीमियम राषि प्राप्त कर पाॅलिसी सख्या 141103/47/14/05/00000044 जारी कर परिवादी के ऊॅट का टेग नम्बर 8030 जारी किया तथा परिवादी ने मरू मैला ऊॅट दौड मे हिस्सा लिया और परिवादी का दौड मे ऊॅट का नम्बर 17 था ऊॅट दौड मे प्रार्थी का ऊॅट नीचे गिर गया तथा नीचे गिरते ही ऊॅट ने दम तोड दिया जिसकी सूचना परिवादी द्वारा पुलिस को दी गई तत्पश्चात मृतक ऊॅट का पोस्टमाटम किया गया तथा ऊॅट के टेग नम्बर अप्रार्थी बीमा कम्पनी को पेष कर बीमा क्लैम हैतु समस्त औपचारिकताए पूर्ण कर अप्रार्थी को दस्तावेज पेष किये लेकिन अप्रार्थी ने ऊॅट का बीमा क्लैम खारिज कर सेवा दोष कारित किया है। अप्रार्थी के सेवा की दोष की श्रेणी मे आता है प्रार्थी ने मृतक ऊॅट की कीमत 25,000 रू मानसिक हर्जाना पेटे 10,000 रू व परिवाद व्यय 5,000 रू दिलाये जाने का निवेदन किया।

2.        अप्रार्थी की ओर से जवाब पेष कर प्रकट किया कि अप्रार्थी द्वारा परिवादी का क्लैम सही खारिज किया गया है क्योकि ऊॅट की मृत्यु बीमारी व दृर्घटना से न होकर दिल का दौरा पड़ने से हुई है जो बीमारी व दूघर्टना की परिभाषा मे नही आती है बीमा पाॅलिसी के अनुसार जोखिम केवल बीमारी व दूघर्टना से ही पशु मरने पर होता है। ऊॅट को तेज गति से भगाने के कारण स्वयं परिवादी की लापरवाही के कारण मृत्यु हुई है इसलिए प्रार्थी बीमा क्लैम प्राप्त करने का अधिकारी नही है। अप्रार्थी द्वारा कोई सेवाओं मे त्रुटि नही की गई है। परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने का निवेदन किया।
3.    हमने विद्वान अभिभाषक प्रार्थी की बहस सुनी और पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया ।
4.    विद्वान अभिभाषक परिवादी द्वारा की गई बहस पर मनन करने, पत्रावली में पेष किए गए शपथ पत्रों एवं दस्तावेजी साक्ष्य का विवेचन करने तथा सुसंगत विधि को देखने के पष्चात इस प्रकरण को निस्तारित करने हेतु निम्नलिखित विवादित बिन्दु कायम किए जाते है -
1.    क्या परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है ?
2.    क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटि के दोष की तारीफ में आता है?
3.    अनुतोष क्या होगा ?
5 बिन्दु संख्या 1:-  जिसे साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या परिवादी उपभोक्ता की तारीफ में आता है अथवा नहीं और मंच का भी सर्वप्रथम यह दायित्व रहता है कि वे इस प्रकार के विवादित बिन्दु पर सबसे पहले विचार करें, क्यों कि जब तक परिवादी एक उपभोक्ता की तारीफ में नहीं आता हो, तब तक उनके द्वारा पेष किये गये परिवाद पर न तो कोई विचार किया जा सकता है और न ही उनका परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पोषणिय होता है, लेकिन हस्तगत प्रकरण में परिवादी ने बाकायदा विहित प्रक्रिया अपना कर अपने ऊॅट को मरू मैला वर्ष 2015 मे ऊॅट दौड़ दौड मे भाग लेने के लिए सम कैम्प एण्ड रिसोर्ट वैलफेयर सोसायटी जैसलमेर मे अपने ऊॅट को शामिल किया तथा उक्त सोसायटी द्वारा कुल शामिल 20 ऊॅट का अप्रार्थी के यहा एक दिन दिनांक 03.02.2015 के लिए बीमा किया गया तथा अप्रार्थी द्वारा एक दिन की प्रीमियम राषि प्राप्त कर सयुक्त पाॅलिसी सख्या 141103/47/14/05/00000044 जारी कर परिवादी के ऊॅट का टेग नम्बर 8030 जारी किया इसलिए हमारी विनम्र राय में परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2; 1द्ध;क्द्ध के तहत एक उपभोक्ता की तारीफ में आता है, फलतः बिन्दु संख्या 02 परिवादी के पक्ष में निस्तारित किया जाता है ।

6 बिन्दु संख्या 2:-  जिसे भी साबित करने का संपूर्ण दायित्व परिवादी पर है जिसके तहत कि क्या विपक्षी का उक्त कृत्य एक सेवा त्रुटी के दोष की तारीफ में आता है अथवा नहीं ? विद्वान अप्रार्थी अभिभाषक की दलील है कि परिवादी का जो क्लैम खारिज किया गया है वह सही खारिज किया गया है क्योकि ऊॅट की मृत्यु किसी दुर्घटना या बीमारी से नही हुई है बल्कि उसकी मृत्यु दिल का दौरा ( ब्ंतकपंब ंततमेज ) पड़ने से हुई है जो बीमा पाॅलिसी के अनुसार जोखिम कवर मे नही आती है। उनकी यह भी दलील है कि परिवादी ने ऊॅट को दौड़ मे तेज गति व लापरवाही से भगाया जिस कारण ऊॅट की मृत्यु हुई इस कारण भी बीमा शर्तो का उल्लघन हुआ है। उनकी यह भी दलील है कि बीमित ऊॅट की बीमित राषि 18,000 रू ही है 25,000 रू ऊॅट की कीमत राषि का जो परिवाद पेष किया है वह देय नही है। अप्रार्थी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी का क्लैम खारिज कर कोई सेवा दोष कारित नही किया है इसलिए परिवाद को मय हर्जे के खारिज किया जावें।
    इसका प्रबल विरोध करते हुए परिवादी अभिभाषक की दलील है कि मरू मैला वर्ष 2015 मे ऊॅट दौड़ का आयोजन किया गया था जिसमे 20 ऊॅटो को शामिल किया गया था उस दौड़ के लिए परिवादी के ऊॅट का भी एक दिन के लिए ऊॅट दौड़ हैतु दिनांक 03.02.2015 को बीमा किया गया था तथा प्रीमियम अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने लेकर सयुक्त पाॅलिसी जारी की गई थी तथा ऊॅट का टेग नम्बर 8030 जारी किये गये थे। ऊॅट दौड़ दिनांक 03.02.2015 के दौरान ऊॅट दौड़ मे अकस्मात नीचे गिर गया तथा नीचे गिरते ही ऊॅट ने दम तोड़ दिया अतः ऊॅट की मृत्यु दौडने के परिणाम स्वरूप दुर्घटनावष हुई। ऊॅट का बीमा ऊॅट दोैड़ के लिए ही किया गया था तथा यह एक सामूहिक बीमा था अतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी यह नही कह सकती कि परिवादी की लापरवाही इस दौड़ मे रही हो यह दुर्घटना का मामला है जिसके कारण ऊॅट का हदयाघात (दिल का दौरा ) हुआ था जो दुर्घटना की तारिफ मे आता है इसलिए बीमा कम्पनी अपने दायित्व से नही बच सकती अतः अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने जो क्लैम खारिज किया है वह गलत आधारों पर खारिज कर सेवा दोष कारित किया है। इसलिए अप्रार्थी बीमा कम्पनी से 25,000 रू ऊॅट की कीमत सहित हर्जोना राषि व परिवाद व्यय दिलाया जावें।
7.    उभयपक्षों के तर्को पर मनन किया गया बीमा कम्पनी ने यह स्वीकार किया है कि ऊॅट टेग नम्बर 8030 का बीमा एक दिन की अवधि के लिए दिनांक 03.02.2015 को किया गया तथा साथ ही यह भी स्वीकृत तथ्य है कि बीमित ऊॅट की मृत्यु दिनांक 03.02.2015 को हुई जो बीमा अवधि के दौरान ही हैै। परिवादी ने अपने परिवाद व सषपथ बयानो मे यह बताया है कि प्रार्थी ने मरू मैला वर्ष 2015 मे भाग लेने के लिए सम कैम्प एण्ड रिसोर्ट वैलफेयर सोसायटी जैसलमेर मे अपने ऊॅट को शामिल किया तथा उक्त सोसायटी द्वारा कुल शामिल 20 ऊॅट का अप्रार्थी के यहा एक दिन दिनांक 03.02.2015 के लिए बीमा किया गया तथा अप्रार्थी द्वारा एक दिन की प्रीमियम राषि प्राप्त कर सयुक्त पाॅलिसी सख्या 141103/47/14/05/00000044 जारी कर परिवादी के ऊॅट का टेग नम्बर 8030 जारी किया। उनकी यह भी साक्ष्य है कि मरू मैला वर्ष 2015 मे परिवादी के ऊॅट ने ऊॅट दौड़ मे हिस्सा लिया जिसमे प्रार्थी का ऊॅट नम्बर 17 था दौराने ऊॅट दौड़ परिवादी का ऊॅट गिर गया और नीचे गिरते ही ऊॅट ने दम तोड दिया जिसकी सूचना प्रार्थी द्वारा पुलिस थाना मे दी गई तथा ऊॅट का पोस्टमार्टम कराया गया ऊॅट की मृत्यु अकस्मात दौड़ के कारण हुई लेकिन बीमा कम्पनी ने उसका क्लैम खारिज कर सेवा दोष खारिज किया है। परिवादी ने अपनी साक्ष्य के समर्थन मे ऊॅट की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पुलिस थाना रोजनामचा आम की प्रति व बीमा सीट आदि पेष की गई। अतः परिवादी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य से यह तथ्य आया है कि परिवादी का ऊॅट दौड़ मे शामिल हुआ और वह दौड़ा जिसके कारण उसकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम रिपोट मे भी यह तथ्य आया है कि प्द उल वचपदपवद जीम बंनम व िकमंजी व िंइवअम ेंपक ंदपउंस ूंे कनम जव ेीवबा तमेनसजपदह तिवउ बंतकपंब ंततमेजण् अतः की ऊॅट मृत्यु हदय गति रूक जाने के कारण हुई इससे यह भी स्पष्ठ है कि ऊॅट जो दौड़ मे शामिल हुआ, दौड़ा जिसके कारण उसकी हदय गति रूक गई और उसकी मृत्यु हो गई जो एक प्रकार से दुर्घटना मृत्यु ही मानी जावेंगी। अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने उक्त ऊॅट का बीमा केवल एक दिन के लिए ऊॅट दौड़ के लिए ही किया गया था और इसी दौड़ के दौरान ऊॅट की दुर्घटनाग्रस्त मृत्यु हुई। अब अप्रार्थी बीमा कम्पनी इस आधार पर क्लैम खारिज नही कर सकती कि दुर्घटना एक्सीडेन्ट की तारीफ मे नही आती है जबकि स्पष्ट रूप से अप्रार्थी बीमा कम्पनी ने एक दिन के लिए आयोजित होने वाली ऊॅट दौड़ के दौरान घटित होने वाली दुर्घटना के लिए ही प्रीमियम लेकर ऊॅटो को बीमित किया था। अतः परिवादी का ऊॅट दौड़ दौरान ही मरा है जो दुर्घटना की तारीफ मे आता है इस प्रकार परिवादी ने किसी भी बीमा शर्तो का उल्लघन नही किया है तथा बीमा कम्पनी यह भी साबित नही कर पाई है कि परिवादी की दुर्घटना कारित करने मे कोई लापरवाही रही हो अतः बीमा कम्पनी ने परिवादी का क्लैम खारिज कर सेवा दोष कारित किया है।
अप्रार्थी का उक्त कृत्य सेवा दोष की त्रृटि मे आता है फलत् बिन्दू सं. 2 प्रार्थी के पक्ष मे निस्तारित किया जाता है।
8 बिन्दु संख्या 3:- अनुतोष । बिन्दु संख्या 3 प्रार्थी के पक्ष में निस्तारित होने के फलस्वरूप परिवादी का परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य है जो स्वीकार किया जाता है । जहां तक क्लेम की राषि का प्रष्न है परिवादी अप्रार्थी बीमा कम्पनी से ऊॅट की बीमित राषि 18,000 रू प्राप्त करने का अधिकारी है साथ ही परिवादी को मानसिक वेदना के लिए 1000/- रूपये अक्षरे रू. एक हजार तथा परिवाद व्यय के 2000 रू अक्षरे रू दो हजार मात्र दिलाया जाना उचित है ।

ः-ः आदेष:-ः

    परिणामतः प्रार्थी का परिवाद अप्रार्थी के विरूद्व स्वीकार किया जाकर अप्रार्थी को आदेषित किया जाता है कि वे आज से 2 माह के भीतर भीतर परिवादी को उक्त बीमित ऊॅट की बीमित राषि 18,000 अक्षरे रू अठ्ारह हजार तथा मानसिक वेदना के 1000 रूपये अक्षरे रू एक हजार मात्र व परिवाद व्यय के 2000 रू अक्षरे रू दो हजार मात्र अदा करे ।  

            

 
                     ( मनोहर सिंह नारावत )                                 (संतोष व्यास)                                                 (रामचरन मीना)
                                   सदस्य,                                                सदस्या                                                             अध्यक्ष,
                  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
                                जैसलमेर।                                              जैसलमेर।                                                         जैसलमेर।

    
    आदेश आज दिनांक 12.01.2016 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।

 

                        ( मनोहर सिंह नारावत )                                 (संतोष व्यास)                                                 (रामचरन मीना)
                                   सदस्य,                                                सदस्या                                                             अध्यक्ष,
                  जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,      जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच          जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच,
                                जैसलमेर।                                              जैसलमेर।                                                         जैसलमेर।

 

 

 

 

 
 
[JUDGES SH. RAMCHARAN MEENA]
PRESIDENT
 
[ SANTOSH VYAS]
MEMBER
 
[ MANOHAR SINGH NARAWAT]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.