Smt. Susma yadav filed a consumer case on 07 Aug 2018 against U.C.& Sons in the Muradabad-II Consumer Court. The case no is CC/17/2018 and the judgment uploaded on 31 Aug 2018.
Uttar Pradesh
Muradabad-II
CC/17/2018
Smt. Susma yadav - Complainant(s)
Versus
U.C.& Sons - Opp.Party(s)
07 Aug 2018
ORDER
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम-द्वितीय, मुरादाबाद
परिवाद संख्या-17/2018
श्रीमती सुषमा यादव पत्नी श्री आर.बी. सिंह निवासी शिव विहार मानसरोवर कालौनी दिल्ली रोड मुरादाबाद। ….....परिवादनी
बनाम
1-यू.सी. एण्ड सन्स मण्डी समिति के सामने मझौला लाइनपार मुरादाबाद।
वाद दायरा तिथि: 28-02-2018 निर्णय तिथि: 07.08.2018
उपस्थिति
श्री पवन कुमार जैन, अध्यक्ष
श्री सत्यवीर सिंह, सदस्य
(श्री पवन कुमार जैन, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित)
निर्णय
इस परिवाद के माध्यम से परिवादनी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षीगण से उसे परिवाद के पैरा-1 में उल्लिखित मोबाइल का मूल्य अंकन-8000/-रूपये 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाया जाये। क्षतिपूर्ति की मद में 50 हजार रूपये और परिवाद व्यय की मद में 15 हजार रूपये परिवादनी ने अतिरिक्त मांगा है।
संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि दिनांक 09-8-2017 को परिवादनी ने विपक्षी-3 कंपनी का एक मोबाइल, जिसका विवरण परिवाद के पैरा-1 में दिया गया है, आठ हजार रूपये में विपक्षी-1 से खरीदा था। मोबाइल की एक साल की वारंटी थी। खरीदने के कुछ समय बाद ही मोबाइल में समस्या आने लगी, वह बात करते-करते अचानक बन्द हो जाता था और उसका टच भी काम करना छोड़ दिया था। इस समस्या को उसने विपक्षी-1 को बताया तो विपक्षी-1 ने परिवादनी को मोबाइल के सर्विस सेंटर-विपक्षी-2 के पास जाने की सलाह दी। दिनांक 11-10-2017 को परिवादनी उक्त मोबाइल लेकर विपक्षी-2 के पास गई। विपक्षी-2 ने मोबाइल लेकर कुछ ठीक किया और 15 मिनट बाद ही परिवादनी को वापिस कर दिया। परिवादनी के अनुसार अब मोबाइल बात करते-करते बहुत गरम हो जाता था। विपक्षी-2 से जब इसकी शिकायत की गई तो उन्होंने पुन: 15 मिनट बाद परिवादनी को मोबाइल वापिस कर दिया। फोन ठीक नहीं हुआ था और पहले की समस्यायें अभी भी मौजूद थीं। परिवादनी ने नया मोबाइल देने का अनुरोध किया किन्तु विपक्षीगण ने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया। परिवादनी के अनुसार विपक्षीगण के कृत्य सेवा में कमी हैं, उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाये जाने की प्रार्थना की।
परिवाद के साथ परिवादनी ने मोबाइल की असल सेल इन्वायस तथा दिनांक 21-02-2018 की जॉबशीट की छायाप्रति को दाखिल किया।
विपक्षीगण पर परिवाद के नोटिस व्यक्तिगत रूप से तामील होने के बावजूद कोई भी विपक्षी फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। फोरम के आदेश दिनांक 05-7-2018 के अनुपालन में परिवाद की सुनवाई उनके विरूद्ध एकपक्षीय की गई।
एकपक्षीय साक्ष्य में परिवादनी ने अपना साक्ष्य शपथपत्र कागज सं.-7/1 लगायत 7/2 दाखिल किया।
लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
हमने परिवादनी के विद्वान अधिवक्ता के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
विपक्षीगण की ओर से बहस हेतु कोई उपस्थित नहीं हुए।
परिवादनी ने अपने साक्ष्य शपथपत्र के माध्यम से परिवाद कथनों को सशपथ दोहराया और शपथपूर्वक कहा कि मोबाइल खरीदने के लगभग एक महीने बाद ही मोबाइल में समस्यायें आने लगी थीं, वह बात करते-करते अचानक बन्द हो जाता था और उसका टच भी काम करना बन्द कर दिया था। मोबाइल को ठीक कराने के लिए वह कई बार सर्विस सेंटर पर लेकर गई किन्तु मोबाइल ठीक नहीं हुआ। उसमें बात करते-करते गरम होने की समस्या भी उत्पन्न हो गई। परिवादनी के कथनों का खण्डन करने हेतु विपक्षीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुए। विपक्षी-2 द्वारा परिवादनी को दी गई जॉबशीट दिनांकित 21-02-2018 से परिवादनी के उक्त कथनों की पुष्टि होती है।
परिवादनी यह दर्शाने में सफल रही है कि वारंटी अवधि में ही प्रश्नगत मोबाइल में समस्यायें उत्पन्न हो गई थीं, जिनका विपक्षी-2 व 3 द्वारा निराकरण नहीं किया गया। इन विपक्षीगण के कृत्य सेवा में कमी हैं। उचित यह दिखायी देता है कि परिवादनी को प्रश्नगत मोबाइल का मूल्य अंकन-8000/-रूपये 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित विपक्षी-2 एवं विपक्षी-3 से वापिस दिला दिया जाये। परिवाद व्यय की मद में परिवादनी को इन विपक्षीगण से अंकन-2500/-रूपये अतिरिक्त दिलाया जाना भी न्यायोचित दिखायी देता है। विपक्षी-1 मोबाइल के विक्रेता हैं, उनकी ओर से सेवा प्रदान करने में कमी किया जाना प्रकट नहीं हुआ। परिवाद उपरोक्तानुसार स्वीकार होने योग्य है।
परिवाद योजित किये जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित अंकन-8000/-रूपये की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादनी के पक्ष में विपक्षी-2 एवं विपक्षी-3 के विरूद्ध स्वीकृत किया जाता है। उक्त विपक्षीगण से परिवादनी परिवाद व्यय की मद में अंकन-2500/-रूपये अतिरिक्त पाने की भी अधिकारिणी होगी। इस आदेशानुसार समस्त धनराशि का भुगतान परिवादनी को एक माह में किया जाये।
(सत्यवीर सिंह) (पवन कुमार जैन)
सदस्य अध्यक्ष
आज यह निर्णय एवं आदेश हमारे द्वारा हस्ताक्षरित तथा दिनांकित होकर खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।
(सत्यवीर सिंह) (पवन कुमार जैन)
सदस्य अध्यक्ष
दिनांक: 07-08-2018
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