Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1163

Munesh Kumar - Complainant(s)

Versus

U P P C L - Opp.Party(s)

O P Duvel

25 Sep 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1163
( Date of Filing : 07 Jul 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Munesh Kumar
a
...........Appellant(s)
Versus
1. U P P C L
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 25 Sep 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1163/2010

मुनेश कुमार पुत्र श्री सुरेन्‍द्र सिंह तथा ग्‍यारह अन्‍य बनाम अधिशासी अभियन्‍ता, उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0

समक्ष:-                                                              

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनांक : 25.09.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद संख्‍या-95/2003, मुनेश कुमार तथा अन्‍य बनाम अधिशासी अभियनता, उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0 में विद्वान जिला आयोग, हाथरस (महामायानगर) द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.5.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर केवल अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री ओ.पी. दुवेल को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी की ओर से पूर्व में विद्वान अधिवक्‍ता श्री मोहन अग्रवाल उपस्थित आ चुके हैं, परन्‍तु आज बहस के लिए वह उपस्थित नहीं हैं।

2.    विद्वान जिला आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि अनेक व्‍यक्तियों द्वारा एक साथ परिवाद प्रस्‍तुत किया गया है। सीपीसी के आदेश 1 नियम 8 के प्रावधान लागू नहीं होते हैं, इसलिए परिवाद संधारणीय नहीं है, परन्‍तु चूंकि पंजीकृत उपभोक्‍ता संरक्षण संस्‍थान भी प्रश्‍नगत केस में परिवादी है, जो उपभोक्‍ताओं के संबंध में परिवाद प्रस्‍तुत करने के लिए अधिकृत है। इसी प्रकार एक सामान हित जो एक ही वादकारण से उत्‍पन्‍न हुआ हो, रखने वाले अनेक व्‍यक्ति परिवाद प्रस्‍तुत कर सकते हैं। अत: इस संबंध में विद्वान जिला आयोग द्वारा दिया गया निर्णय विधिसम्‍मत नहीं कहा जा सकता। तदनुसार यह निर्णय अपास्‍त होने और प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार करते हुए पुन: गुणदोष पर निस्‍तारण हेतु प्रतिप्रेषित किए जाने योग्‍य है।

आदेश

3.    प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 19.05.2010 अपास्‍त किया जाता है तथा यह प्रकरण विद्वान जिला आयोग को इस निर्देश के साथ प्रतिप्रेषित किया जाता है कि वह इस परिवाद को मूल नम्‍बर पर पुनर्स्‍थापित करते हुए इसका गुणदोष पर निस्‍तारण उभय पक्ष को साक्ष्‍य एवं सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करते हुए अधिकतम 03 माह में करना सुनिश्चित करे और किसी भी पक्षकार को कोई स्‍थगन (अपरिहार्य परिस्थिति के अलावा) स्‍वीकृत नहीं किया जाएगा।

      उभय पक्ष विद्वान जिला आयोग के समक्ष दिनांक 25.11.2024 को उपस्थित हों। 

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

  लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.