Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1694

Mohd Ayub Khan - Complainant(s)

Versus

U P P C L - Opp.Party(s)

R K Mishra

19 Jun 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1694
( Date of Filing : 29 Sep 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Mohd Ayub Khan
a
...........Appellant(s)
Versus
1. U P P C L
A
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Jun 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील सं0-1694/2010

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0-181/2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-08-2010 के विरूद्ध)

 

मोहम्‍मद अयूब खॉं पुत्र इलियाज खान, निवासी ग्राम फिरोजाबाद पोस्‍ट चांदपुर परगना इलोतर अजगैन, तहसील हसनगंज, जिला उन्‍नाव।

      ...........अपीलार्थी/परिवादी।  

बनाम

1. उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लि0, 14 अशोक मार्ग, शक्ति भवन, लखनऊ द्वारा अध्‍यक्ष/प्रबन्‍ध निदेशक।

2. मध्‍यांचल विद्युत वितरण खण्‍ड, मुख्‍यालय सिविल लाइन उन्‍नाव द्वारा अधिशासी अभियन्‍ता।

............ प्रत्‍यर्थीगण/विपक्षीगण।     

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री आर0के0 मिश्रा विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री इसार हुसैन विद्वान अधिवक्‍ता।

 

दिनांक :- 19-06-2024.

 

मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह अपील, उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्‍तर्गत, जिला उपभोक्‍ता आयोग, उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0-181/2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-08-2010 के विरूद्ध योजित की गयी है।

विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवादी का परिवाद खारिज किया गया है।

पीठ द्वारा उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण को सुना गया तथा पत्रावली का सम्‍यक् रूप से परिशीलन किया गया।   

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्वान जिला आयोग ने गलत तथ्‍यों के आधार पर एवं परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत किए गए साक्ष्‍य पर बिना विचार किए हुए परिवाद निरस्‍त कर दिया है। अत: अपील स्‍वीकार की जानी चाहिए।

-2-

प्रस्‍तुत केस में यह तथ्‍य उल्‍लेखनीय है कि प्रश्‍नगत परिवाद प्रस्‍तुत करने के पूर्व परिवादी 02 बार परिवाद प्रस्‍तुत कर चुका था, जो पूर्व में विद्वान जिला आयोग द्वारा खारिज किए जा चुके थे। पूर्व में प्रस्‍तुत किए गए परिवाद के समान तथ्‍यों पर ही यह तीसरा परिवाद विद्वान जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया गया।

अत: उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचते हैं कि विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित  आदेश में किसी प्रकार के हस्‍तक्षेप की आवश्‍यकता नहीं है और वर्तमान अपील तदनुसार निरस्‍त होने योग्‍य है।      

आदेश

वर्तमान अपील निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, उन्‍नाव द्वारा परिवाद सं0-181/2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18-08-2010  की पुष्टि की जाती है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाय।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                                 सदस्‍य                    

 

दिनांक :- 19-06-2024.

                    

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.        

 

  

             

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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