(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1705/2010
(जिला उपभोक्ता आयोग, हाथरस (महामायानगर) द्वारा परिवाद संख्या-142/2006 में पारित निणय/आदेश दिनांक 30.8.2010 के विरूद्ध)
खूब सिंह पुत्र छिद्दू सिंह, निवासी खिटौली हसायन, सिकन्दरामऊ, जिला हाथरस।
अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
अधिशासी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड द्वितीय उ0प्र0 पावर कार्पोरेशन लिमिटेड, कार्यालय मुरसान गेट हाथरस।
प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री ओ.पी. दुवेल।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : श्री दीपक मेहरोत्रा।
दिनांक: 02.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-142/2006, खूब सिंह बनाम अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खण्ड में विद्वान जिला आयोग, हाथरस (महामायानगर) द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 30.8.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता एवं प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवादी द्वारा प्रस्तुत किए गए परिवाद को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए मांग पत्र निरस्त किया है और मानसिक प्रताड़ना की मद में अंकन 500/-रू0 अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. इस निर्णय/आदेश को परिवादी द्वारा चुनौती देते हुए यह मांग की गई है कि विपक्षी को निर्देश दिया जाए कि वह नलकूप हेतु 5 हार्स पावर का कनेक्शन जारी करे तथा परिवादी द्वारा जमा की गई राशि पर जमा करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 15 प्रतिशत ब्याज तथा सम्पूर्ण अनुतोष प्रदान करे।
4. परिवाद पत्र के विवरण के अनुसार परिवादी द्वारा विद्युत कनेक्शन लेने के लिए सभी औपचारिताएं पूर्ण करते हुए वांछित धनराशि जमा कर दी गई, परन्तु विद्युत कनेक्शन जारी नहीं किया गया, जबकि लाइन स्थापित करने के आदेश दिनांक 5.5.2003 को हो चुके हैं। विद्युत कनेक्शन जारी किए बिना ही वसूली प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, जबकि परिवादी ने बिजली का कोई उपभोग नहीं किया है। विद्युत कनेक्शन के अभाव में अंकन 30,000/-रू0 वार्षिक कृषि फसल की हानि हो रही है। इस प्रकार उपभोक्ता द्वारा मांग पत्र को निरस्त करने के साथ-साथ कृषि कार्य की हानि की मद में अंकन 30,000/-रू0 वार्षिक हानि की मांग की गई थी साथ ही विद्युत कनेक्शन जारी करने की मांग भी की गई थी, परन्तु विद्वान जिला आयोग द्वारा विद्युत कनेक्शन जारी करने के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया गया, इसलिए विद्युत कनेक्शन जारी करने का आदेश भी पारित किया जाना चाहिए था, परन्तु दूरवर्ती क्षति के संबंध में कोई आदेश पारित किया जाना संभव नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत की गई अपील इस सीमा तक स्वीकार होने योग्य है कि विद्युत विभाग द्वारा परिवादी के पक्ष में एक
माह के अंदर विद्युत कनेक्शन जारी किया जाए।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.08.2010 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विद्युत विभाग द्वारा परिवादी के पक्ष में एक माह के अंदर विद्युत कनेक्शन जारी किया जाए। शेष निर्णय/आदेश यथावत् रहेगा।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दिनांक 02.07.2024
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2