(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-209/2010
गौरी शंकर गुप्ता बनाम एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, अर्बन इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन III
दिनांक : 24.09.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-516/2007 में विद्वान जिला आयोग, (प्रथम) आगरा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 6.1.2010 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री आर.के. गुप्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत आदेश/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता की मृत्यु पर प्रत्यर्थी को कार्यालय द्वारा नवीन अधिवक्ता नियुक्त करने हेतु सूचना प्रेषित की गई थी, परन्तु प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।
2. विद्वान जिला आयोग ने इस तथ्य को स्वीकृत मानते हुए कि विद्युत कनेक्शन हेतु सिक्योरिटी के रूप में अंकन 1,57,403/-रू0 फर्म बांके लाल आयल मिल्स द्वारा जमा किए गए थे, परन्तु उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के अभाव में इस राशि का लौटाने के लिए प्रस्तुत किए गए परिवाद को खारिज कर दिया गया।
3. परिवादी द्वारा कथन किया गया कि विद्युत कनेक्शन लेते समय बांके लाल आयल मिल्स फर्म द्वारा सिक्योरिटी राशि जमा की गई थी, जिसमें चन्द्र भान भी पार्टनर थे। विपक्षी का कथन है कि चन्द्र भान गुप्ता की मृत्यु हो चुकी है। सिक्योरिटी की राशि अकेले गौरी शंकर को अदा नहीं की जा सकती, इसी तर्क को विद्वान जिला आयोग द्वारा स्वीकार करते हुए परिवाद खारिज किया गया है।
4. फर्म के एक भागेदार की मृत्यु होने पर फर्म समाप्त हो जाती है, वह व्यक्ति जो फर्म के भागेदार रहे हैं, दायित्वों तथा अधिकारों के तहत फर्म की सम्पत्ति का उपयोग करते हैं, इसलिए एक भागेदार की मृत्यु पर दूसरे भागेदार द्वारा फर्म की सिक्योरिटी के लिए जमा राशि की मांग की जा सकती है, इसके लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 06.01.2010 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद इस सीमा तक स्वीकार किया जाता है कि सिक्योरिटी के रूप में जमा धनराशि अंकन 1,57,403/-रू0 जमा की तिथि से भुगतान की तिथि तक 6 प्रतिशत प्रतिवर्ष साधारण ब्याज के साथ देय होगी।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2