(माँधिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-792/2006
बुट्टन राम पुत्र स्व० बासदेव बनाम एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन, यू.पी.पी.सी.एल.
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक: 07.10.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-246/2002, बुट्टन राम बनाम अधिशासी अभियन्ता, विद्युत वितरण खण्ड में विद्वान जिला आयोग, सोनभद्र दवारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 2.3.2006 के विरुद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी की विद्वान अधिवक्ता श्रीमती भावना गुप्ता तथा प्रत्यर्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री इसार हुसैन को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि स्थायी विद्युत विच्छेदन की प्रक्रिया का पालन उपभोक्ता द्वारा नहीं किया गया है, इसलिए विद्युत भार की देनदारी नियमानुसार मानी जाएगी।
3. परिवाद पत्र के पैरा सं0-4 में यह उल्लेख है कि दिनांक 20.3.1998 को ओझा एवं फागू राम लाईनमैन द्वारा मनमाने ढंग से विद्युत कनेक्शन काट दिया गया, जिसकी पुष्टि शपथ पत्र से की गई है। लिखित कथन में केवल यह उल्लेख किया गया है कि अर्जित दावे की दफा सं0-4 से इंकार है, परन्तु यह स्पष्ट नहीं किया है कि यथार्थ मैं इस तिथि को विद्युत कनेक्शन नहीं काटा गया, जबकि इस तथ्य का खण्डन स्पष्ट रूप से किया जाना चाहिए था। सीपीसी के आदेश 8 नियम 5 की व्यवस्था के अनुसार यदि किसी तथ्य का खण्डन स्पष्ट रूप से नहीं किया जाता है तब माना जाएगा कि इस तथ्य को स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए विपक्षी द्वारा प्रस्तुत लिखित कथन के आधारों से जाहिर होता है कि परिवादी द्वारा वर्णित यह तथ्य कि दिनांक 20.3.1998 को विद्युत कनेक्शन काट दिया गया है. स्वीकार की श्रेणी में आता है। अतः दिनांक 20.3.1998 से अगले 06 माह की अवधि तक विद्युत विभाग द्वारा न्यूनतम विद्युत शुल्क वसूला जा सकता है, इस अवधि के पश्चात विद्युत कनेक्शन स्वतः विच्छेदित माना जाएगा तथा स्वतः विच्छेदन का शुल्क भी इस न्यूनतम शुल्क के साथ शामिल करते हुए वसूल किया जा सकता है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनाक 02.03.2006 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद इस सीमा तक स्वीकार किया जाता है कि दिनांक 20.03.1998 से अग्रिम 06 माह की अवधि तक विद्युत विभाग द्वारा स्थायी विद्युत विच्छेदन शुल्क जोडते हुए न्यूनतम विद्युत शुल्क वसूल सकता है. इसके अतिरिक्त दिनांक 20.03.1998 से अग्रिम 06 माह की अवधि के पश्चात कोई शुल्क वसूल नहीं किया जा सकता।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2