Uttar Pradesh

StateCommission

a/1995/959

Ramesh Chandra Agarwal - Complainant(s)

Versus

U P Housing & Development Board - Opp.Party(s)

26 Nov 1999

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. a/1995/959
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Ramesh Chandra Agarwal
a
...........Appellant(s)
Versus
1. U P Housing & Development Board
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखन

                   अपील संख्‍या- 959/1995             (मौखिक)

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-963/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05-4-1995 के विरूद्ध)

रमेश चन्‍द्र अग्रवाल, पुत्र मोहन लाल अग्रवाल, निवासी- धर्म निवास, सिविल लाइन्‍स, बुलन्‍दशहर।

                                     ....अपीलकर्ता/परिवादी

बनाम

     यू0पी0 हाऊसिंग एण्‍ड डेव्‍लपमेंट बोर्ड, 104 महात्‍मा गांधी मार्ग, लखनऊ द्वारा चेयरमैन।                           ...प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष:-

1. माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठा0 सदस्‍य।

2. माननीय श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित      : कोई नहीं।

दिनांक: 28-04-2015

माननीय श्री राम चरन चौधरी, पीठासीन सदस्‍य, द्वारा उदघोषित

निर्णय

     अपीलकर्ता ने यह अपील जिला उपभोक्‍ता फोरम गाजियाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या-963/1993 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 05-4-1995 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की है ,जिसके द्वारा जिला मंच ने निम्‍न आदेश पारित किया है: यदि परिवादी चाहे तो आज की कीमत पर जो कि विपक्षी द्वारा निश्चित की गई है, पर भवन ले सकता है। इसके अतिरिक्‍त परिवादी को कोई अन्‍य अनुतोष नहीं दिलाया जा सकता है।

     संक्षेप में केस के तथ्‍य इस प्रकार से है कि परिवादी रमेश अग्रवाल जी ने उत्‍तर प्रदेश आवास विकास परिषद के यहॉ हाऊसिंग स्‍कीम के अर्न्‍तगत 500-00 रूपये अप्रैल 1982 में भवन हेतु जमा करायें। विपक्षी ने भवन की कीमत लगभग 10,000-00 रूपये से 14,000-00 रूपये बताई थी। विपक्षी की मांग पर परिवादी ने सितम्‍बर 1985 में 500-00 रूपये और जमा किया। विपक्षी ने भवन दो से तीन वर्ष में देने की बात कहीं थी, लेकिन आज तक परिवादी को भवन नहीं मिला। अत: परिवादी ने प्रार्थना की

(2)

 है कि  पुराने दर पर ही परिवादी को भवन दिलाया जाए और 25,000-00 रूपये मानसिक कष्‍ट तथा पीड़ा के दिलाये जाय।

     विपक्षी जिला मंच के समक्ष उपस्थित होकर अपना प्रतिवाद पत्र दाखिल किया, जिसमें कहा गया है कि परिवादी के कुल 1000-00 रूपये जमा होना स्‍वीकार किया है। भवन निर्मित है और परिवादी आवंटन चाहता है तो अपनी लिखित सहमति दे सकता है। भवन की कीमत व अवधि अनुमानित है व परिवर्तनशील है। वादी वर्तमान कीमत पर सहमति देकर भवन प्राप्‍त कर सकता है। परिवादी कोई क्षतिपूर्ति पाने का अधिकारी नहीं है।

     उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अपील बहुत पुराना है। वर्ष 2010 से ही अपीलकर्ता की तरफ से कोई उपस्थित नहीं आरहा है। अत: प्रश्‍नगत अपील का अवलोकन किया गया तथा जिला उपभोक्‍ता फोरम के आदेश दिनांकित 05-04-195 का अवलोकन किया गया।

     केस के तथ्‍यों परिस्थितियों को देखते हुए हम यह पाते हैं कि जिला उपभोक्‍ता फोरम द्वारा जो निर्णय/आदेश पारित किया गया है, वह न्‍यायोचित है, उसमें हस्‍तक्षेप किये जाने की कोई गुंजाइश नहीं है और अपीलकर्ता की अपील खारिज होने योग्‍य है।

आदेश

     अपीलकर्ता की अपील खारिज की जाती है।

     उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वयं वहन करें।

 

 (राम चरन चौधरी)                              (राजकमल गुप्‍ता) 

  पीठासीन सदस्‍य                                  सदस्‍य

आर.सी. वर्मा, आशु. कोर्ट नं0-5

 

 
 
[HON'BLE MR. Ram Charan Chaudhary]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

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