Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/936

Ram Kishun General Store - Complainant(s)

Versus

U I I Co - Opp.Party(s)

H K Srivastava

02 Dec 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/936
( Date of Filing : 28 May 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Ram Kishun General Store
a
...........Appellant(s)
Versus
1. U I I Co
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Dec 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-936/2010

राम किशुन जनरल स्‍टोर बनाम मैनेजर, यूनाइटेड इंडिया इंश्‍योरेंस कं0लि0 तथा दो अन्‍य

 

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

दिनांक:  02.12.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.    परिवाद सं0-107/2006, रामकिशुन जनरल स्‍टोर बनाम प्रबंधक, यूनाइटेड इंडिया इं0कं0लि0 तथा दो अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, सोनभद्र द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.4.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एच.के. श्रीवास्‍तव तथा प्रत्‍यर्थी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता श्री विवेक कुमार सक्‍सेना को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्‍यर्थी सं0-2 एवं 3 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। यद्यपि‍ इसी अवसर पर यह स्‍पष्‍ट किया जाता है कि अपील लम्बित रहने के दौरान प्रत्‍यर्थी सं0-2, श्रीकान्‍त मिश्रा की मृत्‍यु कारित हो गई है, किंतु उनके उत्‍तराधिकारियों को प्रतिस्‍थापित नहीं किया गया है, परन्‍तु चूंकि वादकारण बीमा कंपनी के विरूद्ध है और मृतक श्रीकान्‍त मिश्रा को एजेंट बताया गया है, इसलिए एजेंट की मृत्‍यु के बाद अपील उनके विरूद्ध उपशमित हो जाने के बावजूद बीमा कंपनी के विरूद्ध अपील संचालित रहेगी।

2.    परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार परिवादी की दुकान रामकिशुन जनरल स्‍टोर गोविन्‍दपुर सोनभद्र में स्थित है, जिसका बीमा कराया गया था। बीमा अवधि  के  दौरान  दिनांक 25.9.2003 को परिवादी की दुकान की दीवाल

 

 

-2-

बरसात के कारण गिर गई और अंकन 33,715/-रू0 की क्षति कारित हुई, परन्‍तु बीमा कंपनी द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया, जबकि अन्‍य दो दुकानों में कारित क्षति की पूर्ति का भुगतान कर दिया गया है।

3.    विद्वान जिला आयोग ने परिवाद को इस आधार पर निरस्‍त किया है कि दीवाल का गिरना बीमा पालिसी के अंतर्गत संरक्षित नहीं है।

4.    अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि परिवादी द्वारा कुल तीन दुकानों का बीमा कराया गया था। बरसात के दौरान तीनों दुकानों में क्षति पहुँची। दो दुकानों के संबंध में कारित क्षति की पूर्ति कर दी गई, परन्‍तु प्रश्‍नगत दुकान के संबंध में कारित क्षति की पूर्ति नहीं की गई। परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया है कि दुकान की दीवाल की हानि हुई है, जबकि पालिसी में दुकान संरक्षित नहीं है, अपितु स्‍टॉक संरक्षित है, इसलिए दीवाल के गिरने के कारण कारित क्षति की पूर्ति के लिए बीमा कंपनी उत्‍तरदायी नहीं है। विद्वान जिला आयोग ने विधिसम्‍मत निर्णय/आदेश पारित किया है, जिसमें कोई हस्‍तक्षेप अपेक्षित नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

5.    प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(सुधा उपाध्‍याय)                        (सुशील कुमार)

  सदस्‍य                                 सदस्‍य

 

लक्ष्‍मन, आशु0, कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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