Chhattisgarh

Bilaspur

CC/11/151

SHRI SAHAS RAM NAGVANSHI - Complainant(s)

Versus

TRANSPORT OPRATOR - Opp.Party(s)

SHRI B. MAJUMDAR

17 Mar 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/11/151
 
1. SHRI SAHAS RAM NAGVANSHI
VILLAGE DADIYA BLOCK- MARVAHI
BILASPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. TRANSPORT OPRATOR
RAIPUR SIRGUJA TORANSPORT PRABHAT COKIES RAIPUR
SARGUJA
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI B. MAJUMDAR
 
For the Opp. Party:
SHRI AJAY KUMAR PANDEY
 
ORDER

 

//जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग.//

                                                                                           प्रकरण क्रमांक :- CC/151/2011

                                                                                            प्रस्‍तुति दिनांक :- 26/09/2011

 

सहसराम नागवंशी पिता श्री कुडीराम,

ग्राम डडिया थाना तहसील विकास खण्‍ड मरवाही,

जिला बिलासपुर छ.ग.                                                        ............आवेदक/परिवादिनी

 

                 (विरूद्ध)

 

ट्रांसपोर्ट आपरेटर, रायपुर सरगुजा टांसपोर्ट

प्रभात टाकीज के पास रायपुर (छ.ग.)                                ............अनावेदक/विरोधी पक्षकार

 

                      

 

                      ///आदेश///

               (आज दिनांक 17.03.2015 को पारित)

 

 1 . आवेदक  सहसराम नागवंशी ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक ट्रांसपोर्ट के विरूद्ध सेवा में कमी के आधार पर पेश किया है और अनावेदक ट्रांसपोर्ट से परिवहन कराये गये टी.वी. का मूल्‍य, भाडे एवं क्षतिपूर्ति सहित दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक दिनांक 14.05.2011 को रायपुर से एक कलर टी.वी. सनसुई अनावेदक के ट्रांसपोर्ट में रसीद क्रमांक 59708 के तहत 70/-रू. भाडा प्रदान कर पेण्‍ड्रा के लिए बुक कराया । बुकिंग के समय अनावेदक द्वारा उसे माल को गंतव्‍य स्‍थल पर सुरक्षित पहुचाने का आश्‍वासन दिया गया था, किंतु जब उसे दिनांक 18.05.2011 को माल की सुपुर्दगी दी गई, तब उसे बुकिंग किए गए टी.वी. पूर्णत: क्षतिग्रस्‍त अवस्‍था में मिला । फलस्‍वरूप यह अभिकथित करते हुए कि वायदे के अनुसार अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा माल की सुरक्षित डिलवरी प्रदान नहीं की गई, साथ इस संबंध में भेजी गई नोटिस का भी कोई जवाब नहीं दिया गया, यह परिवाद पेश करते हुए अनावेदक से वांछित अनुतोष दिलाए जाने की मांग की गई है।

3. अनावेदक क्रमांक 1 की ओर से जवाब पेश कर आवेदक द्वारा उनके ट्रांसपोर्ट कंपनी में प्रश्‍नाधीन टी.वी. बुक कराए जाने का तथ्‍य को तो स्‍वीकार किया गया, किंतु इस बात से इंकार किया गया कि दिनांक 18.05.2011 को उक्‍त माल की डिलवरी  क्षतिग्रस्‍त अवस्‍था में दी गई । इस संबंध में अनावेदक की ओर से कहा गया है कि उनके द्वारा दिनांक 18.05.2011 को माल की डिलवरी सुरक्षित रूप से प्रदान की गई थी और पावती भी ली गई थी और इस प्रकार उनके द्वारा सेवा में कमी नहीं की गई थी साथ ही कहा गया है कि यदि माल की सुपुर्दगी उपरांत किन्‍हीं कारणों से आवेदक की गलती की वजह से उसे क्षति पहुची हो तो उसके लिए वह जिम्‍मेदार नहीं । उक्‍त आधार पर अनावेदक ने  आवेदक के परिवाद को निरस्‍त किए जाने का निवेदन किया है ।

4. उभय पक्ष अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

5. देखना यह है कि क्‍या आवेदक, अनावेदक  से वांछित अनुतोष प्राप्‍त करने का अधिकारी है ।

                        सकारण निष्‍कर्ष

 

6. इस संबंध में कोई विवाद नहीं है कि आवेदक दिनांक 14.05.2011 को रायपुर से अनावेदक से ट्रांसपोर्ट में 70/-रू. भाडा अदा कर बुकिंग रसीद क्रमांक 59708 के जरिए पेण्‍ड्रा के लिए एक कलर टी.वी. सनसुई बुक कराया था, जिसकी डिलवारी उसे पेण्‍ड्रा में दिनांक 18.05.2011 को प्रदान की गई ।

7. आवेदक का कथन है कि माल के बुकिंग के समय उसे अनावेदक द्वारा सुरक्षित परिवहन की गांरटी दी गई थी, किंतु जब उसके द्वारा दिनांक 18.05.2011 को माल की डिलवरी दी गई तो टी.वी. पूरी तरह क्षतिग्रस्‍त अवस्‍था में मिला ।

8. इसके विपरीत अनावेदक की ओर से कहा गया है कि उनके द्वारा आवेदक को दिनांक 18.05.2011 को टी.वी. की पेण्‍ड्रा में सुरक्षित डिलवरी प्रदान की गई और इसकी   पावती भी ली गई । इस प्रकार उसने किसी भी प्रकार की सेवा में कमी से इंकार करते हुए क्षतिपूर्ति के अपने दायित्‍व से भी इंकार किया है और कहा है कि सुपुर्दगी के उपरांत यदि आवेदक के गलती से टी.वी. क्षतिग्रस्‍त हुआ हो तो उसके लिए उसकी कोई जिम्‍मेदारी नहीं बनती ।

9. प्रश्‍नगत मामले में माल की बुकिंग स्‍वीकार करने उपरांत उसके सुरक्षित डिलवरी को साबित करने की जिम्‍मेदारी अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी की बनती है । इस संबंध में अनावेदक कंपनी का कथन है कि उन्‍होंने दिनांक 18.05.2011 को बुकिंग किए गए टी.वी. की सुरक्षित डिलवरी प्रदान कर आवेदक से पावती प्राप्‍त किया था । इस संबंध में अनावेदक की ओर से पावती रसीद की कापी संलग्‍न किया गया है, जो इस बात का प्रमाण तो है कि अनावेदक कंपनी द्वारा आवेदक को बुकिंग किए गए टी.वी. की डिलवरी दिनांक 18.05.2011 को प्रदान किया गया था, किंतु उक्‍त पावती में इस बात का कोई उल्‍लेख नहीं कि आवेदक अपने द्वारा बुकिंग किए गए टी.वी. की सुरक्षित डिलवरी प्राप्‍त किया था । ऐसा कोई इंद्राज अनावेदक कंपनी द्वारा आवेदक से नहीं कराया गया है । ऐसी दशा में मात्र पावती बतौर आवेदक के हस्‍ताक्षर से यह प्रमाणित नहीं होता कि उसे अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा बुकिंग किए गए माल सुरक्षित डिलवरी  प्रदान की गयी थी ।

10. अनावेदक की ओर से यह आपत्ति ली गई है कि दिनांक 18.05.2011 को माल की डिलवरी देने उपरांत आवेदक द्वारा उसे दिनांक 03.06.2011 को नोटिस भेजा गया, फलस्‍वरूप यही तथ्‍य स्‍पष्‍ट होता है कि आवेदक का प्रश्‍नाधीन टी.वी. डिलवरी लिए जाने उपरांत किन्‍ही कारणों से टूट-फूट गई होगी और उसने इस तथ्‍य को छिपाते हुए रकम वसूली के लिए छल पूर्वक यह परिवाद पेश किया है, जिसके लिए उसे अनुज्ञात नहीं किया जा सकता । साथ ही यह भी आपत्ति ली गई कि आवेदक द्वारा माल सुपु‍र्दगी लेते समय कोई शिकायत नहीं की गई थी, जबकि इस आपत्ति बाबत अनावेदक कंपनी की ओर से  कोई साक्ष्‍य अथवा प्रमाण मामले में पेश नहीं किया गया है, जबकि वह चाहता तो वह आवेदक से सुरक्षित डिलवरी प्राप्‍त करने का इंद्राज रसीद के पीछे करा सकता था, जो उसके द्वारा नहीं कराया गया ।

11. इसके विपरीत आवेदक द्वारा थाना पेण्‍ड्रा में दर्ज कराई गई रिपोर्ट दिनांक 21.05.2011 से यह स्‍पष्‍ट होता है कि आवेदक द्वारा डिलवरी दिनांक को ही बुक किए गए टी.वी. के क्षतिग्रस्‍त होने की शिकायत अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी से की गई थी, किंतु उस पर अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी की ओर से कोई ध्‍यान नहीं दिया गया, बल्कि उसके साथ दुर्व्‍यवहार किया गया था, जिसके कारण उसके द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गई  फलस्‍वरूप अनावेदक का यह कथन सही प्रतीत नहीं होता कि  आवेदक द्वारा सुपुर्दगी के समय टी.वी. के क्षतिग्रस्‍त होने की शिकायत तत्‍काल नहीं की गई थी ।

12. उपरोक्‍त कारणों से हम इस निष्‍कर्ष पर पहुचते हैं कि अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा आवेदक के बुकिंग किए गए टी.वी. को उसे गंतव्‍य स्‍थल पर सुरक्षित रूप से सुपुर्दगी प्रदान न कर सेवा में कमी की गई । अत: हम आवेदक के पक्ष में अनावेदक के विरूद्ध निम्‍न आदेश पारित करते हैं :-

अ. अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी, आवेदक को आदेश दिनांक के एक माह के भीतर टी.वी. की राशि 14,990/-रू. को भाडे की राशि 70/-रू. के साथ प्रदान करेगा तथा उस पर आवेदन दिनांक 26.09.2011 से ताअदायगी 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी अदा करेगा ।

ब. अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी, आवेदक को क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/-रू. (पॉच हजार रूपये) की राशि भी अदा करेगा ।

स. अनावेदक ट्रांसपोर्ट कंपनी , आवेदक को वादव्‍यय के रूप में 2,000/-रू. (दो हजार रूपये) की राशि भी अदा करेगा ।

आदेश पारित

 

 

 

                                            (अशोक कुमार पाठक)                                                 ( प्रमोद वर्मा)

                                                  अध्‍यक्ष                                                                   सदस्‍य

 

 

 

 

 

   

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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