Navin Kumar Modi filed a consumer case on 10 Feb 2015 against Topkhana Desh Grah Nirman Sahakari Samiti ltd. in the Jaipur-IV Consumer Court. The case no is CC/311/2014 and the judgment uploaded on 16 Mar 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, जयपुर चतुर्थ, जयपुर
पीठासीन अधिकारी
डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा, अध्यक्ष
डाॅ0 अलका शर्मा, सदस्या
श्री अनिल रूंगटा, सदस्य
परिवाद संख्या:-311/2014 (पुराना परिवाद संख्या 386/2013)
श्री नवीन कुमार मोदी पुत्र श्री अर्जुन लाल मोदी, निवासी- हाल कोलम्बो निवासी- मौहल्ला शारदा सा मिल, लालपुर चैकी, रांची, झारखण्ड जरिये पावर आॅफ अटाॅर्नीहोल्डर श्री बालकिशन सिंघानिया पुत्र स्वर्गीय श्री राधेश्याम सिंघानिया, निवासी- 41, मरूधर विहार, खातीपुरा, जयपुर (राजस्थान) ।
परिवादी
बनाम
तोपखाना देशगृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड, 2, हथरोई, अजमेर रोड, जयपुर जरिये सचिव ।
विपक्षी
उपस्थित
परिवादी की ओर से श्री अजयराज टांटिया, एडवोकेट
विपक्षी के विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही
निर्णय
दिनांकः-10.02.2015
यह परिवाद, परिवादी श्री नवीन कुमार मोदी की ओर से उसके पावर आॅफ अटाॅर्नीहोल्डर श्री बालकिशन सिंघानिया द्वारा विपक्षी के विरूद्ध दिनंाक 04.03.2013 को निम्न तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत किया गया हैः-
परिवादी श्री नवीन कुमार मोदी ने विपक्षी तोपखाना देशगृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड की रामेश्वरधाम योजना, जो मुरलीपुरा, जयपुुर में स्थित हैं, में भूखण्ड संख्या 293, जिसका क्षेत्रफल 413 वर्गगज है, आवंटित करवाया था । इस भूखण्ड का आवंटन पत्र विपक्षी की ओर से परिवादी को जारी किया गया था । विपक्षी ने उक्त भूखण्ड के आवंटन पत्र पर यद्यपि भूखण्ड का कब्जा परिवादी को देना अंकित कर दिया था लेकिन विपक्षी द्वारा परिवादी को उक्त भूखण्ड का कब्जा प्रदान नहीं किया गया क्योंकि भूखण्ड पर भूमि के खातेदारों के स्वत्व का विवाद चल रहा था । इसके बाद वर्ष 1993 में परिवादी ने विपक्षी से पुनः सम्पर्क किया तो विपक्षी ने परिवादी को बताया कि दिनांक 31.05.1994 तक की प्रस्तुत योजनाओं की सदस्यता सूची जयपुर विकास प्राधिकरण में भेज दी गई हैं । उक्त सूची में परिवादी का नाम क्रम संख्या 226 स्पष्टतः अंकित हैं । लेकिन जयपुर विकास प्राधिकरण ने उक्त भूखण्ड का पट्टा परिवादी को जारी नहीं किया क्योंकि विपक्षी ने जयपुर विकास प्राधिकरण में जो सूची प्रस्तुत की थी उसके अनुसार परिवादी को आवंटित भूखण्ड संख्या 293, रामेश्वरधाम, मुरलीपुरा, जयपुर के अनुमोदित मानचित्र में उसे विवादित क्षेत्र बताया गया था । इसलिए उक्त भूखण्ड के संबंध में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से परिवादी को पट्टा जारी नहीं किया गया ।
इस प्रकार विपक्षी ने परिवादी को जो भूखण्ड विक्रय किया था उसका कब्जा नहीं दिलवाकर सेवादोष कारित किया हैं और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षी से परिवाद के मद संख्या 13 में अंकित सभी अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी हैं ।
विपक्षी की ओर से आरम्भ से ही किसी के उपस्थित नहीं आने पर उसके विरूद्ध दिनांक 23.12.2015 को एकतरफा कार्यवाही अमल में लाने के आदेष दिये गये ।
साक्ष्य एकतरफा में परिवादी श्री नवीन कुमार मोदी की ओर से उसके पावर आॅफ अटाॅर्नीहोल्डर श्री बालकिशन सिंघानिया का शपथ पत्र एवं कुल 11 पृष्ठ दस्तावेज प्रस्तुत किये गये ।
बहस एकतरफा सुनी गई एवं पत्रावली का आद्योपान्त अध्ययन किया गया ।
प्रस्तुत प्रकरण में परिवादी श्री नवीन कुमार मोदी को विपक्षी तोपखानादेश गृह निर्माण समिति लिमिटेड की ओर से दिनंाक 15.07.1981 को गृह निर्माण योजना रामेश्वरधाम, मुरलीपुरा, जयपुर में भूखण्ड संख्या 293, क्षेत्रफल 413 वर्गगज प्रदर्ष 2 आवंटन पत्र के माध्यम से आवंटित किया गया था । जिसका साईट प्लान प्रदर्श-3 हैं और प्रदर्श-1 से प्रदर्श-3 दस्तावेजों के आधार पर विपक्षी गृह निर्माण समिति लिमिटेड द्वारा प्रदर्श-4 सदस्यता सूची (दिनांक 31.05.1004 तक की समस्त योजनाओं की) जयपुर विकास प्राधिकरण में प्रस्तुत की गई । जिसमें क्रम संख्या 226 पर परिवादी श्री नवीन कुमार मोदी को आवंटित भूखण्ड की सूचना अंकित हैं । लेकिन इस भूखण्ड का पट्टा जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा श्री नवीन कुमार मोदी के हक में अपने पत्र प्रदर्ष-6 दिनंाकित 18.01.2013 के माध्यम से यह कहते हुए जारी नहीं किया गया कि परिवादी को आवंटित भूखण्ड जिस जगह पर स्थित हैं, वह विवादित क्षेत्र हैं । इस प्रकार परिवादी को विपक्षी ने विवादित भूखण्ड का आवंटन पत्र परिवादी को उसका भौतिक कब्जा दिलवाये बिना जारी करके सेवादोष कारित किया हैं । वैसे भी विपक्षी के विरूद्ध एकतरफा कार्यवाही अमल में लाई गई हैं इसलिए आदेश 8 (5) (2) सी.पी.सी. के प्रावधानों मे यह मानकर चला जावेगा कि विपक्षी परिवादी द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को अक्षरशः स्वीकार करता हैं ।
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर विपक्षी ने परिवादी को विवादित क्षेत्र में भूखण्ड आवंटित करके और उसका भौतिक कब्जा परिवादी को नहीं दिलवाकर सेवादोष कारित किया हैं । और इस सेवादोष के आधार पर परिवादी अब विपक्षी से उसे आवंटित भूखण्ड संख्या 293, रामेश्वरधाम गृह निर्माण योजना, मुरलीपुरा, जयपुर का भौतिक कब्जा प्राप्त करने का अधिकारी हैं । विपक्षी का यह भी दायित्व हैं कि वह जयपुर विकास प्राधिकरण से परिवादी को उक्त भूखण्ड का पट्टा उपलब्ध करवाये । परिवादी को विपक्षी के इस सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 20,000/-रूपये तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलाये जाने के आदेष दिये जाते हैं ।
आदेश
अतः उपरोक्त समस्त विवेचन के आधार पर परिवाद, परिवादी स्वीकार किया जाकर आदेष दिया जाता है कि परिवादी विपक्षी से उसे आवंटित भूखण्ड संख्या 293, रामेश्वरधाम गृह निर्माण योजना, मुरलीपुरा, जयपुर का भौतिक कब्जा प्राप्त करने का अधिकारी हैं । विपक्षी का यह भी दायित्व हैं कि वह जयपुर विकास प्राधिकरण से परिवादी को उक्त भूखण्ड का पट्टा उपलब्ध करवाये । परिवादी को विपक्षी के उपरोक्त सेवादोष से हुए आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक संताप की क्षतिपूर्ति के रूप में 20,000/-रूपये तथा परिवाद व्यय के रूप में 2,500/-रूपये पृथक से दिलाये जाने के आदेश दिये जाते हैं ।
विपक्षी को आदेष दिया जाता है कि वह उक्त समस्त राशि परिवादी के रिहायषी पते पर जरिये डी.डी./रेखांकित चैक इस आदेश के एक माह की अवधि में उपलब्ध करवायेगा ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
निर्णय आज दिनांक 10.02.2015 को पृथक से लिखाया जाकर खुले मंच में
हस्ताक्षरित कर सुनाया गया ।
अनिल रूंगटा डाॅं0 अलका शर्मा डाॅ0 चन्द्रिका प्रसाद शर्मा
सदस्य सदस्या अध्यक्ष
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