जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
श्रीमती सुधा यादव........................................सदस्या
उपभोक्ता वाद संख्या-72/2016
षिवेन्द्र कुमार पाण्डेय, पुत्र स्व0 राम सजीवन पाण्डेय निवासी मकान नं0-133/681-ए, एम ब्लाक नया पुरवा, किदवई नगर, कानपुर नगर।
................परिवादी
बनाम
1. प्रबन्धक, मे0 तिरूपति सर्विस प्रा0लि0, जी0टी0 रोड, कानपुर नगर।
2. प्रबन्धक, ब्रिज स्टोन इण्डिया प्रा0लि0 प्लाट नं0-ए-43 फेस-द्वितीय एम.आई.डी.सी. चकन खलेज सावरदारी तालुका खेद जिला पुणे महाराश्ट्र इण्डिया।
3. प्रबन्धक, कानपुर टायर्स जरीब चैकी, आर0के0 नगर, कानपुर-12
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिला तिथिः 29.01.2016
निर्णय तिथिः 14.03.2018
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण से संयुक्त रूप से अथवा प्रथक-प्रथक रूप से परिवादी की कार के लिए टायर के बदले, नये टायर दिलाये जाये, मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए रू0 90,000.00, विधिक सूचना का व्यय एवं परिवाद व्यय रू0 9000.00 दिलाया जाये तथा विधिक सूचना दिनांक 23.01.15 से परिवाद निर्णीत होने तक का प्रतिदिन के हिसाब से हर्जा दिलाया जाये।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से एक हुण्डई डीजल कार नं0-यू0पी0-78 डी.डी.-2468 दिनांक 09.10.13 को क्रय किया है, जिसमें विपक्षी सं0-3 द्वारा निर्मित रेडियल टायर लगे हैं। परिवादी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का अधिवक्ता है। परिवादी की कार प्रायः घर में ही खड़ी रहती है। परिवादी ने जब अपनी कार की दूसरी सर्विस विपक्षी संख्या-1 के यहां
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दिनांक 07.10.14 को करायी तो परिवादी को बताया गया कि अगला बांया टायर साइड से फूला हुआ है, जिसकी षिकायत विपक्षी सं0-1 से की गयी, तो विपक्षी सं0-1 ने कहा कि उक्त टायर की विपक्षी सं0-2 को हम अपने स्तर से सूचना देते हैं तथा टायर कंपनी/विपक्षी सं0-2 के स्थानीय डीलर विपक्षी सं0-3 को आप टायर दिखवा लीजिए। विपक्षी सं0-1 ने परिवादी को विपक्षी सं0-3 के यहां भेजने पर टायर देखने के उपरांत विपक्षी सं0-3 ने कहा कि हम विपक्षी सं0-2 टायर कंपनी ब्रिज/स्टोन इण्डिया प्रा0लि0 को सूचित करते हैं। कंपनी का इंजीनियर आकर टायर देखेगा तभी टायर बदलने की स्थिति होगी। कंपनी के इंजीनियर जब हमारी एजेंसी में आयेंगे हम आपको सूचना देकर बुला लेंगे। दूसरी सर्विस 10000 किलोमीटर चलने पर होनी थी। जबकि परिवादी की कार मात्र 6195 किलोमीटर ही चली थी। परिवादी को विपक्षी सं0-1 ने सूचना दी कि विपक्षी सं0-2 के इंजीनियर श्री अभिशेक गुप्ता आये हैं, आप एजेंसी से कार लेकर निरीक्षण हेतु विपक्षी सं0-3 के यहां पहुचे। परिवादी विपक्षी सं0-3 के यहां गया। जहां पर उक्त इंजीनियर मिले और टायर देखकर कहा कि टायर किसी खांचे में कूद गया है, इस कारण फूल गया है। इसका कोई क्लेम नहीं मिलेगा। परिवादी द्वारा यह कहा गया कि यदि सड़क पर पड़ी चीज टायर में लगेगी, तो वह उस सर्फेस में लगेगी जो टायर का सतह सड़क के संपर्क/घर्शण में होता है, न कि साइड में। इस बात पर उक्त इंजीनियर झल्ला उठे और बोले मैं तो किसी हालत में इस टायर का क्लेम नहीं दिला पाउॅगा न ही आप हमारी कंपनी से कुछ पा सकते हैं। विपक्षीगण द्वारा बावजूद विधिक नोटिस दिनंाकित 23.01.15, परिवादी की नहीं सुनी गयी। फलस्वरूप परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
3. विपक्षी सं0-1 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि वारंटी षर्तों के अनुसार टायर फूल जाने पर प्रष्नगत टायर परिवादी को निर्माणी
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कंपनी से सीधे क्लेम करना चाहिए। डीलर एवं निर्माता कंपनी को इस प्रकार के किसी यंत्र के किसी कमी के लिए उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। विपक्षी उत्तरदाता के द्वारा सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी है। परिवादी की षिकायत प्राप्त होने पर तुरन्त दिनांक 18.09.14 को परिवादी की षिकायत टायर कंपनी के डीलर कंपनी को भेज दी गयी थी और उसके पष्चात कंपनी के इंजीनियर के द्वारा टायर का निरीक्षण किया गया और तदोपरांत अपनी रिपोर्ट दी गयी। विपक्षी उत्तरदाता के विरूद्ध परिवाद संधार्य न होने के कारण सव्यय खारिज किया जाये।
4. विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का प्रस्तरवार खण्डन किया गया है और यह कहा गया है कि विपक्षी सं0-2 उत्तरदाता कंपनी द्वारा परिवादी के प्रष्नगत टायर का सम्यक विष्लेशण उचित व्यक्ति के द्वारा कराया गया, जिसकी रिपोर्ट उत्तरदाता विपक्षी के द्वारा पत्रावली पर लगायी गयी है। उत्तरदाता विपक्षी कंपनी वारंटी पाॅलिसी के अनुसार यदि टायर में कोई निर्माणी त्रुटि है तो उसे बदतली है और यदि सड़क की कमी के कारण अथवा अन्य वाह्य प्रकार के प्रयोगात्मक कारणों से टायर में क्षति कारित होती है, तो उसे कंपनी बदलने के लिए उत्तरदायी नहीं है। विपक्षी सं0-2 के द्वारा तकनीकी इंजीनियर द्वारा परिवादी की षिकायत पर अविलम्ब प्रष्नगत टायर की जांच की गयी और तदोपरांत यह रिपोर्ट दी गयी कि प्रष्नगत टायर रिम और रोड के बाहरी आब्जेक्ट के दब जाने के कारण क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रष्नगत टायर में किसी निर्माणी त्रुटि की रिपोर्ट नहीं दी गयी है। फलस्वरूप परिवादी का क्लेम स्वीकार नहीं किया गया। प्रष्नगत टायर में आई हुई कमी को ड्राईवर, वाहन को, धीमा करके बचा सकता है। यह उपभोक्ता का उत्तरदायित्व है कि वह वाहन को समुचति प्रकार से चलवाये/चलाये। परिवादी का यह उत्तरदायित्व है कि प्रष्नगत टायर में अभिकथित निर्माणी त्रुटि को वह किसी राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किसी लैबोरेटरी से निरीक्षण कराकर यह साबित करता कि प्रष्नगत टायर में निर्माणी त्रुटि है। परिवादी द्वारा उक्त साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी का परिवाद आधारहीन,
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झूठे तथ्यों पर आधारित अप्रत्यक्ष मंषा से विपक्षी उत्तरदाता को तंग व परेषान करने की मंषा से तथा अवैधानिक ढंग से पैसा वसूल करने की मंषा से परिवाद प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवाद सव्यय खारिज किया गया है।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 28.01.16 एवं 23.06.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-3/1 के साथ संलग्न कागज 3/2 लगायत् 3/21 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6. विपक्षी सं0-1 ने अपने कथन के समर्थन में दिनेष कुमार अवस्थी का षपथपत्र दिनांकित 05.12.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-10 के साथ संलग्न कागज 10/1 लगायत् 10/4 एवं कागज सं0-14/3 लगायत् 14/32 तथा तकनीकी रिपोर्ट की प्रति दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
7. विपक्षी सं0-2 व 3 ने अपने कथन के समर्थन में अभिशेक गुप्ता इंजीनियर का षपथपत्र दिनांकित 03.06.16 व 03.05.16 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में कागज 10/16 लगायत् 10/31 तथा लिखित बहस दाखिल किया है।
निष्कर्श
8. फोरम द्वारा उभयपक्षों के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
9. उभयपक्षों की ओर से उपरोक्त प्रस्तर-5, 6 व 7 में वर्णित षपथपत्रीय व अन्य अभिलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं। पक्षकारों की ओर से प्रस्तुत किये गये उपरोक्त साक्ष्यों में से मामले को निर्णीत करने में सम्बन्धित साक्ष्यों का ही आगे उल्लेख किया जायेगा।
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10 उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि प्रस्तुत मामले में निम्नलिखित विचारणीय वाद बिन्दु बनते हैंः-
1. क्या प्रष्नगत टायर में कोई निर्माणी त्रुटि थी, यदि हां तो प्रभाव?
2. अनुतोश?
निस्तारण वाद बिन्दु संख्या-01
11. यह वाद बिन्दु सिद्ध करने का भार परिवादी पर है। परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में तथा षपथपत्र में यह कहा गया है कि उसके द्वारा अपनी हुण्डई डीजल कार नं0-यू0पी0-78 डी.डी.-2468 दिनांक 09.10.13 को क्रय किया है, जिसमें विपक्षी सं0-2 द्वारा निर्मित रेडियल टायर लगे हैं। परिवादी ने जब अपनी कार की दूसरी सर्विस दिनांक 07.10.14 को करायी तो परिवादी को बताया कि अगला बांया टायर साइड से फूला हुआ है। परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 से षिकायत की गयी, तो विपक्षी सं0-1 ने परिवादी से कहा कि वह ऐसे मामले में विपक्षी सं0-2/निर्माता कंपनी को अपने स्तर से सूचना देते हैं। विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवादी को प्रष्नगत टायर को विपक्षी सं0-2/निर्माता कंपनी के स्थानीय डीलर विपक्षी सं0-3 को को भी दिखवा लेने के लिए कहा गया। परिवादी द्वारा प्रष्नगत टायर को विपक्षी सं0-3 को दिखाने पर विपक्षी सं0-3 के द्वारा कहा गया कि वह विपक्षी सं0-2 प्रष्नगत टायर की निर्माता कंपनी ब्रिज स्टोन इण्डिया प्रा0लि0 को सूचित करेंगे और कंपनी का इंजीनियर आकर टायर देखेगा तभी टायर बदल सकेगा। विपक्षी सं0-3 के द्वारा यह भी कहा गया कि जब निर्माता कंपनी के इंजीनियर उसके यहां आयेंगे, तब वह परिवादी को सूचित करेगा। परिवादी द्वारा दूसरी सर्विस 6195 किलोमीटर पर ही करायी गयी थी, जबकि दूसरी सर्विस 10000 किलोमीटर चलने पर होनी चाहिए थी। विपक्षी सं0-2 के द्वारा परिवादी को विपक्षी सं0-3 के इंजीनियर श्री अभिशेक गुप्ता के ,उनके यहां आने की सूचना दी गयी। उक्त सूचना पर परिवादी अपना वाहन लेकर विपक्षी संख्या-2 के इंजीनियर
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श्री अभिशेक गुप्ता को दिखाया गया। विपक्षी सं0-2 के इंजीनियर श्री अभिशेक गुप्ता के द्वारा टायर देखकर यह कहा गया कि प्रष्नगत वाहन किसी खांचे में कूद गया है, इस कारण से टायर फूल गया है। चूंकि उपरोक्त कमी प्रष्नगत वाहन को ठीक से न चलाने के कारण आयी है, इसलिए उसका कोई क्लेम नहीं दिया जायेगा। जबकि वास्तव में उक्त टायर में निर्माणी त्रुटि होने के कारण उपरोक्त कमी आयी है। परिवादी के उपरोक्त कथन के विरूद्ध विपक्षी सं0-1 ने अलग से जवाब दावा प्रस्तुत किया है और विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से अलग से जवाब दावा प्रस्तुत करके प्रष्नगत टायर में निर्माणी त्रुटि होने से इंकार किया गया है और प्रष्नगत वाहन को ठीक से न चलाने के कारण गाड़ी किसी गड्डे/खांचे में चली जाने के कारण टायर का फूल जाना बताया गया है। विपक्षीगण की ओर से यह भी तर्क किया गया है कि निर्माणी त्रुटि के लिए परिवादी को किसी तकनीकी विषेशज्ञ की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए। परिवादी की ओर से उपरोक्त/ अभिकथित कमी के लिए कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है। अतः प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध खारिज किया जाये। विपक्षी सं0-2 की ओर से अपने इंजीनियर के द्वारा दी गयी तकनीकी रिपोर्ट कागज सं0-3/12 प्रस्तुत करके, उक्त तकनीकी रिपोर्ट के आधार पर भी परिवाद खारिज किये जाने की याचना की गयी है।
उपरोक्तानुसार उभयपक्षों को उपरोक्त बिन्दु पर सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी द्वारा प्रष्नगत वाहन को विपक्षी सं0-2 निर्माता कंपनी के द्वारा निर्मित टायर दिनांक 09.10.13 को क्रय किया गया है। जिससे यह सिद्ध होता है कि परिवादी उपभोक्ता की कोटि में आता है। विपक्षी सं0-2 व 3 निर्माता कंपनी का उत्तरदायित्व सही टायर विक्रय करने का है। अतः विपक्षी सं0-2 व 3 समुचित सेवा उपभोक्ता को देने के लिए विधिसंगत बाध्य हैं।
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विपक्षी सं0-1 मात्र विपक्षी सं0-2 निर्माता कंपनी का अधिकृत सर्विस सेंटर है। चूॅकि परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में सूची के साथ टेक्निकल असिस्टेन्स सर्विसेस प्रा0लि0 के प्रबन्ध निदेषक द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित तकनीकी रिपोर्ट कागज सं0-15/1 प्रस्तुत की गयी है, जिसके प्रस्तर-4 के अवलोकन से विदित होता है कि प्रष्नगत टायर में निर्माणी त्रुटि बतायी गयी है। जिसके लिए विपक्षी सं0-2 व 3 उत्तरदायी हैं। विपक्षी सं0-1 स्वाभाविक रूप से प्रष्नगत टायर में निर्माणी त्रुटि होने के कारण प्रस्तुत मामले में निर्माणी त्रुटि के लिए उत्तरदायी नहीं है। विपक्षी सं0-2 व 3 की ओर से अपने इंजीनियर के द्वारा दी गयी तकनीकी रिपोर्ट कागज सं0- 3/12 से यह सिद्ध करने के लिए प्रस्तुत की गयी है कि प्रष्नगत टायर में निर्माणी त्रुटि नहीं थी। इसके विपरीत परिवादी द्वारा उत्कर्स टेक्निकल असिस्टेन्स सर्विसेस प्रा0लि0 के प्रबन्ध निदेषक द्वारा जारी तकनीकी रिपोर्ट स्वतंत्र साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत की गयी है। जिससे यह सिद्ध होता है कि प्रष्नगत टायर में निर्माणी त्रुटि थी। परिवादी की ओर से दाखिल किये गये उपरोक्त स्वतंत्र साक्ष्य के विपरीत विपक्षी सं0-2 व 3 के द्वारा अपने हितबद्ध साक्षी के द्वारा दी गयी तकनीकी रिपोर्ट गौड़ सिद्ध होती है।
उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर प्रस्तुत वाद बिन्दु परिवादी के पक्ष में तथा विपक्षीगण के विरूद्ध निर्णीत किया जाता है।
निस्तारण वाद बिन्दु संख्या-02
12. उपरोक्त वाद बिन्दु में दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम का यह मत है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद इस आषय से स्वीकार किये जाने योग्य है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी सं0-2 व 3 परिवादी के उपरोक्त वाहन का बांया टायर जिस स्थिति में है, उस स्थिति में परिवादी से प्राप्त करके, उक्त टायर के बदले में नया टायर परिवादी को उपलब्ध कराये अथवा उपरोक्त टायर की वर्तमान कीमत मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दौरान मुकदमा तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय अदा करें। जहां तक परिवादी की ओर से
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याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है। विपक्षी सं0-1 का कोई उत्तरदायित्व न होने के कारण विपक्षी सं0-1 प्रस्तुत मामले से उन्मुक्त किये जाने योग्य है।
ःःःआदेषःःः
13. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षी सं0-2 व 3 के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षी सं0-2 व 3, परिवादी के उपरोक्त वाहन का, बांया टायर, जिस स्थिति में है, उस स्थिति में, परिवादी से प्राप्त करके, उक्त टायर के बदले में, नया टायर परिवादी को उपलब्ध करायें अथवा उपरोक्त टायर की वर्तमान कीमत मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से दौरान मुकदमा तायूम वसूली अदा करें तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
विपक्षी सं0-1 को प्रस्तुत मामले से उन्मुक्त किया जाता है।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
( सुधा यादव ) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्या अध्यक्ष