जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।
अध्यासीनः डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष
पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
उपभोक्ता वाद संख्या-481/2013
डा0 घीसूलाल चैधरी फ्लैट नं0-36, एल.एल.आर. कैम्पस, जी.एस.वी.एम. मेडिकल काॅलेज कानपुर-208002
................परिवादी
बनाम
1. प्रबन्ध निदेषक, तिकोना कोरपोरा आॅफिस 3ए तृतीय तल एल.बी.एस. मार्ग भण्डुप(वेस्ट) महाराश्ट्र-400078
2. प्रबन्धक, तिकोना, 117/एन/65 नवीन नगर, काकादेव कानपुर, उ0प्र0
...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 18.09.2013
निर्णय की तिथिः 18.02.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1. परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण को आदेषित किया जाये कि विपक्षीगण परिवादी की असुविधा के लिए माफी मांगे, परिवादी की ओर से प्रारम्भिक भुगतान के सम्बन्ध में अदा की गयी समस्त धनराषि परिवादी को वापस करें। विपक्षीगण परिवादी को मानसिक एवं षारीरिक क्षति के रू0 10000.00 अदा करें तथा रू0 1000.00 परिवाद व्यय के रूप में अदा करें।
2. परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा रू0 3700.00 विपक्षी सं0-2 को दिनांक 17.08.12 को 6 महीने का किराया और इंटरनेट कनेक्षन लगाने के लिए दिया गया था। परिवादी दिनांक 10.10.12 को विपक्षी के उस अधिकारी का इंतजार करता रहा, जिस अधिकारी के द्वारा परिवादी को राय दी गयी थी कि परिवादी पुनः रू0 3700.00 अदा करे। उक्त अधिकारी के द्वारा परिवादी से यह भी कहा गया था कि उपरोक्त जमा धनराषि परिवादी को वापस कर दी जायेगी। इंटरनेट कनेक्षन विपक्षी द्वारा स्थापित किया गया, किन्तु उपरोक्त धनराषि वापस नहीं की गयी इस प्रकार परिवादी को विपक्षी द्वारा हैरान व परेषान किया गया। परिवादी द्वारा प्रेशित लिखित पत्र दिनांकित11.07.13 के बावजूद विपक्षीगण द्वारा परिवादी की बात नहीं सुनी गयी। अतः परिवादी को प्रस्तुत परिवाद योजित करना पड़ा।
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3. परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षीगण फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षीगण पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 28.02.15 को एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
4. परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 17.09.13 एवं 04.11.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में सूची कागज सं0-1 के साथ संलग्न कागज सं0-1/1 लगायत् 1/4 दाखिल किया है।
निष्कर्श
5. फोरम द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया।
परिवादी के विद्वान अधिवक्ता को एकपक्षीय रूप से सुनने तथा पत्रावली के सम्यक परिषीलन से विदित हेाता है कि विपक्षी के अधिकारी द्वारा परिवादी मौखिक रूप से यह कहा गया कि परिवादी रू0 3700.00 बतौर छः महीने का किराया और इंटरनेट कनेक्षन लेने के लिए अदा करे, जिसमें से रू0 3700.00 उसे बाद में वापस कर दिया जायेगा। किन्तु रू0 3700.00 परिवादी को अदा नहीं किया गया। पत्रावली पर परिवादी की ओर से रू0 3700.00 जमा करने की अलग-अलग तिथियों ( दिनांक17.08.12 एवं 16.10.12) की रसीदें प्रस्तुत की गयी हैं, जिनसे परिवादी के इस कथन की पुश्टि होती है कि परिवादी द्वारा प्रथम धनराषि बतौर छः माह का किराया और इंटरनेट स्थापित करने के लिए अदा किया गया है। किन्तु परिवादी द्वारा यह भी कथन किया गया है कि विपक्षीगण के द्वारा नियत तिथि पर उक्त इंटरनेट कनेक्षन स्थापित नहीं किया गया। विपक्षीगण से संपर्क करने पर विपक्षीगण के अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि वह रू0 3700.00 पुनः जमा करे, तब उसका इंटरनेट कनेक्षन इंस्टाल किया जायेगा और उक्त जमा धनराषि रू0 3700.00 बाद में वापस कर दिया जायेगा। परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में षपथपत्र एवं अन्य प्रलेखीय साक्ष्य प्रस्तुत किये गये हैं।विपक्षीगण की ओर से बावजूद तामीला
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तामीला कोई उपस्थित नहीं आया है और परिवादी की ओर से किये गये कथन एवं प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्यों का खण्डन नहीं किया गया है। अतः उपरोक्त कारणों से परिवादी की ओर से किये गये कथन तथा परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये षपथपत्रीय साक्ष्य एवं अभिलेखीय साक्ष्यों पर अविष्वास किये जाने का कोई आधार नहीं है।
उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों एवं उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से परिवादी को रू0 3700.00 मय 8 प्रतिषत ब्याज के परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली दिलाये जाने एवं परिवाद व्यय दिलाये जाने के लिए स्वीकार किये जाने योग्य है। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का प्रष्न है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी की ओर से कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी का प्रस्तुत परिवाद उक्त अतिरिक्त याचित उपषम के लिए स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
6. परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक एवं एकपक्षीय रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को रू0 3700.00 (रू0 तीन हजार सात सौ मात्र) मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली तक अदा करें तथा रू0 2000.00 परिवाद व्यय भी अदा करें।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर। फोरम कानपुर नगर।
आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।
(पुरूशोत्तम सिंह) (डा0 आर0एन0 सिंह)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश
फोरम कानपुर नगर। फोरम कानपुर नगर।