जिला फोरम उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, झुन्झुनू (राज0)
परिवाद संख्या - 423/13
समक्ष:- 1. श्री सुखपाल बुन्देल, अध्यक्ष।
2. श्रीमती शबाना फारूकी, सदस्या।
3. श्री अजय कुमार मिश्रा, सदस्य।
1. भंवर अली पुत्र श्री फैजू खां जाति मुसलमान कायमखानी निवासी वार्ड
नम्बर 5 मण्ड्रेला तहसील चिड़ावा जिला झुन्झुनू।
2. रहमत पत्नी भंवर अली जाति मुसलमान निवासी वार्ड नम्बर 5
मण्ड्रेला तहसील चिड़ावा जिला झुन्झुनू।
3. तस्लीम पुत्री भंवर अली जाति मुसलमान निवासी वार्ड नम्बर 5
मण्ड्रेला तहसील चिड़ावा जिला झुन्झुनू। - परिवादीगण
बनाम
1. प्रबंधक, दी ओरियंटल इंष्योरेंस कम्पनी लि0 ओरिएण्ट हाउस ए 25/27, आसफ अली रोड़ नई दिल्ली।
2. प्रबंधक दी ओरियंटल इंष्योरेंस कम्पनी लि07678, सिग सामा रोड़, नियर अम्बा सिनेमा रोड न्यू दिल्ली जरिए शाखा प्रबंधक दी ओरियंटल इंष्योरेंस कम्पनी लि0, शाहों के कुए के पास, झुंझुनू ।
- विपक्षीगण
परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम, 1986
उपस्थित:-
1. श्री लालबहादुर, एडवोकेट - परिवादीगण की ओर से।
2. श्री इन्दुभूषण शर्मा, एडवोकेट - विपक्षीगण की ओर से।
- निर्णय - दिनांक 30.04.2015
परिवादीगण ने यह परिवाद पत्र मंच के समक्ष पेष किया जिसे दिनांक 07.08.2013 को संस्थित किया गया।
परिवाद पत्र के संक्षिप्त तथ्य इस प्रकार है कि - परिवादी संख्या 1 भंवर अली मृतक मो0 रमजान का पिता, परिवादिया नम्बर 2 मृतक की माता व परिवादिया नम्बर 3 मृतक की बहन होने के कारण तथा मृतक के अन्य कोई उतराधिकारी नहीं होने के कारण यह परिवाद पत्र विपक्षीगण के विरूद्ध परिवादीगण द्धारा पेष किया गया है।
परिवादीगण संख्या 1 व 2 का पुत्र व परिवादिया संख्या 3 का भाई स्वः मो0 रमजान विदेष (रियाद) कमाने के लिये गया था, जिसका पासपोर्ट नम्बर ळ 4027923 व विज़ा नम्बर म् 60239116 है। मृतक बीमाधारी मो0 रमजान ने विपक्षी संख्या 2 से एक पालिसी संख्या 271500/48/2012/954 प्रवासी भारतीय बीमा योजना पालिसी 2006 ली जो दिनांक 13.05.2011 से 12.05.2013 की अवधि के लिये थी। मो0 रमजान की मृत्यु दिनांक 03.01.2012 को सउदी अरबिया रियाद में दुर्घटना के कारण हो गई, जिसकी सूचना परिवादीगण द्वारा विपक्षीगण को जरिये पत्र दे दी गई थी तथा परिवादीगण द्वारा विपक्षीगण को दिनांक 29.05.2013 को जरिये रजिस्टर्ड डाक द्वारा नोटिस भी दिया कि प्रवासी भारतीय बीमा योजना पालिसी 2006 के तहत देय राषि का भुगतान करे परन्तु विपक्षीगण ने आज तक क्लेम का भुगतान नहीं किया है।
अन्त में परिवादीगण ने अपना परिवाद पत्र स्वीकार करने एंव विपक्षीगण से प्रवासी भारतीय बीमा योजना 2006 के तहत देय 10,00000/-रुपये व अन्य देय लाभ मय ब्याज के एक मुष्त दिलाये जाने का निवेदन किया।
विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने अपने जवाब में मो0 रमजान के नाम से पालिसी संख्या 271500/48/2012/954 प्रवासी भारतीय बीमा योजना पालिसी 2006 दिनांक 13.05.2011 से 12.05.2013 की अवधि के लिये विपक्षीगण के दिल्ली कार्यालय से जारी किया जाना स्वीकार किया है एवं मो0 रमजान बीमाधारी की मृत्यु दिनांक 03.01.2012 को हुई है, जिसकी सूचना परिवादीगण ने बीमा पालिसी में अंकित एक वर्ष की अवधि के अंदर बीमा कम्पनी को उपलब्ध नहीं करवाई बल्कि विपक्षी बीमा कम्पनी को दिनांक 21.01.2013 को सर्व प्रथम परिवादीगण द्वारा प्र्रेषित आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है। इस प्रकार परिवादीगण द्वारा बीमा शर्तो में निर्धारित अवधि में क्लेम की सूचना बीमा कम्पनी को नहीं दिये जाने से क्लेम अस्वीकार किया जाकर सूचना परिवादी भंवर अली को दिनांक 25.02.2013 को दे दी गई।
विपक्षीगण बीमा कम्पनी ने अपने जवाब में यह भी कथन किया है कि परिवादीगण ने मौजुदा परिवाद घटना के दो साल अवसान बाद किया है इसलिए मौजुदा परिवाद अन्दर मियाद नही होने से खारिज होने योग्य है।
अन्त में विपक्षीगण ने परिवादीगण का परिवाद पत्र मय खर्चा खारिज किये जाने का निवेदन किया।
उभयपक्ष की बहस सुनी गई पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया।
प्रस्तुत प्रकरण मे यह तथ्य निर्विवादित रहे हैं कि मृतक मो0 रमजान के नाम से पालिसी संख्या 271500/ 48/ 2012/ 954 प्रवासी भारतीय बीमा योजना पालिसी 2006 दिनांक 13.05.2011 से 12.05.2013 की अवधि के लिये विपक्षीगण के दिल्ली कार्यालय से जारी की गई है तथा मृतक मो0 रमजान की मृत्यु दुर्घटना के कारण दिनांक 03.01.2012 को सउदी अरबिया रियाद में हुई है।
विद्वान् अधिवक्ता विपक्षीगण का बहस के दौरान यह तर्क होना कि परिवादीगण ने, विपक्षीगण को, बीमा शर्तो की निर्धारित अवधि में मृतक मो0 रमजान की मृत्यु की सूचना नहीं दी तथा घटना के दो साल बाद परिवाद पत्र पेष किया है, इसलिए परिवाद अंदर मियाद नहीं होने से परिवादीगण का परिवाद पत्र निरस्त किया जावे।
हम विद्वान् अधिवक्ता विपक्षीगण के उक्त तर्को से सहमत नहीं हैं। क्योंकि विपक्षीगण द्वारा मृतक मो0 रमजान के नाम सेे दिनांक 13.05.2011 से 12.05.2013 तक की अवधि के लिए प्रवासी भारतीय बीमा योजना पालिसी 2006 जारी की गई थी । मृतक मो0 रमजान की मृत्यु उक्त अवधि में दुर्घटना के कारण दिनांक 03.01.2012 को सउदी अरबिया रियाद (विदेष) में हुई थी। परिवादीगण ने अपने परिवाद पत्र व शपथपत्र में यह अंकित किया है कि मृतक की मृत्यु की सूचना परिवादीगण द्वारा विपक्षीगण को जरिये पत्र दे दी गई थी लेकिन विपक्षीगण द्वारा क्लेम पर कोई सुनवाई नहीं करने पर उसके पश्चात परिवादीगण द्वारा विपक्षीगण को रजिस्टर्ड डाक द्वारा एक नोटिस दिया गया व समस्त दस्तावेजात आवष्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किए गये, इसके बावजूद क्लेम आवेदन पर कोई विचार नहीं किया गया। विपक्षीगण द्वारा दर्षाया गया उक्त कृत्य सेवा दोष की श्रेणी में आता है। परिवादीगण द्वारा मृतक की मृत्यु की दिनांक 03.01.2012 से दो वर्ष की अवधि में परिवाद पत्र अंदर मियाद दिनांक 30.07.2013 को पेष किया गया हैै। इसलिये परिवाद पत्र मियाद अवधि बाहर होने का प्रष्न ही पैदा नहीं होता है।
मृतक मो0 रमजान की मृत्यु विदेष में हो जाने से जिन परिस्थितियों में मृत्यु की सूचना विपक्षीगण को मिली है, वह नेचूरल कोर्स में सामान्यतया स्वाभाविक है। विपक्षीगण मात्र देरी से सूचना मिलने के आधार पर किसी भी तरह से अपने उत्तरदायित्व से विमुख नहीं हो सकते।
अतः प्रकरण के तमाम तथ्यों व परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुये परिवादीगण का परिवाद पत्र विरूद्व विपक्षीगण बीमा कम्पनी स्वीकार किया जाकर विपक्षीगण बीमा कम्पनी को आदेष दिया जाता है कि परिवादीगण विपक्षीगण बीमा कम्पनी से बीमा क्लेम राषि 10,00,000/- (अक्षरे रूपये दस लाख मात्र) बतौर क्लेम प्राप्त करने के अधिकारी हैं। परिवादीगण उक्त क्लेम राषि पर संस्थित परिवाद पत्र दिनांक 07.08.2013 से तावसूली 9 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज प्राप्त करने के अधिकारी हैं। इस प्रकार से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।
पत्रावली फैसल शुमार होकर वाद तकमील दाखिल दफ्तर हो।
निर्णय आज दिनांक 30.04.2015 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया।