Rajasthan

Jhunjhunun

CC/334/2015

Manju Devi - Complainant(s)

Versus

The Oriental Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Rakesh Varma

04 Mar 2016

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/334/2015
 
1. Manju Devi
Nawalri,Nawalgarh
Jhunjhunu
Rajasthan
...........Complainant(s)
Versus
1. The Oriental Insurance Company Ltd.
Station Road,Jhunjhunu
Jhunjhunu
Rajasthan
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel PRESIDENT
 HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui MEMBER
 HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra MEMBER
 
For the Complainant:Rakesh Varma, Advocate
For the Opp. Party: Kamalesh, Advocate
ORDER

जिला फोरम उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, झुन्झुनू (राजस्थान)
परिवाद संख्या - 334/15

समक्ष:-    1. श्री सुखपाल बुन्देल, अध्यक्ष।     
            2. श्रीमती शबाना फारूकी, सदस्या।
            3. श्री अजय कुमार मिश्रा, सदस्य।

श्रीमती मन्जू देवी पत्नी स्व0 जसवेन्द्र सिंह जाति जाट निवासी नवलड़ी तहसील नवलगढ़ जिला झुन्झुनू (राज.)                                   - परिवादिया
                         बनाम
दी ओरियंटल इंष्योरेंस कम्पनी लि0 जरिये शाखा प्रबंधक, शाखा कार्यालय, स्टेषन रोड़, झुंझुनू तहसील व जिला झुंझुनू (राज0)                         - विपक्षी

        परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम 1986 

उपस्थित:-
1.    श्री राकेष वर्मा, अधिवक्ता   -  परिवादिया की ओर से।
2.    श्री कमलेष़, अधिवक्ता  -  विपक्षी की ओर से।

                  - निर्णय -             दिनांक: 04.03.2016
परिवादिया ने यह परिवाद पत्र मंच के समक्ष पेष किया, जिसे दिनांक         29.09.2015 को संस्थित किया गया। 
विद्धान अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मे अंकित तथ्यों को उजागर करते हुए बहस के दौरान यह कथन किया है कि परिवादिया के पति जसवेन्द्र सिंह के नाम से एक मोटरसाईकिल  नम्बर RJ-18 S.H- 4486 थी, जो विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां दिनांक 25.01.2012 से 24.01.2013 तक की अवधि के लिए बीमित थी। परिवादिया के पति जसविन्द्र सिंह की दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इस प्रकार परिवादिया, विपक्षी की उपभोक्ता है। 
विद्धान अधिवक्ता परिवादिया का बहस के दौरान यह भी कथन रहा है कि परिवादिया के पति का वाहन दिनांक 25.08.2012 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसकी सूचना तुंरत विपक्षी बीमा कम्पनी को दी गई। विपक्षी द्वारा मोटरसाईकिल की कीमत 50520/-रूपये मानकर बीमा की गई थी, इसलिये परिवादिया ने विपक्षी से उक्त राषि प्राप्त करने हेतु क्लेम आवदेन पेष किया। परिवादिया ने विपक्षी द्वारा चाहे गये समस्त दस्तावेज विपक्षी बीमा कम्पनी को उपलब्ध करवा दिये परन्तु आज तक विपक्षी ने परिवादिया को क्लेम राषि अदा नहीं की है तथा न ही क्लेम खारिज किया है। इस प्रकार विपक्षी का उक्त कृत्य सेवा-दोष की श्रेणी में आता है। 
अन्त में विद्धान अधिवक्ता परिवादिया ने परिवाद पत्र मय खर्चा स्वीकार करने एंव विपक्षी से उक्त दुर्घटनाग्रस्त वाहन की क्लेम राषि 50,520/-रूपये मय ब्याज भुगतान दिलाये जाने का निवेदन किया।   
विद्धान् अधिवक्ता विपक्षी बीमा कम्पनी ने अपने जवाब के अनुसार बहस के दौरान मोटरसाईकिल नम्बर RJ-18 S.H- 4486 का रजिस्टर्ड मालिक परिवादिया के पति जसवेन्द्रसिंह का होना तथा उक्त वाहन विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां वक्त दुर्घटना बीमित होना स्वीकार करते हुये यह कथन किया है कि विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादिया को जारी पत्र दिनांक 25.09.2013, 05.09.2013 एवं  10.10.2012 के अनुसार परिवादिया ने वंाछित दस्तावेज विपक्षी को उपलब्ध नहीं करवाये। परिवादिया द्वारा उतराधिकार प्रमाण पत्र या वाहन अपने नाम से स्थानान्तरित करवाकर उसकी आर.सी. मय सरेण्डर सर्टिफिकेट तथा लीगल उतराधिकारियों की नो ओब्जेक्षन सर्टिफिकेट व डिपोजीसन आफ सोल्वेज एवं वाहन की दोनो चाबियां विपक्षी बीमा कम्पनी को उपलब्ध करवा दिये जाते हैं तो विपक्षी बीमा कम्पनी टोटल लोस के आधार पर आज भी क्लेमेंट को 47,894/-रूपये अदा करने के लिये तैयार है। परिवादिया द्वारा वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण विपक्षी द्वारा परिवादिया की फाईल बन्द की जाकर दिनांक 10.03.2014 के पत्र द्वारा परिवादिया को सूचित किया जा चुका है। 
अन्त में विद्धान् अधिवक्ता विपक्षी ने परिवादिया द्वारा बीमा कम्पनी को वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराने पर क्लेम फाईल पुनः री-ओपन की जाकर भुगतान किये जाने का निवेदन किया।
उभयपक्ष के तर्को पर विचार कर पत्रावली का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया।
प्रस्तुत प्रकरण मे यह तथ्य निर्विवादित रहा है कि परिवादिया का पति स्व. जसवेन्द्र सिंह मोटरसाईकिल  नम्बर RJ-18 S.H- 4486 का रजिस्टर्ड मालिक था। उक्त वाहन दिनांक 25.01.2012 से 24.01.2013 की अवधि तक विपक्षी बीमा कम्पनी के यहां बीमित था। उक्त वाहन बीमा अविध में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।

पत्रावली के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि परिवादिया के पति का वाहन मोटरसाईकिल नम्बर RJ-18 S.H- 4486 दिनंाक 25.08.2012 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के संबंध में परिवादिया द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी को सूचना दी गई। विपक्षी बीमा कम्पनी द्धारा नियुक्त सर्वेयर ने क्षतिग्रस्त वाहन का सर्वेक्षण किया तथा     47,894./-रूपये Net Loss Payble मानते हुये अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। परिवादिया द्वारा वांछित दस्तावेजात की पूर्ती नहीं किये जाने के कारण विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा परिवादिया को सर्वेयर की रिपोर्ट के अनुसार भुगतान नहीं किया जा सका। विपक्षी अपने जवाब के अनुसार परिवादिया द्वारा वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराने पर क्लेम फाईल पुनः री-ओपन की जाकर परिवादिया को भुगतान करने के लिये तत्पर हैं। 

हमारे द्वारा सर्वे रिपोर्ट के संबंध में निम्न न्यायदृष्टांतों का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया गया:- 

I (2013) CPJ 440 (NC)- ANKUR SURANA  VS. UNITED INDIA INSURANCE CO.LTD. & ORS,  II (2014) CPJ 593 (NC)-  MURLI COLD STORAGE LIMITED VS ORIENTAL INSURANCE CO. LTD & ANR., I (2013) CPJ 40B (NC) (CN)-  MANJULA DAS  VS ASHOK LEYLAND FINANCE LTD & ANR.  
  उक्त न्यायदृष्टांतों में माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा जो सिद्वांत प्रतिपादित किये हंै, उनसे हम पूर्णतया सहमत हैं । माननीय राष्ट्रीय आयोग ने उक्त न्यायदृष्टांतों में सर्वे रिपोर्ट को ही महत्व दिया है। अतः उपरोक्त विवेचन के आधार पर विपक्षी बीमा कम्पनी परिवादिया को 47,894/-रूपये वाहन की क्षतिपूर्ति अदायगी के लिये उत्तरदायी है। 
अतः प्रकरण के तमाम तथ्यों व परिस्थितियों को ध्यान मे रखते हुए परिवादिया का परिवाद पत्र विरूद्व विपक्षी बीमा कम्पनी आंषिक रूप से स्वीकार किया जाकर विपक्षी बीमा कम्पनी को आदेष दिया जाता है कि परिवादिया द्वारा विपक्षी बीमा कम्पनी के समक्ष आवष्यक दस्तावेजात प्रस्तुत करने पर तथा अन्य आवष्यक औपचारिकतायें पूरी करने पर परिवादिया विपक्षी बीमा कम्पनी से 47,894/-रूपये (अक्षरे रूपये सैंतालिस हजार आठ सौ चैरानवें) बीमा क्लेम राषि बतौर वाहन क्षतिपूर्ति के रूप में प्राप्त करने की अधिकारी है। परिवादिया उक्त राषि पर विपक्षी से आवष्यक दस्तावेजात पेष करने की तिथि से तावसूली 9 प्रतिषत वार्षिक दर से ब्याज प्राप्त करने की अधिकारी है। इस प्रकार से प्रकरण का निस्तारण किया जाता है।  
   निर्णय आज दिनांक 04.03.2016 को लिखाया जाकर मंच द्धारा सुनाया गया। 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Sh sukhpalBundel]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MS. Ms. Sabana Farooqui]
MEMBER
 
[HON'BLE MR. Mr. Ajay Kumar Mishra]
MEMBER

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