Uttar Pradesh

Kanpur Nagar

cc/54/2013

Anil Kumar - Complainant(s)

Versus

The Oriental Insurence - Opp.Party(s)

15 Jun 2016

ORDER

CONSUMER FORUM KANPUR NAGAR
TREASURY COMPOUND
 
Complaint Case No. cc/54/2013
 
1. Anil Kumar
Sarvoday nagar kanpur
...........Complainant(s)
Versus
1. The Oriental Insurence
GT Road Kanpur
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

 


                                                     जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश फोरम, कानपुर नगर।

   अध्यासीनः      डा0 आर0एन0 सिंह........................................अध्यक्ष    
    पुरूशोत्तम सिंह...............................................सदस्य
    

                                                                       उपभोक्ता वाद संख्या-54/2013
अनिल कुमार वाश्र्णेय पुत्र श्री जी0डी0 वाश्र्णेय निवासी जागरण प्रकाषन लि0-2 सर्वोदय नगर, कानपुर नगर।
                                  ................परिवादी
बनाम
1.    दि ओरियन्टल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 द्वारा मैनेजर/प्रिंसिपल आॅफिसर 111ए/6, अषोक नगर जी0टी0 रोड, कानपुर-208012 वर्तमान निवासी मेघदूत बिल्डिंग 17/3, दि माल कानपुर-208001
2.    दि ओरियन्टल इंष्योरेन्स कंपनी लि0 द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर ए-25/27 आसफ अली रोड नई दिल्ली।
3.    मेसर्स एम0डी0 इण्डिया हेल्थकेयर सर्विसेज टी.पी.ए. (प्रा0) लि0 द्वारा प्रिंसिपल आॅफिसर 1/3 प्रथम तल अलीगंज षाॅपिंग काम्पलेक्स अलीगंज कपूरथला लखनऊ-226024 वर्तमान पता-189 चन्द्रलोक कालोनी नियर चन्द्रेष्वर मंदिर अलीगंज लखनऊ
4.    मेसर्स एम0डी0 इण्डिया हेल्थकेयर सर्विसेज टी.पी.ए. (प्रा0) लि0 द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर/प्रिंसिपल आॅफिसर  एम.डी. इण्डिया हाउस सर्वे नं0-147/8, एस.आर. बीओ 46/1 इस्पेस ए2 बिल्डिंग चतुर्थ तल पुणे नगर रोड वडगांवश्री पुणे-411014
                            ...........विपक्षीगण
परिवाद दाखिल होने की तिथिः 01.02.2013
निर्णय की तिथिः 17.06.2016
डा0 आर0एन0 सिंह अध्यक्ष द्वारा उद्घोशितः-
ःःःनिर्णयःःः
1.      परिवादी की ओर से प्रस्तुत परिवाद इस आषय से योजित किया गया है कि विपक्षीगण से रू0 40290.00 मेडिक्लेम के लिये, रू0 50,000.00 क्षतिपूर्ति हेतु तथा रू0 21000.00 बावत विधिक नोटिस, अधिवक्ता फीस व अन्य चार्जेज कुल रू0 1,11,290.00 दिलाया जाये।
2.     परिवाद पत्र के अनुसार संक्षेप में परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा विपक्षी सं0-1 से एक मेडिक्लेम पाॅलिसी दिनांक 18.11.11 को ली गयी थी, जिसका नं0-223100/48/2012/00597 है। उक्त पाॅलिसी 
................2
...2...

दिनांक 01.12.11 से दिनांक 30.11.12 तक वैध थी। उक्त पाॅलिसी के अंतर्गत परिवादी स्वयं, उसकी पत्नी श्रीमती कल्पना वाश्र्णेय, दो पुत्रियाॅं और पुत्र किसी कारण से अस्पताल में भर्ती होने का व्यय, मेडिक्लेम सर्जिकल क्लेम के लिए बीमित थी। उक्त पाॅलिसी परिवादी द्वारा पिछले 8 वर्शों से चलायी जा रही थी। परिवादी की पत्नी श्रीमती कल्पना वाश्र्णेय को पेट एवं सीने में अत्यंत दर्द होने के कारण रीजेन्सी अस्पताल में दिनांक 31.05.12 से 02.06.12 तक भर्ती कराया गया। जिसमें परिवादी को रू0 40,290.00 बिल सं0-12-13 सी. 2223 दिनांकित 02.06.12 के अनुसार अदा करना पड़ा। परिवादी द्वारा उपरोक्त का क्लेम सी.सी. नं0-एम.डी.आई. 1311787 दिनांकित 12.06.12 को विपक्षी सं0-3 से किया गया। उक्त क्लेम के लिए परिवादी द्वारा समस्त औपचारिकतायें पूर्ण करने के लिए और सभी अभिलेखों को विपक्षीगण को अपेक्षानुसार ढूंढकर दिया गया था। किन्तु उपरोक्त क्लेम विपक्षीगण द्वारा परिवादी को नहीं दिया गया। विपक्षीगण द्वारा परिवादी का क्लेम दिनांक 12.12.12 को प्रेशित पत्र के माध्यम से विपक्षी सं0-3 व 4 के द्वारा प्री-रिपूडिएषन स्टेटमेंट इस आषय का प्रेशित किया गया कि क्लेम देय नहीं है। परिवादी का क्लेम झूठे व गलत आधारों पर नहीं दिया गया। इस प्रकार विपक्षीगण द्वारा सेवा में कमी कारित की गयी है। जब विपक्षीगण के द्वारा बावजूद विधिक नोटिस दिनांकित 30.11.12 मेडिक्लेम पाॅलिसी के अंतर्गत कोई कार्यवाही नहीं की गयी, तब परिवादी द्वारा परिवाद योजित किया गया।
3.    विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से जवाब दावा प्रस्तुत करके, परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्यों का खण्डन किया गया है और अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवादी का क्लेम, समस्त तथ्यों, परिस्थितियों पर विचारण करते हुए तथा पाॅलिसी की षर्तों पर विचारण करते हुए खारिज किया गया है, जिसकी सूचना परिवादी को दिनांक 12.12.12 को ही दे दी गयी थी। इस प्रकार विपक्षीगण की ओर से सेवा में कोई कमी कारित नहीं की गयी         है। परिवादी को कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है। परिवादी का क्लेम 
...........3
...3...
खारिज करने के पष्चात परिवादी को दीवानी न्यायालय के समक्ष जाना चाहिए था। परिवादी द्वारा दीवानी न्यायालय में परिवाद दाखिल नहीं किया गया था। इसलिए भी परिवाद खारिज किये जाने योग्य है। परिवादी का परिवाद पूर्णतया झूठे व आधारहीन तथ्यों पर प्रस्तुत किया गया है, जो कि खारिज किये जाने योग्य है। परिवादी द्वारा प्रस्तुत परिवाद विधि के बेजा इस्तेमाल के लिए दूशित मंषा से उपभोक्ता सरंक्षण अधिनियम के प्राविधानों के विपरीत दाखिल किया गया है। अतः परिवाद खारिज किया जाये।
4.     परिवाद योजित होने के पष्चात विपक्षी सं0-3 व 4 को पंजीकृत डाक से नोटिस भेजी गयी, लेकिन पर्याप्त अवसर दिये जाने के बावजूद भी विपक्षी सं0-3 व 4 फोरम के समक्ष उपस्थित नहीं आये। अतः विपक्षी सं0-3 व 4 पर पर्याप्त तामीला मानते हुए दिनांक 06.02.14 को विपक्षी सं0-3 व 4 के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही किये जाने का आदेष पारित किया गया।
परिवादी की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
5.    परिवादी ने अपने कथन के समर्थन में स्वयं का षपथपत्र दिनांकित 01.02.13 व 18.11.13 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में संलग्नक कागज सं0-1 लगातय् 14 दाखिल किया है।
विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से प्रस्तुत किये गये अभिलेखीय साक्ष्यः-
6.    विपक्षी सं0-1 व 2 ने अपने कथन के समर्थन में डा0 एस0जे0 सिंह आॅफिसर का षपथपत्र दिनांकित 31.03.15 तथा अभिलेखीय साक्ष्य के रूप में मेडिक्लेम पाॅलिसी के प्रोसपेक्टस की प्रति दाखिल किया है।
निष्कर्श
7.    फोरम द्वारा परिवादी तथा विपक्षी सं0-1 व 2 के विद्वान अधिवक्तागण की बहस सुनी गयी तथा पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों का सम्यक परिषीलन किया गया। 
    उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के परिषीलन स विदित हेाता है कि प्रस्तुत मामले में प्रमुख विवाद का विशय यह है कि क्या  विपक्षीगण
...4...    
    के द्वारा बीमा षर्तों की षर्त सं0-4.10 व 4.23 के अनुसार परिवादी का क्लेम उचित रूप से खारिज किया गया है। उपरोक्त विशय पर उभयपक्षों को सुनने तथा पत्रावली के परिषीलन से विदित होता है कि परिवादी का कथन यह है कि परिवादी द्वारा अपनी पत्नी श्रीमती कल्पना वाश्र्णेय का इलाज अस्पताल में भर्ती कराने के पष्चात कराया गया हैं विपक्षीगण सं0-1 व 2 की ओर से यह कहा गया है कि मेडिक्लेम पाॅलिसी के नियम 4.10 व 4.23 के अनुसार परिवादी का क्लेम उचित खारिज किया गया है। विपक्षी सं0-1 व 2 द्वारा अने कथन के संबंध में मेडिक्लेम पाॅलिसी की छायाप्रति प्रस्तुत की गयी है। परिवादी की ओर से अपने कथन के समर्थन में डिस्चार्ज स्लिप कागज सं0-14 प्रस्तुत करके यह कहा गया है कि परिवादी द्वारा अपनी पत्नी को रीजेन्सी अस्पताल में दिनांक 31.05.12 को भर्ती कराया गया है और इलाज के पष्चात उसका डिस्चार्ज दिनंाक 02.06.12 को किया गया है। उक्त प्रपत्र के अवलोकन से परिवादी की ओर से किये कथन सिद्ध साबित होते हैं। उक्त डिस्चार्ज समरी में परिवादी की बीमारी त्पहीज त्मदंस ब्ंसबनसने ।जदमतपवत डलवउमजतमंस थ्पइतवपक स्मजि व्अंतपंद ब्लेजघ् थ्पइतवउलंसहपं का उल्लेख किया गया है। जिससे स्पश्ट होता है कि परिवादी की पत्नी का रीजेंसी अस्पताल में भर्ती करके विधिवत् उपरोक्त बीमारी का इलाज कराया गया है। विपक्षी सं0-1 व 2 की ओर से प्रस्तुत मेडिक्लेम इंष्योरेन्स पाॅलिसी के प्रस्तर-4.10 व  4.23  का अवलोकन किया गया। प्रस्तर-4.10 में यह कहा गया है कि प्रारम्भिक रूप से हास्पिटल या नर्सिंगहोम में ऐसी किसी बीमारी की जांच के लिए जिसमें अस्पताल में भर्ती करके इलाज न किया गया हो, ऐसी बीमारी के लिए पाॅलिसी के अंतर्गत बीमित व्यक्ति मेडिक्लेम पाॅलिसी प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। प्रस्तर-4.23 में यह कहा गया है कि किसी बीमित व्यक्ति के द्वारा बाह्य रोगी के रूप में कोई मेडिकल या सर्जिकल चिकित्सा करायी जाती है या इलाज कराया जाता है या बिना चिकित्सक की राय के कोई दवा ली जाती है या हार्मोन परिवर्तन की थिरेपी ली जाती है या लिंग परिवर्तन कराया जाता है अथवा कोई ऐसा इलाज जो लिंग की बीमारी से सम्बन्धित है, उसकी क्षतिपूर्ति पाने का बीमित व्यक्ति अधिकारी नहीं है। प्रस्तुत मामले में परिवादी द्वारा अपने उपरोक्त           तर्कों तथा प्रस्तुत अभिलेखीय साक्ष्यों से यह साबित किया जा चुका है कि
...5...
परिवादी द्वारा अपनी पत्नी जो कि प्रष्नगत मेडिक्लेम पाॅलिसी से बीमित थी, को रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराकर रेगुलर इलाज कराया गया है। अतः विपक्षी द्वारा पाॅलिसी षर्तों के अनुसार, अपने ढंग से, वास्तविक तथ्यों व साक्ष्यों का संज्ञान न लेकर अनुचित रूप से परिवादी का क्लेम इंकार किया गया है।
    उपरोक्त तथ्यों, परिस्थितियों के आलोक में तथा उपरोक्तानुसार दिये गये निश्कर्श के आधार पर फोरम इस मत का है कि परिवादी का प्रस्तुत परिवाद आंषिक रूप से परिवादी को विपक्षीगण से रू0 40,290.00 मेडिक्लेम के लिए तथा रू0 5000.00 बावत परिवाद व्यय दिलाये जाने योग्य हैं। जहां तक परिवादी की ओर से याचित अन्य उपषम का सम्बन्ध है- उक्त याचित उपषम के लिए परिवादी द्वारा कोई सारवान तथ्य अथवा सारवान साक्ष्य प्रस्तुत न किये जाने के कारण परिवादी द्वारा याचित अन्य उपषम के लिए परिवाद स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है।
ःःःआदेषःःः
8.     परिवादी का प्रस्तुत परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध आंषिक रूप से इस आषय से स्वीकार किया जाता है कि प्रस्तुत निर्णय पारित करने के 30 दिन के अंदर विपक्षीगण, परिवादी को, मेडिक्लेम बीमा धनराषि रू0 40,290.00 मय 8 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से, प्रस्तुत परिवाद योजित करने की तिथि से तायूम वसूली अदा करे तथा रू0 5000.00 परिवाद व्यय भी अदा करे।

      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

    आज यह निर्णय फोरम के खुले न्याय कक्ष में हस्ताक्षरित व दिनांकित होने के उपरान्त उद्घोशित किया गया।


      (पुरूशोत्तम सिंह)                   (डा0 आर0एन0 सिंह)
          सदस्य                              अध्यक्ष
    जिला उपभोक्ता विवाद                     जिला उपभोक्ता विवाद
        प्रतितोश फोरम                            प्रतितोश फोरम
        कानपुर नगर।                             कानपुर नगर।

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.