जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम फैजाबाद ।
उपस्थितिः- (1) श्री चन्द्र पाल, अध्यक्ष
(2) श्रीमती माया देवी शाक्य, सदस्या
परिवाद सं0- 87/2012
श्री राम विलास पुत्र श्री राम निहोर निवासी ग्राम व पोस्ट-पूरा बाजार परगना हवेली अवध तहसील सदर जिला फैजाबाद । .................... परिवादी।
बनाम
1- दि ओरियन्टल इंश्योरेन्स क0 लि0 द्वारा शाखा प्रबन्धक शाखा कार्यालय 2/1/55 डिविजनल आफिस सिविल लाइन फैजाबाद ।
2- दि ओरियन्टल इंश्योरेन्स क0 लि0 द्वारा क्षेत्रीय प्रबन्धक क्षेत्रीय कार्यालय 43 हजरतगंज लखनऊ -226000।
3- दि ओरियन्टल इंश्योरेन्स क0 लि0 द्वारा मुख्य प्रबन्धक मुख्य कार्यालय ओरियन्टल हाउस ए-25/27 आसक अली रोड नई दिल्ली-110002 ................. विपक्षीगण।
निर्णय दि0 09-08-2016
उद्घोषित द्वारा-चन्द्र पाल, अध्यक्ष।
निर्णय
परिवादी ने यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध जीप दुर्धटना के मरम्मत की धनराशि प्राप्त करने हेतु दायर किया है। संक्षेप में परिवादी का परिवाद इस प्रकार है । परिवादी बुलेरो एसएलई जीप पंजीयन संख्या-यू0पी0 42 टी 8404 का पंजीकृत स्वामी है। उक्त वाहन विपक्षी की कम्पनी द्वारा बीमित है, जिसकी पालिसी संख्या-224100/31/2010/6544 है। जो दिनांक 09-02-10 से प्रभावी तथा दिनांक 08-02-11 तक वैद्य थी, उक्त पालिसी बाण्ड विपक्षीगण द्वारा दिनांक 10-02-10 को जारी किया गया है। यह कि परिवादी का वाहन उपरोक्त दिनांक 28-10-10 को प्रातः 2 बजे वरवली पार्क गुड गांव थाना डीएलएफ-कुतवइनक्लेव गुडगांव के पास दुर्धटना ग्रस्त हो गया। उक्त सम्बन्ध में परिवादी द्वारा थाना डीएलएफ कुतवइनक्लेव गुडगांव में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायाी गयी जिसका
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अ0 सं-398/10 है। उक्त सम्बन्ध में परिवादी द्वारा विपक्षीगण को सूचित किया गया तब विपक्षी द्वारा मिस्टर वी0 के0 जैन को परिवादी के वाहन के जांच हेतु सर्वेयर नियुक्त किया गया, श्री जैन द्वारा सर्वे शुल्क मु0 7250=00 रूपये की मांग की गयी। जिसे परिवादी द्वारा अदा कर दिया गया। तत्पश्चात दिनांक 09-09-11 को वी0के0जैन द्वारा सर्वे किया गया और दुर्धटना ग्रस्त वाहन का फोटो खीचा गया और परिवादी से कहा कि सम्पूर्ण बिल मुझे दे दो आपका पूरा भुगतान कर दिया जायेगा। यह कि परिवादी द्वारा महेन्द्रा द्वारा अधिकृत वर्कशाप 4 स्टर्लिग मोटर कम्पनी सर्विस-1 सेक्टर 17-18 रोड सरहौल गुडगांव 122015 हरियाणा मंे उक्त दुर्धटना ग्रस्त वाहन को बनवाने हेतु दिनांक 08-11-10 को दे दिया, उक्त सर्विस सेन्टर द्वारा उक्त वाहन का स्टीमेट बनाकर परिवादी को दे दिया जिसे परिवादी ने विपक्षीगण की कम्पनी के कर्मचारी को दिखाया तब कम्पनी द्वारा आश्वासन मिलने के उपरान्त सर्विस सेन्टर द्वारा दुधर््ाटना ग्रस्त वाहन बनाया गया और कुल भुगतान मु0 2,70,295=00 रूपये बताया गया एवं दिनांक 30-11-11 को 2,60,295=00 रूपये का चेक परिवादी द्वारा स्टर्लिग मोटर कम्पनी को दिया गया और उक्त कम्पनी द्वारा रकम की पावती दी गयी, वाहन बनाने के पूर्व ही कम्पनी द्वारा दिनांक 31-03-11 को मु0 5000=00 एवं 15-04-11 को मु0 5000=00 कुल 10 हजार रूपये जमानत के तौर पर नगद जमा करा लिये थे। इस प्रकार परिवादी द्वारा कुल 2,70,295=00 रूपये दुघर््ाटना ग्रस्त बुलेरो जीप पंजीकरण संख्या-यू0पी0 42 टी 8404 को बनवाने के एवज में स्टर्लिग मोटर कम्पनी को अदा किया गया। दिनांक 30-11-11 को उक्त दुर्धटना शुदा वाहन बनकर तैयार हो गया था। अभी तक स्टर्लिग मोटर कम्पनी द्वारा परिवादी को वाहन नही दिया गया है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाय कि वह परिवादी के मोटर दुर्धटना के क्लेम के दावे की रकम मु0 2,70,295=00 रूपये तथा क्षतिपूर्ति 20,000=00 रूपये कुल 4,70,295=00 रूपये मय 25 प्रतिशत ब्याज परिवादी को अदा करें।
विपक्षीगण ने अपने जवाब में परिवाद के केस को इन्कार किया ह,ै जो इस प्रकार है। परिवादी ने अपने वाहन दुर्धटना होने की सूचना बहुत देर से दिया है तथा सूचना मिलने पर हमारी कम्पनी के नई दिल्ली कार्यालय द्वारा श्री बी0के0जैन सर्वेयर को सर्वे के लिये दिनांक 12-11-10 को नियुक्त किया गया था। सर्वेयर श्री बी0के0जैन ने दिनांक 13-11-10, 25-11-10 व 26-04-11 को दुर्धटना ग्रस्त वाहन का सर्वेक्षण किया तथा अपनी आख्या दिनांक 19-08-11 को कम्पनी को दिया। दुर्धटना ग्रस्त वाहन का स्पाट सर्वे परिवादी ने नही कराया बल्कि विपक्षी के सर्वेयर ने दुर्धटना ग्रस्त वाहन का निरिक्षण गैराज जहां गाडी बनी है, किया था। श्री बी0के0जैन
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के सर्वे निरीक्षण करने के बाद आवश्यक औपचारिक्ताओं को पूर्ण करने के लिये दिनांक 11-05-12 को विपक्षी/उत्तरदाता ने एक पत्र परिवादी को भेजा जिसको परिवादी ने नही लिया, पुनः दिनांक 13-07-12 को विपक्षी/उत्तरदाता ने क्लेम पर विचार के लिये आवश्यक कागजातों को भरने तथा अन्य औपचारिक्ताओं को पूर्ण करने के लिये पत्र दिया जिसको परिवादी ने लेने से मना कर दिया। उत्तरदाता परिवादी का अविलम्ब निस्तारण कराना चाहता है। बशर्ते कि परिवादी विपक्षी/उत्तरदाता के पत्र दिनांकित 11-05-12 में वंाछित प्रपत्रो को उपलब्ध करा देवे, जिसमें भरा हुआ दावा फार्म, मरम्मत संबंधी बिल बाउचर, कैश मैमो पूर्ण विवरण के साथ, प्रथम सूचना रिपोर्ट की पठनीय प्रति शामिल है।
परिवादी ने अपने परिवाद के समर्थन में सूची 1/10 से दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किये है, तथा शपथीय साक्ष्य रामविलास, शैलेन्द्र कुमार तिवारी, महेन्द्र कुमार तिवारी का पेश किया है। विपक्षी द्वारा अनिल कुमार श्रीवास्तव का शपथीय साक्ष्य दिया गया है।
मंच द्वारा परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी। विपक्षीगण की तरफ से बहस मंे कोई हाजिर नही हुआ। पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्य का अवलेाकन किया गया। इस परिवाद मेें बोलेरो जीप संख्या- यू0पी0 42 टी 8404 का परिवादी पंजीकृत स्वामी है। जीप का 28-10-10 को प्रातः 2 बजे बरवली पार्क गुडगांव में दुर्धटना ग्रस्त होना स्वीकार है। विपक्षी द्वारा बीमा होना दुर्धटना ग्रस्त होना तथा जीप की मरम्मत प्रधिकृत गैरेज में होना स्वीकार है। सर्वे कराना भी स्वीकार है। विवाद केवल इतना है कि दिनांक 10-09-12 के प्रपत्र के माध्यम से विपक्षी ने 11-05-12 के पत्र में प्रपत्रो की मांग किया, जिसमें दावा फार्म मरम्मत सम्बन्धी बिल बाउचर कैश मैमो व प्रथम सूचना रिपोर्ट की पठनीय प्रति मांगा गया है, जो परिवादी ने नही दिया, यही बात विपक्षी ने अपने शपथपत्र में कही है। परिवादी ने पत्रावली में ड्राइविंग लाइसेंन्स प्राधिकृत गैरेज के मरम्मत के बिल स्टर्लिग मोटर कम्पनी रजिस्टेशन सर्टीफीकेट, बीमा पालसी और प्रथम सूचना रिपोर्ट, टूरिस्ट परमिट पत्रावली में दाखिल किया है, और अपने तर्क में कहा है कि सर्वे करने वाले सर्वेयर को उपलब्ध करा दिया है, जीप अब भी स्टर्लिग कम्पनी में खडी है, विपक्षीगण ने जानबूझ करके वाहन के मरम्मत का पैसा अदा नही किया है। जीप का बीमा कम्प्रेहेन्सु है। परिवादी द्वारा दिये गये शपथीय साक्ष्य तथा दस्तावेजी साक्ष्य से परिवादी अपना परिवाद साबित करने में पूर्णतया सफल रहा है।
इस प्रकार परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व संयुक्ततः,प्रथकतः,तथा अंशतः स्वीकार किये जाने योग्य है।
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आदेश
परिवादी का परिवाद विपक्षीगण के विरूद्व संयुक्ततः,प्रथकतः तथा अंशतः स्वीकार किया जाता है। परिवादी विपक्षीगण से संयुक्ततः तथा प्रथकतः जीप संख्या-यू0पी0 42 टी 8404 के मरम्मत की धनराशि रूपये 2,70,295=00 प्राप्त करने का अधिकारी है। इसके अतिरिक्त परिवादी विपक्षीगण से मानसिक क्षतिपूर्ति रूपये 10000=00 तथा परिवाद व्यय के मद में रूपये 5000=00 प्राप्त करने का अधिकारी है। विपक्षीगण परिवादी को रूपये 2,70,295=00 निर्णय एवं आदेश की तिथि के दो माह में अदा करे। यदि विपक्षीगण उक्त दिये गये समय में उक्त धनराशि की अदायगी नही करते तो परिवादी विपक्षीगण से निर्णय एवं आदेश की तिथि से तरोज वसूली की दिनांक तक 12 प्रतिशत साधारण व्याज वार्षिक प्राप्त करने का अधिकारी होगा।
( माया देवी शाक्य ) ( चन्द्रपाल )
सदस्या अध्यक्ष
निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 09-08-2016 को खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित एवं उदधोषित किया गया।
( माया देवी शाक्य ) ( चन्द्रपाल )
सदस्या अध्यक्ष