Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/66/2012

Shri Ahsaan - Complainant(s)

Versus

THE ORIENTAL INSURANCE COMPANY - Opp.Party(s)

17 Jun 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/66/2012
 
1. Shri Ahsaan
Village Takthpur Allah Nankaar Thana Mainther District Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. THE ORIENTAL INSURANCE COMPANY
Divisional Manager Pandit Shankar Dutt Marg Civil line Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुरोध किया है कि  विपक्षी से उसे वाहन में हुऐ नुकसान की क्षतिपूर्ति के रूप में 15 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 3,40,000/- रूपया दिलाऐ जाऐ्। अधिवक्‍ता की फीस  की मद में परिवादी को 5000/- रूपया अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी ट्रक सं0- यू0पी0-21- एन-5688 का पंजीकृत स्‍वामी है। दिनांक 08/3/2010 से 07/3/2011 तक की अवधि हेतु यह ट्रक विपक्षी की सम्‍भल शाखा से बीमित था जिसकी पालिसी सं0- 42100531009100200947 है। गोरखपुर की तरफ से फैजाबाद की ओर आते हुऐ गांव नरियॉव के पास ट्रक के आगे एक अन्‍य ट्रक जा रहा था। आगे वाले ट्रक के चालक ने नीलगाय को बचाने के लिए एकाएक ब्रेक मारे जिससे परिवादी का ट्रक आगे वाले ट्रक के पिछले हिस्‍से में घुस गया जिससे परिवादी के ट्रक का आगे का हिस्‍सा पूर्णतया क्षतिग्रस्‍त हो गया। यह दुर्घटना दिनांक 10/11 नवम्‍बर, 2010 की मध्‍य रात्रि  लगभग डेढ़ बजे की है। परिवादी ने दुर्घटना की सूचना दिनांक  11/11/2010 को थाना मुण्‍डेरवा जिला बस्‍ती में दी। इस दुर्घटना की  सूचना परिवादी ने तत्‍काल बीमा कम्‍पनी को भी दे दी और समस्‍त प्रपत्र एकत्रित करके क्षतिपूर्ति दिलाऐ जाने हेतु बीमा कम्‍पनी में क्‍लेम दाखिल कर दिया। जब परिवादी को क्‍लेम के सम्‍बन्‍ध में कोई जबाव नहीं आया  तो सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत परिवादी ने अपने क्‍लेम की बाबत बीमा कम्‍पनी से सूचना मांगी जिसके जबाव में बीमा कम्‍पनी ने  परिवादी को अवगत कराया कि उसका क्‍लेम खारिज कर दिया गया है।  परिवादी ने आरोप लगाया है कि क्‍लेम अस्‍वीकृत किऐ जाने सम्‍बन्‍धी  कोई पत्र परिवादी को नहीं मिला। परिवादी ने यह कहते हुऐ कि उसका बीमा दावा गलत तरीके से खारिज किया गया है, परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0- 3/4 दाखिल किया और उसके साथ सूची कागज सं0-3/5 के माध्‍यम  से अपने वोटर आई0डी0 कार्ड, ट्रक की आर0सी0, फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट, बीमा कवर नोट, थानाध्‍यक्ष मुण्‍डेरवा जिला बस्‍ती को दी गई  दुर्घटना सम्‍बन्‍धी तहरीरी रिपोर्ट दिनांक 11/11/2010, डाकखाने की रसीद और बीमा कम्‍पनी की ओर से प्राप्‍त रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांकित 27/2/2012 की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली  के कागज सं0-3/6 लगायत 3/13 हैं।
  4.   विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/4 दाखिल हुआ। प्रतिवाद पत्र में बीमा पालिसी की शर्तों और प्रतिबन्‍धों के  अधीन परिवादी के ट्रक का दिनांक 08/3/2010 से 07/3/2011 तक की  अवधि हेतु बीमा होना और परिवादी द्वारा दाखिल दुर्घटना दावा पत्र दिनांकित 27/2/2012 द्वारा अस्‍वीकृत किया जाना तो स्‍वीकार किया गया, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। विशेष कथनों में  कहा गया कि परिवादी ने सही तथ्‍यों को छिपाते हुऐ फर्जी बिलों के आधार  पर बीमा दावा प्रस्‍तुत किया था जिसे सही तथ्‍यों को छिपाने एवं फर्जी  बिल दाखिल करने के कारण अस्‍वीकृत किया गया। विपक्षी की ओर से  अग्रेत्‍तर कहा गया कि बीमा कम्‍पनी ने क्‍लेम की जॉंच कराई। जॉंच के  दौरान सुल्‍तान बाडी मेकर द्वारा परिवादी के ट्रक की मरम्‍मत किऐ जाने   और उसके द्वारा मरम्‍मत का बिल जारी किऐ जाने की पुष्टि नहीं हुई। परिवादी द्वारा प्रस्‍तुत हरदीप सिंह बाडी मेकर के एस्‍टीमेट की सत्‍यता  की भी पुष्टि जॉंच में नहीं हुई। जॉंच में पाया गया कि परिवादी ने तथ्‍यों  को छिपाया और मरम्‍मत इत्‍यादि के फर्जी बिल प्रस्‍तुत किऐ। विपक्षी की  ओर से यह भी कहा गया कि उनके सर्वेयर श्री राकेश कुमार गुप्‍ता ने  दिनांक 17/3/2011 को वाहन की सर्वे रिपोर्ट प्रस्‍तुत की थी जिसके अनुसार परिवादी के ट्रक में मात्र 37504/- रूपये का नेट लॉस पाया गया। साल्‍वेज  की राशि अंकन 304/- थी। विपक्षी के अनुसार चॅूंकि परिवादी ने सही  तथ्‍यों को छिपाया और फर्जी बिल प्रस्‍तुत किऐ अत:  उक्‍त आधार पर परिवादी का क्‍लेम विपक्षी ने खण्डित किया है और ऐसा विपक्षी ने कोई त्रुटि नहीं की। बीमा कम्‍पनी ने परिवाद सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/3  दाखिल किया जिसके साथ उसने ट्रक की आर0सी0, फिटनेस सर्टिफिकेट, वाहन परमिट, बीमा कवरनोट, थाना मुण्‍डेरवा जिला बस्‍ती में दिनांक 11/11/2010 को दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में दी गई तहरीरी रिपोर्ट, डाकखाने की रसीद और विपक्षी से प्राप्‍त रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांकित 27/2/2012 की फोटो प्रतियों को बतौर संलग्‍नक दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के  कागज सं0-12/4 लगायत 12/10 है।
  6.   विपक्षी की ओर से बीमा कम्‍पनी के मण्‍डलीय प्रबन्‍धक  श्री हेमेन्‍द्र  स्‍वरूप का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-17/1 लगायत 17/4  दाखिल हुआ  जिसके साथ बतौर संलग्‍नक रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांकित 27/2/2012, जॉंचकर्ता श्री सुनील  कुमार शर्मा की जॉंच आख्‍या दिनांकित 16/8/2011, सर्वेयर श्री राकेश कुमार गुप्‍ता की सर्वे फाइनल रिपोर्ट दिनांकित 17/3/2011, स्‍पाट  सर्वे रिपोर्ट दिनांकित 24/11/2010 तथा बीमा कवरनोट की  फोटो  प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-17/5  लगायत  17/17 हैं।
  7.   विपक्षी की ओर से सर्वेयर श्री राकेश कुमार गुप्‍ता का साक्ष्‍य  शपथपत्र कागज सं0-18/1 लगायत 18/2 भी दाखिल किया गया।
  8.   परिवादी ने सुनवाई के दौरान सूची कागज सं0-28/1 के माध्‍यम  से थाना मुण्‍डेवा जिला बस्‍ती में दिनांक 11/11/2010 को दी गई दुर्घटना की तहरीरी रिपोर्ट, मरम्‍मत के एस्‍टीमेट और लक्ष्‍मी मोटर्स के बिल की  फोटो प्रतियों को दाखिल किया। यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-28/2 लगायत 28/8 हैं।
  9.   परिवादी ने लिखित बहस दाखिल की। विपक्षी की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई।
  10.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  11.   विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र में परिवादी के ट्रक का बीमा सम्‍भल  शाखा से दिनांक 08/3/2010 से 07/3/2011 तक की अवधि हेतु होना स्‍वीकार किया गया है।  विपक्षी की ओर से दाखिल सर्वेयर श्री राजेश कुमार श्रीवास्‍तव की सर्वे रिपोर्ट दिनांकित 24/11/2010 कागज सं0-17/15 लगायत 17/16 में परिवादी का ट्रक उस तरीके से दुर्घटनाग्रस्‍त होने की पुष्टि हुई है जैसा परिवादी ने थानाध्‍यक्ष मुण्‍डेरवा को दी गई तहरीरी रिपोर्ट कागज सं0-3/11 में उल्‍लेख किया गया है। विपक्षी के फाइनल सर्वेयर श्री राकेश कुमार गुप्‍ता ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में यह स्‍वीकार किया है कि दुर्घटना के कारण परिवादी के ट्रक  में उसका काफी नुकसान हुआ था। फाइनल सर्वेयर ने अपनी सर्वे रिपार्ट  कागज सं0-17/12 लगायत 17/14 में परिवादी को देय क्षति का आंकलन अंकन 37504/- रूपया 50  पैसा किया है।
  12.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विपक्षी ने  रिप्‍यूडिऐशन लेटर दिनांकित 27/2/2012 द्वारा परिवादी का क्‍लेम  अस्‍वीकृत करके त्रुटि की है उन्‍होंने यह भी कहा कि परिवादी ने दुर्घटना सम्‍बन्‍धी न तो किसी तथ्‍य को छिपाया और न ही कोई फर्जी बिल प्रस्‍तुत  किया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार उसे बाडी मेकर हरदीप  सिंह द्वारा दिऐ गऐ एस्‍टीमेट कागज सं0-28/4 लगायत 28/6, लक्ष्‍मी   मोटर्स रामपुर रोड,  मुरादाबाद द्वारा दिऐ गऐ बिल कागज सं0-28/7  और सुल्‍तान बाडी मेकर द्वारा दी गई रसीद कागज सं0-17/11 में  उल्लिखित धनराशि 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित विपक्षी  से दिलाई जानी चाहिऐ।
  13.   जबाव में विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने इन्‍वेस्‍टीगेटर श्री सुनील कुमार शर्मा की रिपोर्ट कागज सं0-17/6 लगायत 17/11 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और कहा कि सुल्‍तान बाडी मेकर की जो रसीद  कागज सं0-17/11 परिवादी ने दाखिल की है, वह फर्जी है क्‍योंकि स्‍वयं सुल्‍तान  ने इस रसीद की पुष्टि नहीं की है, उन्‍होंने यह भी  कहा कि हरदीप सिंह बाडी मेकर का जो एस्‍टीमेट कागज सं0-28/4 लगायत  28/6 परिवादी ने दाखिल किया है उसके सापेक्ष परिवादी ने भुगतान की कोई रसीद दाखिल की और न ही किसी अन्‍य तरीके से इस एस्‍टीमेट में उल्लिखित धनराशि का रिपेयर में खर्च होना प्रमाणित किया। उन्‍होंने अग्रेत्‍तर यह भी कहा कि लक्ष्‍मी मोटर्स का जो बिल  कागज सं0-28/7 परिवादी ने दाखिल किया है उसे प्रमाणित नहीं किया गया। विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि परिवादी का  क्‍लेम खारिज करके विपक्षी की ओर से कोई त्रुटि नहीं की गई है। विकल्‍प   में यह भी कहा गया कि अधिक से अधिक परिवादी को फाइनल सर्वेयर  श्री राकेश कुमार गुप्‍ता द्वारा आंकलित 37504/- रूपया 50 पैसे की  धनराशि दिलाई जा सकती है यधपि यह भी विपक्षी को स्‍वीकार नहीं है।
  14.   विपक्षी के सर्वेयर श्री सुनील कुमार शर्मा ने अपनी सर्वे रिपोर्ट में  बाडी मेकर सुल्‍तान की रसीद कागज सं0-17/11 को इस आधार पर फर्जी  होना कहा है कि स्‍वयं सुल्‍तान बाडी मेकर ने उक्‍त रसीद देने और उस पर अपने हस्‍ताक्षर होने से इन्‍कार किया है। हमने रसीद कागज सं0-17/11 पर सुल्‍तान के विवादित और स्‍वीकृत हस्‍ताक्षरों का स्‍वयं मिलान किया और पाया कि इस रसीद पर बिन्‍दु ’’ए’’ पर सुल्‍तान के हस्‍ताक्षर बिन्‍दु ‘’बी’’ पर बने सुल्‍तान के हस्‍ताक्षरों से मेल नहीं खाते ऐेसी दशा में यह प्रमाणित नहीं होता कि जिस व्‍यक्ति ने रसीद कागज सं0-7/11 जारी की  थी उसी व्‍यक्ति ने रसीद जारी न करने सम्‍बन्‍धी टिप्‍पणीं 17/11 पर अंकित की है। श्री सुनील कुमार शर्मा सर्वेयर ने  अपनी जॉंच रिपोर्ट में यह पाया कि हरदीप सिंह बाडी मेकर को जीता के  नाम से भी पुकारा जाता था और वह कई लोगों के पैसे उधार लेकर अपनी दुकान बन्‍द करके भाग गया है। कदाचित इस कारण से सर्वेयर एस्‍टीमेट कागज सं0-28/4 लगायत 28/6 को प्रमाणित नहीं करा पाऐ। कागज सं0-28/4 लगायत 28/6 मात्र एस्‍टीमेट है यह बिल नहीं है और न ही यह भुगतान की रसीद है। परिवादी को यह सिद्ध करना था कि उसने इस एसटीमेट में उल्लिखित धनराशि वास्‍तव में उसने रिपेयर  में खर्च की और इसका भुगतान हरदीप सिंह बाडी मेकर को उसने किया है किन्‍तु वह इसे प्रमाणित नहीं कर पाया। जहॉं तक  तक्ष्‍मी मोटर्स की रसीद कागज सं0-28/7 का प्रश्‍न है इसमें जो आइटम्‍स  लिखे हैं उन्‍हें फाइनल सर्वेयर श्री राकेश कुमार गुप्‍ता ने अपनी रिपोर्ट कागज सं0-17/12 लगायत 17/14 में विचार में लिया है अत: बिल कागज सं0-29/7 में उल्लिखित धनराशि की पृथक से देयता नहीं बनती। श्री राकेश कुमार गुप्‍ता की फाइनल रिपोर्ट में आइटम्‍वाइज अनुमन्‍यता इंगित करते हुऐ अंकन 37504/- रूपया 50 पैसे की देयता सकारण इंगित की गई है जो परिवादी को  दिलाई जानी चाहिऐ। सुविधा की दृष्टि से हम यह धनराशि 40,000/- रूपया निर्धारित करते हैं। परिवादी को 40000/- (चालीस हजार रूपया) की यह धनराशि 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज सहित विपक्षी से दिलाया जाना हमारे अभिमत में न्‍यायोचित एवं पर्याप्‍त होगा। इसके अतिरिक्‍त क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्‍त 3000/-(तीन हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की मद में 2500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) परिवादी को अतिरिक्‍त दिलाया जाना भी हम न्‍यायोचित समझते हैं। परिवादी का दुर्घटना दावा खारिज करके विपक्षी ने सेवा में कमी की है। उपरोक्‍तानुसार परिवाद निस्‍तारित होने योग्‍य है।

आदेश

  परिवाद योजित किऐ  जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से 40000/- (चालीस हजार रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में और विपक्षी के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। मानसिक क्षतिपूर्ति की मद में परिवादी विपक्षी से एकमुश्‍त 3000/- (तीन हजार रूपया) और परिवाद व्‍यय की  मद में 2500/- (दो  हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा। इस आदेशानुसार समस्‍त धनराशि का भुगतान परिवादी को एक  माह में किया जाय।

 

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)    (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     17.06.2016           17.06.2016         17.06.2016

   हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 17.06.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

      17.06.2016          17.06.2016         17.06.2016

 

 

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