Uttar Pradesh

Baghpat

29/14

Sumit Tomar - Complainant(s)

Versus

The Oriental Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

20 Mar 2015

ORDER

District Consumer Redressel Disputes Forum
Baghpat
 
Complaint Case No. 29/14
 
1. Sumit Tomar
Patti Mehar Baraut Hall B-120 Awas Vikas Colony, Baraut, Baghpat
...........Complainant(s)
Versus
1. The Oriental Insurance Company Ltd.
Ombihar Colony Budhana Road, Baraut, Baghpat
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Rajendra Singh PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Rakesh Tomar MEMBER
 HON'BLE MRS. Smt. Vimlesh Yadav MEMBER
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

समक्षः- जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम बागपत।
                परिवाद संख्याः-29  सन्  2014
         उपस्थितः-1-श्री राजेन्द्र सिंह अध्यक्ष
           2-श्रीमति राकेश तोमर                सदस्या
           3-श्रीमति विमलेश यादव                सदस्या
सुमित तोमर पुत्र रूपसिंह निवासी पटटी मेहर बड़ौत हाल निवासी बी.120 आवास विकास कालोनी कस्बा व थाना बड़ौत जनपद बागपत।                                                                               परिवादी,
                    बनाम्
दि ओरियन्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड, ओमबिहार कालोनी बुढ़ाना रोड़ (निकट टेलीफोन एक्सचेन्ज) बड़ौत जनपद बागपत द्वारा शाखा प्रबंधक।  
                         विपक्षी,

    द्वारा राजेन्द्र सिंह अध्यक्ष,
निर्णय
        परिवादी ने यह परिवाद मोटर साईकिल की बीमा की धनराशि 65256ध्-रूपये व 5000ध्-रूपये वाद व्यय प्राप्त करने हेतु प्रस्तुत किया है।
        परिवादी का कथन संक्षेप में निम्न प्रकार हैः-
    परिवादी बजाज पल्शर मोटर साईकिल नम्बर यू.पी. 17एच. 2414 का पंजीकृत स्वामी है। उक्त मोटर साईकिल दिनांक 04-04-2013 को समय करीब 12ः30 दोपहर चैधरी चरणसिंह विश्वविधालय मेरठ के परिसर में अज्ञात चोरो द्वारा चोरी कर ली थी। परिवादी द्वारा घटना की लिखित सूचना उसी दिन थाना मैडीकल में दी गयी थी जिस पर मुकदमा अपराध संख्या 168 सन् 2013 अन्तर्गत धारा 379 आईपी सी़ व 197 एम़बी़ एक्ट में अज्ञात में दर्ज कर लिया गया। पुलिस थाना मैडीकल द्वारा विवेचना के बाद दिनांक 26-05-2013 केा अन्तिम आख्या लगा दी। अन्तिम आख्या दिनांक 20-10-2013 को जे. एम. प्रथम मेरठ द्वारा स्वीकार कर ली गयी। परिवादी की उक्त मोटर साईकिल संख्या यू.पी. 17 एच 2414 ओरियन्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी शाखा कार्यालय ओम बिहार कालौनी बुढ़ाना रोड़ निकट टेलीफोन एक्सचेन्ज बड़ौत से चोरी की घटना के समय बीमित थी जिसका पाॅलिसी नम्बर 252402ध्31ध्2013ध्2775 है। परिवादी द्वारा मोटर साईकिल चोरी होते ही मौखिक व लिखित सूचना विपक्षी बीमा कम्पनी को दी थी एवं बाद में प्रथम सूचना रिपोर्ट व मोटर साईकिल से संबधित समस्त कागजात एवं मोटर साईकिल की चाबी विपक्षी बीमा कम्पनी को दे दी थी एवं क्लेम के रूपये 65256 रूप्ये की मांग की थी। बीमा कम्पनी द्वारा परिवादी का क्लेम दिनांक 05-04-2014 को यह कहकर खारिज कर दिया कि आपके द्वारा मोटर साईकिल पार्किंग में नही रोकी गयी और इसी आधार पर परिवादी ने 70256 रूपये विपक्षी से प्राप्त करने की प्रार्थना की है।
    विपक्षी ने परिवाद पत्र के अधिकांश कथनों को अस्वीकार करते हुए 10ग प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया।
    विपक्षी का कथन संक्षेप में निम्न प्रकार हैः-
    विपक्षी  के यहा परिवादी की मोटर साईकिल का बीमा हुआ है। परिवादी ने बीमा पॅालिसी की शर्तो का उलघंन किया है। बीमा कम्पनी परिवादी को क्लेम देने के लिए उत्तरदायी नही है। परिवादी का दावा बीमा कम्पनी द्वारा सही निरस्त किया गया है। विपक्षी ने सेवाओं में कोई त्रुटि नही की है। परिवादी का परिवाद पोषनीय नही है। परिवादी विपक्षी से कोई धनराशि पाने का अधिकारी नही है। परिवाद गलत तथ्यों पर आधारित है। दिनांक 08-04-2013 को परिवादी ने मोटर साईकिल संख्या यू.पी.17 एच 2414 के दिनांक 04-04-2013 को चोरी होने की सूचना बीमा कम्पनी को दी। चैधरी चरणसिंह विश्वविधालय में वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था है। परिवादी द्वारा अपनी मोटर साईकिल पार्किंग में खड़ी नही की गयी, जो परिवादी की घोर लापरवाही है। मोटर साईकिल दिनांक 04-04-2013 को चोरी हुयी और परिवादी ने दिनांक 08-04-2013 को चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को दी। यह बीमा पाॅलिसी की शर्त का उल्लंघन है। परिवादी ने चोरी की घटना के चार दिन बाद बीमा कम्पनी को सूचना दी। बीमा पाॅलिसी की शर्त के अनुसार चोरी के 48 घण्टे के अन्दर बीमा कम्पनी को सूचित करना होता है। परिवादी ने चोरी के चार दिन बाद बीमा कम्पनी को सूचित किया है जो बीमा पाॅलिसी की शर्त का उल्लंघन है और इसी आधार पर परिवाद को खारिज करने की प्रार्थना विपक्षी ने की है।
    परिवादी ने दस्ताबेजी साक्ष्य के रूप में 6गध्2 पंजीकरण प्रमाण पत्र की फोटोकोपी, 6गध्3 बीमा पाॅलिसी की फोटो कोपी, 6गध्5 मुकदमा अपराध संख्या 168 सन् 2013 धारा 379 आई.पी.सी. व 197 एम.बी.एक्ट की चिक एफ.आई. आर की फोटो कोपी, 6गध्7 मुकदमा अपराध 168 सन् 2013 के एफ. आर की फोटो कोपी, 6गध्9 एफ. आर स्वीकार करने के आदेश दिनांक 20-10-2013 की फोटो कोपी, 6गध्10 परिवादी द्वारा बीमा कम्पनी को प्राप्त कराये गये दिनांक 13-01-2014 के पत्र की कापी, 6गध्11 बीमा कम्पनी को दिनांक 10 जनवरी, 2014 को प्राप्त कराये गये पत्र की कापी, 6गध्12 नो क्लेम की सूचना का पत्र प्रस्तुत किया।
    परिवादी ने पी.डब्लू 1 के रूप में 11ग शपथ पत्र प्रस्तुत किया।
    विपक्षी की ओर से खेमचन्द का शपथ पत्र साक्ष्य के रूप मे प्रस्तुत किया गया है।
    विपक्षी ने दस्ताबेजी साक्ष्य के रूप में 12गध्3 परिवादी द्वारा दिनांक 08-04-2013 को बीमा कम्पनी को प्राप्त कराये गये पत्र की फोटो कापी, 12गध्4 बीमा पाॅलिसी, 12गध्5 क्लेम निरस्त करने की सूचना का पत्र प्रस्तुत किये।
     दोनों पक्षो को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया।
    परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि परिवादी की मोटर साईकिल नम्बर यू.पी. 17 एच. 2414 दिनांक 04-04-2013 को समय करीब 12ः30 दोपहर चैधरी चरणसिंह विश्वविधालय के परिसर में पुस्तकालय के सामने से अज्ञात चोरो द्वारा चोरी कर ली थी। परिवादी ने घटना की सूचना उसी दिन थाना मैडीकल मेरठ में दी थी। जिस पर मुकदमा अपराध संख्या 168 सन् 2013 अन्तर्गत धारा 379 आई.पी.सी. व 197 एम.बी.एक्ट में दर्ज किया गया। विवेचना के वाद विवेचक ने अन्तिम आख्या लगा दी, जिसे न्यायालय द्वारा दिनांक 20-10-2013 को स्वीकार कर लिया। परिवादी के विद्वान  अधिवक्ता का कथन है कि चोरी की तिथि को विपक्षी बीमा कम्पनी के यहाॅ बीमित थी। परिवादी ने सभी औपचारिकतायें पूरी कर दी, लेकिन विपक्षी ने अवैधानिक तरीके से परिवादी के क्लेम को निरस्त कर दिया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि बीमा कम्पनी ने परिवादी के क्लेम को निरस्त करके सेवा में कमी की है। परिवादी मोटर साईकिल की कीमत 65256 रूपये व वाद व्यय के रूप मेें 5000 रूपये पाने का अधिकारी है।
विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने इसका विरोध किया है।
    विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि परिवादी की मोटर साईकिल कथित चोरी वाले दिन विपक्षी के यहाॅ से बीमित थी। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी कथन है कि बीमा पाॅलिसी के नियम व शर्त के अनुसार वाहन के चोरी होने की दशा में बीमा कम्पनी को चोरी होने की सूचना 48 घण्टे में बीमा कम्पनी को दे देनी चाहिए और यदि घटना के 48 घण्टे के अन्दर बीमा कम्पनी को घटना की सूचना नही दी जाती  है तो बीमा कम्पनी क्लेम देने के लिए उत्तरदायी नही है। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी कथन है कि चैधरी चरणसिंह विश्वविधालय में वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था है। परिवादी ने विश्वविधालय में निर्धारित पार्किंग स्थल पर अपनी मोटर साईकिल को खड़ा नही किया। यह परिवादी की घोर लापरवाही का परिचायक है। बीमा कम्पनी एैसी परिस्थितियों में क्लेम देने के लिए उत्तरदायी नही है। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने हमारा ध्यान न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लि. बनाम राम अवतार प् (2014) सी.पी.जे. 29(एन.सी) में माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त की ओर ध्यान आकृषित किया जिसमें माननीय राष्ट्रीय आयोग ने यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया है कि चोरी की घटना के तुरन्त बाद बीमा कम्पनी को सूचना देना आवश्यक है। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने हमारा ध्यान बुद्ध गणेश बनाम् न्यू इण्डिया एश्योरेन्स कम्पनी लि. प् (2014) सी.पी.जे. 411 (एन.सी) में माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त की ओर हमारा ध्यान आकृषित किया। इसमें भी माननीय राष्ट्रीय आयोग ने देरी से बीमा कम्पनी को सूचना देना बीमा पाॅलिसी की शर्त का उल्लंघन माना है। विपक्षी के विद्वान अधिवक्ता ने हमारा ध्यान देवेन्द्र सिंह बनाम न्यू इण्डिया एश्योरेन्स आदि प्प्प् (2003) सी.पी.जे. में माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त की ओर आकृषित किया, इसमें भी देर से बीमा कम्पनी को सूचना देने के आधार पर बीमा कम्पनी द्वारा दाबे को निरस्त करने को सही माना है। और इसी के आधार पर विपक्षी ने परिवाद को खारिज करने की प्रार्थना की है। परिवादी ने इसका विरोध किया है। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने बहस के समय यह स्वीकार किया है कि चैधरी चरणसिंह विश्वविधालय में वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था है जब चैधरी चरणसिंह विश्वविधालय में पार्किंगी की व्यवस्था है तब परिवादी को अपनी मोटर साईकिल को पार्किंग में खड़ी करनी चाहिए था, लेकिन परिवादी ने एैसा नही किया। पार्किंग में परिवादी द्वारा मोटर साईकिल खड़ी न करना घोर लापरवाही का प्रमाण है। मोटर साईकिल दिनांक 04-04-2013 को चोरी हुयी है और कागज संख्या 12गध्3 से यह स्पष्ट है कि बीमा कम्पनी को मोटर साईकिल की चोरी की सूचना दिनांक 08-04-2013 को परिवादी द्वारा दी गयी है इससे स्पष्ट है कि चोरी के 48 घण्टे के अन्दर बीमा कम्पनी को परिवादी द्वारा चोरी की सूचना नही दी गयी। मोटर साईकिल चोरी के 48 घण्टे के अन्दर चोरी की सूचना बीमा कम्पनी को न देना बीमा पाॅलिसी की शर्तो का उल्लंघन है। माननीय राष्ट्रीय आयोग द्वारा उपरोक्त विधि व्यवस्थाओं में प्रतिपादित सिद्धान्त के अनुसार परिवादी किसी अनुतोष को पाने का अधिकारी नही है। परिवादी ने बीमा पाॅलिसी की शर्तो का उल्लंघन किया है तथा चैधरी चरणसिंह विश्वविधालय मंे पार्किंग व्यवस्था होने के बाद भी परिवादी ने पार्किंग में मोटर साईकिल को खड़ा नही किया। यह परिवादी की घोर लापरवाही है।
    उपरोक्त सम्पूर्ण के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुचे है कि परिवादी ने बीमा पाॅलिसी की शर्त का उल्लंघन किया है तथा पार्किंग में मोटर साईकिल खड़ी न करके घोर लापरवाही की है एैसी परिस्थितियों में परिवादी किसी अनुतोष को पाने का अधिकारी नही है। परिवाद खारिज होने योग्य है।
आदेश
    परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है। वाद की परिस्थितियों को देखते हुए वाद व्यय पक्षकार स्वयं वहन करेगे। पत्रावली दाखिल दफ्तर होवे।
दिनांकः 20.03.2015
श्रीमती विमलेश यादव           श्रीमति राकेश तोमर          ( राजेन्द्र सिंह )
      सदस्या                     सदस्या                  अध्यक्ष
आज दिनांक 20-03-2015 को यह निर्णय खुले न्यायालय (फोरम) में हस्ताक्षरित व दिनांकित करके सुनाया गया।
श्रीमती विमलेश यादव           श्रीमति राकेश तोमर            ( राजेन्द्र सिंह )
      सदस्या                     सदस्या                    अध्यक्ष
दिनांकः 20.03.2015

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Rajendra Singh]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Rakesh Tomar]
MEMBER
 
[HON'BLE MRS. Smt. Vimlesh Yadav]
MEMBER

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