Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/119/2011

Shri. Kashif Ilahi - Complainant(s)

Versus

The Oriental Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Mohd. Waseem

03 Nov 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/119/2011
 
1. Shri. Kashif Ilahi
R/0 Asalatpura Islam Nagar Thana Galshaheed Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. The Oriental Insurance Company Ltd.
Division-Office Civil Lines Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
Dated : 03 Nov 2016
Final Order / Judgement

द्वारा श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   परिवादी ने इस परिवाद के माध्‍यम से यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण से उसे चोरी गई मोटर साईकिल की बीमित राशि अंकन 45,541/-रूपया 18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज  सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति  की मद में 50,000/- रूपया तथा परिवाद व्‍यय की मद में 3000/-रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि मोटर साईकिल सं0 यू0पी0 21 ए0सी0 3099 परिवादी ने सोनू पुत्र प्रेमलाल निवासी मकान नं0-77,  अवन्तिका कालोनी, एम0डी0ए0 मुरादाबाद से खरीदी थी। यह मोटर साईकिल विपक्षीगण से बीमित थी। दिनांक 13/4/2010 को परिवादी ने मोटर साईकिल अपने नाम ट्रांसफर करा ली। इसके बाद मोटर साईकिल  खरीदने की सूचना देकर उसने मोटर साईकिल का बीमा अपने नाम  ट्रांसफर कराने हेतु विपक्षी सं0-1 को लिखित प्रार्थना पत्र दिया। साथ में मोटर साईकिल के कागजात की फोटो प्रतियां भी प्रेषित की। परिवादी का  अग्रेत्‍तर कथन है कि उसकी मोटर साईकिल चोरी हो गई जिसकी रिपोर्ट  उसने थाना गलशहीद जिला मुरादाबाद में दर्ज कराई। मोटर साईकिल चोरी  की सूचना उसने दिनांक 20/9/2010 को विपक्षी सं0-2 को प्रेषित की।   साथ में एफ0आई0आर0, इंश्‍योरेंस और मोटर साईकिल की आर0सी0 की  छाया प्रतियां भी विपक्षी सं0-1 को परिवादी ने उपलब्‍ध कराई। मोटर साईकिल चोरी के मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद फाइनल रिपोर्ट  न्‍यायालय में प्रेषित कर दी जो न्‍यायालय द्वारा स्‍वीकार कर ली गई। अन्तिम रिपोर्ट तथा उसे न्‍यायालय द्वारा स्‍वीकृत कराऐ जाने के आदेश  की नकलें विपक्षी सं0-1 को प्रेषित कर दी। परिवादी का आरोप है कि  विपक्षी सं0-2 ने परिवादी को क्‍लेम आज तक नहीं दिया और वह इसे  लगातार टाल रहे हैं। परिवादी के अनुसार वह विपक्षी सं0-2 के कार्यालय के अनेकों चक्‍कर लगा चुका है, किन्‍तु वे सुनवा नहीं हो रहे अत: मजबूरन  उसने यह परिवाद योजित किया है। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की। 
  3.   परिवाद कथनों के समर्थन में परिवादी ने अपना शपथ पत्र कागज सं0-3/5 दाखिल किया। परिवाद के साथ उसने मोटर साईकिल क्रय किऐ  जाने की इनवायस, मोटर साईकिल की आर0सी0, बीमा कवरनोट, एफ0आई0आर0, ए0आर0टी0ओ0, मुरादाबाद को मोटर साईकिल चोरी हो  जाने की सूचना विषयक पत्र, अभिकथित रूप से विपक्षी सं0-2 को  मोटर साईकिल अपने नाम ट्रांसफर कराने हेतु अभिकथित रूप से प्रेषित पत्र  दिनांक 15/4/2010, विपक्षी सं0-2 को मोटर साईकिल चोरी की सूचना  दिऐ जाने विषयक अभिकथित रूप से प्रेषित पत्र दिनांक 28/9/2010, चोरी  के मामले में पुलिस द्वारा अन्तिम रिपोर्ट और न्‍यायालय द्वारा स्‍वीकृति  के आदेश की नकले भेजे जाने सम्‍बन्‍धी विपक्षी सं0-2 को सम्‍बोधित पत्र  दिनांक 8/4/2011 तथा न्‍यायालय द्वारा प्रेषित अन्तिम रिपोर्ट की नकलों  को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/7 लगायत 3/16 हैं।
  4.   विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/3  प्रस्‍तुत हुआ जिसमें परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित मोटर साईकिल सं0-यू0पी0 21 ए0सी0 3099 दिनांक 14/1/2010 से 13/1/2011 तक  की अवधि हेतु विपक्षीगण से सोनू पुत्र प्रेमलाल के नाम बीमित होना तो  स्‍वीकार किया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया।  विपक्षीगण के अनुसार परिवादी द्वारा मोटर साईकिल खरीदने अथवा  इसका बीमा अपने नाम ट्रांसफर कराने की बाबत विपक्षीगण से कोई  निवेदन/आवेदन नहीं किया। परिवादी का क्‍लेम चॅूंकि बीमा कवरेज में   नहीं था और यह बीमा शर्तों के अधीन भुगतान योग्‍य नहीं पाया गया अत: परिवादी का क्‍लेम अमान्‍य (नो क्‍लेम) किया जा चुका है।   विपक्षीगण ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि अभिकथित चोरी की तिथि पर  परिवादी मोटर साईकिल का बीमा धारक नहीं था बल्कि बीमा सोनू पुत्र प्रेमलाल के नाम था ऐसी दशा में बीमा पालिसी में परिवादी का कोई   बीमा हित निहित नहीं था। परिवादी और बीमा कम्‍पनी के बीच   बीमाधारक – बीमाकर्ता का सम्‍बन्‍ध नहीं था ऐसी दशा में उत्‍तरदाता बीमा कम्‍पनी द्वारा परिवादी का बीमा दावा नो क्‍लेम करके कोई त्रुटि नहीं की  गई। अग्रेत्‍तर यह भी कथन किया गया कि परिवादी ने मोटर साईकिल  चोरी की एफ0आई0आर0 22 दिन बाद पुलिस में अंकित कराई तथा  विपक्षी बीमा कम्‍पनी को चोरी की सूचना घटना के 27 दिन बाद दी इस  तरह परिवादी ने बीमा शर्तों का उल्‍लंघन किया। इस दृष्टि से भी परिवादी  का क्‍लेम भुगतान योग्‍य नहीं था। उक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद को  सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   विपक्षीगण की ओर से बीमा कम्‍पनी के मण्‍डलीय प्रबन्‍धक श्री सुखवीर सिंह का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-19/1 लगायत 19/3  दाखिल   हुआ जिसके साथ दावा अमान्‍य किऐ जाने सम्‍बन्‍धी परिवादी को भेजे गऐ  पत्र दिनांक 24/5/2011 तथा बीमा पालिसी की नकलों को बतौर संलग्‍नक   दाखिल किया गया है, यह संलग्‍नक पत्रावली के कागज सं0-19/4 लगायत  19/6 हैं।
  6.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्र का अवलोकन किया।
  7.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि सोनू पुत्र प्रेमलाल से परिवादी ने मोटर साईकिल यू0पी021 ए0सी0 3099 खरीदी थी उस मोटर साईकिल को ए0आर0टी0ओ0 कार्यालय मुरादाबाद में परिवादी ने अपने नाम ट्रांसफर करा लिया है। मोटर साईकिल ट्रांसफर की सूचना उसने विपक्षी को देते हुऐ मोटर साईकिल का बीमा अपने नाम ट्रांसफर कराने का अनुरोध किया था, किन्‍तु विपक्षी ने बीमा परिवादी के नाम ट्रांसफर नहीं किया इसी मध्‍य उसकी यह मोटर साईकिल चोरी हो गई। यधपि  चोरी की एफ0आई0आर0 पुलिस में दर्ज करा दी थी और विपक्षी को भी  सूचित कर दिया था इसके बावजूद विपक्षी ने उसका बीमा दावा अस्‍वीकृत   कर दिया। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि दावा अस्‍वीकृत   करके विपक्षी ने सेवा में कमी और त्रुटि की है।
  8.   प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि  पालिसी ट्रांसफर कराने हेतु परिवादी ने विपक्षीगण से कभी अनुरोध नहीं किया और न ही इस आशय का कभी पत्र दिया तत्‍सम्‍बन्‍धी परिवादी के  कथन असत्‍य हैं। विपक्षीगण की ओर से यह भी कहा गया कि मोटर साईकिल चोरी की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने में परिवादी ने 23 दिन   का विलम्‍ब किया साथ ही साथ विपक्षी बीमा कम्‍पनी को मोटर साईकिल  चोरी की सूचना भी परिवादी ने चोरी की घटना के 27 दिन बाद दी और  ऐसा करके उसने पालिसी की शर्तों का उल्‍लंधन किया। विपक्षीगण के  विद्वान अधिवक्‍ता ने अग्रेत्‍तर यह कहते हुऐ कि अभिकथित चोरी की  तारीख पर चॅूंकि मोटर साईकिल का बीमा मोटर साईकिल के पूर्व स्‍वामी  सोनू पुत्र प्रेमलाल के नाम था और इस प्रकार परिवादी और विपक्षीगण  के बीच में मोटर साईकिल चोरी होने की तिथि पर बीमा का कोई अनुबन्‍ध  नहीं था अत: परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत कर विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की। पत्रावली पर जो साक्ष्‍य और अभिलेख उपलब्‍ध हैं उनके आधार  पर हम विपक्षीगण की ओर से प्रस्‍तुत तर्कों में बल पाते हैं।
  9.   परिवादी के अनुसार परिवादी ने मोटर साईकिल यू0पी021 ए0सी0 3099 सोनू पुत्र प्रेमलाल से खरीदी थी। आर0सी0 की नकल कागज सं0-3/8 के अवलोकन से प्रकट है कि आर0सी0 में परिवादी का नाम दिनांक  13/4/2010 को चढ़ गया। प्रथम सूचना रिपोर्ट की नकल कागज सं0-3/10 के अनुसार परिवादी की यह मोटर साईकिल दिनांक 1/9/2010 को  चोरी हुई थी। उस समय मोटर साईकिल सोनू पुत्र प्रेमलाल के नाम थी।  पत्रावली में ऐसा कोई अभिलेख नहीं है जिससे प्रकट हो कि चोरी की तिथि पर बीमा पारिवादी के नाम ट्रांसफर हो चुका था। कहने का आशय यह है कि मोटर साईकिल चोरी होने की तिथि पर मोटर साईकिल आर0सी0 में यधपि परिवादी के नाम दर्ज थी किन्‍तु इसका बीमा परिवादी के नाम ट्रांसफर नहीं हुआ था। पत्रावली में अवस्थित पत्र कागज सं0-3/12 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ परिवादी के विद्वान  अधिवक्‍ता ने कहा कि दिनांक 15/4/2010 को परिवादी ने बीमा अपने   नाम ट्रांसफर कराने हेतु पत्र विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में दिया था,   किन्‍तु परिवादी के नाम बीमा ट्रांसफर नहीं किया गया। विपक्षीगण के   विद्वान अधिवक्‍ता ने ऐसा कोई पत्र प्राप्‍त होने से इन्‍कार किया और  कहा कि पत्र कागज सं0-3/12 पर प्राप्ति के हस्‍ताक्षर फर्जी है। परिवादी  कोई ऐसा प्रमाण प्रस्‍तुत नहीं कर पाये जिससे  प्रकट हो कि कागज सं0-3/12 की असल परिवादी ने विपक्षी सं0-2 के कार्यालय में प्राप्‍त कराई थी   अन्‍यथा भी बीमा कम्‍पनी के कार्यालय में जो पत्र दस्‍ती दिऐ जाते हैं   उनकी प्राप्ति पर बीमा कम्‍पनी की मोहर भी प्राप्‍तकर्ता के हस्‍ताक्षर के  साथ लगी होती है। कागज सं0-3/12 पर कोई मोहर नहीं लगी है।   विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी कथन है कि बीमा ट्रांसफर  कराने हेतु 50/- रूपया की फीस जमा करनी होती है। परिवादी ऐसी कोई   रसीद दाखिल नहीं कर पाया। उपरोक्‍त कारणों से विपक्षीगण की ओर से  किऐ गऐ इस कथन में बल दिखाई देता है कि बीमा अपने नाम ट्रांसफर कराने हेतु परिवादी ने कभी कोई पत्र विपक्षीगण के यहॉं प्राप्‍त नहीं कराया। 
  10.   नेशनल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमि‍टेड  बनाम जय भगवान, 2014(2) सी0पी0आर0 पृष्‍ठ-459 (एन0सी0) तथा संदीप गुप्‍ता बनाम यूनाईटेड इण्डिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड,2014(2) सी0पी0आर0 पृष्‍ठ-13 (एन0सी0) की निर्णयज विधियों में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष  आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गई है कि यदि वाहन स्‍वामी  ने वाहन का बीमा अपने नाम ट्रांसफर नहीं कराया है तो उस स्थिति में   बीमा कम्‍पनी वाहन स्‍वामी को ओ0डी0 क्‍लेम अदा करने के लिए बाध्‍य    नहीं है क्‍योंकि बीमा कम्‍पनी और ऐसे वाहन स्‍वामी जिसके नाम वाहन  का बीमा ट्रांसफर नहीं हुआ हो, के मध्‍य बीमा सम्‍बन्‍धी कोई अनुबन्‍ध   नहीं है।
  11.   वर्तमान मामले में यह भी उजागर हुआ है कि परिवादी ने चोरी की   प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाने में 23 दिन का विलम्‍ब किया है साथ ही  साथ चोरी की सूचना बीमा कम्‍पनी को देने में 27 दिन का विलम्‍ब   किया है ऐसी दशा में परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का भी उल्‍लंघन  किया है।
  12.   उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि   विपक्षीगण ने परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके कोई त्रुटि अथवा  सेवा में कमी नहीं की। परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

 

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

    (सुश्री अजरा खान)                (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                       अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद              जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     03.11.2016                    03.11.2016

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.11.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

      (सुश्री अजरा खान)             (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य                      अध्‍यक्ष

  •    0उ0फो0-।। मुरादाबाद             जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

    03.11.2016                    03.11.2016

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.