Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/84/2011

Shri Yaad Ram - Complainant(s)

Versus

The Oriental Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

20 Aug 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/84/2011
 
1. Shri Yaad Ram
R/o Village Harthala Sabji Mandi Wali Gali, Bhure Singh Baghiya, kanth Road Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. The Oriental Insurance Company Ltd.
Add:- Divisional Office Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षी से उसे बीमा के 2,10,380/- रूपया और उस पर 18  प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज दिलाया जाऐ। परिवाद व्‍यय के रूप में 5,000/- रूपया तथा मानसिक कष्‍ट एवं आर्थिक हानि की मद में क्षतिपूर्ति के रूप में परिवादी ने 2,00,000/- रूपये अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी मैजिक टैम्‍पो सं0- यू0पी0 21एन /7147 का पंजीकृत स्‍वामी है। उसका यह वाहन दिनांक 31/12/008 से 30/12/2009 की अवधि हेतु विपक्षी से बीमित था। दिनांक 12/09/2009 को बिलारी से मुरादाबाद आते हुऐ उक्‍त वाहन दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया जिसकी रिपोर्ट दिनांक 13/09/2009 को थाना कुन्‍दरकी में दर्ज कराई गई और दुर्घटना की सूचना विपक्षी को दी गई। क्‍लेम हेतु परिवादी ने सभी औपचारिकताऐं पूरी की। विपक्षी के सर्वेयर ने सर्वे कर क्षति का आंकलन किया। परिवादी ने  अपना वाहन ठीक कराया जिसमें उसका 2,10,380/- रूपया खर्च हुआ। परिवादी का कथन है कि बार-बार चक्‍कर काटने के बाद भी विपक्षी ने परिवादी का क्‍लेम नहीं दिया और दिनांक 21/03/2011 के पत्र द्वारा क्‍लेम अस्‍वीकृत कर दिया। आधार यह लिया गया कि परिवादी के पास वाहन को चलाने का परमिट नहीं था। परिवादी का आरोप है कि इस दुर्घटना के सम्‍बन्‍ध में  M.A.C. संख्‍या- 343/2009, M.A.C. संख्‍या- 344/2009 और M.A.C. संख्‍या- 329/2009 में विपक्षी ने सुलह के आधार पर प्रतिकर का भुगतान किया है। अब परिवादी का क्‍लेम मारने की गरज से विधि विरूद्ध तरीके से उसने परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत कर दिया, ऐसा करके विपक्षी ने त्रुटि की  है। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   परिवाद के साथ परिवादी ने विपक्षी द्वारा उसे भेजे गऐ क्‍लेम  अस्‍वीकृति के पत्र दिनांकित 21/03/2011, विपक्षी को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांकित 29/04/2011, नोटिस भेजने की डाकखाने की रसीद, वाहन के परमिट, फिटनेस, वाहन चालक के ड्राईविंग लाईसेंस, आर0सी0, थाना कुन्‍दरकी में दर्ज हुई दुर्घटना की प्रथम सूचना रिपोर्ट, बीमा कवरनोट, टैम्‍पो ठीक  कराने में हुऐ खर्च की इनवायस और अदायगी की रसीद, M.A.C. संख्‍या- 343/2009, M.A.C. संख्‍या- 344/42009 और M.A.C. संख्‍या- 329/2009 में मोटर दुर्घटना प्राधिकरण द्वारा सुलह के आधार पर पारित आदेशों की फोटो प्रतियों को  दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 3/6 लगायत 3/25  हैं।
  4.   विपक्षी ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0- 15/1 लगायत 15/4 दाखिल किया। प्रतिवाद पत्र में पालिसी की शर्तों एवं प्रतिबन्‍धों के अधीन दिनांक 31/12/2008 से 30/12/2009 की अवधि हेतु परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित वाहन का बीमा किऐ जाने से तो इन्‍कार नहीं किया गया है, किन्‍तु परिवाद के शेष  कथनों से इन्‍कार किया गया है। विशेष कथनों में कहा गया कि चूँकि परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया था अत: दिनांक 21/03/2011 के पत्र द्वारा परिवादी का क्‍लेम खारिज किया गया है और ऐसा करके विपक्षी ने कोई त्रुटि नहीं की। विपक्षी ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि परिवादी का वाहन दुर्धटना के समय परमिट की शर्तों के विपरीत संचालित किया जा रहा था,  ​वाहन का परमिट कान्‍ट्रेक्‍ट कैरिज हेतु था जबकि टैम्‍पो निजी बस मार्ग पर स्‍टेज कैरिज के रूप में संचालित किया जा रहा था जो बीमा शर्तों और मोटर व्‍हीकल एक्‍ट के प्राविधानों का उल्‍लंघन है। विपक्षी ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि इस दुर्घटना में घायल हुऐ व्‍यक्तियों के बीमा दावे विपक्षी ने सुलह के आधार पर निस्‍तारित कराऐ थे किन्‍तु उनका वर्तमान क्‍लेम पर कोई प्रभाव नहीं है क्‍योंकि परिवादी का यह क्‍लेम O.D. क्‍लेम है जबकि निस्‍तारित मामले IIIrd पार्टी क्‍लेम थे। विपक्षी का यह भी कथन है कि सूचना मिलने पर विपक्षी ने  अपना सर्वेयर नियुक्‍त किया था। सर्वेयर ने कटौती के उपरान्‍त 96,932/- रूपये की धनराशि निर्धारित की। चॅूंकि बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया गया था अत: यह राशि भी विपक्षी ने भुगतान योग्‍य नहीं पायी और  परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत किया। विपक्षी द्वारा इस प्रकार परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  5.   साक्ष्‍य में परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ  पत्र कागज सं0-17/1  लगायत 17/6 दाखिल किया जिसके साथ संलग्‍नकों के रूप में उसने वाहन की रिपेयर में हुऐ खर्चे की इनवायस, पेमेन्‍ट की रसीद, वाहन का परमिट, वाहन चालक के ड्राईविंग लाईसेंस, वाहन के फिटनेस सार्टिफिकेट, पंजाब नेशनल बैंक के  अपने एकाउन्‍ट की पासबुक, सूचना का अधिकार अधिनियम के अधीन विपक्षी को प्रेषित प्रार्थना पत्र की नकलों को दाखिल किया गया है। उक्‍त  के अतिरिक्‍त  परिवादी ने सूची कागज सं0-17/17 के माध्‍यम से M.A.C. संख्‍या-343/2009, M.A.C. संख्‍या-344/2009, M.A.C. संख्‍या-329/2009, एवं M.A.C. संख्‍या-320/2009 में न्‍यायालय द्वारा पारित निर्णयों की प्रमाणित प्रतियों को भी दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-17/18 लगायत 17/29 हैं।
  6.   विपक्षी की ओर से उसके वरिष्‍ठ मण्‍डलीय प्रबन्‍धक श्री आनन्‍द स्‍वरूप ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-18/1 लगायत 18/4 प्रस्‍तुत किया। इसके साथ बीमा पालिसी, परमिट बैरीफिकेशन रिपोर्ट, एक्‍सीडेन्‍ट इनफोरमेंशन रिपोर्ट, सर्वेयर नवनीत एण्‍ड कम्‍पनी की सर्वे रिपोर्ट एवं थाना कुन्‍दरकी में  दर्ज करायी गई दुर्घटना की एफ0आई0आर0 की नकलों को संलग्‍नकों के रूप  में दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-18/5 लगायत 18/20 हैं।
  7.   परिवादी ने लिखित बहस दाखिल की। विपक्षी की ओर से लिखित बहस  दाखिल नहीं हुई।
  8.   हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली  का अवलोकन किया।
  9.  परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता ने पत्रावली में अवस्थित M.A.C. वाद संख्‍या-343/2009, संख्‍या-344/2009, संख्‍या-329/2009 तथा M.A.C. संख्‍या-320/2009 के निर्णयों की प्र‍माणित प्रतियों कागज सं0-17/18 लगायत 17/29 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ तर्क दिया कि इसी वाहन से  हुई दुर्घटना के उक्‍त चार मामलों में तो विपक्षी ने दुर्धटना दावों को भुगतान कर दिया है, ऐसी दशा में पत्र दिनांक 21/03/2011 कागज सं0-3/6 द्वारा प्रश्‍नगत दावे को अस्‍वीकार करके विपक्षी ने त्रुटि की है। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि M.A.C. वाद संख्‍या-343/2009, M.A.C. संख्‍या-344/2009 तथा M.A.C. संख्‍या-329/2009 इसी दुर्घटना से सम्‍बन्धित थे। इस प्रकार एक ही दुर्घटना से सम्‍बन्धित जब 3 दावों का भुगतान विपक्षी ने कर दिया तो वर्तमान दावे को अस्‍वीकृत किऐ जाने का कोई औचित्‍य नहीं था। प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि परिवादी ने जिन क्‍लेम वादों का जिक्र किया है वे IIIrd पार्टी क्‍लेम थे जबकि वर्तमान दावा IIIrd पार्टी क्‍लेम न होकर O.D. क्‍लेम है। अत: दोनों प्रकरण भिन्‍न-भिन्‍न हैं, ऐसी दशा में परिवादी को सादृश्‍यता के आधार पर IIIrd पार्टी क्‍लेम के दावों का अबलम्‍व लेकर वर्तमान O.D. क्‍लेम  नहीं दिलाया जा सकता।
  10.   क्‍लेम अस्‍वीकृति के पत्र कागज सं0-3/6 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी का यह दावा इस आधार पर अस्‍वीकृत किया गया कि अभिकथित दुर्घटना के समय परिवादी का वाहन निजी बस मार्ग पर स्‍टेज कैरिज के रूप  में संचालित हो रहा था जबकि वाहन का परमिट कान्‍ट्रेक्‍ट कैरिज के तहत जारी किया गया था। दुर्घटना की एफ0आई0आर0 की नकल पत्रावली का कागज सं0- 3/13 है जिसके अवलोकन से प्रकट है कि दुर्घटना के समय परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित टैम्‍पो में बिलारी से मुरादाबाद के लिए  किराये पर सवारियां ले जायी जा रही थीं। इस प्रकार टैम्‍पो का संचालन स्‍टेज  कैरिज के रूप में किया जा रहा था जबकि वाहन के परमिट की नकल कागज  सं0-3/9 है, के अवलोकन से प्रकट है कि इस वाहन का परमिट कान्‍ट्रेक्‍ट कैरिज का था। प्रकट है कि अभिकथित दुर्घटना के समय टैम्‍पो के संचालन में बीमा पालिसी में उल्लिखित शर्त ‘’ Limitations as to use ‘’ का उल्‍लंघन हुआ  है। 
  11.   2014 (2) CPR 757 (NC), Kalyan Singh Chauhan v/s National Insurance company Through Division Manager के मामले में मा0 राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, नई दिल्‍ली द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गई है कि वाहन के  संचालन में ‘’ Limitations as to use ‘’ का उल्‍लंघन किया गया हो तो बीमा कम्‍पनी को क्‍लेम अस्‍वीकृत करने का अधिकार है।
  12.   उपरोक्‍त निर्णयज विधि के दृष्टिगत बीमा कम्‍पनी ने परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके कोई त्रुटि नहीं की।
  13.   उपरोक्‍त स्थिति के दृष्टिगत हम  इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं  कि परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

 

 

परिवाद खारिज  किया जाता है।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     20.08.2015           20.08.2015        20.08.2015

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 20.08.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     20.08.2015           20.08.2015        20.08.2015

 

 

 

 

 

 

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