Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/91/2010

Shri Shiv Mohan Agarwal - Complainant(s)

Versus

The Oriental Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

14 Aug 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/91/2010
 
1. Shri Shiv Mohan Agarwal
R/0 C-111 Harpal Nagar Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. The Oriental Insurance Company Ltd.
Divisional Office Kothiwal , Station Road Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

                 

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादी ने  यह उपशम मांगा है कि विपक्षी को आदेशित किया जाऐ कि दिनांक 23/08/2009 को हुऐ एक्‍सीडेन्‍ट के फलस्‍वरूप उसकी गाड़ी की रिपेयर में हुऐ खर्च का भुगतान परिवादी को 18  प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित करे। क्षतिपूर्ति की मद में 83,000/- रूपये तथा परिवाद व्‍यय और अधिवक्‍ता फीस की मद में 2,200/- रूपये परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.  संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि विपक्षी के एजेन्‍ट के माध्‍यम  से परिवादी ने अपनी टाटा इण्डिका कार संख्‍या-यू0पी0-21एल/1222 का बीमा विपक्षी से दिनांक 10/08/2009 से 09/08/2010 तक की अवधि हेतु कराया। परिवादी ने 4,356/- रूपया प्रीमियम दिया इसकी रसीद एजेन्‍ट ने परिवादी को दी। बीमा पालिसी का नं0 460800/31/09/6100001568 है। एजेन्‍ट ने  परिवादी को पालिसी के साथ 843/- रूपये वापिस कर दिऐ। दुर्भाग्‍य से दिनांक 23/08/2009 को परिवादी की कार का एक्‍सीडेन्‍ट हो गया। विपक्षी को सूचना दी गयी। दिनांक 25/08/2009 को विपक्षी ने कार का सर्वे कराया। सर्वे के बाद परिवादी ने अपनी कार ठीक करायी। परिवादी का आरोप है कि एक्‍सीडेन्‍ट हुऐ करीब 8 महीने का समय बीत चुका है इसके बावजूद विपक्षी ने कार में  हुई क्षति का भुगतान नहीं किया है। परिवादी ने मजबूरन विपक्षी को कानूनी नोटिस भेजा तो विपक्षी द्वारा बताया गया कि 834/- रूपये कम जमा हैं इसलिए दावे का भुगतान उसे नहीं हो सकता। परिवादी ने विपक्षी को बताया कि उसके एजेन्‍ट ने प्रीमियम राशि में से 834/- रूपया उसे वापिस कर दिऐ थे, परिवादी ने पुन: 834/- रूपये जमा कर दिये हैं, अब विपक्षी के पास पूरा प्रीमियम जमा है। 834/- रूपये पुन: जमा  करने के बाद भी परिवादी को क्‍लेम का भुगतान नहीं किया गया और उससे अवैध शुल्‍क की मांग की गयी। मजबूरन परिवादी को यह परिवाद योजित करने की आवश्‍यकता हुई। उसने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.   विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-7/1 लगायत 7/4 दाखिल किया गया जिसमें परिवादी की कार का बीमा किया जाना और बीमा शर्तों के अधीन परिवादी को परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित बीमा पालिसी जारी  किया जाना और परिवादी की कार दुर्घटनाग्रस्‍त होने पर उसका सर्वे किया जाना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया। प्रतिवाद पत्र में अग्रेत्‍तर कहा गया कि परिवादी ने बीमा प्रस्‍ताव में सही  तथ्‍यों को छिपाकर बीमा पालिसी ली थी। उसने इस बात को छिपाया कि प्रश्‍नगत पालिसी लेने से पूर्व उसने रिलायंस इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 से एक्‍सीडेन्‍ट क्‍लेम लिया था। विपक्षी ने सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की। परिवादी का बीमा दावा सूचनाऐं छिपाने के कारण पत्र दिनांक 04/01/2010 द्वारा अस्‍वीकृत किया गया और ऐसा करके विपक्षी ने कोई  त्रुटि नहीं की। विपक्षी की ओर से अग्रेत्‍तर कथन किया गया कि दिनांक 05/08/2008 से 04/08/2009 की अवधि हेतु परिवादी ने अपनी इसी कार   का बीमा रिलायंस इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से कराया था। रिलायंस इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से परिवादी ने उक्‍त अवधि में 1,07,000/- रूपये का क्‍लेम प्राप्‍त किया,  किन्‍तु परिवादी ने उक्‍त तथ्‍य को छिपाकर विपक्षी उत्‍तरदाता से 25 प्रतिशत नौ-क्‍लेम बोनस प्राप्‍त कर लिया जिसका परिवादी हकदार नहीं था। परिवादी का यह कथन असत्‍य है कि विपक्षी के एजेन्‍ट ने बिना भरे हुऐ क्‍लेम फार्म पर परिवादी के हस्‍ताक्षर कराऐ थे। परिवादी से सुविधा शुल्‍क की कभी मांग नहीं की गयी उसका यह आरोप गलत है। 834/- रूपये परिवादी द्वारा जमा  किऐ जाने के सम्‍बन्‍ध में कहा गया है कि परिवादी को यह सलाह दी गई  थी कि भविष्‍य में किसी प्रकार की समस्‍या से बचने के लिए यदि वह चाहता है तो 834/- रूपया जमा कर दे और इसी क्रम में उसने 834/- रूपया विपक्षी के पास जमा किऐ थे। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर यह कहते हुऐ कि विपक्षी ने परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत कर न तो कोई त्रुटि की और न कोई सेवा में कमी की, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
  4.   परिवाद के साथ परिवादी द्वारा 834/- रूपये की वापिसी की रसीद, कार की रिपेयर में होना बताये गये खर्च का विवरण,विपक्षी को भिजवाऐ गऐ कानूनी नोटिस की नकल, उसे भेजे जाने की डाकखाने की असल रसीद, कलेम अस्‍वीकृत किऐ जाने का परिवादी को भेजा गया पत्र, परिवादी को भविष्‍य की परेशानी से बचने के लिए 834/- रूपया जमा करने की सलाह विषयक विपक्षी के पत्र, विपक्षी को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांकित 11/01/2010 की नकल, इस नोटिस को भेजे जाने की असल रसीद, विपक्षी की ओर से प्राप्‍त जबाब नोटिस, पुन: विपक्षी को भेजे गऐ कानूनी नोटिस दिनांक 08/02/2010 की नकल और इसे भेजे जाने की रसीद, 834/- रूपया विपक्षी के पास जमा  करने की रसीद, कार की आर0सी0, अमित अग्रवाल के ड्राईविंग लाईसेंस तथा बीमा कवरनोट की नकल को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/8 लगायत 3/22 हैं।
  5.   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/5  दाखिल किया। विपक्षी की ओर से बीमा कम्‍पनी के उप प्रबन्‍धक श्री डी0पी0 सिंह ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/4 दाखिल किया। इस शपथ पत्र के साथ क्‍लेम रिप्‍यूडिऐट किऐ जाने विषयक परिवादी को भेजेगऐ पत्र, परिवादी को भेजे गऐ जबाब नोटिस, विपक्षी की ओर से  रिलायंस इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 को भेजे गऐ ई-मेल, रिलायन्‍स इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 से प्राप्‍त उत्‍तर, रिलायन्‍स इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से 05/08/2008 से 04/08/2009 तक की अवधि हेतु परिवादी द्वारा कराऐ गऐ बीमा के कवरनोट, विपक्षी से बीमा पालिसी लेने से पूर्व परिवादी द्वारा भरे गऐ क्‍लेम फार्म तथा  विपक्षी के सर्वेयर श्री के0पी0 सिंह चौहान द्वारा दिऐ गऐ असिस्‍मेन्‍ट को संलग्‍नक के रूप में दाखिल किया गया है।
  6.   परिवादी ने लिखित बहस दाखिल  की।  विपक्षी के विद्वान  अधिवक्‍ता  ने परिवादी की लिखित बहस दाखिल होने के उपरान्‍त परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित बीमा पालिसी की असल पालि‍सी और नियम व शर्तों को सूची कागज सं0-21/1 के माध्‍यम से दाखिल किया। असल बीमा पालिसी और  पालिसी की शर्तें पत्रावली का कागज सं0-21/2 लगायत 21/7 हैं।
  7.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवकतागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।    
  8.  दोनों पक्षों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि परिवादी की  कार दिनांक 10/08/2009 से 09/08/2010 तक की अवधि हेतु विपक्षी से बीमित थी। परिवादी की कार दिनांक 23/08/2009 को दुर्घटनाग्रस्‍त होने और  दुर्घटना की सूचना मिलने पर विपक्षी द्वारा कार का सर्वे कराये जाने से भी  विपक्षी को इन्‍कार नहीं है।
  9.   परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि यधपि परिवादी ने  बीमा पालिसी लेते समय बीमा प्रीमियम की पूरी धनराशि 4,356/- रूपये विपक्षी के एजेन्‍ट को दी थी, किन्‍तु विपक्षी के एजेन्‍ट ने अदा किऐ गऐ प्रीमियम में से 834/- रूपये की धनराशि Excess payment बताकर 10/08/2009 को परिवादी को वापिस कर दी। जब परिवादी ने दुर्घटना बीमा दावा भुगतान करने का विपक्षी से पुन: - पुन: अनुरोध किया तो पत्र दिनांकित 04/01/2010 (पत्रावली का कागज सं0-3/12) द्वारा बीमा दावे को विपक्षी ने अस्‍वीकृत कर दिया। आधारयह लिया गया कि परिवादी ने प्रपोजल फार्म भरने में गलत तथ्‍यों का उल्‍लेख करके 25 प्रतिशत नो-क्‍लेम  बोनस प्राप्‍त कर लिया और ऐसा करके उसने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया।
  10.   प्रत्‍युत्‍तर में बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता ने प्रपोजल फार्म कागज सं0- 14/10 लगायत 14/11 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया और कहा कि पूर्व वर्ष में परिवादी इस कार के लिए रिलायन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से दुर्घटना क्‍लेम ले चुका था परन्‍तु यह तथ्‍य उसने प्रपोजल फार्म में छिपाया और मिसरीप्रजेन्‍टेशन किया जिसकी बजह से परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके विपक्षी की ओर से न तो कोई त्रुटि की गई और न  सेवा में कमी की गई।
  11.    दोनों पक्षों की ओर से प्रस्‍तुत उपरोक्‍त तर्कों के प्रकाश में हमने  पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का विषलेषण किया। परिवाद के पैरा सं0-2 में उल्लिखित बीमा पालिसी हेतु परिवादी के प्रपोजल फार्म की फोटो कापी पत्रावली का कागज सं0-14/10 लगायत 14/11 है। यह फार्म दिनांक 10/08/2009 को भरा गया था। पत्रावली में अवस्थित रसीद कागज सं0-3/8 के अवलोकन से  प्रकट है कि दिनांक 08/08/2009 को विपक्षी के एजेन्‍ट ने कार का बीमा कराने हेतु 4,356/- रूपया परिवादी से प्राप्‍त किऐ, किन्‍तु इसमें से एजेन्‍ट ने 834/- रूपया दिनांक 10/08/2009 को परिवादी को वापिस कर दिऐ। 834/- रूपया वापिस करने के सन्‍दर्भ में विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने हमारा ध्‍यान प्रपोजल फार्म की ओर आकर्षित किया और कहा कि परिवादी ने प्रपोजल फार्म में  चॅूंकि यह घोषणा की थी कि उसने पूर्व वर्ष में कोई बीमा क्‍लेम नहीं लिया और उसके द्वारा लिया जा रहा नो-क्‍लेम बोनस सही है अत: विपक्षी ने एक्सस पेमेन्‍ट मानते हुऐ 834/- रूपये की धनराशि दिनांक 10/08/2009 को परिवादी को वापिस की थी।
  12.   हमारे मत में जब प्रपोजल फार्म में परिवादी ने और उसके द्वारा क्‍लेम किया जा रहा नो बोनस सही है, यह घोषणा की है कि पूर्व वर्ष में उसने कोई बीमा दावा नहीं लिया तो परिवादी को 834/- रूपया विपक्षी द्वारा वापिस करके कोई  त्रुटि नहीं की गयी।
  13.   पत्रावली में अवस्थित कागज सं0-14/7 लगायत 14/9 के अवलोकन से प्रकट है  कि परिवादी की यह कार दिनांक 05/08/2008 से 04/08/2009 की  अवधि में रिलायन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से बीमित थी। उक्‍त अवधि में परिवादी ने रिलायंस जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी से 1,07,000/- रूपये का क्‍लेम लिया था। कदाचित प्रपोजल फार्म में परिवादी द्वारा की गई यह घोषणा असत्‍य है कि पूर्व पालिसी में उसने कोई क्‍लेम नहीं लिया और उसके द्वारा लिया जा रहा नो-क्‍लेम बोनस सही है। असल बीमा पालिसी पत्रावली का कागज सं0-21/2 लगायत 21/7 है। प्रपोजल फार्म के पृष्‍ठ-14/11 की पुश्‍त पर यह स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है कि यदि परिवादी द्वारा प्रपोजल फार्म में की रही घोषणा गलत साबित हुई तो पालिसी की शर्त सं0-1 में प्रदत्‍त सुविधाऐं  जब्‍त कर ली जायेंगीं। प्रपोजल फार्म में परिवादी द्वारा की गई घोषणा के अंश निम्‍नवत् हैं:-

“ I/we hereby declare that the statements made by me/us in this proposal From are true to the best of my / our knowledge and belief and I/we here by agree that this declaration shall from the contract between me/us and the ‘’ National Insurance c0.Ltd. ”

“ I/we declare that the rate of NCB claimed by me/us is correct & that no claim has arisen in the expiring policy (copy of the policy enclosed) I/we further undertake that if this declaration is found to be incorrect all benefits under the policy in respect of section 1 of the policy will stand to be forfieted.”  

14  चॅूंकि परिवादी ने प्रपोजल फार्म में सही तथ्‍यों को छिपाया और नो-क्‍लेम बोनस की सुविधा लेने हेतु मिसरीप्रजेन्‍टेशन किया अत: परिवादी का बीमा दावा अस्‍वीकृत करके विपक्षी ने कोई त्रुटि नहीं की।

  विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने पत्रावली में अवस्थित कागज सं0-3/19 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित करते हुऐ यह भी तर्क दिया कि वापिस कर दिऐ जाने के बाद परिवादी ने पुन: 834/- रूपया बीमा कम्‍पनी को अदा कर दिऐ गऐ थे ऐसी दशा में उसका बीमा दावा अस्‍वीकृत नहीं किया जाना चाहिए था। प्रत्‍युत्‍तर में विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता ने बीमा कम्‍पनी के पत्र कागज सं0-3/13 की ओर हमारा ध्‍यान आकर्षित किया। इस पत्र में विपक्षी द्वारा परिवादी को यह सुविधा दी गयी थी कि यदि वह चाहें तो भविष्‍य की परेशानी से बचने के लिए नो-क्‍लेम  बोनस के 834/- रूपया जमा  कर सकता है। यह पत्र परिवादी का क्‍लेम अस्‍वीकृत किऐ जाने के बाद का है। परिवादी ने 834/- रूपया इस पत्र कागज सं0-3/13 के अनुक्रम में जमा किये हैं। पूर्ववर्ती तिथि से परिवादी को विधानत: कोई लाभ नहीं दिया जा सकता।

16  उपरोक्‍त विवेचना के आधार पर हम इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं कि  विपक्षी ने परिवादी का दावा अस्‍वीकृत करके न तो को त्रुटि की है और न सेवा में कमी की है। परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     14.08.2015           14.08.2015        14.08.2015

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 14.08.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     14.08.2015           14.08.2015        14.08.2015

 

 

 

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.