Uttar Pradesh

Muradabad-II

cc/196/2010

Shri Naresh Chandra - Complainant(s)

Versus

The Oriental Insurance Company Ltd. - Opp.Party(s)

Shri Mustkim Ahmad

18 Aug 2015

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. cc/196/2010
 
1. Shri Naresh Chandra
Village, JatPura Post, Rajpur Kaisheriya Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. The Oriental Insurance Company Ltd.
Civil Lines Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   18 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज  सहित दुर्घटना दावा के रूप  में 4,53,568/- रूपये विपक्षी सं0-1 से दिलाऐ जाने हेतु परिवादी ने यह परिवाद योजित किया है। क्षतिपूर्ति के रूप में 2,00,000/- रूपया और विपक्षीगण को नोटिस आदि  भेजने में हुऐ खर्च के 6,000/- रूपया परिवादी ने अतिरिक्‍त मांगे हैं।
  2.   संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादी कि महेन्‍द्र मैक्‍स  वाहन सं0 यू0पी021 ए0एन0 0164 दिनांक 19/02/2010 से 18/02/2011 तक की अवधि  के लिए बीमित थी। दिनांक 29/03/2010 को ठाकुरद्वारा से कन्‍नौज जाते समय परिवादी का उक्‍त वाहन जनपद हरदोई की तहसील हरपालपुर के निकट पुलिया से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया। दुर्घटना के समय वाहन में दरी व चादरें ले जायी जा रही थी। दुर्घटना में 6 लोगों की मृत्‍यु हो गई और वाहन चालक को भी काफी चोटें आयीं। परिवादी ने घटना की रिपोर्ट अगले ही दिन 30/03/2010 को थाना हरपालपुर, जिला हरदोई में  दर्ज करायी। विपक्षी सं0-1 को दुर्घटना की तत्‍काल सूचना दी गई। दिनांक  31/03/2010 को क्रेन से खिचवाकर परिवादी दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन को विपक्षी सं0-2 के पास लाया उसने मरम्‍मत का 4,53,568/- रूपये का एस्‍टीमेट दिया। परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से अनुरोध किया कि  इसको ठीक  करा दें, किन्‍तु  उन्‍होंने इसे ठीक नहीं कराया। परिवादी ने विपक्षी सं0-1 के समक्ष दुर्घटना दावा प्रस्‍तुत किया जिसे विपक्षी सं0-1 ने सेटिल नहीं किया। परिवादी ने परेशान होकर दिनांक 14/06/2010 को दुर्घटनाग्रस्‍त गाड़ी लोहे के भाव बेच दी। परिवादी ने विपक्षी को नोटिस भी दिया कि दावा सेटिल कर दें, किन्‍तु विपक्षी ने दावा सेटिल नहीं किया। मजबूरन परिवादी को यह परिवाद योजित करने की आवश्‍यकता हुई। परिवादी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की। 
  3.   परिवाद के साथ सूची कागज सं0-3/8 के माध्‍यम से परिवादी ने विपक्षी सं0-2 द्वारा वाहन की मरम्‍मत के एस्‍टीमेट, विपक्षीगण को परिवादी की   ओर से भेजे गऐ कानूनी नोटिस,  नोटिस भेजे जाने की डाकखाने की रसीद, थाना हरपालपुर जिला हरदोई की जी0डी0 दिनांकित 30/03/2010, परिवादी द्वारा थानाध्‍यक्ष हरपालपुर को दिनांक 30/03/2010 को दी गई दुर्घटना की रिपोर्ट, बीमा कवरनोट, वाहन चालक युनुस के ड्राईविंग लाईसेंस, प्रदूषण नियंत्रण जांच प्रमाण पत्र, टैक्‍स अदायगी की रसीद, दुर्घटनाग्रस्‍त वाहन  की आर0सी0, परमिट तथा क्रेन द्वारा विपक्षी सं0-2 के पास वाहन लाने में  हुऐ खर्च की रसीद की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 3/9 लगायत 3/31 हैं।
  4.   विपक्षी सं0-2 पर नोटिस की तामीला दिनांक 23/02/2011 के आदेश  से पर्याप्‍त हुई उसकी ओर से कोई उपस्थित नहीं हुऐ और ना ही कोई  वकालतनामा दाखिल हुआ। फोरम के आदेश दिनांक 28/02/2012 द्वारा  विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गयी।
  5.   विपक्षी सं0-1 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/3  दाखिल  हुआ। विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र में परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित परिवादी की गाड़ी का बीमा होने, दिनांक 29/03/2010 को वाहन दुर्घटनाग्रस्‍त होने, दुर्घुटना की सूचना  थाना हरपालपुर  जिला हरदोई की जी0डी0 दिनांकित 30/03/2010 में अंकित  होने  और दुर्घटना की सूचना मिलने पर विपक्षीगण द्वारा अपने सर्वेयर से गाड़ी सर्वे कराना तो स्‍वीकार किया गया है, किन्‍तु परिवाद के शेष कथनों से इनकार किया गया है। विपक्षी सं0-1 के अनुसार कथित दुर्घटना के समय ड्राईवर तथा क्‍लीनर सहित वाहन में 10 लोग  अनाधिकृत रूप से यात्रा कर रहे थे जबकि बीमा पालिसी के अनुसार इसमें ड्राईवर सहित केवल 2 अन्‍य  व्‍यक्ति बैठ  सकते थे,  इस प्रकार परिवादी ने बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघ्‍न किया है।  अतिरिक्‍त  यह भी  कहा गया कि परिवादी द्वारा थाना हरपालपुर में  लिखाई गई रिपोर्ट  में  गलत  तथ्‍यों  का उल्‍लेख  किया गया है।  परिवादी ने चूँकि पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन किया है  अत: परिवाद खण्डित होने योग्‍य  है। 

6 -  विपक्षी सं0-1 की ओर से विकल्‍प में यह भी कहा गया है कि विपक्षी सं0-1 के सर्वेयर ने टोटल लोस बेसिस के आधार पर साल्‍वेज वैल्‍यू काटने के बाद 2,56,000/- रूपया कलेम राशि की संस्‍तुति की है। यधपि बीमा पालिसी की शर्तों के उल्‍लंघन के कारण परिवाद को खण्डित किया जाना चाहिए, किन्‍तु  विकल्‍प में यदि विपक्षी सं0-1 की देयता बनती है तो वह 2,56,000/- रूपया तक अदा करने का जिम्‍मेदार होगा। उपरोक्‍त कथनों के आधार पर परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।

7-   परिवादी ने अपना साक्ष्‍य  शपथ पत्र कागज सं0-18/1 लगायत 18/ 4 दाखिल किया जिसके साथ उसने मूल बीमा कवरनोट, विपक्षी सं0-2 द्वारा गाड़ी की रिपेयार हेतु तैयार एस्‍टीमेट, क्रेन द्वारा गाड़ी खिचवाकर लाये जाने की रसीद और चन्‍द्रा सीमेन्‍ट स्‍टोर की रसीद मूल रूप में संलग्‍नक के रूप  में दाखिल की है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-18/5 लगायत 18/12 हैं।

8-  विपक्षी सं0-1 की ओर से बीमा कम्‍पनी के वरिष्‍ठ मण्‍डलीय प्रबन्‍धक  श्री आनन्‍द स्‍वरूप ने अपना साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-21/1 लगायत 21/3   दाखिल किया जिसके साथ उन्‍होंने थाना हरपालपुर जिला हरदोई में परिवादी द्वारा दी गई तहरीरी रिपोर्ट दिनांकित 30/03/2010 की नकल, वाहन की फिटनेस,बीमा कवरनोट एवं अपने सर्वेयर श्री हमेन्‍द्र सिंह एण्‍ड कम्‍पनी की  सर्वे रिपोट्र की नकलों को दाखिल किया, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0- 21/4 लगायत 21/15 है

9-   परिवादी ने अपनी लिखित बहस दाखिल की। विपक्षीगण की ओर से  लिखित बहस दाखिल नहीं की गई।

10 -      हमने परिवादी और विपक्षी सं0-1 के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को  सुना और पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी  सं0-2  की ओर  से कोई  उपस्थित नहीं  हुऐ।

11 -      परिवादी  के विद्वान अधिवक्‍ता का  तर्क है कि  विपक्षी ने  इस आधार पर कि दुर्घटना के समय  गाड़ी में  स्‍वीकृत संख्‍या  से अधिक व्‍यक्ति  यात्रा  कर रहे  थे,  परिवादी का  दावा  अस्‍वीकृत करके त्रुटि की है।  परिवादी के  विद्वान अधिवक्‍ता के अनुसार प्रथमत: तो गाड़ी में  स्‍वीकृत  संख्‍या से अधिक व्‍यक्ति यात्रा कर ही नहीं रहे थे और यदि यह मान भी  लिया जाये कि स्‍वीकृत संख्‍या  से  अधिक व्‍यक्ति दुर्घटना के  समय  गाड़ी में थे  तब  भी  बीमा दावा अस्‍वीकृत नहीं  किया जाना चाहिए  थ।  परिवादी के  विद्वान अधिवक्‍ता ने एस्‍टीमेट कागज सं0-3/0  लगायत 3/13  के अनुरूप 4,53,568/- रूपया और उस पर  ब्‍याज  विपक्षी से  दिलाऐ  जाने की प्रार्थना की।

12 -      प्रत्‍युत्‍तर  में  विपक्षी  के विद्वान अधिवक्‍ता  ने  हमारा ध्‍यान  बीमा कबवर नोट  कागज सं0-18/5 की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि गाड़ी में  चाचक सहित कुल  3 यात्री वाहन में  अनुमन्‍य थे। इसके विपरीत तहरीरी रिपोर्ट कागज सं0-3/22 के अनुसार वाहन में दुर्घटना के समय  चालक सहित कुल 10 लोग  सवार थे।  इस प्रकार परिवादी ने  बीमा पालिसी की शर्तों का  उल्‍लंघन किया। अत: विपक्षी बीमा कम्‍पनी  ने  परिवादी का  दावा अस्‍वीकृत करके त्रुटि नहीं की।

13- परिवादी ने तहरीरी रिपोर्ट कागज सं0-3/22  में  उल्लिखित तथ्‍यों  के  आधार पर यह कहा कि जिस समय  दुर्घटना हुई, उस समय वाहन में  केवल चालक व परिचालक थे, वाहन में जो मजदूर थे  वे दुर्घटना  से पहले ही उतर  गऐ थे, वे आगे-आगे  जा रहे थे जब पुलिया से टकराकर वाहन दुर्घटनाग्रस्‍त  होकर अनियन्त्रित होकर पलटा तब यह मजदूर गाड़ी के नीचे दब गये थे, उसी से उनकी मृत्‍यु हुई थी। इस तहरीरी रिपोर्ट में उल्लिखित यह घटनाक्रम कि दुर्घटना से पहले मजदूर गाड़ी से उतर गऐ थे और वे पैदल गाड़ी से आग जा रहे थे  और  गाड़ी  के पलटने  पर वे गाड़ी  के नीचे  दबकर  मारे  गऐ  एवं  घायल हुऐ  थे स्‍वीकार्य  दिखाई  नहीं  देता।  सम्‍भावना इस बात  की अधिक लगती है  कि दुर्घटना  में  मारे  गऐ  और घायल  हुऐ  सभी  लोग  अभिकथित दुर्घटना के समय  गाड़ी में  यात्रा कर रहे थे।

14- मा0 सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा II (1996) सी0पी0जे0 पृष्‍ठ-18, बी0वी0 नागराजू बनाम ओरियन्‍टल इंश्‍योरेंस कं0 लि0 के  मामले  में  दी  गई  विधि व्‍यवस्‍था  का अनुसरण करते हुए  मा0  राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता  विवाद प्रतितोष आयोग, नई  दिल्‍ली  द्वारा II 2012 (2) सी0पी0आर0 पृष्‍ठ-84, न्‍यू इण्डिया एश्‍योरेंस कम्‍पनी  लि0 बनाम कोटलू ब्रहमन्‍ना  एक्‍स-सर्विसमैन ट्रांसपोर्ट एण्‍ड कोआपरेटिव सोसाईटी लिमिटेड की निर्णयज विधि में  निम्‍न  व्‍यवस्‍था  दी गई  है:-  

  ‘’ If overloading is not prime cause of accident,

   Insurance Company cannot repudiate claime. ‘’

15- वर्तमान मामले में पत्रावली पर एसेवा कोई  साक्ष्‍य  संकेत नहीं है  जो यह इंगित करता हो कि दुर्घटना का कारण दुर्घटना के समय वाहन में  स्‍वीकृत संख्‍या  से अधिक व्‍यक्तियों का  यात्रा करना  था।  यह भी उल्‍लेख्‍यनीय है कि विपक्षीगण का स्‍वयं का भी यह केस नहीं है कि कथित ओवर लोडिंग की  बजह से अभिकथित दुर्घटना हुई  थी।  इन  परिस्थितियों में  कोटलू ब्रहमन्‍ना  एक्‍स-सर्विसमैन ट्रांसपोर्ट एण्‍ड कोआपरेटिव सोसाईटी लिमिटेड की उपरोक्‍त  निर्णयज विधि के दृष्टिगत विपक्षी सं0-1 ने  परिवादी का  बीमा दावा खारिज  करके त्रुटि की है।

16- विपक्षी सं0-1 के सर्वेयर ने अपनी लोस असिस्‍मेन्‍ट रिपोर्ट कागज सं0- 21/7 लगायत 21/15 में साल्‍वेज वैल्‍यू कम करते हुऐ लोस 2,56,000/-  रूपये आंकलित किया है।स्‍वयं परिवादी के अनुसार दुर्घटनाग्रस्‍त गाड़ी वह बेच  चुका है। इन परिस्थितियों में परिवादी को दुर्घटना दावे के रूप में 2,56,000/-  रूपया दिलाया जाना हम न्‍यायोचित एवं पर्याप्‍त समझते हैं। जहॉं तक परिवादी द्वारा मांगे जा रहे 4,53,568/- रूपया का प्रश्‍न है यह धनराशि मात्र एस्‍टीमेट है जो विपक्षी सं0-2 ने परिवादी को दिया था। विपक्षी के सर्वेयर हेमेन्‍द्र सिंह की लोस असिस्‍मेंट रिपोर्ट में परिवादी कोई त्रुटि इंगित नहीं कर पाया है अत: परिवादी को सर्वेयर की रिपोर्ट  में  की  गई  संस्‍तुति के अनुरूप 2,56,000/- रूपये की राशि बतौर क्‍लेम दिलाया जाना हम न्‍यायोचित समझते हैं। परिवादी को इस धनराशि पर परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज भी दिलाया जाना हमारे मत में न्‍यायोचित होगा। परिवाद तदानुसार निस्‍तारित होने योग्‍य  है।  

आदेश

परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्‍तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज सहित 2,56,000/- (दो लाख छप्‍पन हजार रूपये केवल) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादी के पक्ष में  विपक्षी सं0-1  के विरूद्ध स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी सं0-1 से परिवादी परिवाद व्‍यय के रूप में 2,500/- (दो हजार पाँच सौ रूपये) अतिरिक्‍त पाने का अधिकारी होगा। आज की तिथि से दो माह के अन्‍दर समस्‍त धनराशि का भुगतान किया जाये। 

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     18.08.2015           18.08.2015        18.08.2015

     हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 18.08.2015 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

     (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)   (सुश्री अजरा खान)    (पवन कुमार जैन)

          सदस्‍य               सदस्‍य              अध्‍यक्ष

  •     0उ0फो0-।। मुरादाबाद    जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     18.08.2015           18.08.2015        18.08.2015

 

 

 

 

 

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