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Raghuveer kumar gochar filed a consumer case on 24 Mar 2015 against The Oriental Insurance company ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/35/2007 and the judgment uploaded on 20 Apr 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीनः- अध्यक्ष, श्री नंदलाल शर्मा, मेम्बर श्री महावीर तंवर
परिवाद संख्या:- 35/07
रघुवीर कुमार गोचर पुत्र हरीश कुमार गोचर आयु 28 साल जाति गूजर, निवासी म.न. 112, सेक्टर-6 केशवपुरा, कोटा (राज0) ........... परिवादी
बनाम
01. दी आरियन्टल इंश्योरेनस कंपनी लिमिटेड, ब्रान्च आफिस द्वितीय कुदंन भवन चैारी होटल के सामने एम आई रोड जयपुर ।
02. दी ओरियन्टल इंश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड, ब्रांच कोटा जर्ये ब्राचं मैनेजर।
03. एच.डी.एफ.सी. बैंक लिमिटेड, पी.एस. रिटेल एसेस्ट्स, कोटा । विपक्षीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री राजेन्द्र प्रसाद माथुर, श्री सुरेश माथुर, अधिवक्तागण, परिवादी की ओर से।
02. श्री के0एस0 जादौन, अधिवक्ता, विपक्षी सं. 1व 2 की ओर से।
03. अप्रार्थी सं. 3 के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
निर्णय दिनांक 24.03.15
यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड को प्राप्त हुआ जिसमें अंकित किया कि उसने वाहन संख्या आर जे 14/6 सी-4443 का बीमा अप्रार्थी सं. 1 को प्रिमियम सं. 7,804/- रूपये मय सर्विस टेक्स जमा करवाकर, दिनांक 08.06.05 से दिनांक 07.06.06 तक की अवधि का बीमा करवाया था, जिसकी पालिसी संख्या 1523/2006 प्राप्त की थी। उक्त वाहन एच डी एफ सी से 1,80,000/- रूपये लोन लेकर खरीद की थी। उक्त कार खरीदने के बाद बीमा मे भी परिवादी ने अपना नाम का इन्द्राज करवा लिया था। परिवादी उक्त कार का उपयोग स्वयं के उपयोग में लेता था। दिनांक 19.01.06 को दोपहर 12 बजे करीब उसके पुत्र को कोटा बाल विद्यालय लेकर गई थी जो वापस नहीं लोटा, तालश की तो चालक ने बताया कि वह दिनांक 21.01.06 को रात्री 10 बजे जयपुर से आ रहा था, केकडी पास चाय पीने लगा तो वहाॅ गाडी चोरी हो गई। चोरी के समय वाहन गाडी को नहीं चला रहा था। परिवादी ने अपने वाहन के चोरी चले जाने की कोई रिपोर्ट दर्ज नहंी करवाई,परिवादी के वाहन चालक ने चोरी जाने की रिपोर्ट केकडी थाने में दर्ज करवाई हो तो उस एफ आई आर से परिवादी का कोई संबंध नहीं है। परिवादी ने उसके वाहन के चोरी जाने के बाद बीमा क्लेम अप्रार्थीगण के पास पेश किया, परन्तु विपक्षीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम का आज तक भुगतान नहीं किया। परिवादी ने विपक्षीगण को अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भी दिलवाया जो उनको प्राप्त हो गया, विपक्षीगण ने जो भी दस्तावेजात परिवादी से चाहे वह सब समय पर उपलब्ध करवा दिये। अप्रार्थीगण ने परिवादी के बीमा क्लेम का भुगतान न कर उसकी सेवा में कमी की है, इसलिये उसे विपक्षीगण से बीमा क्लेम की राशि मय ब्याज, मानसिक क्षति, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
अप्रार्थी सं. 1व 2 ने परिवादी के परिवाद का विरोध करते हुये जवाब पेश किया उसमें अंकित किया कि परिवादी ने अपने वाहन का उपयोग व्यवसायिक कार्य में किया है और परिवादी ने अपने वाहन के दिनांक 19.01.06 के बाद 21.01.06 तक उसके पास नहीं आई तो परिवादी ने उसकी रिपोर्ट थाने में नहीं लिखाई, चालक द्वारा लिखाई गई एफ. आई. आर. को सही नहीं मानता, परिवादी ने वाहन चोरी की रिपोर्ट समय पर बीमा कंपनी को नही दी, इस प्रकार परिवादी ने पालिसी शर्तो का उल्लधंन किया है इसलिये परिवादी बीमा क्लेम प्राप्त करने का अधिकारी नही है। परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता नहीं है। परिवादी ने बीमा कंपनी की सूचना में वाहन संख्या आर जे 14/सी-4443 लिखाया है जबकि परिवादी ने दुर्घटना पत्र में वाहन का पंजीयन संख्याआर जे 14-6सी-4443 आलेखित किया है। उक्त पंजीयन संख्या के बारे में परिवादी ने संतोषजनक जवाब विपक्षीगण को नहीं दिया है। वाहन चालक ने एफ0आई0आर0 25.01.06 को दर्ज करवाई है। बीमाधारी ने बीमा कंपनी के यहाॅ सूचना 02.02.06 को अति विलम्ब से दी है।
विपक्षीगण ने परिवादी का बीमा क्लेम पालिसी की शर्तो का उल्लधंन करने के कारण नियमानुसार खारिज किया है जो परिवादी की सेवा में कमी की श्रेणी में नहीं आता है। परिवादी का परिवाद सव्यय खारिज किया जावे।
विपक्षी सं. 3 दिनांक 16.06.09 तक मंच में उपस्थित नहीं आने के कारण उसके खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. क्या परिवादी विपक्षी का उपभोक्ता है ?
उभय पक्षों की बहस सुनने एवं पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजात का अवलोकन करने से यह स्पष्ट है कि परिवादी के वाहन चालक गणेशराम पुत्र रामदेव जाति माली निवासी आर के पुरम मकान नं. 257/ए कोटा ने परिवादी के वाहन आर जे 14/सी-4443 को सवारियों पर चलाना, उक्त वाहन को सी ए डी चैराहे पर खडा करना, दिनांक 19.01.06 को साढे तीन रूपये किलोमीटर के हिसाब से जयपुर के लिये बुक कर के ले जाना, वक्त बुकिंग वाहन, परिवादी का मौजूद होना, उक्त कथनों की पुष्टि अशोक जैन,विकाश चतुर्वेदी, वाहन चालक गणेशराम तथा प्र सू रि. सं0 34/06 धारा 379 भा0दं.सं0 से होती है। उपरोक्त विवेचन के आधार पर परिवादी के वाहन का व्यवसायिक कार्य में लिया जाना प्रमाणित पाया जाता है, इसलिये परिवादी विपक्षीगण का उपभोक्ता नहीं है।
02. क्या विपक्षीगण ने सेवा दोष किया है ?
परिवादी बिन्दु संख्या 1 अपने पक्ष में साबित नहीं कर पाया है, इसलिये इस बिन्दु
पर विवेचन, विशलेषण करना आवश्यक नहीं है।
03. अनुतोष ?
परिवादी का परिवाद खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी रघुवीर कुमार गोचर का परिवाद विपक्षीगण के खिलाफ खारिज किया जाता है। पक्षकारान खर्चा परिवाद अपना-अपना स्वयं वहन करेगें।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 24.03.15 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
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