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Ankur jain filed a consumer case on 19 Jan 2016 against The Oriental Insurance Company Ltd. in the Kota Consumer Court. The case no is CC/203/2013 and the judgment uploaded on 20 Jan 2016.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, कोटा (राजस्थान)।
प्रकरण संख्या- 203 /13
01. अंकुर जैन पुत्र जी.सी.जैन, निवासी 595 तलवंडी, कोटा।
02. श्रीमति रूबी जैन पत्नी अंकुर जैन निवासी 595 तलवंडी, कोटा। -परिवादीगण।
बनाम
दी ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, डिविजनल आॅफिस, द्वितीय फ्लोर, छावनी बिडिंग, कोटा राजस्थान। -विपक्षी
समक्ष
भगवान दास - अध्यक्ष
महावीर तंवर - सदस्य
हेमलता भार्गव - सदस्य
परिवाद अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थित:-
1 श्री एच.के. विजयवर्गीय,श्री बृजबिहारी गौचर, अधिवक्तागण, परिवादी की ओर से।
2 श्री वी.के. सक्सेना,अधिवक्ता, विपक्षी की ओर से।
निर्णय दिनांक 19.01.16
परिवादीगण ने विपक्षी के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 12 के अन्तर्गत लिखित परिवाद प्रस्तुत कर उसका संक्षेप में यह दोष बताया है कि विपक्षी बीमा कंपनी से केसलेस मेडिक्लेम पालिसी नं.24300/48/2011/2776 ली गई थी। उसमें परिवादीगण के अलावा पुत्री अगम्या का भी बीमा किया गया था। परिवादिया रूबी जैन को गर्भपात के लिये पी.एम.सी. अमरीकन अस्पताल में भर्ती कराया गया था तथा ईलाज के दौरान ट्यूबलीगेशन भी कराया गया था। जिसके ईलाज में कुल 19,551/- रूपये खर्च हुये थे, जिसकी अदायगी नही की गई। पुंत्री अगम्या को भी ईलाज हेतु उक्त अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके खर्चे 7,763/- रूपये के पेटे केवल 3,702/- रूपये का ही क्लेम स्वीकृत किया शेष राशि स्वीकृत करने से मनमाने रूप से इंकार कर दिया। विपक्षी बीमा कंपनी को अधिवक्ता के जरिये कानूनी नोटिस भेजे गये, जिनका गलत जवाब दिया गया। विपक्षी बीमा कंपनी द्वारा पुत्री के क्लेम की पूरी राशि स्वीकृत नहीं करने व पत्नी के क्लेम के पेटे कोई राशि नहीं देने से आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक संताप हुआ ।
विपक्षी बीमा कंपनी की ओर से प्रस्तुत जवाब का सार है कि पालिसी की शर्तो के अनुसार ही परिवादीगण की पुत्री अगम्या का क्लेम सही स्वीकार किया गया। परिवादिया रूबी जैन का क्लेम पालिसी की शर्तो के अनुसार जिस बीमारी का ईलाज लिया गया था उस बीमारी का देय नहीं होने के कारण सही खारिज किया गया। सेवा में कोई कमी नहीं की गई।
परिवादी ने साक्ष्य में परिवादी अंकुर जैन ने अपने शपथ-पत्र के अलावा विपक्षी बीमा कंपनी को प्रस्तुत क्लेम फार्म, अस्पताल को अदा की गई राशि के बिल, अस्पताल की ओर से ईलाज के संबंध में टी.पी.ए. को जारी किया गया पत्र, टी.पी.ए. की ओर से परिवादी अंकुर जैन को जारी पत्र, पालिसी, ईलाज के बिल, विपक्षी बीमा कंपनी को प्रेषित नोटिस, प्राप्त जवाब, पोस्टल रसीद, ए/डी आदि की प्रतियां प्रस्तुत की है।
विपक्षी बीमा कंपनी ने साक्ष्य में मंडल प्रबंधक के0पी0 शर्मा के शपथ-पत्र के अलावा क्लेम खारजी पत्र, पालिसी, टी.पी.ए. के पत्र आदि की प्रति प्रस्तुत की है।
हमने दोनों पक्षांें की बहस सुनी। पत्रावली का अवलोकन किया।
जहाॅ तक परिवादिया रूबी जैन के क्लेम का प्रश्न है विपक्षी बीमा कंपनी ने पालिसी की शर्त सं. 4.12 में गर्भाधन या गर्भ समापन एवं उससे उत्पन्न होने वाले या इससे संबंधित अन्य बीमारी के लिये कोई क्लेम देय नहीं होने के कारण ही क्लेम खारिज किया हैं।
हम पाते है कि उक्त कारण से क्लेम खारिज करके विपक्षी बीमा कंपनी ने सेवा में कमी नहीं की है क्योंकि पालिसी की शर्तो से दोनो पक्ष पांबद है। तथा पालिसी की शर्तो के विपरीत क्लेम अदायगी का विपक्षी बीमा कंपनी का कोई दायित्व नहीं है।
जहाॅ तक पुत्री अगम्या के ईलाज की पूरी राशि का क्लेम स्वीकृत नही करने का प्रश्न है, विपक्षी बीमा कंपनी ने पालिसी की शर्त के अनुसार अस्पताल में कमरे के किराये के पेटे 3,600/- रूपये में से 2,600/- रूपये, रजिस्ट्रेशन चार्ज के 50/- रूपये व डिस्काउन्ट के पेटे 411/- रूपये सहित कुल 4,061/- रूपये की कटौती की है, लेकिन इस कटौती से संबंधित पालिसी की शर्तो की कोई प्रति प्रस्तुत नहीं की इसलिये हम पाते है “कि यह कटौती अनुचित है व सेवादोष है। परिवादीगण पुत्री के ईलाज के पूरे खर्च 7,763/- रूपये की राशि विपक्षी बीमा कंपनी से पाने के अधिकारी है”।
अतः परिवादीगण का परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अतः परिवादीगण का परिवाद विपक्षी बीमा कंपनी के खिलाफ आंशिक रूप से स्वीकार किया जाकर निर्देश दिये जाते है कि परिवादीगण को पुत्री अगम्या के ईलाज के क्लेम की पूरी राशि 7,763/- रूपये की अदायगी एक माह में की जावे तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की दिनांक 08.06.13 से अदायगी करने तक 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज की भी अदायगी की जावे इसके साथ ही मानसिक संताप के पेटे 1,000/- रूपये व परिवाद व्यय के पेटे 2,000/- रूपये की अदायगी भी की जावे। परिवादिया रूबी जैन के संबंध में परिवाद खारिज किया जाता है।
(महावीर तंवर) (हेमलता भार्गव) ( भगवान दास)
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
निर्णय आज दिनंाक 19.01.16 को लिखाया जाकर खुले मंच में सुनाया गया।
सदस्य सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद जिला उपभोक्ता विवाद
प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा। प्रतितोष मंच, कोटा।
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