Chhattisgarh

Bilaspur

CC/14/182

SHRI SUBRAT CHOUDHARI - Complainant(s)

Versus

THE ORIENTAL INSURANCE CO.LTD. - Opp.Party(s)

SHRI VINAY CHOUHAN

07 Apr 2015

ORDER

District Consumer Dispute Redressal Forum
Bilaspur (C.G.)
Judgement
 
Complaint Case No. CC/14/182
 
1. SHRI SUBRAT CHOUDHARI
TORWA
BILASPUR
CHHATTISGARH
...........Complainant(s)
Versus
1. THE ORIENTAL INSURANCE CO.LTD.
OLD BUS STAND BILASPUR
BILASPUR
CHHATTISGARH
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK PRESIDENT
 HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA MEMBER
 
For the Complainant:
SHRI VINAY CHOUHAN
 
For the Opp. Party:
SHRI VINOD GUPTA
 
ORDER

// जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण फोरम, बिलासपुर छ.ग.//

 

                                                                                    प्रकरण क्रमांक cc/182/2014

                                                                                    प्रस्‍तुति दिनांक 17/09/2014

 

सुब्रत चौधरी पिता स्‍व.जे.एल.चौधरी,

आयु 51 वर्ष

निवासी श्रीगणेश एनक्‍लेव

थाना तोरवा, जिला बिलासपुर छ.ग.                        ......आवेदक/परिवादी

                   विरूद्ध

दी ओरियंटल इंश्‍योरेंस कंपनी लि‍मिटेड

मण्‍डल कार्यालय,

प्रथम मंजिल, रामा ट्रेड सेंटर,

पुराना बस स्‍टैण्‍ड के पास, बिलासपुर

जिला बिलासपुर छ.ग.                            .........अनावेदक/विरोधीपक्षकार

 

                       आदेश

          (आज दिनांक 07/04/2015 को पारित)

 

१. आवेदक  सुब्रत चौधरी ने उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 12 के अंतर्गत यह परिवाद अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध बीमा दावा  भुगतान न कर   सेवा में कमी के लिए पेश किया है और अनावेदक बीमा कंपनी से बीमा दावा की राशि 20,842/रू ब्‍याज एवं क्षतिपूर्ति के साथ दिलाए जाने का निवेदन किया है ।

2. परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार है कि आवेदक अपने वाहन मोटर साईकिल क्रमांक सी.जी.12-0935 का बीमा अनावेदक  बीमा कंपनी से दिनांक 31/03/2013 से 30/03/2014 तक की अवधि के लिए कराया था । दिनांक 30/11/2013 को आवेदक रोज की भॉति अपने मोटर साईकिल को गुरू कृपा टावर पार्किंग में लॉक कर कार्यालय गया और वहॉं से 7 बजे लौटा तो पाया कि उसकी   मोटर साईकिल वहॉं नहीं थी उसे कोई चोरी कर ले गया था, आवेदक इस घटना की रिपोर्ट तत्‍काल थाना सिविल लाईन में दर्ज कराया, साथ ही परिवहन कार्यालय को सूचना देते हुए अनावेदक बीमा कंपनी को दावा भुगतान के लिए सूचित किया, किंतु अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा बीमा दावा का भुगतान नहीं किया गया । अत: अनावेदक बीमा कंपनी की इस सेवा में कमी के लिए यह परिवाद पेश करते हुए उसके द्वारा अनावेदक बीमा कंपनी  से वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन किया गया है ।

3. अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से जवाब पेश कर यह तो स्‍वीकार किया गया कि आवेदक की प्रश्‍नाधीन वाहन उनके यहॉं दिनांक 31/03/2013 से 30/03/2014 तक की अवधि  के लिए बीमित था, किंतु परिवाद का विरोध इस आधार पर किया गया है कि वाहन की चोरी स्‍वयं आवेदक के लापरवाही से हुई, उसने सुरक्षित स्‍थान पर ताला लगाकर वाहन को खडा नहीं किया था, जिसके लिए वह स्‍वयं जिम्‍मेदार है । आगे कहा गया है कि उनके द्वारा मांग किए जाने पर भी आवेदक द्वारा न्‍यायालय की खात्‍मा रिपोर्ट की कॉपी भी पेश नहीं किया गया, फलस्‍वरूप उन पर क्षतिपूर्ति भुगतान का कोई दायित्‍व नहीं बनता । उक्‍त आधार पर अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा आवेदक के परिवाद को निरस्‍त किए जाने का निवेदन किया गया है ।

4. उभय पक्ष अधिवक्‍ता का तर्क सुन लिया गया है । प्रकरण का अवलोकन किया गया ।

5. देखना यह है कि क्‍या अनावेदक बीमा कंपनी  द्वारा आवेदक को बीमा दावा का भुगतान न कर सेवा में कमी की गई है

                      सकारण निष्‍कर्ष

6. घटना दिनांक आवेदक का प्रश्‍नाधीन वाहन अनावेदक बीमा कंपनी के यहॉं बीमित होने का तथ्‍य मामले में विवादित नहीं है । इसके अलावा यह भी विवादित नहीं है कि  आवेदक का प्रश्‍नाधीन वाहन घटना दिनांक को गुरू कृपा टावर पार्किंग से चोरी चला गया था । 

7. आवेदक का कथन है कि उसने अपने मोटर साईकिल चोरी की रिपोर्ट बिना किसी विलंब के थाना सिविल लाईन में दर्ज कराया था साथ ही परिवहन कार्यालय को भी सूचित करते हुए  अनावेदक बीमा कंपनी से बीमा दावा भुगतान का निवेदन किया था, किंतु अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा उसका बीमा दावा  भुगतान नहीं किया गया और इस प्रकार सेवा में कमी की गई, फलस्‍वरूप उसने यह परिवाद पेश करना बताया है।

8. इसके विपरीत अनावेदक बीमा कंपनी का कथन है कि आवेदक की प्रश्‍नाधीन मोटर साईकिल स्‍वयं उसकी लापरवाही से चोरी हुई, उसने सुरक्षित स्‍थान पर ताला लगाकर वाहन को खडा नहीं किया था, जिसके लिए वह स्‍वयं जिम्‍मेदार है । साथ ही कहा गया है कि उनके द्वारा मांग किए जाने पर भी आवेदक  न्‍यायालय की खात्‍मा रिपोर्ट की कॉपी भी पेश नहीं किया, फलस्‍वरूप उन पर बीमा दावा भुगतान का कोई दायित्‍व नहीं बनता ।

9. इस प्रकार यद्यपि अनावेदक बीमा कंपनी ने यह अभिकथित किया है कि आवेदक की वाहन स्‍वयं उसकी लापरवाही से चोरी हुआ था, क्‍योंकि उसने सुरक्षित स्‍थान पर ताला लगाकर वाहन को खडा नहीं किया था, किंतु अपने इस कथन को साबित करने के लिए अनावेदक बीमा कंपनी की ओर से न तो कोई साक्ष्‍य पेश नहीं किया गया है और न ही पुलिस द्वारा दर्ज रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि आवेदक द्वारा अपने प्रश्‍नाधीन वाहन को असुरक्षित स्‍थान पर बगैर लॉक किए खडी किया गया था, फलस्‍वरूप साक्ष्‍य के अभाव में अनावेदक बीमा कंपनी का यह कथन सही प्रतीत नहीं होता कि आवेदक का प्रश्‍नाधीन वाहन असुरक्षित दशा में खडा करने के कारण चोरी हुई थी । अत: इस संबंध में अनावेदक बीमा कंपनी का कथन स्‍वीकार किए जाने योग्‍य नहीं ।

10. इसी प्रकार अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा बीमा दावा भुगतान के दायित्‍व से इस आधार पर इंकार किया गया है कि उनके द्वारा मांग किए जाने पर भी आवेदक द्वारा न्‍यायालय की खात्‍मा रिपोर्ट की कॉपी पेश नहीं किया गया, किंतु इस संबंध में अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा ऐसा कोई प्रावधान न्‍यायालय  के समक्ष पेश नहीं किया गया है, जिससे दर्शित हो कि न्‍यायालय की खात्‍मा रिपोर्ट के अभाव में अनावेदक बीमा कंपनी बीमा दावे का भुगतान करने को बाध्‍य नहीं ।

11. चोरी के मामले में बीमा दावा का भुगतान चोरी के प्रमाण पर आधारित होता है, जो आवेदक द्वारा मामले में पेश किए गए पुलिस खात्‍मा रिपोर्ट से स्‍पष्‍ट है । ऐसी स्थिति में अनावेदक बीमा कंपनी द्वारा बीमा दावा भुगतान के लिए न्‍यायालय की खात्‍मा रिपोर्ट की अपेक्षा करना इस बात को जाहिर करता है कि अनावेदक बीमा कंपनी बीमा दावा भुगतान में सहयोग करने के बजाए दोष देखने का आदी  है, जो बीमा अधिकारियों के लिए उचित नहीं बल्कि अपने कर्तव्‍य के प्रति लापरवाही है, जबकि पुलिस खात्‍मा रिपोर्ट में न्‍यायालय का मुहर एक औपचारिकता मात्र  है ।

      12. फलस्‍वरूप हम इस निष्‍कर्ष पर पहुंचते हैं कि अनावेदक बीमा कंपनी द्वरा आवेदक के बीमा दावे का भुगतान न कर सेवा में कमी की गई है । अत: हम आवेदक के पक्ष में अनावेदक बीमा कंपनी के विरूद्ध निम्‍न आदेश पारित करते हैं :-

. अनावेदक बीमा कंपनी आवेदक को आदेश दिनांक से एक माह की अवधि के भीतर वाहन का बीमित मूल्‍य 20,842/- रू.(आठ सौ ब्‍यालीस रू.) अदा करेगा । 

. अनावेदक बीमा कंपनी आवेदक को क्षतिपूर्ति के रूप में 5,000/- रू.(पॉच हजार रू.) की राशि भी अदा करेगा।

. अनावेदक बीमा कंपनी आवेदक को वादव्‍यय के रूप में 1,000/- रू.(एक हजार रू.) की राशि भी अदा करेगा।

 

                                                 (अशोक कुमार पाठक)                                                                    (प्रमोद वर्मा)

                                                              अध्‍यक्ष                                                                               सदस्‍य

 

 

 
 
[HON'BLE MR. ASHOK KUMAR PATHAK]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MR. PRAMOD KUMAR VARMA]
MEMBER

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