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RAKESH KUMAR filed a consumer case on 21 Dec 2021 against THE ORIENTAL INSURANCE CO.LTD. in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/08/2012 and the judgment uploaded on 04 Jan 2022.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 08 सन् 2012
प्रस्तुति दिनांक 22.02.2012
निर्णय दिनांक 21.12.2021
राकेश कुमार मिश्र पुत्र श्री जयप्रकाश मिश्र ग्राम- करौंदी मिश्र, पोस्ट- खरूआँव, तहसील- आलापुर, जिला- अम्बेडकरनगर, हालमुकाम- ग्राम- भोराजपुर खुर्द (निकट रोडवेज अतरौलिया), पोस्ट व थाना- अतरौलिया, तहसील- बूढ़नपुर, जिला- आजमगढ़ (उoप्रo) पिन 223223
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि परिवादी द्वारा दिनांक 15.07.2008 को विपक्षी संख्या 02 की फर्म से महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा कम्पनी का एक पिकप चेचिस संख्या MAIZG2GGA81F32896, इंजन संख्या GG82F40852 लिया गया। जिसका पंजीकरण नं. यू.पी.45डी.8095 के नम्बर से पंजीकरण अधिकारी द्वारा किया गया। गाड़ी क्रय हेतु आवश्यक का फाइनेन्स भी विपक्षी संख्या 02 द्वारा ही किया गया। परिवादी की गाड़ी का इन्श्योरेन्स रुपया 3,80,000/- का विपक्षी संख्या 01 द्वारा किया गया जो कि दिनांक 22.06.2009 से मध्य रात्रि 22.06.2010 तक प्रभावी था जिसका पॉलिसी नम्बर 224100/31/2010/1294 तथा कवरनोट नम्बर इन्श्योर्ड कोड- 30402772 था। परिवादी की उपरोक्त पिकप नं. यू.पी.45डी.8095 को परिवादी द्वारा अपने जीविकोपार्जन के उद्देश्य से खरीदा गया था तथा जिसे परिवादी स्वयं चलाता था तथा अपना जीविकोपार्जन करता था दिनांक 10.06.2010 की बीती रात परिवादी के ग्राम भोराजपुरखुर्द (निकट रोडवेज अतरौलिया) पोस्ट- अतरौलिया, जिला- आजमगढ़ स्थित आवास के सामने से गायब हो गयी। परिवादी द्वारा दिनांक 10.06.2010 को थाना मुकामी अतरौलिया आजमगढ़ को पिकप गाड़ी नं. यू.पी.45डी.8095 के गायब हो जाने के सन्दर्भ में प्रार्थना पत्र वास्ते एफ.आई.आर. दर्जकर कार्यवाही करने हेतु दिया गया, जिसके सन्दर्भ में थाना अतरौलिया द्वारा मुoअoसंo 374/10 धारा 379, आई.पी.सी. दर्ज कर विवेचना अभी जारी है। इस दौरान परिवादी द्वारा विपक्षी संख्या 01 से बीमित राशि प्राप्त करने हेतु तथा विपक्षी संख्या 02 से ऋणों की वापसी बीमित राशि के भुगतान तक स्थगित रखने हेतु कई बार कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अतः विपक्षी संख्या 01 से बीमित धनराशि 3,80,000/- ब्याज सहित तथा मानसिक व शारीरिक क्षतिपूर्ति के रूप में कुल मिलाकर मुo 5,00,000/- रुपया परिवादी को दिलाया जाए तथा बीमित राशि के भुगतान तक ऋणों की वसूली रोके रखने हेतु विपक्षी संख्या 02 को आदेशित किया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 5/1 मोटर इन्श्योरेन्स सर्टिफिकेट कमपॉलिसी सेड्यूल की छायाप्रति, कागज संख्या 5/2 रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 5/3 प्रथम सूचना रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।
कागज संख्या 8क विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवादी के किए गए कथनों से इन्कार किया है और आगे उसने यह कहा है कि तथाकथित चोरी के सम्बन्ध में निष्पक्ष जाँचकर्ता मेसर्स इन्वेस्टीगेटर्स को जाँच हेतु नियुक्त किया गया। जाँचकर्ता के रिपोर्ट से यह तथ्य प्रकाश में आया कि उपरोक्त प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बन्ध में पुलिस की विवेचना में ‘जुर्म होना नहीं पाया गया’ रिपोर्ट के साथ अन्तिम रिपोर्ट दिनांक 16.10.2010 को प्रेषित किया। तत्पश्चात् पुनःविवेचना होने का आदेश होने पर जाँचोपरान्त पुनः दिनांक 28.11.2010 को अन्तिम रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। उपरोक्त दावा प्रीमेच्योर है। उपरोक्त प्रकरण अभी बीमा कार्यालय में लम्बित है। बीमा कम्पनी की तरफ से पंजीकृत डाक द्वारा पत्र दिनांक 10.10.2012 याची को भेजा गया है तता वाहन की दोनों चाभी, एफ.आई.आर. की कार्बन कापी तथा न्यायालय द्वारा स्वीकृत अन्तिम रिपोर्ट और आर.टी.ओ. को सूचना देने सम्बन्धित पत्रों की मांग की गयी है। याची ने अभी तक उक्त पत्र का कोई जवाब नहीं दिया है। याची द्वारा सूचना उपलब्ध न कराए जाने के कारण प्रकरण अभी लम्बित है। याचिका मिस कन्सीव्ड तथा मैलाफाइड है। याचिका पत्र किसी भी हालत में मंजूर होने योग्य नहीं है। उपरोक्त कारणों से परिवाद खारिज किया जाए।
विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
कागज संख्या 13क विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। विशेष कथन में उसने यह कहा है कि परिवादी ने विपक्षी संख्या 02 की फर्म से वाहन क्रय किया था, जिसके वाहन सुपुर्दगी या अन्य के सम्बन्ध में कोई भी कमी विपक्षी संख्या 02 नहीं की गयी है बिला गरज पक्षकार बनाया गया है। परिवादी का वाहन चोरी हो गया, विपक्षी संख्या 02 ने परिवादी के वाहन का कोई भी फाइनेन्स नहीं किया है इसलिए विपक्षी संख्या 02 का कोई भी उत्तरदायित्व नहीं है। विपक्षी संख्या 02 ने सेवा में किसी प्रकार की कमी नहीं की है। अन्य किसी प्रकार की वाहन से सम्बन्धित शिकायत विपक्षी संख्या 02 से परिवादी द्वारा नहीं की गयी है। विपक्षी संख्या 02 केवल वाहन बेचने का कार्य करता है न कि बीमा करने का या फाइनेन्स करने का। क्षेत्राधिकार के सम्बन्ध में वाद योजित होने पर फैजाबाद परिक्षेत्र के जिला उपभोक्ता फोरम में वाद निर्णय की घोषणा आवश्यक पत्रों पर विपक्षी संख्या 02 द्वारा की गयी है। इस तरह से विपक्षी संख्या 02 के विरुद्ध परिवाद क्षेत्राधिकार से परे है। परिवाद केवल हैरान व परेशान करने हेतु दाखिल किया गया है। अतः खारिज किया जाए।
विपक्षी संख्या 02 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी संख्या 01 द्वारा कागज संख्या 18/1 दी ओरिएन्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड का पंजीकरण सम्बन्धित प्रमाण पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 18/2ता18/5 इनवेस्टीगेशन रिपोर्ट ऑफ कॉमर्शियल वेहिकल रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 18/6ता18/13 अभियोग के रोजनामचे से सम्बन्धित प्रपत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए जबकि विपक्षीगण की तरफ से कोई भी उपस्थित नहीं रहा। प्रस्तुत परिवाद के सन्दर्भ में परिवादी के विद्वान अधिवक्ता ने अपना बहस सुनाया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की बहस को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। प्रस्तुत जवाबदावा में विपक्षी संख्या 01 द्वारा यह स्वीकार करना कि उपरोक्त प्रकरण अभी तक बीमा कार्यालय में लम्बित इस कारण से है कि वाहन की दोनों चाभी, एफ.आई.आर. की कॉर्बन कॉपी तथा न्यायालय द्वारा स्वीकृत अन्तिम रिपोर्ट और आर.टी.ओ. को सूचना देने सम्बन्धी प्रपत्रों को याची द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
परिवाद स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी संख्या 01 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी द्वारा वाहन की दोनों चाभी, एफ.आई.आर. की कॉर्बन कॉपी तथा न्यायालय द्वारा स्वीकृत अन्तिम रिपोर्ट और आर.टी.ओ. को सूचना देने सम्बन्धी प्रपत्रों को उपलब्ध कराने पर अन्दर 30 दिन बीमित धनराशि रुपए 3,80,000/- (रु. तीन लाख अस्सी हजार मात्र) परिवादी को अदा करे। निर्धारित तिथि तक भुगतान न होने की स्थिति में निर्णय के दिनांक से अन्तिम भुगतान की तिथि तक 09% वार्षिक ब्याज के साथ परिवादी को अदा करेगा।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 21.12.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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