Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/25/2012

HARIVANSH - Complainant(s)

Versus

THE ORIENTAL INSURANCE CO.LTD. - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR RAI

07 Jan 2022

ORDER

 

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 25 सन् 2012

प्रस्तुति दिनांक 26.03.2012

                                                                                               निर्णय दिनांक 21.01.2022

  1. हरिबंश पुत्र स्वo सुबई उम्र तखo 27 साल
  2. कुमारी मीना पुत्री स्वo सुबई उम्र तखo 20 वर्ष
  3. मिथुन पुत्र स्वo सुबई उम्र तखo 18 साल

साo जमीन दसांव, पोस्ट- बासगाँव, तहसील- बूढ़नपुर, थाना- अतरौलिया, जिला- आजमगढ़।

     ....................................................................................परिवादीगण।

बनाम

  1. दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड जरिए शाखा प्रबन्धक दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड शाखा कार्यालय पाण्डेय बाजार जिला- आजमगढ़।
  2. उत्तर प्रदेश सरकार जरिए जिलाधिकारी आजमगढ़।    
  3. विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

याचीगण ने अपने याचना पत्र में यह कहा है कि उसके पिता के नाम से ग्राम जमीन दसांव में कृषि योग्य भूमि थी तथा वह एक खाताधारक कृषक की श्रेणी में आते थे। शासन द्वारा विगत कई वर्षों से कृषक दुर्घटना बीमा योजना के नाम से एक बीमा योजना का संचालन किया गया जिसके अन्तर्गत सम्पूर्ण प्रदेश में किसी भी खाताधारक कृषक की दुर्घटना जनित अथवा अस्वाभाविक मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार वालों को मुo एक लाख रुपए की छूट दिए जाने का प्रावधान है कृषक अथवा उसके परिवार वालों को इस सम्बन्ध में अलग से कोई प्रीमियम अदा नहीं करना है बल्कि शासन द्वारा ही प्रदेश के सम्पूर्ण कृषकों के लाभ हेतु बीमा कम्पनी को एक मुश्त प्रीमियम का भुगतान किया जाता है। याचीगण के पिता अत्यन्त स्वस्थ एवं परिश्रमी व्यक्ति थे। गेहूँ की मड़ाई करते समय मशीन के पट्टे में फँस जाने के कारण उनको काफी गम्भीर अन्दरूनी चोटें आ गयी थीं, जिसकी वजह से दिनांक 10.04.2010 को उनकी मृत्यु हो गयी, इस सम्बन्ध में उनके परिवार वालों ने थाना अतरौलिया में प्रार्थना पत्र भी दिया तो स्थानीय पुलिस ने याचीगण के पिता के शव का पंचायतनामा तैयार करने के उपरान्त उनके शव का पोस्ट मॉर्टम सदर अस्पताल आजमगढ़ में कराया। चूंकि याचीगण के पिता की अस्वाभाविक मृत्यु हुई थी। अतः नियमतः याचीगण को मुo एक लाख रुपए की धनराशि मिलनी चाहिए थी, लेकिन बीमा कम्पनी द्वारा कोई भी क्षतिपूर्ति नहीं दी गयी। अतः याचीगण को दुर्घटना बीमा के तहत विपक्षी बीमा कम्पनी से मुo 1,00,000/- रुपए की धनराशि बतौर क्षतिपूर्ति मय 12% वार्षिक ब्याज के साथ दिलाया जाए। साथ ही विपक्षी बीमा कम्पनी द्वारा की सेवाओं में कमी के एवज में मुo 50,000/- रुपए भी दिलाया जाए।   

याचीगण द्वारा अपने याचना पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में याचीगण ने कागज संख्या 5/1 मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 5/2व3 पोस्ट मार्टम रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 5/4 में मृत्यु के सम्बन्ध में किए गए उल्लेख की छायाप्रति, कागज संख्या 5/5व6 पंचायत नामा की छायाप्रति, कागज संख्या 5/7 उत्तराधिकार प्रमाण पत्र की छायाप्रति तथा कागज संख्या 5/8व9 खतौनी की छायाप्रति प्रस्तुत किया है।   

कागज संख्या 10क² विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उसने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उसने यह कहा है कि परिवादीगण द्वारा प्रस्तुत किया गया परिवाद वास्तिवकता के विपरीत है। विपक्षी संख्या 01 दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मध्य हुए अनुबन्ध के अन्तर्गत माo राज्यपाल महोदय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo द्वारा जनता परसनल एक्सीडेन्ट की पॉलिसी जारी किया गया था। अनुबन्ध की शर्तों के अनुसार 12 वर्ष से 70 वर्ष के मध्य आयु के उत्तर प्रदेश के किसानों को जो कृषि योग्य भूमि के स्वामी हो एवं उनका नाम उत्तर प्रदेश राज्य के खतौनी अभिलेखों में शामिल हो ऐसे किसानों का जोखिम पॉलिसी समाप्त होने की तिथि तक आवृत्त होगा। परिवाद पत्र के सन्दर्भ में परिवादीगण द्वारा अपना उत्तराधिकार प्रमाण पत्र विपक्षी संख्या 01 दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा बार-बार आग्रह के बावजूद उपलब्ध नहीं कराया गया। ऐसी स्थिति में जबकि मृतक के एक से अधिक उत्तराधिकारियों द्वारा किसान दुर्घटना बीमा की धनराशि प्राप्त करने के लिए दावा किया गया हो वहाँ कम्पनी के नियमानुसार सक्षम न्यायालय अथवा जिलाधिकारी कार्यालय से एक लाख के अनुदान के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाकर देना अनिवार्य है। परिवादीगण द्वारा बीमा पॉलिसी के सम्बन्ध में दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड को वर्तमान समय तक सक्षम न्यायालय द्वारा जारी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाकर उपलब्ध नहीं कराया है ऐसी स्थिति में विपक्षी दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड किसी भी दशा में बीमित धनराशि की अदायगी के लिए जिम्मेदार नहीं है। अतः परिवाद पत्र खारिज किया जाए।   

विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में विपक्षी संख्या 01 द्वारा कागज संख्या 15/1 दि ओरिएण्टल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड द्वारा परिवादी के पंजीकृत किसान दुर्घटना बीमा योजना के अन्तर्गत दावा निरस्त की छायाप्रति, कागज संख्या 15/2 जिलाधिकारी आजमगढ़ द्वारा मैनेजर (मार्केटिंग) दि ओरिएण्चल इन्श्योरेन्स कम्पनी लिo रिजनल ऑफिस लखनऊ को लिखे गए पत्र की छायाप्रति है इसमें यह कहा गया है कि सुबई पुत्र चौथी की दुर्घटना में मृत्यु हुई थी, प्रस्तुत दावा प्रपत्र दावा समन्वय अधिकारी (उपजिलाधिकारी बूढ़नपुर) को प्रस्तुत किया गया है। प्रस्तुत दावा को दावा समन्वय अधिकारी द्वारा सभी औपचारिकाताएं पूर्ण कराकर संस्तुति सहित प्रेषित किया है, को निस्तारण हेतु इस पत्र के साथ संलग्न कर प्रेषित किया जा रहा है। कागज संख्या 15/3ता15/7 इनवेस्टीगेशन रिपोर्ट की छायाप्रति प्रस्ततु किया गया है। 

बहस के दौरान पुकार कराए जाने पर परिवादी अनुपस्थित पाए गए और विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आए तथा विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ताओं ने अपना बहस सुनाया। बहस सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। विपक्षी ने अपने जवाबदावा के पैरा 03 में यह कहा है कि विपक्षी ने याचीगण से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बार-बार मांगा, लेकिन उन्होंने उपलब्ध नहीं कराया। चूंकि नियमतः उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही याचीगण बीमा का लाभ प्राप्त कर सकते थे। यहाँ इस बात का भी उल्लेख कर देना आवश्यक है कि याचीगण ने उत्तर प्रदेश सरकार को न तो कोई प्रतिफल दिया है न ही कोई प्रतिफल देने का वादा ही किया है। ऐसी स्थिति में नियमानुसार याचीगण उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आते है। अतः उपरोक्त विवेचन से हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है। 

 

 

आदेश

                                                              परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

     

 

 

 

                                                                          गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह  

                                                        (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

 

        दिनांक 21.01.2022

                                                      यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

 

                                             गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण कुमार सिंह

                                                              (सदस्य)                             (अध्यक्ष)

 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.