Uttarakhand

Nainital

CC/32/2019

Shri Rajender Singh Bisht - Complainant(s)

Versus

The Oriental Insurance co. ltd. - Opp.Party(s)

Shri Na gender bargli

29 Sep 2022

ORDER

District Consumer Disputes Redressal District Commission,Nainital, Uttarakhand
Ist Floor, Aapda Prabandhan Bhawan, Court Compound, Nainital- 263002
Final Order
 
Complaint Case No. CC/32/2019
( Date of Filing : 03 May 2019 )
 
1. Shri Rajender Singh Bisht
S/o Shri Ashad Sihgh R/o H.N.-151 Lakhanpur Ward N0-2 Ramnagar
Nainital.
Uttarakhand.
...........Complainant(s)
Versus
1. The Oriental Insurance co. ltd.
Thuoro Branch Managar Branch Office Dungwal Hotel Building Near S.B.i ATM Ramnagar
Nainital.
Utarakhand.
2. M/s Chola Mandalam Invest And Finance Ltd.
Thorough Branch Manager Branch Office Kashipur District Udham Singh Nagar
udham singh Nagar
Uttarakhand.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. RAMESH KUMAR JAISAWAL PRESIDENT
 HON'BLE MRS. VIJAYLAKSHMI THAPA MEMBER
 HON'BLE MR. LAKSHMAN SINGH RAWAT MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Sep 2022
Final Order / Judgement
परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि-   29-12-2021
निर्णय आदेश की तिथि-      14-07-2022
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग नैनीताल।
उपस्थित- श्री रमेश कुमार जायसवाल-  अध्यक्ष
श्रीमती विजयलक्ष्मी थापा- सदस्य 
श्री लक्ष्मण सिंह रावत-      सदस्य
        उपभोक्ता परिवाद संख्या-70/2021
परिवादी- श्रीमती कमला पवार पत्नी ए0एस0पवार, निवासी बडी मुखानी, डहरिया, हल्द्वानी, जिला नैनीताल, उत्तराखण्ड।  
  बनाम
विपक्षी- 1- शाखा प्रबन्धक, सहारा क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लि0, तिकोनिया, हल्द्वानी, जिला नैनीताल। 
2-मैनेजिंग डायरेक्टर,सहारा क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाईटी लि0, पंजीकृत कार्यालय, सहारा इण्डिया भवन, 01 कपूरथला काॅम्पलैक्स, अलीगंज, लखनऊ।
 
  निर्णय
 
 (द्वारा-श्री रमेश कुमार जायसवाल) अध्यक्ष
प्रस्तुत परिवाद परिवादिनी द्वारा विपक्षी शाखा प्रबन्धक, सहारा क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी लि0, तिकोनिया, हल्द्वानी, जिला नैनीताल व मैनेजिंग डायरेक्टर,सहारा क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाईटी लि0, पंजीकृत कार्यालय, सहारा इण्डिया भवन, 01 कपूरथला काॅम्पलैक्स, अलीगंज, लखनऊ के विरूद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा- धारा-35 के अन्तर्गत विपक्षीगण से आर0डी0 खाता संख्या-17416200356 में जमा धनराशि मुव 42,000/-रू0 व इस धनराशि पर परिपक्वता तिथि वास्तविक भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत व्याज सहित दिलाये जान के अतिरिक्त आर्थिक व मानसिक वेदना के लिए मुव 25,000/-रू0 व परिवाद व्यय के लिए मुव 15000/-रू0 दिलाये जाने हेतु प्रस्तुत किया गया है। 
संक्षेप में परिवादिनी का कथन इस प्रकार है कि उसने विपक्षी संख्या-1 के हल्द्वानी स्थित शाखा में दिनांक-28-09-2016 को एक आर0 डी0 खाता खुलवाया जिसका खाता संख्या-17416202681 था जिसमें 36 माह तक 1000/-रू0 प्रतिमाह जमा करना था परिवादिनी द्वारा खाते में दिनांक-14-08-2019 तक मुव 42,000/-रू0 जमा किये थे सितम्बर 2019 में परिवादिनी को परिपक्वता धनराशि प्राप्त  होनी थी उसने  परिपक्वता के बाद विपक्षी संख्या-1 के हल्द्वानी स्थित कार्यालय में सम्पर्क किया लेकिन विपक्षी संख्या-1 द्वारा आज-कल करते हुए टालमटोली की जाती रही। वह विपक्षीगण की उपभोक्ता है विपक्षीगण द्वारा उसे दी जाने वाली सेवा में कमी की गयी है व्यथित होकर उसके द्वारा विपक्षीगण को दिनांक-31-03-2021 को विधिक नोटिस प्रेषित किया गया जो विपक्षीगण पर तामील लेकिन उसे भुगतान नही ंकिया गया जिसकारण उसे यह परिवाद योजित करना पडा। परिवाद समयसीमा व जिला आयोग के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत प्रस्तुत किया गया है और वह परिवादपत्रा में चाहा गया अनुतोष प्राप्त करने की अधिकारिणी है।  
विपक्षी संख्या-1 व 2 को इस परिवाद का नोटिस जरिये पंजीकृत डाॅक दिनांक-31-12-2021 को  भेजा गया था पोस्टल ट्रैकिंग रिपोर्ट कागज संख्या-9-9/2 के अवलोकन से स्पष्ट है कि विपक्षीगण को नोटिस प्राप्त हो चुके हैं लेकिन 30 दिन से अधिक समय व्यतीत होने के बाद भी न तो पंजीकृत नोटिस लिफाफा वापस प्राप्त हुआ और न ही विपक्षीगण उपस्थित हुए जिसकारण विपक्षी संख्या 1 व 2  के जबाबदावे का अवसर समाप्त करने का आदेश दिनांक-06-04-2022 को पारित किया गया। 
परिवादिनी द्वारा अपने कथन के समर्थन में शपथपत्रा कागज संख्या-04, आधार कार्ड कागज संख्या-5, मूल पासबुक कागज संख्या-5/2, बैंक स्टेटमेन्ट कागज संख्या-5/3 विधिक नोटिस कागज संख्या-5/4, पोस्टल रसीद कागज संख्या-5/4,पोस्टल ट्रैकिंग रिपोर्ट कागजक संख्या-9-9/2  व साक्ष्य शपथपत्रा कागज संख्या-10-10/2  दाखिल की गयी  हंै।
परिवादिनी ने लिखित बहस दिनांक-29-06-2022 को कागज संख्या 11-11/2 दाखिल की है। 
हमने परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता को सुना तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखीय साक्ष्य का विस्तार से अवलोकन व परिशीलन किया। 
प्रस्तुत परिवाद में परिवादिनी का मुख्य तर्क है कि उसने विपक्षी संख्या-1 के हल्द्वानी स्थित शाखा में दिनांक-28-09-2016 को एक आर0 डी0 खाता खुलवाया जिसका खाता संख्या-17416202681 था जिसमें 36 माह तक 1000/-रू0 प्रतिमाह जमा करना था परिवादिनी द्वारा खाते में दिनांक-14-08-2019 तक मुव 42,000/-रू0 जमा किये थे सितम्बर 2019 में परिवादिनी को परिपक्वता धनराशि प्राप्त  होनी थी लेकिन जब परिपक्वता तिथि के बाद उसने विपक्षी संख्या-1 से परिपक्व धनराशि की मांग की तो उसे धनराशि अदा नहीं की गयी है और परिवाद दायर करने की तिथि तक उसे कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। 
हमने परिवादिनी द्वारा विपक्षी संख्या-1 की शाखा में निवेश की गयी धनराशि के मूल पासबुक कागज संख्या-5/2 का अवलोकन किया। उक्त पासबुक  विपक्षी संख्या-2 के लखनऊ पते की हैं और इन्हें विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादिनी को प्रदान किया गया है। हमारा यह मानना है कि विपक्षी संख्या-1 का यह दायित्व था कि जब परिवादिनी द्वारा परिपक्वता के बाद विपक्षी संख्या-1 से परिपक्व धनराशि के भुगतान का आग्रह किया गया था तो उसे विपक्षी संख्या-2 से प्रश्नगत धनराशि प्राप्त कर परिवादी को अदा करनी चाहिए थी लेकिन विपक्षी संख्या-1 द्वारा ऐसा नहीं किया गया है इतना ही नहीं विपक्षीगणों द्वारा इस परिवाद का नोटिस प्राप्त होने के बाद भी न कोई आपत्ति प्रस्तुत की गयी और ना ही कोई उपस्थित हुआ जिसकारण हम परिवादिनी के शपथपत्रा से समर्थित परिवाद पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं पाते हैं। 
चूंकि परिवादिनी द्वारा दाखिल शपथपत्रा व निवेश की गयी धनराशि के मूल पासबुक के अवलोकन से यह सिद्ध है कि परिवादिनी ने विपक्षी संख्या-1 की शाखा में धनराशि जमा की लेकिन उसे परिवाद दायर करने की तिथि तक परिपक्वता धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है। विपक्षीगण का यह कृत्य ’’अनुचित व्यापार व्यवहार’’ की श्रेणी में आता है और यह निश्चित रूप से सेवा में कमी का मामला बनता है। 
पत्रावली में उपलब्ध मूल प्रमाणपत्रा के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि उनपर विपक्षीगणों के अधिकृत प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर व मुहर अंकित है जिससे परिवादिनी के परिवाद की प्रमाणिकता भी सिद्ध होती है। 
अतः हमारी राय में परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद  सब्यय स्वीकार होने योग्य प्रतीत होता है ऐसी दशा में हम परिवादिनी को उसके द्वारा निवेश की गयी धनराशि की परिपक्वता धनराशि मुव 42,000/-रू0 व इस परिपक्व धनराशि पर परिवाद दायर करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 8 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज सहित दिलवाया जाना उचित व न्यायसंगत मानते हैं। इसके अतिरिक्त हम परिवादिनी को मानसिक वेदना के लिए मुव 10,000/-रू0 व परिवाद व्यय के लिए मुव 5000/-रू0  विपक्षीगणों द्वारा अलग से दिलवाया जाना उचित एवं न्यायसंगत समझते हैं। 
 
आदेश  
 
परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से सव्यय स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि वे इस आदेश के एक माह  (30 दिन ) के भीतर संयुक्तः/प्रथकतः परिवादिनी को उसके द्वारा विपक्षी संख्या-1 के शाखा कार्यालय में जमा की गयी धनराशि की परिपक्तवा धनराशि मुव 62,000/-रू0 (बासठ हजार रू0) व इस धनराशि पर परिवाद दायर करने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक 8 (आठ) प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण व्याज सहित अदा करें। इसके अतिरिक्त  विपक्षीगण उपरोक्त निर्धारित सयमावधि में ही परिवादिनी को मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति के लिए मुव 10,000/-रू0 (दस हजार रू0) व परिवाद व्यय के लिए मुव 5000/-रू0 (पाॅच हजार रू0) भी अलग से परिवादिनी को अदा करेंगे। पत्रावली दाखिल दफ्तर की जावे। 
 
 
 
(लक्ष्मण सिंह रावत)            ( विजयलक्ष्मी थापा)       (रमेश कुमार जायसवाल)
        सदस्य सदस्या अध्यक्ष 
निर्णय आज दिनांक-14-07-2022 को जिला आयोग में उद्घोषित, हस्ताक्षरित एवं दिनांकित किया गया।
 
 
(लक्ष्मण सिंह रावत)           ( विजयलक्ष्मी थापा) (रमेश कुमार जायसवाल)
        सदस्य सदस्या अध्यक्ष 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
[HON'BLE MR. RAMESH KUMAR JAISAWAL]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MRS. VIJAYLAKSHMI THAPA]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. LAKSHMAN SINGH RAWAT]
MEMBER
 

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