Uttar Pradesh

Kannauj

CC/40/2018

SHRIMATI NAFISHA - Complainant(s)

Versus

THE ORIENTAL INSURANCE CO LTD. - Opp.Party(s)

24 Sep 2024

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/40/2018
( Date of Filing : 20 Aug 2018 )
 
1. SHRIMATI NAFISHA
VILL, & POST,AUSER THATIYA KANNAUJ
KANNAUJ
UP
...........Complainant(s)
Versus
1. THE ORIENTAL INSURANCE CO LTD.
MANDALIYE KARAYAL -II VIKASH DEEP BILDING 9 MUNJIL LUCKNOW
LUCKNOW
UP
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE Jagannath Mishr PRESIDENT
 HON'BLE MR. LOKESH KUMAR PUNDEER MEMBER
 HON'BLE MS. VANDANA MISHRA MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Sep 2024
Final Order / Judgement
न्यायालय जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोश आयोग,कन्नौज।
उपस्थित............श्री जगन्नाथ मिश्रा,अध्यक्ष
                          सुश्री वन्दना मिश्रा,सदस्या
                          श्री लोकेष कुमार पुण्डीर
                               परिवाद संख्याः- 40/2018
श्रीमती नफीसा बालिग पत्नी स्व0 अजमेर अली निवासिनी ग्राम व पोस्ट औसेर थाना ठठिया जनपद कन्नौज । ..........................................    परिवादिनी
                        बनाम 
1-दि ओरियन्टल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड द्वारा मण्डलीय प्रबंधक, मण्डलीय कार्यालय प्प् विकास दीप बिल्डिंग नवी मंजिल -22 स्टेषन रोड,लखनऊ। 
2-उत्तर प्रदेष राज्य सरकार द्वारा जिलाधिकारी कन्नौज जनपद कन्नौज । कार्यालय कलेक्टेट परिसर तिर्वा क्रासिंग सरायमीरा कन्नौज जनपद,कन्नौज।
                                         .....................विपक्षीगण 
श्री जगन्नाथ मिश्रा, अध्यक्ष द्वारा उद्घोशित 
                           नि र्ण य 
परिवादिनी द्वारा यह परिवाद पत्र विपक्षीगण के विरूद्ध इस अनुतोश हेतु प्रस्तुत किया गया है कि परिवादिनी को विपक्षीगणों से विवादित धनराषि मु0 5,65,000/- एवं प्रति सप्ताह 1,000/- विलम्ब दण्ड तथा उक्त धनराषि पर 12 प्रतिषत वार्शिक ब्याज की दर से तथा परिवाद व्यय 15,000/  अतिरिक्त सहित पृथक एवं संयुक्त रूप से दिलवाया जावे। 
परिवाद पत्र के कथन संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादिनी का पति अजमेर अली मृतक जो कि अपने परिवार का मुखिया व रोटी अर्जक के साथ साथ कृशक था, जो खेती करके अपना व अपने परिवार का भरण पोशण करता था, जो मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के अन्र्तगत उपरोक्त आधार पर बीमित था जिसके पाॅलिसी प्रीमियम का भुगतान विपक्षी संख्या-2 के माध्यम से अदा कर भुगतान किया गया था । इस आधार पर मृतक अजमेर अली उपभोक्ता था । परिवादिनी के पति अजमेर अली की दिनांक 20-8-17 को मृत्यु समय करीब 8-25 बजे जब वह रास्ते से बाजार होकर घर जा रहंे थे कि अचानक महिन्द्रा ट्रेक्टर के चालक ने अनियंत्रित होकर बिजली के पोल में टक्कर मार दी जिससे पोल टूट कर परिवादिनी के पति के उपर गिर जाने के कारण उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गयी । उसी दिन उक्त घटना की रिपोर्ट थाना ठठिया अन्र्तगत चैकी औसेर में की गयी पुलिस द्वारा लाष का पंचायतनामा भरकर दूसरे दिन जिला अस्पताल कन्नौज में परिवादिनी के पति का पोस्टमार्टम कराया गया । परिवादिनी के पति की मृत्यु के बाबत उपरोक्त योजना के तहत क्लेम लेने हेतु सभी औपचारिकताओं को पूरा करते हुये क्लेम फार्म विपक्षी संख्या-02 के अनुमोदन के आधार पर विपक्षी संख्या-1 के कन्नौज स्थित कार्यालय में जाकर जमा किया,जो विपक्षी संख्या-1 यानि बीमा कम्पनी द्वारा परिवादिनी के नाम प्रेशित पत्र दिनांकित 12-2-2018 के माध्यम से परिवादिनी को पता चला कि आपने परिवादिनी का उपरोक्त क्लेम दावा जो कि विधिक रूप से उसका बनता है, गलत आधार पर एवं ऐसे साक्ष्य का अवलोकन कर खारिज कर दिया । परिवादिनी के उक्त क्लेम को खारिज करने का अधार अपने पत्र में दर्षाया कि वोटर लिस्ट एवं आधार कार्ड के अनुसार मृतक की उम्र 70 वर्श से अधिक है जब कि 18-70वर्श तक की आयु के व्यक्ति ही उक्त योजनान्र्तगत आवरित है, अतः दावा निरस्त। जो सरासर गलत एवं विधि विरूद्ध है । क्लेम फाईल में संलग्न परिवार रजिस्टर तथा मृतक का आधार कार्ड जिसमें उसकी उम्र के बाबत जन्म तिथि 1-1-1945 लिखी है, वो सरासर गलत है क्योंकि मृतक का पुत्र जाविर अली जो कि मृतक अजमेर अली का तीसरे नम्बर का पुत्र है जिसकी जन्म तिथि परिवार रजिस्टर में 20-7-1983 लिखी है तथा उसके आधार कार्ड में जन्म तिथि 01-1-1943 लिखी गयी इस आधार पर बेटा जाविर अली अपने मृतक पिता अजमेर अली से दो वर्श बडा है जो सम्भव नहीं है। जब कि मृतक अजमेर अली की वोटर आई कार्ड में जन्म तिथि 1959 अंकित है तथा परिवार रजिस्टर में जन्म तिथि 1-1-1959 लिखी गयी है। परिवादिनी का क्लेम विपक्षी संख्या-1 द्वारा साक्ष्यों की अनदेखी करते हुये निरस्त कर दिया गया है जो सरासर गलत है। परिवादिनी द्वारा विपक्षीगणों को नोटिस दिनांक 9-5-2018 को प्रेशित किये गये, किन्तु विपक्षीगण द्वारा नोटिस का कोई उत्तर नहीं दिया गया अतः परिवाद दायर करने की आवष्यकता उत्पन्न हुई।  
विपक्षी संख्या-1 की ओर से परिवादिनी के परिवाद के विरोध में अपना वादोत्तर कागज संख्या-29 प्रस्तुत करते हुये कथन किया गया है कि परिवादिनी का पति कृशक था एवं रोटी अर्जक था इसके सम्बन्ध में परिवादिनी अपना साक्ष्य प्रस्तुत करें इसके उत्तर देने के लियंे उत्तरदाता विपक्षी वाध्य नहीं है 
ट्रेक्टर के पोल से टकराने से सम्बन्धित तथ्य से सम्बन्धित यही कहा गया है कि परिवादिनी यह सम्पूर्ण तथ्य विष्वसनीय साक्ष्य से साबित करें । परिवादिनी द्वारा क्लेम की कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में यह कहा गया कि यह सब औपचारिक तथ्य हैं परिवादिनी ने वास्तविक तथ्य छिपा कर परिवाद प्रस्तुत किया है परिवार रजिस्टर कूट रचित दस्तावेज हैं परिवाद के पैरा संख्या-6-7 के कथन औपचारिक हैं उसे चाहिये कि सम्पूर्ण तथ्यों का साक्ष्य के माध्यम से साबित करें तथा अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि परिवाद में प्रस्तुत आधार कार्ड में लिखित विवरण जो कि मृतक ने बनबाते समय स्वंय फार्म भरते हुये आपने विशय में सम्पूर्ण विवरण अंकित किये थे तथा अन्त में भरे हुये विवरण के लिये स्वंय घोशणा करते हुये विवरणों की सत्यतता को प्रमाणित किया था । परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट जो थाना ठठिया में अंकित कर पुलिस द्वारा विवेचनाधिकारी द्वारा ट्रेक्टर चालक से सांठ गाठ कर लगा दी गई परिवादिनी को चाहिये कि वह ट्रेक्टर चालक के विरूद्ध मोटर वाहन दुर्घटना अधिकरण कन्नौज में क्षतिपूर्ति प्राप्त करने का मुकदमा दायर करें । परिवादिनी तथा उसके परिवार वालों ने ट्रेक्टर चालक व उसके मालिक से सांठगांठ कर पुलिस से मिलकर अन्तिम रिपोर्ट लगवा दी । समाजवादी किसान सर्वहित बीमा योजना की धारा-20 योजना का अनुश्रवण की उपधारा र वर्णित प्राविधानोंके अनुसार दावे में किसी प्रकार का विरोधाभाश डिस्कम्रेपेन्सी  पाये जाने पर या कोई विवाद उत्पन्न होने की दषा में जिलाधिकारी द्वारा नामित किसी अधिकारी द्वारा जांच आख्या जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष एक माह के अन्दर प्रस्तुत की जायेगी । समिति सभी लम्बित एवं डिस्क्रेपेन्ट/विवादित दावों के सम्बन्ध में निर्णय लेगी । उक्त वाद को श्रीमान जी के न्यायालय में दाखिल करने का कोई वाद कारण उत्पन्न नहीं हुआ है ऐसी स्थिति में वाद निरस्त किये जाने योग्य है। विपक्षी संख्या-1 द्वारा परिवादिनी को सेवा देने में कोई कमी व लापरवाही नहीं की है। अतः परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत परिवाद उपरोक्त तथ्यों के आधार पर सव्यय निरस्त होने योग्य है एवं विपक्षी संख्या-1 को विषेश व्यय दिलाया जावे। 
विपक्षी संख्या-2 पर नोटिस की तामील होने के बाद भी उसकी ओर से कोई वादोत्तर प्रस्तुत नहीं किया गया तत्पष्चात् इस मंच द्वारा परिवाद की कार्यवाही विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध एक पक्षीय संचालित किये जाने हेतु दिनांक 16-8-2019 को आदेष पारित किया गया । 
परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के कथनों की पुश्टि में अभिलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या-5 रिपोर्ट अंकित कराने की प्रति प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति कागज संख्या-5/2,पोस्टमार्टम रिपोर्ट की छायाप्रति कागज संख्या-5/3 ता 5/12,मुख्य चिकित्साधिकारी के पत्र की छायाप्रति कागज संख्या-6,मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति कागज संख्या-7, खतौनी की छायाप्रति कागज संख्या-8,निर्वाचन पहचान पत्र की छायाप्रति कागज संख्या 9,आधार कार्ड कागज संख्या-10 व 11,परिवार रजिस्टर की छायाप्रति कागज संख्या-12,विपक्षी संख्या-1 के पत्र दिनांकित 12.02.18 की छायाप्रति कागज संख्या-13,नोटिस कागज संख्या-14,पहचान पत्र की छायाप्रति कागज संख्या 15,परिवादिनी का साक्ष्य षपथ पत्र कागज संख्या-27 दाखिल किया गया है।
विपक्षी संख्या-1 की ओर से लीलावती प्रबंधक इन्चार्ज टी0पी0 हब का षपथ पत्र एवं प्रलेखीय साक्ष्य की छायाप्रतियॅा कागज संख्या-36 से 41 दाखिल किये गये हैं। 
परिवादिनी के विद्धान अधिवक्ता व विपक्षी संख्या-1 के अधिवक्ता की बहस सुनी गयी व पत्रावली का अवलोकन किया गया । 
परिवादिनी का कथन है कि उसके पति अजमेर अली परिवार के मुखिया व रोटी अर्जक थे व कृशक भी थे तथा मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजनान्र्तगत बीमित थे जिसका प्रीमियम विपक्षी संख्या-2 के माध्यम से अदा किया गया था । दिनांक 20-8-17 को समय करीब 8-25 बजे सांय जब वह बाजार से घर आ रहा था तो अचानक महिन्द्रा ट्रेक्टर के चालक ने बिजली के पोल में टक्कर मार दी जो टूट कर परिवादिनी के पति के उपर गिर गया जिससे उनकी मृत्यु हो गयी । सभी औपचारिकतायें पूर्ण करते हुये क्लेम फार्म भर कर विपक्षी संख्या-1को दिया गया जिसने परिवादिनी का क्लेम इस आधार पर खारिज कर दिया कि मृतक की आयु 70 वर्श से अधिक है जब कि मृतक की आयु 70 वर्श से कम 58 वर्श की आस पास थी । इस प्रकरण में मुख्य रूप से तीन बिन्दुओं पर निश्कर्श देना न्यायसंगत होगा ।
1- क्या परिवादिनी का पति विपक्षीगण का उपभोक्ता था ।
2- क्या विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को क्लेम न देकर सेवा में कोई कमी की 
    गयी है। 
3- किस अनुतोश,यदि कोई देय है,को परिवादिनी पाने की अधिकारिणीं है।
निष्कर्श बिन्दु संख्या-1 - यह बिन्दु इस आषय का विरचित किया गया है कि क्या परिवादिनी के पति अजमेर अली विपक्षीगण के उपभोक्ता थे । इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेष षासन द्वारा परिपत्र संख्या-2481/84-2-2023 जारी किया गया है जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि भारतीय संविधान में राज्य की अवघारणा एक कल्याणकारी राज्य के रूप में राज्य सरकार द्वारा प्रदेष के नागरिकों के कल्याण हेतु कल्याणकारी योजनायें बनायी जाती हैं राज्य सरकार एवं नागरिकों के बीच सेवा प्रदाता एवं उपभोक्ता का सम्बन्ध नहीं होता है परिवादिनी ने भी अपने परिवाद में यह स्वीकार किया है कि प्रीमियम का भुगतान उत्तर प्रदेष राज्य सरकार अर्थात् विपक्षी संख्या-2 के माघ्यम से किया गया था । अतः स्पश्ट है कि परिवादिनी या उसके पति के द्वारा विपक्षी संख्या-1 को प्रीमियम की कोई धनराषि अदा नहीं की गयी है ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी के पति विपक्षीगण के उपभोक्ता नहीं थे। तदनुसार यह बिन्दु इस निश्कर्श के साथ निर्णीत किया जाता है कि परिवादिनी के पति विपक्षीगण के उपभोक्ता नहीं थे । 
निश्कर्श बिन्दु संख्या-2 यह बिन्दु इस आषय का है कि क्या विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को क्लेम न देकर सेवा में कोई कमी की गयी है चूॅकि बिन्दु संख्या-1 में यह निश्कर्श दिया गया है कि परिवादिनी के पति विपक्षीगण के उपभोक्ता नहीं थे ऐसी स्थिति में विपक्षी बीमा कम्पनी बीमा क्लेम न देकर कोई सेवा मेंकमी नहीं की गयी है। परिवादिनी के विद्धान अधिवक्ता द्वारा रिट सी संख्या-21066/2020 ओरियन्टल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड बनाम उमा देवी व दो अन्य निर्णीत दिनांकित 25-1-21 का हवाला दिया गया है। इस विधि व्यवस्था में जो बीमित धनराषि की मांग की गयी थी वह जिलाधिकारी झांसी की अध्यक्षता वाली जिला समीक्षा समिति के समक्ष की गयी थी आयोग के मत में जिला समीक्षा समिति को ही इस प्रकरण की सुनवाई का क्षेत्राधिकार दिखाई दे रहा है । चूॅकि इस प्रकरण में विपक्षीगण से परिवादिनी के पति का कोई उपभोक्ता का सम्बन्ध नहीं है ऐसी स्थिति में जिला आयोग से कोई अनुतोश प्राप्त नहीं हो सकता । 
निश्कर्श बिन्दु संख्या-3 यह बिन्दु अनुतोश से सम्बन्धित है । बिन्दु संख्या-1 में यह निश्कर्श दिया गया है कि परिवादिनी के पति विपक्षीगण के उपभोक्ता नहीं थे तथा बिन्दु संख्या-2 में यह निश्कर्श दिया गया है कि विपक्षी संख्या-1 द्धारा बीमित धनराषि न देकर कोई सेवा में कमी नहीं की गयी है ऐसी परिस्थिति में परिवादिनी का परिवाद सव्यय खारिज किये जाने योग्य है। 
                           आदेष
परिवादिनी का परिवाद सव्यय खारिज किया जाता है। पक्षकार अपना अपना वाद व्यय स्वंय वहन करेंगे। 
 
लोकेष कुमार पुण्डीर       वन्दना मिश्रा            जगन्नाथ मिश्रा
सदस्य                   सदस्या                   अध्यक्ष,
जिला उप0वि0प्रति0आ0 जिला उप0वि0प्रति0आ0   जिला उप0वि0प्रति0आ0
कन्नौज                   कन्नौज ।                   कन्नौज। 
यहनिर्णय आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित,दिनांकित एवं उद्घोशित किया गया । 
 
लोकेश कुमार पुण्डीर        वन्दना मिश्रा             जगन्नाथ मिश्रा
सदस्य                   सदस्या                     अध्यक्ष,
जिला उप0वि0प्रति0आ0 जिला उप0वि0प्रति0आ0    जिला उप0वि0प्रति0आ0
कन्नौज।                    कन्नौज ।                 कन्नौज। 
 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE Jagannath Mishr]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. LOKESH KUMAR PUNDEER]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MS. VANDANA MISHRA]
MEMBER
 

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