जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच, नागौर
परिवाद सं. 79/2014
नरेश गोयल पुत्र श्री रामनिवास गोयल, जाति-गोयल, निवासी-ए 18, अग्रसेन नगर अजमेर रोड, किशनगढ, (राज.)। -परिवादी
बनाम
1. दी ओरियन्टल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, पंजीकृत मुख्य कार्यालय, ए 25/27 आसफ अली रोड, नई देहली-110002
2. दी ओरियन्टल इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड, ब्रांच आॅफिस, मदनगंज-किशनगढ (राज)।
3. दी ओरियन्टल इन्श्योरेंस कम्पनी, इन्श्योरेंस डिविजनल आॅफिस, अजमेर (राज)।
-अप्रार्थीगण
समक्षः
1. श्री बृजलाल मीणा, अध्यक्ष।
2. श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य, सदस्या।
3. श्री बलवीर खुडखुडिया, सदस्य।
उपस्थितः
1. श्री रामेश्वरलाल, अधिवक्ता, वास्ते प्रार्थी।
2. श्री दशरथमल सिंघवी, अधिवक्ता वास्ते अप्रार्थीगण।
अंतर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम ,1986
आ दे श दिनांक 06.05.2015
1. परिवाद-पत्र के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादी ने अपने वाहन मारूति सुजूकी रजिस्ट्रशन संख्या आरजे 01-सीए 8418 का बीमा अप्रार्थीगण से करवाया। बीमा अवधि 03.11.2012 से 02.11.2013 तक थी।
2. परिवादी का उक्त वाहन 05.07.2013 को 5.30 एएम पर नेतडिया ग्राम, तहसील मेडता, जिला नागौर में अचानक कुता आ जाने के कारण उसे बचाने के प्रयास में असंतुलित होकर बबूल के पेड से जा टकराया। वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
3. श्री राधे कृष्ण मोटर बाॅडी रिपेयर डीडवाना रोड, कुचामनसिटी वालों से मरम्मत करवाई। परिवादी के उक्त वाहन के पार्टस दुर्घटना में टूट जाने व खराब होने से बदलवाने पडे जिनके बिल दिनांक 07.07.2013 रूपये 68,150/-, बिल दिनांक 07.07.2013 रूपये 54,000/- रूपये, दिनांक 08.08.2013 को 51,300/- रूपये के बिल जारी हुए। विनोद आॅटो एजेंसी अजमेर के बिल दिनांक 28.07.2013 रूपये 33,635/- व 42,809/- रूपये जारी हुए। कुल खर्चा 2,49,894/- रूपये हुआ। जिसे बीमा कम्पनी से परिवादी प्राप्त करने का अधिकारी है। अप्रार्थीगण ने सर्वेयर रिपोर्ट दिनांक 14.09.2013 के आधार पर वाहन में मात्र 37,361/- रूपये की क्षति होना बताया। जो कि गलत सर्वे रिपोर्ट थी। अतः अप्रार्थीगण से 2,49,894/- रूपये दिलाये जाये।
4. अप्रार्थीगण ने अपने जवाब में मुख्य रूप से यह बताया कि परिवादी की उक्त पाॅलिसी अप्रार्थी संख्या 2 मदनगंज किशनगढ द्वारा जारी की हुई है। इस प्रकार से मंच का क्षेत्राधिकार नहीं है। अप्रार्थी संख्या 3 का डिविजनल आॅफिस अजमेर है जो न्यायालय हाजा के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। परिवादी ने जो कथित दुर्घटना बताई है वह घटनास्थल अप्रार्थी संख्या 2 व 3 के क्षेत्राधिकार में नहीं आते हैं। कोई एफआईआर पेश नहीं की। अप्रार्थीगण के कार्यालय को तुरन्त सूचना नहीं दी। सर्वेयर ने 37,361/- रूपये बीमा पाॅलिसी के अनुसार देय होना माना है।
5. बहस उभय पक्षकारान सुनी गई। पत्रावली का ध्यानपूर्वक अध्ययन व मनन किया गया।
6. जहां तक क्षेत्राधिकार का प्रश्न है प्रार्थी ने अपने परिवाद के पैरा संख्या 3 में नेतडिया ग्राम, तहसील मेडता, जिला नागौर में वाहन दुर्घटनाग्रस्त होना बताया है। इसका कोई खण्डन अप्रार्थीगण की ओर से नहीं हुआ है कि उक्त स्थान पर दुर्घटना कारित नहीं होकर अमूल स्थान पर हुई हो। इस प्रकार से वाद कारण जिला नागौर में हुआ है। जो कि मंच के क्षेत्राधिकार में है।
7. पत्रावली के मुताबिक इसमें कोई विवाद नहीं है कि उक्त वाहन अप्रार्थीगण के यहां बीमित नही ंहो एवं बीमित अवधि में दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ हो।
8. जहां तक क्षतिपूर्ति का प्रश्न है प्रार्थी ने परिवाद पत्र के पैरा संख्या 4 में विस्तृत उल्लेख करते हुए कुल खर्चा 2,49,894/- रूपये होना बताया है। जबकि अप्रार्थीगण की ओर से सर्वेयर रिपोर्ट प्रस्तुत हुई है जिसमें समस्त मदों का विस्तृत उल्लेख किया गया है। सर्वेयर की रिपोर्ट के मुताबिक 37,361/- रूपये का नुकसान मानते हुए क्षतिपूर्ति देय बताई है। माननीय राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच ने एवं माननीय राष्ट्रीय आयोग ने अनेक मामलों में यह निर्धारित किया है कि जब तक कि कोई अन्यथा साबित नहीं कर दिया जावे। सर्वेयर की रिपोर्ट के आधार पर क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जानी चाहिए। हमारी राय में सर्वेयर की रिपोर्ट का प्रार्थी की ओर से खण्डन नहीं हो सका है। सर्वेयर की रिपोर्ट को आधार मानते हुए परिवादी को क्षतिपूर्ति राशि दिलाया जाना न्यायोचित होगा। परिवादी का परिवाद निम्न प्रकार से स्वीकार किया जाता हैः-
आदेश
9. आदेश दिया जाता है कि अप्रार्थीगण, परिवादी को 37,361/- रूपये परिवाद प्रस्तुत करने की तारीख 21.04.2014 से 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याजदर से अदा करें। इसके अलावा 3000/- रूपये परिवाद व्यय व 2000/- रूपये मानसिक क्षतिपूर्ति के भी अदा करें।
आदेश आज दिनांक 06.05.2015 को लिखाया जाकर खुले न्यायालय में सुनाया गया।
।बलवीर खुडखुडिया। ।बृजलाल मीणा। ।श्रीमति राजलक्ष्मी आचार्य।
सदस्य अध्यक्ष सदस्या